ISSN: 2456–4397 RNI No.  UPBIL/2016/68067 VOL.- VII , ISSUE- V August  - 2022
Anthology The Research
कोविड-19 के कारण शिक्षा क्षेत्र का नया रुख "ऑनलाइन शिक्षा "
New Attitude of Education Sector Due to Covid-19
Paper Id :  16395   Submission Date :  2022-08-09   Acceptance Date :  2022-08-19   Publication Date :  2022-08-25
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नीरज मथुरिया
प्रधानाध्यापिका
बेसिक शिक्षा विभाग
प्राथमिक विद्यालय बाद
मथुरा, उत्तर प्रदेश, भारत
सारांश
वर्तमान परिस्थितियों के दृष्टिगत ऑनलाइन शिक्षा बेहतर विकल्प बनकर उभर रही है। आज ग्रामीण परिवेश का निम्न स्तर का छात्र जब अपना गृह कार्य करके अपना फोटो व्हाट्सएप शैक्षिक ग्रुप या ई पाठशाला में डालता है। तो यकीन मानिए इन विषम परिस्थितियों में भी देश की दीन हीन शिक्षा व्यवस्था मुस्कुराती हुई प्रतीत होती है। यही आशा की किरण एक दिन विशाल शक्तिपुंज बनकर इस दुनिया और समाज को प्रकाशित करेगी।
सारांश का अंग्रेज़ी अनुवाद In view of the present circumstances, online education is emerging as a better option. Today, a low level student of rural environment, after doing his homework, puts his photo in the WhatsApp educational group or e-school. So believe me, even in these difficult circumstances, the poor education system of the country seems to be smiling. This ray of hope will one day illuminate this world and society by becoming a huge force of power.
मुख्य शब्द ई पाठशाला, ऑनलाइन शिक्षा, व्हाट्सएप एजुकेशन, यूट्यूब, शैक्षिक वीडियो आदि।
मुख्य शब्द का अंग्रेज़ी अनुवाद E Pathshala, Online Education, Whatsapp Education, Youtube, Educational Videos.
प्रस्तावना
कोरोना संकट ने दुनिया के प्रत्येक क्षेत्र को प्रभावित किया है। सभी क्षेत्रों में इसकी उठापटक से आमूलचूल परिवर्तन देखने को मिले हैं। विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न समस्याओं में प्रमुख समस्या तथा महत्वपूर्ण प्रभावित क्षेत्र "शिक्षा" है। यूनेस्को के अनुसार, दुनिया भर में कुल 126 करोड़ छात्रों की शिक्षा यकायक रुक गई है। जिसमें 32 करोड़ अकेले भारत के हैं अर्थात दुनिया के 25.4% छात्र केवल भारत के होंगे। कोरोना के कारण आज सभी स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय बंद है। जब हमे रहस्यमय बीमारी से निजात पाना फिलहाल संभव नहीं दिख रहा था तब विषम परिस्थितियों में हमें नवाचारी, सार्थक और उद्देश्य पूर्ण तथा ठोस कदम उठाने पड़े | जैसे :"ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली को अपनाना" वर्तमान परिस्थितियों के दृष्टिगत ऑनलाइन शिक्षा वक्त की जरूरत के चलते शिक्षण संस्थान बंद होने के बावजूद पढ़ाई लिखाई जारी रखने के लिए सरकार ने ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली शुरू की है। किसी भी तरह की नई तकनीक या गतिविधि की तरह आरंभ में कठिनाइयां आना स्वाभाविक ही है, जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर, सुविधा, आदत परिवेश संबंधी कठिनाइयां शामिल है परंतु वर्तमान स्थिति में हमें इसके नए कलेवर को सहर्ष व जोश से अपनाना चाहिए। शिक्षण संस्थान, शिक्षक, छात्र, अभिभावक इसे जितनी जल्दी स्वीकार करें उतना ही परिणाम सकारात्मक और प्रभावी होंगे। वर्तमान में कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति में नीतिनिर्धारक व वैज्ञानिक निर्णय नहीं कर पा रहे हैं कि इसका प्रसार पूरी तरह कब तक रुकेगा। हालांकि कई विशेषज्ञों ने मौजूदा महामारी के दौर में ऑनलाइन शिक्षा अथवा ई लर्निंग को महत्वपूर्ण मान लिया है, वहीं कुछ आलोचकों का मत है कि ऑनलाइन शिक्षा पारंपरिक शिक्षा का स्थान नहीं ले सकती है GEM रिपोर्ट के अनुसार निम्न आय वाले 55% निम्न मध्यम आय वाले 73% और ऊपरी मध्यम आय वाले 93% देशों में प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा के लिए ऑनलाइन फॉर्म को चुना गया है। यह रिपोर्ट GEM (ग्लोबल एजुकेशन मॉनिटरिंग 2020 की रिपोर्ट है। यूनेस्को द्वारा जारी वैश्विक शिक्षा निगरानी रिपोर्ट स्वतंत्र प्रकाशन है। स्रोत (द हिंदू)
अध्ययन का उद्देश्य
एनईपी में ऑनलाइन शिक्षण के लिए आवश्यक संसाधन मुहैया कराने की बात कही गई है डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर फैकल्टी के लिए कैपेसिटी डेवलपमेंट प्रोग्राम विकसित करने के भी सुझाव दिए गए हैं डिजिटल कंटेंट तैयार करने और उसको उचित प्लेटफार्म पर अपलोड करने की भी सिफारिश की गई है आज दौर में ऑनलाइन शिक्षा एक बेहतर विकल्प क्यों 1. गहरी समझ विकसित करने एवं मार्ग प्रशस्त या निर्धारित समय सीमा में पाठ्यवस्तु समाप्त होना। 2. समय बचत | 3. व्यक्तिगत रूप से छात्र से संपर्क व सहायता । 4. डाटा सुरक्षित होने से व्याख्यान सुरक्षित । 5. लाइव चर्चा, पाठ्य सामग्री, नवाचारी प्रोजेक्ट, यूट्यूब सहायक वीडियोस कक्षा वीडियोस, प्रशिक्षण सामग्री सबछात्र की पहुंच में । 6. विभिन्न शहरों और राज्यों देशों की शिक्षा व्यवस्था को समझने हेतु नेटवर्किंग सहायक। 7. लचीलापन। 8 .घर बैठे कक्षा का अनुभव तथा ई लर्निंग की समझ से स्वयं का विकास। 9. आत्मविश्वास में वृद्धि। 10. आधुनिकता के साथ ज्ञान का सामंजस्य। 11. रोमांचक शिक्षा।
साहित्यावलोकन

1.सुमन मिश्रा (एसोसिएट प्रोफेसर लखनऊ, 7/8/ 2020) के अनुसार ऑनलाइन शिक्षा के सामने कई चुनौतियां है लेकिन नई शिक्षा नीति इसके समाधान के रास्ते खोल सकती है ग्रामीण और दूरदराज के स्कूलों में रहने वाले छात्रों से संपर्क स्थापित करना और ऑनलाइन शिक्षण से उनके पाठ्यक्रम को पूरा करना बहुत बड़ी समस्या है।

2. ऑल इंडिया सर्वे ऑफ हायर एजुकेशन की 2018-19की रिपोर्ट के अनुसार पूरे भारत में 77. 8% महाविद्यालय निजी प्रबंधन के अधीन है 64. 3 % बिना कोई सरकारी सहायता प्राप्त निजी महाविद्यालय हैं और 13. 5%सरकारी सहायता प्राप्त निजी महाविद्यालय हैं भारत के 60.53% कॉलेज ग्रामीण अंचलों के दूरदराज के इलाकों में स्थित हैं जहां इंफॉर्मेशन टेक्निक की ढांचागत कमियां पहले से ही विद्यमान है, जैसे इंटरनेट ,ब्रॉडबैंड आदि रिपोर्ट के अनुसार धरातल पर देखें तो जो तस्वीर उभरकर आई वह यह है कि हमारे देश में ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करने के रास्ते में अनेक व्यवहारिक बाधाएं आई हैं जैसे शिक्षकों और छात्रों के पास स्मार्टफोन कंप्यूटर लैपटॉप की सुविधा ना होना इंटरनेट ब्रॉडबैंड का सुचारू रूप से उपलब्ध ना होना ऑनलाइन शैक्षिक टूल्सकी जानकारी ना होना पुस्तकालयों का डिजिटल ना होना इ कंटेंट उपलब्ध ना होना आदि जब उच्च स्तर पर यह हाल है तब हम समझ सकते हैं प्राथमिक स्तर पर स्थिति और दयनीय है

3.NEP मैं भी मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्स मॉक की उपयोगिता पर बल दिया गया है साथ ही शिक्षण के पारंपरिक माध्यमों के अलावा अनेक ऑनलाइन पाठ्यक्रम भी प्रारंभ करने पर जोर दिया गया है ऑनलाइन शिक्षण का समावेश मिश्रित टीचिंग लर्निंग की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा

अध्ययन की आवश्यकता:- विश्वव्यापी संकट कोरोनावायरस ने विश्व की शिक्षा व्यवस्था को यकायक रोक दिया  कोविड-19 से स्कूलों के अचानक बंद होने से बच्चे असमान रूप से प्रभावित हुए ह्यूमन राइट वाच17.5.21 के अनुसार किसी भी देश की सरकार को कोविड-19 महामारी से हुए अभूतपूर्व नुकसान के कारण बच्चों की शिक्षा भरपाई के लिए तुरंत कदम उठाने चाहिए साथ ही महामारी से शिक्षा से जुड़ी आम बाधाओं के गहराने की पड़ताल की जानी  पहली प्राथमिकता होनी चाहिए 125 पृष्ठों की रिपोर्ट का यही निष्कर्ष निकला कि कोविड-19 से बच्चों की शिक्षा असमान रूप से प्रभावी हुई सभी बच्चों के पास जरूरी संसाधन ,मौके, पहुंच, परिस्थितियां, नीतियां, बुनियादी ढांचा नहीं था इसलिए मौजूदा विकल्पों में ऑनलाइन एजुकेशन को अपनाना एवं क्रियान्वयन करना वक्त की बहुत बड़ी जरूरत बन गई।



परिकल्पना ऑनलाइन शिक्षा में सीखने के बेहतर परिणाम हेतु अपेक्षित व अति आवश्यक कदम अपनाने होंगे: मुख्य रूप से निम्न वत है।
1. विकलांग व निर्धन पृष्ठभूमि या वंचित वर्ग को शामिल करने हेतु डिजिटल सहयोग करें। डाटा उपलब्धि करण परफोकस। इंटरनेट कनेक्टिविटी की उपलब्धता।
2. एनसीईआरटी, यूनेस्को ने मिलकर तैयार कि "साइबर सुरक्षा हैंड बुक" एमएचआरडी मंत्री रमेश पोखरियाल जी ने कहा छात्रों और शिक्षकों को सुरक्षित ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है । (स्रोत इंडिया डॉट कॉम हिंदी न्यूज़)
3. गोपनीयता- निजी जानकारी, बैंक पासवर्ड, गोपनीय दस्तावेजों की सुरक्षा, रेडियो, टीवी शैक्षिक कार्यक्रम का प्रचार प्रसार
4. अभिभावकों से वार्ता, कॉन्फ्रेंस, वार्ता बैठक करके वर्तमान चुनौतियों से अवगत कराते हुए सहयोग की अपील करें। समय सीमा प्रतिबंधित करें। वर्तमान विश्वव्यापी आपदा के प्रति जागरुकता व जिम्मेदार होने के संबंध में चर्चा अवश्यकरते रहे।
निष्कर्ष
यह अच्छी तरह स्वीकार किया गया है कि सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) में बच्चों के, शिक्षकों के, याशिक्षक, शिक्षा विशारद और अन्यों के शिक्षण पर प्रभाव डालने की अपार क्षमता होती है और वह हमारे देश में शैक्षिकव्यवस्था के सामने आने वाली चुनौतियों में से कुछ को कम करने के नए और अधिक प्रभावी रास्ते उपलब्ध कराती है। (सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशनल टेक्नोलॉजी 2013 के अनुसार)
सन्दर्भ ग्रन्थ सूची
1. ABCDE बाउ ju Qu hang झांग रुईकिसयांग होगन टिफनी पी2020-5-13, "कोविड- 19 स्कूल क्लोजर के दौरान बालवाड़ी बच्चों में साक्षरता हानि" 2. "शिक्षा व्याख्यान से वसूली तक" यूनेस्को 2020 3-04:2020-6-10 से 3. NEP -2020 4. orfonline.org LEENA CHANDRAN WADIA 2020-07-13 5.https://www.drishtiias.com/hindi/daily-news-analysis/centre-to-focus-on-online-education