ISSN: 2456–4397 RNI No.  UPBIL/2016/68067 VOL.- VII , ISSUE- IX December  - 2022
Anthology The Research
भारतीय अर्थव्यवस्था पर जीएसटी का प्रभाव
Impact of GST on Indian Economy
Paper Id :  16837   Submission Date :  13/12/2022   Acceptance Date :  22/12/2022   Publication Date :  25/12/2022
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हंसराज
असिस्टेंट प्रोफेसर
वाणिज्य विभाग
विजय सिंह पथिक राजकीय पी.जी. कॉलेज
कैराना, शामली,उत्तर प्रदेश, भारत
सारांश पूरे देश के लिए एक कर के विचार के साथ वस्तु एवं सेवा कर (GST), 1 जुलाई 2017 से लागू हुआ था भारतीय अर्थव्यवस्था पर और देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) पर इसके प्रभावों से सम्बन्धित बहुत सारे 'अगर और लेकिन (If and But)' चल रहे है। जीएसटी का एकमात्र उद्देश्य देश में चल रहे व्यापक कर संरचना को समाप्त करना विनिर्माण तथा सेवाओं के बीच समान रूप से कराधान के बोझ को पुनःवर्तित करके कर प्रणाली में गुणात्मक परिवर्तन लाना है। हम सभी जानते है कि जीएसटी का मतलब वस्तु एवं सेवा कर से है, जो वस्तुओं और सेवाओं की बिकी, निर्माण और उपयोग पर लगाया जाएगा तथा केन्द्र और राज्यों द्वारा वस्तुओं एवं सेवाओं पर लगाए गए अप्रत्यक्ष करों को बदलने के लिए बनाया गया है।
सारांश का अंग्रेज़ी अनुवाद The Goods and Services Tax (GST), with the idea of a single tax for the entire country, came into effect from 1 July 2017. There have been a lot of 'ifs and buts' regarding its effects on the Indian economy and the country's Gross Domestic Product (GDP). The sole objective of GST is to bring about a qualitative change in the tax system by redistributing the burden of taxation equally between manufacturing and services by eliminating the cascading tax structure prevailing in the country.
We all know that GST stands for Goods and Services Tax, which will be levied on the sale, manufacture and use of goods and services and is designed to replace the indirect taxes levied on goods and services by the Center and the States.
मुख्य शब्द वस्तु एवं सेवा कर, भारतीय, अर्थव्यवस्था, सकल घरेलू उत्पाद।
मुख्य शब्द का अंग्रेज़ी अनुवाद Goods and Services Tax, Indian Economy, Gross Domestic Product.
प्रस्तावना
“One Nation, One Market, One Tax” वह आदर्श वाक्य था जिसके साथ 1 जुलाई 2017 को पूरी क्षमता के साथ जीएसटी लागू किया गया। इस कदम ने हमारे देश के 1.3 मिलियन नागरिकों को एक एकीकृत अप्रत्यक्ष कराधान प्रणाली में ला दिया है। जीएसटी लागू होने के पश्चात् केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकारों द्वारा लगाये गये अनेक प्रकार के कर पूर्ण रूप से समाप्त हो गये है। जीएसटी ने सम्पूर्ण भारतीय अर्थव्यवस्था को कैसे प्रभावित किया है, यह समझने के लिए हमें जीएसटी क्या है और इसके प्रकार क्या है, यह जानने की जरूरत है।
अध्ययन का उद्देश्य प्रस्तुत शोध पत्र के मुख्य उद्देश्य वस्तु एवं सेवा कर लागू होने के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ा है? सकारात्मक व नकारात्मक पहलू क्या है? जीएसटी अन्य क्षेत्रों को कैसे प्रभावित करता है? जीएसटी के साथ उज्जवल भारतीय अर्थव्यवस्था तथा जीएसटी के साथ भविष्य कैसा दिखता है? इन सभी के बारे में चर्चा करना है।
साहित्यावलोकन

जीएसटी क्या है? (What is GST ?)

माल एवं सेवा कर घरेलू खपत के लिए बेचे जाने वाले अधिकांश सामानों और सेवाओं पर लगाया गया मूल्य वर्धित कर है। जीएसटी उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान किया जाता हैलेकिन यह माल और सेवाओं को बेचने वाले व्यवसायों द्वारा सरकार को भेज दिया जाता है। असल में जीएसटी सरकार के लिए राजस्व प्रदान करता है।

संविधान के अनुच्छेद 366 (12A) में वस्तु एवं सेवा कर को इस प्रकार से परिभाषित किया गया है- वस्तु एवं सेवा कर का आशय माल या सेवाओं या दोनों पर करारोपण से हैकेवल मानवीय उपभोग के लिए मदिरा (शराब) पर करों को छोड़कर।"

"GST means a tax on supply of goods and services or both except taxes on supply of alcoholic liquor for human consumption."

मुख्य पाठ


जीएसटी का शुभारंभ (Launcing of GST)


स्वतंत्र भारत का सबसे बडा आर्थिक सुधार जीएसटी को देश भर में लागू करना थाजो कि लागू हो चुका है। वह ऐतिहासिक समय तब आया था जब संसद के केन्द्रीय कक्ष में दोनों सदनों के सदस्यों एवं देश के जाने माने नागरिकों की उपस्थिति में 30 जून एवं 1 जुलाई 2017 की मध्यरात्रि में तत्कालीन राष्ट्रपति स्व० श्री प्रणव मुखर्जी एवं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने एक साथ बटन दबाकर वस्तु एवं सेवा कर को सम्पूर्ण देश में एक साथ लागू कर दिया था और उसी पल से भारत में जीएसटी का शुभारंभ हुआ था।

जीएसटी का लागू होना (Applicability of GST)-

1. जीएसटी सम्पूर्ण देश पर समान रूप से लागू होता है।

2. जीएसटी वस्तु एवं सेवा की आपूर्ति पर ही लागू होता है।

3. जीएसटी पांच हाइड्रोकार्बन्स पर लागू नहीं है- (i) हाई स्पीड डीजल (ii) प्राकृतिक गैस (iii)मोटर स्पिरिट (iv) पैट्रोलियम कूड (v) टरबाइन ईंधन

4. तम्बाकू एवं तम्बाकू से बने उत्पादों को जीएसटी के दायरे में रखा गया है।

5. मानवीय उपभोग के लिए शराब / मदिरा को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है।

जीएसटी के प्रकार (Types of GST) 


1. CGST (Central Goods and Service Tax)केन्द्र सरकार द्वारा वस्तुओं और सेवाओं की गहन बिक्री पर कर एकत्र किया जाता है।

2. SGST (State Goods and Service Tax)राज्य सरकार सेवाओं और उत्पादों की गहन आपूर्ति के आधार पर यह कर एकत्र करती है।

3. IGST (Integrated Goods and Service Tax)दो राज्यों के बीच उत्पादों और सेवाओं की आपूर्ति पर कर लगाया जाता है। करों को केन्द्र और राज्य सरकारों के बीच साझा किया जाता है। 

जीएसटी टैक्स स्लैब (Tax Slab of GST)

जिएसटी कॉउन्सिल ने लोगों की वस्तुओं और सेवाओं के हिसाब से इन्हें पांच प्रकार के टैक्स स्लैब में विभाजित कर दिया है- 0%, 5%, 12%, 18% और 28%


मौजूदा समय में सोना और अन्य आभूषणों पर 3% तथा 025% डायमंड्स पर जीएसटी लगती है।

अर्थव्यवस्था पर जीएसटी का क्या असर पड़ेगा ? (What will be the effect of GST on economy?)

1. जीएसटी टैक्स दरों को बढ़ाकर सरकार के राजस्व को बढ़ाता है।

2. जीएसटी निर्यात पर लागू हुए कस्टम ड्यूटीज को हटा देगा माल और सेवाओं के लेन-देन की लागत कम हो जाने से विदेशी बाजारों में राष्ट्र की प्रतिस्पर्धा बढ़ जाएगी।

3. टैक्स सिस्टम में अधिक पारदर्शिता होगी क्योंकि ग्राहकों/ उपभोक्ताओं को इससे पता चलेगा कि किस आधार पर कितना टैक्स वसूला जा रहा है।

4. जीएसटी उत्पादकों पर कर का बोझ कम करता है और अधिक उत्पादन के माध्यम से विकास को बढ़ावा देता है। जीएसटी निर्माताओं को उत्पादन विकास के लिए कर इनपुट क्रेडिट सहायता करता है।

5. जीएसटीउत्पादकों / निर्माताओं द्वारा माल या सेवा श्रृंखला में भुगतान किए गए करों के लिए क्रेडिट प्रदान करेगा।

6. करों को अलग-अलग जैसे टोल टैक्स और चैक पोस्ट अयोग्य माल की ढुलाई के लिए कर लिये जाते थे। यह जुर्माना बफर स्टॉक और महारण लागत की उष्ण आवश्यकताओं के कारण प्रमुख लागतों में बदल जाता था लेकिन एकीकृत कराधान प्रणाली ने इसको कर दिया है।

प्रस्तुत शोध पत्र के मुख्य उद्देश्य वस्तु एवं सेवा कर लागू होने के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ा हैसकारात्मक व नकारात्मक पहलू क्या हैजीएसटी अन्य क्षेत्रों को कैसे प्रभावित करता हैजीएसटी के साथ उज्जवल भारतीय अर्थव्यवस्था तथा जीएसटी के साथ भविष्य कैसा दिखता है ? इन सभी के बारे में चर्चा करना है।

एक उज्जवल अर्थव्यवस्था (A Brighter Economy)

जीएसटी की शुरुआत भारत में अप्रत्यक्ष कर सुधारों के क्षेत्र में एक बहुत ही सराहनीय कदम माना जाता है। बड़ी संख्या में अप्रत्यक्ष करों (केन्द्र और राज्य करों) को एक कर में समाहित करकेवस्तु एवं सेवा कर से दोहरे कराधान में काफी हद तक आसानी और उद्योगों के लिए कराधान को आसान बनाने की उम्मीद है। अन्तिम उपभोक्ता / ग्राहक के लिए सबसे अधिक लाभकारी वस्तुओं और सेवाओं पर समग्र कर बोझ में कमी होगी।
वस्तु एवं सेवा कर की शुरुआत के साथभारतीय उत्पादों को घरेलू और अन्तर्राष्ट्रीय बाजारों में भी प्रतिस्पर्धी बनाया गया है। कम से कम जीएसटी अपने पारदर्शिता के कारण कर प्रशासन में पारदर्शिता ले आएगा जिससे प्रशासन का संचालन आसान होगा। जीएसटी के लागू होने के समय ही प्रस्तावित कराधान प्रणाली भारतीय अर्थव्यवस्था / सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि को बनाए रखने के मामले में बहुत बड़ा वायदा करती है।

भारतीय अर्थव्यवस्था पर वस्तु एवं सेवा कर का प्रभाव (Impact of Goods and Service Tax on Indian Economy)

जिस तरह सिक्के के दो पहलू होते है उसी तरह जीएसटी के भी दो पहलू है- एक सकारात्मक प्रभाव और दूसरा नकारात्मक प्रभाव।

जीएसटी के सकारात्मक प्रभाव (Positive Impact of GST)

सरल कर संरचना- भारत देश की कराधान प्रणाली जीएसटी के साथ सरल हो गई है। यह एक एकीकृत कर है। इस कर के साथ खरीदार को कुछ उत्पादों को खरीदते समय कर के रूप में भुगतान की गई राशि का स्पष्ट उल्लेख मिल जाता हैवस्तु एवं सेवा कर और सकल घरेलू उत्पाद पर इसके प्रभाव पर विचार करते समय यह महत्वपूर्ण है।

कर में कभी - जीएसटी के साथ प्राय दी घटक है CGST और SGST

CGST जगह लेगा - सर्विस टैक्सकस्टम ड्यूटी और सैन्ट्रल एक्साइज ड्यूटी आदि।

SGST जगह लेगा - स्टेट केन्द्रीय बिक्री करविज्ञापनों पर टैक्स लग्जरी टैक्सकय कर मनोरंजन कर आदि।

GST से पहले बहुत सारे कर लगते थेलेकिन GST लागू होने के बाद लगभग सभी कर CGST और SGST में समाहित कर दिए गए है।


उत्पादन के लिए अधिक धन उपलब्ध- जीएसटी का भारतीय अर्थव्यवस्था पर एक और प्रभाव कुल कर योग्य राशि में कमी रही है। इस रिजर्व फण्ड को उत्पादन चक में उत्पादन को बढ़ाने के लिए निवेश किया जा सकता है।

विदेशी निवेश में वृद्धि करेगा - भारतजीएसटी लागू होने के बाद एक एकीकृत बाजार है और इसी वजह से भारत के विदेशी निवेश में वृद्धि हुई है। जीएसटी का कार्यान्वयन भारत को अन्तर्राष्ट्रीय कर मानकों की कतार में खड़ा कर देता हैजिससे भारतीय व्यवसायों के लिए वैश्विक बाजार में बिकी करना आसान हो जाता है।

प्रशासन में पारदर्शिता जीएसटी के क्रियान्वयन के बाद से कर प्रशासन ने भ्रष्टाचार मुक्त काम करना प्रारम्भ कर दिया है तथा लागू किए गए कर को दिखाने के लिए बिकी चालान को सक्षम करने से कर प्रशासन में पारदर्शिता आई है।

उन्नत संचालन - एकीकृत कराधान प्रणाली के साथहमारे देश के चारों और माल परिवहन करना अब आसान हो गया है। इससे पूरे देश में परिवहन को बढ़ावा मिल रहा है।

व्यापार करने की लागत में कमी- जीएसटी लागू होने के बाद अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग करों का भुगतान करने की आवश्यकता नही रही है। यह भारत के सभी राज्यों के लिए एक कर प्रणाली है। जिससे व्यापार करने की लागत में काफी कमी हुई है।

निर्यात करने की क्षमता में वृद्धि- वस्तु एवं सेवा कर का भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव पर विचार करते समयनिर्यात वस्तुओं पर कस्टम ड्यूटी काफी हद तक कम कर दिया है। इसके उत्पादन इकाइयां माल का उत्पादन करते समय और उन्हें शिपिंग करते समय भी धन की है। इस दो तरफ की बचत ने कई उत्पादन इकाइयों को अपने माल का निर्यात करने के लिए आकर्षित किया हैजिससे निर्यात करने की क्षमता में वृद्धि हुई है। 

जीएसटी के नकारात्मक प्रभाव (Negetive Impact of GST)

दोहरा निन्त्रण- प्रायः वस्तु एवं सेवा कर को एकल कराधान प्रणाली के रूप में संदर्भित किया जा रहा है लेकिन वास्तव में यह एक दोहरा कर है क्यों कि राज्य और केन्द्र दोनों बिकी और सेवा के एकल लेन-देन पर अलग-अलग कर एकत्र करेंगे।

कुछ वस्तुओं की लागत में लगातार वृद्धिकई ऐसे उत्पाद भी है जिनकी लागत जीएसटी लागू होने के बाद लगातार बढ़ती जा रही है।

कुछ क्षेत्र घाटे में - मीडियाकपड़ाफार्माडेयरी उत्पादआईटी और दूरसंचार जैसे क्षेत्र जीएसटी लागू होने के बाद उच्च कर की दरों से कर का भुगतान कर रहे है। इनके अलावा मोबाइल फोनआभूषण आदि विलासिता की वस्तुओं को भी उच्च मात्रा में कर का भुगतान करना पड़ रहा है।

रियल एस्टेट बाजार प्रभावित हुआ- रियल एस्टेट भारत देश की कुल जीडीपी का लगभग 8% योगदान देता है। अर्थशास्त्रियों की यह राय है कि भारत में जीएसटी का पहले से ही रियल एस्टेट बाजार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। इसने घरों की लागत में 8% की वृद्धि करी तो माग में 12% की गिरावट हो गयी।

विभिन्न क्षेत्रों पर जीएसटी के प्रभाव (Impact of GST on Other Sectors)

ई-कॉमर्स - ई-कॉमर्स में बहुत ज्यादा उच्च विकास क्षमता हैइसलिए ई-कॉमर्स कम्पनियों को वस्तु एवं सेवा कर के लिए स्रोत कारकों पर एकीकृत कराधान प्रणाली से करों को वहन करना पढ़ता है।

फार्मा- फार्मा और स्वास्थ्य पर सरलीकृत कर ढांचे के साथ जीएसटी का सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। सभी आय वर्ग के लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवा को सस्ता और सुलभ बनाने के लिए कर छूट का भी लाभ उठाया जाता है।
संभार तंत्र
भारत जैसे बड़े देश में रसद (Logistics) अर्थव्यवस्था में बहुत महत्वपूर्ण योगदान देता है। एक सुव्यवस्थित और संरक्षित लॉजिस्टिक्स उद्योग विशेष रूप से मेक इन इंडिया के तहत तेजी से बढ़ सकता है।

दूरसंचार- जीएसटी के लागू होने के बाद दूरसंचार क्षेत्र में कीमतों में गिरावट की उम्मीद की जा सकती हैक्योंकि भंडारणरसद आदि जैसी लागतें कम हो जाती है।

FMCG- Fast Moving Consumer Goods में जीएसटी से कई बिक्री डिपो की आवश्यकता समाप्त हो गई है। FMCG, GST की सहायता से रसद और वितरण लागत पर बहुत बचत करता है।

कृषि- भारत की जीडीपी में कृषि का सबसे बड़ा योगदान रहा है। रसद में आसानी के साथकृषि उत्पादों की परिवहन लागत भी कम हो गई है। इस प्रकार थोक विक्रेताओं पर जीएसटी का प्रभाव काफी सकारात्मक रहा है।

कपड़ा क्षेत्र- कपड़ा उद्योग भारत में कुल निर्यात का लगभग 10% कर रहा हैकस्टम ड्यूटी को हटाने के साथ प्रतिशत में वृद्धि होने की सम्भावना है। जीएसटी कपास के मूल्यों को भी प्रभावित करता है।

ऑटोमोबाइल- निर्माता अब करों के रूप में अधिक बचत कर रहा है, इसलिए ऑटोमोबाइल की कीमतों में गिरावट बनने की सम्भावना बनी रहती है।

जीएसटी के साथ भविष्य कैसा दिखता है? (What does the future look like with GST?)

अगर हम दीर्घकालीन लाभों के बारे में बात करें तो उम्मीद की जा रही है कि जीएसटी का मतलब सिर्फ टैक्स दरों को कम करना ही नहीं है बल्कि न्यूनतम टैक्स स्लैब भी है।

जिन देशों में माल एवं सेवा कर ने अर्थव्यवस्था को सुधारने में मदद की है उन देशों में केवल दो या तीन दरें लागू होती है-

(i) औसत दर

(iiआवश्यक वस्तुओं के लिए कम दरऔर

(iii) शानदार / विलासिता वस्तुओं के लिए उच्च कर दर

वर्तमान में हमारे देश भारत में 5 स्लैब दरें है। इनके अलावा उपकर भी लगाया जाता है। वैसे सरकार ने कहा है कि RNR (Revenue Neutral Rate) तक पहुँचने के बाद दरों पर फिर से विचार विमर्श किया जाएगा। मध्यम अवधि में व्यापक आर्थिक संकेतकों पर जीएसटी का प्रभाव बहुत सकारात्मक रहने की सम्भावना है क्योंकि करों का व्यापक प्रभाव यानि कि कर पर कर समाप्त हो जाएगा जिससे मुद्रा स्फीति कम हो जाएगी।

सरकार के लिए करों से राजस्व में एक विस्तारित कर जाल के साथ बढ़ने की सम्भावना देखी जा रही हैऔर राजस्व घाटा नियन्त्रण में रहने की उम्मीद की जा रही है। उद्योग जगत में सभी का मानना है कि भारत देश के इतिहास में अब तक का सबसे महत्वपूर्ण कर सुधार जीएसटी हैजिसको लागू करने से देश व्यापार में तरक्की की सीढियां चढ़ रहा है। 

निष्कर्ष वस्तु एवं सेवा कर भारत के इतिहास में सबसे बड़े कर सुधारों में से एक है, जीएसटी के कई फायदे है तो नुकसान भी है। जो निर्माताओं और उपभोक्ताओं/ग्राहकों दोनों को ही प्रभावित करता है। जीएसटी से भारत में व्यापार करने में आसानी हो गई है, मुद्रास्फीति में कमी आ रही है और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में वृद्धि हो रही है। सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पर जीएसटी का प्रभाव नकारात्मक भी है, जहाँ सकारात्मक प्रभाव मुद्रास्फीति को घटाने की कोशिश कर रहे है वहीं नकारात्मक पहलू उसे बढ़ा रहे है, क्यों कि जीएसटी की दरों ने कुछ उत्पादों और सेवाओं जैसे फार्मा उत्पादों, दूरसंचार, डेयरी उत्पाद आदि की लागत में वृद्धि की है। इन पहलुओं पर भी विचार किया जाना चाहिए। इस प्रकार, भारतीय अर्थव्यवस्था पर वस्तु एवं सेवा कर के प्रभाव का सावधानीपूर्वक विश्लेषण करना चाहिए। हमारे देश भारत में जीएसटी प्रभाव का मूल्यांकन करते समय सकारात्मक व नकारात्मक दोनों पहलुओं पर विचार किया जाना चाहिए।
सन्दर्भ ग्रन्थ सूची
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