ISSN: 2456–4397 RNI No.  UPBIL/2016/68067 VOL.- VII , ISSUE- VIII November  - 2022
Anthology The Research
बिलासपुर जिले के शासकीय उ.मा.शालाओं के छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य का उनके शैक्षिक उपलब्धि पर प्रभाव का अध्ययन
Study of The Impact of Mental Health on The Academic Achievement of The Students of Government Secondary Schools of Bilaspur District
Paper Id :  16719   Submission Date :  19/11/2022   Acceptance Date :  22/11/2022   Publication Date :  24/11/2022
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आर.के.कश्यप
प्राचार्य
शिक्षा विभाग
श्री महंत लाल दास शिक्षा महाविद्यालय
शिवरीनारायण ,छत्तीसगढ़, भारत
सारांश शिक्षा का तात्पर्य पूर्ण जीवन है। शिक्षा सामाजिक उद्देश्य की पूर्ति का एक सामाजिक साधन है, जिससे समाज अपने ही अस्तित्व को सुनिश्चित करता है। इसका उद्देश्य ज्ञान पिपासा जगाने के साथ व्यक्ति को संस्कारी, विचारवान और संयमी प्राणी बनाना है। शिक्षा व्यक्ति के जीवन को तार्किक बनाती है, और अच्छे-बुरे की समझ पैदा कर निष्पक्ष निर्णय लेने की क्षमता प्रदान करती है। इसका उद्देश्य एक स्वस्थ नागरिक का निर्माण करना है, जो अपने दायित्वो का निर्वहन स्वतन्त्र रूप मंे कर सके। मानसिक स्वास्थ्य एवं शैक्षिक उपलब्धि का एक दूसरे से घनिष्ठ संबंध है।प्रस्तुत अध्ययन में बिलासपुर जिले के शासकीय उ.मा.शालाओं के छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य का उनके शैक्षिक उपलब्धि पर प्रभाव का अध्ययन किया गया है। इसके लिए न्यादर्श के रुप में छ.ग.के बिलासपुर जिले में स्थित शासकीय उ.मा.शालाओं के 200 छात्रों का चयन किया गया है। मापन हेतु मानकीकृत मापनी का उपयोग किया गया है। अध्ययन से प्राप्त परिणाम से ज्ञात होता है कि यदि छात्रों का मानसिक स्वास्थ्य अच्छा होगा तो उनकी शैक्षिक उपलब्धि भी अच्छी होगी।
सारांश का अंग्रेज़ी अनुवाद Education means a complete life. Education is a social means of fulfilling social purpose, by which society ensures its own existence. Its purpose is to awaken the thirst for knowledge and make a person cultured, thoughtful and self-controlled. Education makes a person's life rational, and gives the ability to make fair decisions by creating an understanding of good and bad. Its purpose is to create a healthy citizen, who can discharge his responsibilities independently. There is a close relationship between mental health and academic achievement. In the present study, the effect of mental health of the students of government secondary schools of Bilaspur district on their academic achievement has been studied. For this, 200 students of government secondary schools located in Bilaspur district of Chhattisgarh have been selected as a sample. Standardized scale has been used for measurement. The result obtained from the study shows that if the mental health of the students is good then their academic achievement will also be good.
मुख्य शब्द अध्ययन, घनिष्ठ, सुनिश्चित, संस्कारी, तार्किक, विचारवान, मानसिक स्वास्थ्य, शैक्षिक उपलब्धि, मानकीकृत।
मुख्य शब्द का अंग्रेज़ी अनुवाद Study, Close, Sure, Cultured, Logical, Thoughtful, Mental Health, Academic Achievement, Standardised.
प्रस्तावना
कोई भी शैक्षिक शोध इसलिए किया जाता है कि शिक्षा के क्षेत्रों में उत्पन्न होने वाली विभिन्न समस्याओं को पहचान कर उसका निदान किया जा सके और समस्याओं का समाधान खोजने का प्रयास किया जा सके। ऐसे शोध तभी सार्थक हो सकते हैं जब उसका कोई शैक्षिक महत्व हो तथा इसका लाभ छात्रों को प्राप्त हो सके। वर्तमान में ऐसे शिक्षको की आवश्यकता है जो छात्रो में मूल्य,नेतृत्व तथा राष्ट्रीयता की भावना का विकास कर सके। जिससे बालक स्वयं को तथा समाज व राष्ट्र सभी को सुदृढ कर सके तथा राष्ट्र के विकास में अपनी सशक्त भूमिका का निर्वहन कर सके। अध्यापक एवं छात्र दोनों ही समाज के ऐसे अभिन्न अंग है जिसका प्रत्यक्ष प्रभाव एक दूसरे पर पड़ता है। अतः आज के बदलते हुए परिवेश में शिक्षा के क्षेत्र में जो भी आवश्यक परिवर्तन हो रहे हैं उनमें से एक प्रमुख शिक्षकों की कार्यसंतुष्टि है। यदि शिक्षक अपने व्यवसाय में कार्यसंतुष्टि का अनुभव नही करेंगे तो इसका प्रभाव शिक्षण व्यवसाय पर पड़ेगा। इससे स्पष्ट होता है कि शिक्षक एवं कार्यसंतुष्टि का परस्पर गहरा संबंध है। इसके अभाव में शिक्षण व्यवसाय की कल्पना करना मुश्किल है। वर्तमान परिदृष्य मे शिक्षक, शिक्षण प्रक्रिया का अभिन्न अंग है, परंतु यदि शिक्षक अपने कार्य से संतुष्ट न हो तो इसका सीधा प्रभाव शिक्षण गतिविधियों पर पड़ता है यदि शिक्षक अपने कार्य से संतुष्ट हो तो वह अपने लक्ष्य को सही तरीके से निर्धारित करते हैं यह लक्ष्य निर्धारण नेतृत्व क्षमता पर निर्भर करता है यदि नेतृत्व क्षमता अच्छी हो तो वे अपने लक्ष्य की प्राप्ति आसान कर लेते हैं। कार्य संतुष्टि होने से वे न केवल कार्य स्थल पर अपितु परिवार के साथ भी अच्छी तरह से समायोजित हो पाते है जिसका प्रभाव उसके कार्य क्षमता पर पड़ता है और शिक्षक की कार्यक्षमता का प्रभाव बच्चों के भविष्य निर्माण पर पड़ता है वर्तमान युग आधुनिक एवं वैश्वीकरण का युग है तथा इस युग में शिक्षा की प्रत्येक प्रक्रिया को वैश्विक परिवेश मे मूल्यांकित तथा विश्लेषित किया जाता है।
अध्ययन का उद्देश्य आज शिक्षा प्रशासन तथा संगठन के क्षेत्र में कुशल नेतृत्व क्षमता वाले कर्मियो की मांग बढ़ती जा रही है क्योकि कुशल नेतृत्व किसी भी कार्य की सफलता को शत-प्रतिशत सुनिश्चित करते हैं इसी प्रकार कार्य संतुष्टि भी किसी कार्य की सफलता को शत-प्रतिशत सुनिश्चित करते हैं। अतः आवश्यकता है कि वर्तमान शैक्षिक परिदृश्य मे प्रभावी एवं कुशल नेतृत्व कौशलो की पहचान की जाए और अच्छे कार्य संतुष्टि के साधनो का भी अध्ययन किया जाए इन्ही तथ्यो को ध्यान मे रखकर प्रस्तुत शोध शीर्षक का चयन किया गया है प्रस्तुत अध्ययन का उद्देश्य मानव व समाज के विकास के लिए शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाना हैं। इस शोध द्वारा प्रधान पाठकों की नेतृत्व क्षमता का उनके अधीनस्थ शिक्षकों की कार्यसंतुष्टि पर पड़ने वाले प्रभाव का ज्ञान होता है अतः प्रस्तुत शोध शैक्षिक दृष्टि से अत्यंत उपयोगी है जिसका लाभ छात्रों को होगा और शिक्षा व्यवस्था में भी सुधार हो सकता है उचित शिक्षा व्यवस्था द्वारा राष्ट्रीय एकता में बाधक तत्वों के प्रभाव को कम करके राष्ट्रीयकरण की दिशा में प्रयास किया जा सकता है। प्रस्तुत शोध के निम्नलिखित उद्देश्य है- 1. बिलासपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्र के शासकीय एवं अशासकीय शालाओं के प्रधान पाठकों की नेतृत्व क्षमता का अध्ययन करना। 2. बिलासपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्र के शासकीय एवं अशासकीय शालाओं के शिक्षकों की कार्यसंतुष्टि का अध्ययन करना।
साहित्यावलोकन

1. विद्या, फ्रान्सेस केतन (2013) ने अपने अध्ययन में पाया कि माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के सशक्तिकरण एवं नेतृत्व गुणों के बीच सार्थक, सामान्य धनात्मक सह-संबंध पाया गया।

2. दुबे, सुशील (2013)  ने अपने अध्ययन  में पाया कि पुरुष प्रधानाचार्य एवं महिला प्रधानाचार्य की नेतृत्व शैली में सार्थक अन्तर नहीं है लेकिन पुरुष प्रधानाचार्यों की नेतृत्व शैली का मध्यमान अधिक है। कहा जा सकता है कि पुरुष प्रधानाचार्य नेतृत्व शैली में महिला प्रधानाचार्यों से अच्छे हैं।
परिकल्पना H01- बिलासपुर जिले के शासकीय उ.मा.शालाओं के उच्च व निम्न मानसिक स्वास्थ्य वाले छात्रों के शैक्षिक उपलब्धि में सार्थक अंतर नही होगा।
H02- बिलासपुर जिले के शासकीय उ.मा.शालाओं के छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य एवं शैक्षिक उपलब्धि में सहसंबंध नही होगा।
सामग्री और क्रियाविधि
शोधकर्ता ने अपने शोधकार्य में सर्वेक्षण विधि का उपयोग किया है।
न्यादर्ष

प्रस्तुत अध्ययन के लिये बिलासपुर जिले के शासकीय उ.मा.शालाओं के छात्रों  को लिया गया है। छ.ग.के बिलासपुर जिले में स्थित शासकीय उ.मा.शालाओं के 200 छात्रों  का चयन यादृच्छिक न्यादर्श विधि द्वारा किया गया है।

प्रयुक्त उपकरण प्रस्तुत अध्ययन में निम्नलिखित मापनी का प्रयोग किया गया।
1. मानसिक स्वास्थ्य मापनी’-डॉ. ए.के.सिंह एवं डॉ. ए. सेन गुप्ता
2. शैक्षिक उपलब्धि मापनी’- डॉ. ए.के.सिंह एवं डॉ. ए. सेन गुप्ता
अध्ययन में प्रयुक्त सांख्यिकी

मापनी से प्राप्त प्रदत्तों के मध्यमान,मानक विचलन, सहसंबंध गुणांक तथा क्रान्तिक अनुपात निकाला और सार्थकता की जांच टी-टेस्ट द्वारा की गई। 

परिणाम- 

H01- बिलासपुर जिले के शासकीय उ.मा.शालाओं के उच्च व निम्न मानसिक स्वास्थ्य वाले छात्रों के शैक्षिक उपलब्धि में सार्थक अंतर नही होगा।

तालिका संख्या 1

मानसिक स्वास्थ्य

संख्या

माध्य

मानक

मानसिक स्वास्थ्य

संख्या

माध्य

मानक

मानसिक स्वास्थ्य

संख्या

उच्च

100

95.5

16.5

 

2.24

 

6.96

 

198

0.05

1.96

अंतर

सार्थक

निम्न

100

110

14.4

0.01

2.59

उक्त तालिका संख्या 1 मे उच्च व निम्न मानसिक स्वास्थ्य वाले छात्रों के शैक्षिक उपलब्धि  का मध्यमान क्रमंशः 95.5 110 है तथा प्रमाप विचलन क्रमशः16.5 14.4 है अंतर की सार्थकता की जांच करने के लिए टी. परीक्षण किया जो कि 6.96 आया जो 0.05सार्थकता स्तर के मान 1.96 एवं 0.01 सार्थकता स्तर के मान 2.59 से अधिक है अतः उच्च व निम्न मानसिक स्वास्थ्य वाले छात्रों के शैक्षिक उपलब्धि  मे सार्थक अंतर है अतः शून्य परिकल्पना अस्वीकृत की जाती है। 

H02-  बिलासपुर जिले के शासकीय उ.मा.शालाओं के छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य एवं शैक्षिक उपलब्धि में सहसंबंध नही होगा।

तालिका संख्या 2

समूह

संख्या

माध्य

सहसंबंध गुणांक

मानसिक स्वास्थ्य

 

200

58.4

 

0.59

शैक्षिक उपलब्धि

61.8

उक्त तालिका संख्या 2 मे उ.मा.शालाओं के छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य एवं शैक्षिक उपलब्धि के मध्यमान क्रमंशः 58.4 61.8 .हैै तथा दोनो समूह का सहसंबंध गुणांक 0.59 पाया गया अर्थात् दोनो समूह के बीच धनात्मक सहसंबंध पाया गया अतः शून्य परिकल्पना अस्वीकृत की जाती है।

निष्कर्ष 1 उच्च व निम्न मानसिक स्वास्थ्य वाले छात्रों के शैक्षिक उपलब्धि मे सार्थक अंतर है अर्थात उच्च मानसिक स्वास्थ्य वाले छात्रों मे निम्न मानसिक स्वास्थ्य वाले छात्रों की अपेक्षा शैक्षिक उपलब्धि अधिक पाई गई। 2 शासकीय उ.मा.शालाओं के छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य एवं शैक्षिक उपलब्धि के मध्यधनात्मक सहसंबंध पाया गया अर्थात मानसिक स्वास्थ्य अच्छा होने पर शैक्षिक उपलब्धि भी अच्छी होगी ।
अध्ययन की सीमा प्रस्तुत अध्ययन के लिये बिलासपुर जिले के ग्रामीण शासकीय एवं अशासकीय प्राथमिक शालाओं के शिक्षकों व प्रधान पाठकों को लिया गया है।
सन्दर्भ ग्रन्थ सूची
1. भारद्वाज, दिनेश चन्द्र (2006): विद्यालय प्रशासन एवं स्वास्थ्य शिक्षा, विनोद पुस्तक मंदिर, आगरा -2। 2. मंगल एवं अन्य (2063 संवत्): शैक्षिक अनुसंधान की विधियाँ एवं शैक्षिक सांख्यिकी, राधा प्रकाशन मंदिर, आगरा। 3. मंगल, डॉ. एस. के. (2005): गणित शिक्षण, आर्य बुक डिपो, नई दिल्ली। 4. मालीवाल, कर्नल बी.एन. (1995):सेन्य अध्ययन का इतिहास, रस्तोगी एण्ड कम्पनी सुभाष बाजार; मेरठ। 5. मोहन, सुरेन्द (1988): आचार्य नरेन्द्रदेव और उनका पत्र, आचार्य नरेन्द्रदेव समाजवादी संस्थान, वाराणसी। 6. यादव, डॉ. प्रतिभा (2009): उदीयमान भारतीय समाज मे शिक्षक, साहित्य प्रकाशन, आगरा। 7. यादव, एव सक्सैना (2008): शैक्षिक अनुसंधान की विधियाँ एवं शैक्षिक सांख्यिकी, साहित्य प्रकाशन, आगरा।