ISSN: 2456–4397 RNI No.  UPBIL/2016/68067 VOL.- VII , ISSUE- I April  - 2022
Anthology The Research
साइबर सेक्स और भारत में सामाजिक प्रदूषण- जोधपुर समाज के सन्दर्भ में
Cyber Sex and Social Pollution in India - In The Context of Jodhpur Society
Paper Id :  16028   Submission Date :  12/04/2022   Acceptance Date :  20/04/2022   Publication Date :  25/04/2022
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जय बब्बर बोहरा
असिस्टेंट प्रोफेसर
अर्थशास्त्र विभाग
गवर्नमेंट पीजी बांगुर कॉलेज
पाली,राजस्थान, भारत
अलका बोहरा
असिस्टेंट प्रोफेसर
समाजशास्त्र विभाग
एस.ऍम.पी.जी. कालेज
भोपालगढ़, राजस्थान, भारत
सारांश जो घटनाएं या गतिविधियाॅ सामाजिक वातावरण या परिवेश को जाने. अनजाने में छेदित करती या उनके आधारभूत मूल्यों को ध्वस्त करती है अर्थात् लीक से हटकर सामाजिक दायरे के समानान्तर चलित अनैतिक गतिविधियाॅ सामाजिक प्रदूषण के दायरे में आती है। आजकल इंटरनेट का बोलबाला हर क्षेत्र में है और उसके फायदे अथाह है वहीं नुकसान काफी सीमा तक है। उसी नुकसान में से साइबर सेक्स सामाजिक प्रदूषण का बढ़ता हुआ मुख्य तत्व है जो न केवल देश बल्कि विश्व स्तर तक, युवा से लकर वृद्ध तक की सोचने समझने की शक्ति को बौना करके हवस और वासना के पिंजरे में कैद कर रहा हैं। साइबर सेक्स जिसे वर्चुअल (आभासी) सेक्स भी कहते है। तकनीकी विकास के साथ बदलता हुआ वर्चुअल होते हुए भी रियलीटी के करीब आता है और ये रियल सेक्स बड़ी और खराब खबर बन कर दुनिया में घुस पैठ कर रहा है। जिसका प्रभाव भारतीय समाज व पीढी पर देखने को मिलता है हमारा शोध पत्र इसी कड़ी में भारत व राजस्थान में विशेष कर जोधपुर शहर से सम्बन्धित हैं । इस हेतु द्वितीय आंकड़ों सहित प्राथमिक आंकड़ो का भी प्रयोग किया गया हैं ताकि विषय वस्तु का गहनता से अध्ययन हो सकें । साइबर सेक्स, कम्प्यूटर, इन्टरनेट जिसमें दो या दो से अधिक लोग दूर से नेटवर्क के माध्यम के जरीये जुड़कर एक दूसरे को सेक्सुअल तौर पर अपने अनुभव बयां करते हैं ये इस तरह का अनुभव होता हैं कि जिसमें भाग लेने वाले सोचकर ऐसा महसूस करते है कि वे वास्तव में सैक्सुअल सम्बन्ध बना रहे है।
सारांश का अंग्रेज़ी अनुवाद The events or activities that are known to the social environment or environment. Inadvertently pierces or destroys their core values, that is, unethical activities running parallel to the social circle out of the box come under the ambit of social pollution.
Nowadays internet is dominated in every field and its advantages are immeasurable while the disadvantages are to a great extent. Of the same disadvantages, cyber sex is the growing main element of social pollution, which is imprisoning in the cage of lust, dwarfing the thinking power of young to old, not only in the country but also at the world level.
Cyber ​​sex is also called virtual sex. Virtually changing with technological development comes close to reality and this real sex is entering the world by becoming big and bad news.
The impact of which is seen on Indian society and generation, our research paper in this episode is related to Jodhpur city in India and Rajasthan especially. For this purpose primary data along with secondary data has also been used so that the subject matter can be studied in depth. Cyber ​​sex, computer sex, Internet sex, mobile sex, in which two or more people share their experiences sexually to each other by connecting remotely through a network. Feel that they are actually having a sexual relationship.
मुख्य शब्द सामाजिक प्रदूषण, साइबर, सैक्स, भारतीय, समाज, प्राथमिक, द्वितीयक आंकड़ें|
मुख्य शब्द का अंग्रेज़ी अनुवाद Social Pollution, Cyber, Sex, Indian, Society, Primary, Secondary Data.
प्रस्तावना
कभी.कभी इसमें वास्तव में हस्त मैथून भी शामिल हो जाता है। लेकिन ये सब इसमें भाग लेने वालों की मानसिक स्थिति पर पड़ता है जिसे वे साथी तक शब्दों व चित्रों के माध्यम से पहुंचाते हैं यह ऐसा नशा है जो धीरे.धीरे युवाओं की पढ़ाई से लेकर नौकरी और प्रौढ़ व वृद्धों की नौकरी से लेकर आध्यात्म तक की गतिविधियों को दीमक की तरह चाटकर खोखला कर रहा है। जिसका परिणाम समाज के एक वर्ग विशेष (महिलाओ) पर यौनाचार, दूराचार के रूप में देखने को मिलता हैं ।
अध्ययन का उद्देश्य 1. यह उजागर करना कि साइबर सेक्स से सामाजिक प्रदूषण होता है। 2. आभासी सेक्स पटल धन कमाने का एक जरिया हो सकता है। 3. यह पता लगाना कि किस आयु वर्ग पर इसका प्रभाव अधिक पड़ता है
साहित्यावलोकन
ये समस्या न केवल शहरों गाॅवों या यूॅ कहे विश्व के हर कौनों में फैली हुई है। मनौवैज्ञानिक के मुताबिक ये ठीक वैसे ही है जैसे पाॅर्न फिल्म देखना, पाॅर्न फिल्मों में जहाॅ यूजर (कम्प्यूटर में देखने) स्टोरी एक्टिग देखता है। वैब कैमरे पर सेक्स यूजर एक दूसरे से नग्न होके इन्ट्रेक्ट कर सकते है। जो इनके लिए वे बेहद उत्तेजना भरा होता है। इस तरीके का सैक्सुअल नशा स्त्री व पुरूष दोनों में हो सकता है। और वैवाहिक स्थिति में भी समस्या उत्पन्न हो सकती है। क्लीनकल पेस्टोलर काउॅन्सलर (सेन्ट मैथ्यू इन्सट्यूड फाॅर हीलिंग एण्ड इन्टेसनल ग्रोथ) डाॅ. माइकल राइवेस्ट के अनुसार साइबर सेक्स कभी.कभार मैरिज के बाद भी नशे के तौर पर रहता है और उनके अध्ययन के अनुसार काफी पत्नियाॅ, अपने पतियों को रात में 2:00 बजे के बाद बैड पर न पाकर कम्प्यूटर या लेपटाॅप पर साइबर सेक्स करते हुए पाती है। ये वैवाहिक जीवन के टूटने का कारण भी होता है।
सामग्री और क्रियाविधि
हमारे अध्ययन का आधार द्वितीयक आंकड़ों सहित प्राथमिक आंकड़े भी हैं ताकि समस्याओं की तह तक पंहुचा जा सकें । इस हेतु विभिन्न शोध पत्र-पत्रिकाओं व आर्टिकल का प्रयोग करते हुए राजस्थान के जोधपुर शहर से 90 प्रतिदर्श t (Samples) लिये गये है जिनको तीन वर्गो में विभाजित किया गया है । वर्ग क. 30 सेम्पल 15 से 35 वर्ष (आयु वर्ग) वर्ग ख. 30 सेम्पल 35 से 55 वर्ष (आयु वर्ग) वर्ग ग. 30 सेम्पल 55 से 75 वर्ष (आयु वर्ग)
विश्लेषण
हमारे अध्ययन से ज्ञात हुआ हैं कि जोधपुर शहर में किये गये प्राथमिक सर्वेक्षण के आधार पर वर्ग (क) में 70 प्रतिशत पुरूष वर्ग साइबर सेक्स व इन्हीं से जुड़ी गतिविधियों में लिप्त हैं ।  जबकि 30 प्रतिशत महिलाएँ ऐसी गतिविधियाँ करती हैं । (क)  वर्ग के पुरूषों में 60 प्रतिशत शिक्षित वर्ग व 40 प्रतिशत अर्द्ध शिक्षित व रोजमर्रा के कामकाजी पुरूष भी पाये जाते हैं ।
ठीक इसी प्रकार इसी वर्ग में 70 प्रतिशत काॅलेज जाने वाली लड़कियाँ तथा कामकाजी लड़कियाँ लिप्त पाई गई हैं ओर शेष 30 प्रतिशत नव.विवाहित एवं अविवाहित भी ऐसी गतिविधियाँ करती हुई देखी गई हैं ।
इसी वर्ग के शिक्षित पुरूषों का 70 प्रतिशत हिस्सा अपनी काम पिपांसा को वर्चुअली (आभासी पटल) पर शान्त करने के लिए इस प्रकार की गतिविधियाँ में जुड़ना माना हैं ताकि विभिन्न प्रकार की  सेक्स सम्बन्धी रोग से बचा जा सके और काम तृष्णा भी शान्त हो सके ।  
शेष 30 प्रतिशत शिक्षित पुरूष धर्नोपार्जन के लिए ऐसी साइटस पर जाते हैं और अपना एकाउन्ट बनाकर एकान्त महिलाओं से सम्पर्क करके धन भी कमाते हैं ओर वर्चुअल साइबर सेक्स के उपरान्त "वन नाइट स्टे" जैसी गतिविधियाँ कर "एस्कोर्ट" के  रूप में आय प्राप्त करने के साधन ढूढते हैं इनकी दैनिक आवश्यकताएँ भी पूर्ण हो जाती है ।  शेष 40 प्रतिशत कामकाजी व अर्द्ध शिक्षित पुरूष दिन भर की थकान को मिटाने के लिए तथा कम खर्च में स्त्री के दैहिक सुख का आनन्द उठाने के लिए ऐसी गतिविधियों में लिप्त पाये गये हैं । 
इसी "क" वर्ग की 90 प्रतिशत काॅलेज जाने वाली लड़कियाँ अपनी दैनिक आवश्यकता की पूर्ति हेतु धन उपलब्धता के लिए इस प्रकार की साइटस पर साइबर सेक्स की गतिविधियाँ में लिप्त हैं क्योंकि इस प्रकार की अप्रत्यक्ष गतिविधियों से प्रत्यक्ष तौर पर शारीरिक सम्बन्ध के बिना मास्क का प्रयोग कर पहचान गुप्त रखकर धनअर्जन करने का आसान तरीका अपनाया गया हैं । 
शेष 10 प्रतिशत मात्र पुरूष दैहिक से परिचित होने के लिए इस साइट पर विजिट करती है । इसी वर्ग की शेष 30 प्रतिशत नव विवाहित व अविवाहित महिलाएँ भी मात्र सैक्स के दौरान विभिन्न तकनीक, अन्तरंग बातें इत्यादि की जानकारी प्राप्त करने के लिए यह गतिविधियाँ करती है ताकि वे अपने पार्टनर के साथ सहज और शारीरिक सम्बन्धों का आनन्द उठा सके व अपने भावी व वर्तमान पति को सन्तुष्ट रख सकें ।
वर्ग "ख" में 35 से 55 वर्ष की आयु में 65 प्रतिशत महिलाएँ व 45 प्रतिशत पुरूष लिप्त पाये गये हैं ।  इस 65 प्रतिशत महिलाओं में 40 प्रतिशत महिलाएँ शिक्षित विवाहिता पाई गयी हैं । जो अपने पति का लम्बे समय तक बाहरी निवास होने या शारीरिक रूप से पूर्ण सन्तुष्ट ना कर पाने की परिस्थिति में छिपकर अपने चरम सुख की प्राप्ति के लिए लिप्त पाया गया है ।  इसमें ये अपनी मूल पहचान को गुप्त रख कर कार्य करती है शेष 55 प्रतिशत मलिाओं में विधवाए अर्द्धशिक्षित विवाहित जिन पर जीवन यापन के लिए धन की आवश्यकता होने के कारण वे अपना एकाउन्ट बनाकर पहचान छिपाकर इस प्रकार गतिविधियाँ करती है ।  शेष 5 प्रतिशत महिलाएँ अनजाने में इस प्रकार की साइट पर विजिट करती है जब या तो उनके पुत्र या पति या पुत्री का नेट ऑन हो और वह ऐसी गतिविधियाँ करते हुए देखती है तो उनके जाँच पड़ताल व उनको समझाने के लिए भी काम लेती हैं ।
इसी वर्ग के 45 प्रतिशत पुरूषों में 80 प्रतिशत पुरूष मात्र सेक्स एडिक्शन से पीड़ित होने के कारण ही ये गतिविधियाँ करते है ।  शेष 15 प्रतिशत पुरूष धनोपार्जन व 5 प्रतिशत अपनी पीढ़ी को समझाने के लिए भी इस क्षेत्र  से जुड़े हुए पाये गये हैं ।
वर्ग  "ग" इस वर्ग के 90 प्रतिशत पुरूष इस प्रकार की गतिविधियाँ में लिप्त पाये गये हैं  जिनके पार्टनर का देहान्त हो चुका है या आदतन सैक्स मनोरोगी रह चुके  हैं ।  शेष 10 प्रतिशत महिलाओं में 90 प्रतिशत महिलाएँ वो है जिनके पति की मृत्यु हो चुकी है और किसी न किसी कारण से उन्हें इसी गतिविधियो से जुड़ना पड़ा है शेष 10 प्रतिशत की महिलाएँ जो समाज सेवा व छळव् से जुड़ी हुई है ।
परिणाम
उपरोक्त सभी वर्गो के प्राप्त तथ्यों के आधार पर यह निष्कर्ष निकलता है कि महिलाएँ ज्यादातर बिना शारीरिक हानि के छिपी हुई पहचान के साथ धनोपार्जन का साधन मान रही है जबकि अधिकतर पुरूष जो इस गतिविधियों में जुड़े है वे आदतन सैक्स मनोरोगी रहे है । 
हालाकि इस प्रकार की गतिविधियों से सामाजिक प्रदूषण बढता है जिससे वैचारिक जड़ता आती है । युवा पीढी और प्रौढ की मानसिकता कुण्ठित होती है जो अन्ततः समाज लीक से हटकर व्यभिचार, अनाचार, बलात्कार, ब्लेकमेलिंग जैसी गतिविधियों को जन्म देती है ।
अतः भारतीय समाज के बौद्धिकता के वृक्ष की जड़ों को साइबर सेक्स के कीड़े से बचाने के लिए साइबर पुलिस, NGO, सामाजिक कार्यकर्ताओं को आगे बढकर अभियान चलाना चाहिए जिससे विभिन्न वर्ग के स्त्री पुरूष जागरूक होकर इस सामाजिक प्रदूषण को ककरने में मददगार साबित हो सकें । 
CBI के रिपोर्ट के अनुसार भारतीय पुरूषों की काम पीपासा और हवस की वजह से हिंसात्मक साइबर पाॅर्न में बढोतरी देखने को मिल रही है। CBI ने सुझाव दिया है कि इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स व सोशियल नेटवर्क साइटस के साथ एक C.B.I. अधिकारी को तैनात करना चाहिए ताकि इस तरह के अपराधों को पकड़ा जा सके है और सामाजिक प्रदूषण को कम करने का कुछ कदम उठाया जा सके इसके पीछे अमेरिका का उदाहरण दिया जहाॅ  थ्ठप् अधिकारियों को इटंरनेट सर्विस प्रोवाइड पर नियुक्त किया जा सके।
जाँच - परिणाम अतः जरूरी है कि इस तरह की पाॅर्न साइटसए लाइव सेक्स चेट के प्रसारण पर रोक लगाया जाए या कोई विशेष साइबर अधिकारी को लगाए जाए ताकि इस तरह की समाज.विरोधी गतिविधियों पर रोक लगाई जा सके ।
निष्कर्ष अतः जरूरी है कि इस तरह की पाॅर्न साइटस, लाइव सेक्स चेट के प्रसारण पर रोक लगाया जाए या कोई विशेष साइबर अधिकारी को लगाए जाए ताकि इस तरह की समाज-विरोधी गतिविधियों पर रोक लगाई जा सके । dirtyroulette.com, omegle.com, shagle.com आदि पर रोक लगे जो लाइव सेक्स के काम आने वाली साइट है । युवा पीढ़ियों को आधारभूत मूल्यों के बारें में बताया जाए ध्यान व योग के माध्यम से युवा व वृद्ध दोनों को नियन्त्रित ज्ञानेन्द्रियों के तरीके बताये जाए ताकि इस तरीके के सामाजिक प्रदूषण न बढ़े और अगर है तो कम हो सके।
सन्दर्भ ग्रन्थ सूची
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