ISSN: 2456–4397 RNI No.  UPBIL/2016/68067 VOL.- VII , ISSUE- X January  - 2023
Anthology The Research
अनुसंधान की परंपरागत एवं आधुनिक प्रवृत्तियों का तुलनात्मक अध्ययन
Comparative Study of Traditional and Modern Trends of Research
Paper Id :  17104   Submission Date :  03/01/2023   Acceptance Date :  23/01/2023   Publication Date :  25/01/2023
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आशिराम सस्त्या
असिस्टेंट प्रोफेसर
उच्च शिक्षा विभाग
एस बी एन गवर्नमेंट पी जी कॉलेज
बड़वानी,मध्य प्रदेश, भारत
रंगरी डोडवा
अतिथि व्याख्याता
उच्च शिक्षा विभाग
एस बी एन गवर्नमेंट पी जी कॉलेज
बड़वानी, मध्य प्रदेश, भारत
सारांश अनुसंधान के बदलते परिदृश्य के अनुसार अनुसंधान में वैज्ञानिक विधियों का उपयोग कर अनुसंधान को और अधिक महत्वपूर्ण बनाया जा सकता है इस हेतु इस शोध पत्र के माध्यम से अनुसंधान में जिन वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग किया जा सकता है वे विधियां निम्नलिखित हैं- वर्णनात्मक, कार्टोग्राफी, तुलनात्मक, भौगोलिक, गणितीय और सांख्यिकी, प्रयोगात्मक, मॉडलिंग, रिमोट (एयरोस्पेस), पूर्वानुमान, जीआईएस प्रौद्योगिकी, मानचित्र आदि प्रवृतियों को शामिल किया गया है | अनुसंधान की परंपरागत एवं आधुनिक प्रवृत्तियों का तुलनात्मक अध्ययन करने पश्चात निष्कर्ष के रूप में यह कहा जा सकता है कि अनुसंधान में नवीन प्रवृत्तियों का प्रयोग कर नए सिद्धांतों का आविष्कार किया जा सकता है, शोध कार्य में नवाचार किया जा सकता है तथा पूर्व में रचित सिद्धांतों का परीक्षण भी किया जा सकता है।
सारांश का अंग्रेज़ी अनुवाद According to the changing scenario of research, research can be made more important by using scientific methods in research, so the scientific methods that can be used in research through this research paper are the following methods - descriptive, cartography, comparative , Geographical, Mathematical and Statistical, Experimental, Modelling, emote (Aerospace), Forecasting, GIS Technology, Maps etc. trends are covered. After a comparative study of traditional and modern trends in research, it can be said as a conclusion that by using new trends in research, new theories can be invented, innovation can be made in research work and theories created earlier can be used.
मुख्य शब्द वैज्ञानिक विधि, सही परीक्षण, तथ्य एवं तर्क, आधुनिक प्रवृत्तियाँ आदि।
मुख्य शब्द का अंग्रेज़ी अनुवाद Scientific Method, Correct Test, Facts and Logic, Modern Trends etc.
प्रस्तावना
मनुष्य के मन में कई विचारधाराएं एवं जिज्ञासा होती है और उसे पूर्ण करने के लिए शोध कार्य की ओर अग्रसर होता है शोध कार्य के द्वारा तथ्यों की जांच की जाती है एवं नवाचार का कार्य किया जाता है इसलिए वर्तमान युग में अनुसंधान का योगदान एवं महत्व बहुत ज्यादा है शोध द्वारा ही नए सिद्धांतों का जन्म भी होता है और पूर्व में रचित सिद्धांतों का परीक्षण भी होता है । वर्तमान में शोध की विभिन्न पद्धतियां उपयोग में लाई जाती है जिसमें मुख्य रूप से वैज्ञानिक पद्धतियों का उपयोग कर अनुसंधान को और अधिक उपयोगी एवं महत्त्वपूर्ण बनाया जा सकता है । वैज्ञानिक पद्धतियों में वर्णनात्मक, कार्टोग्राफी, तुलनात्मक, भौगोलिक, गणितीय और सांख्यिकी, प्रयोगात्मक, मॉडलिंग, रिमोट (एयरोस्पेस), पूर्वानुमान, जीआईएस प्रौद्योगिकी, मानचित्र आदि प्रवृतियों को शामिल किया गया है ।
अध्ययन का उद्देश्य 1. अनुसंधान के परंपरागत एवं आधुनिक प्रवृत्तियों को जानना। 2. अनुसंधान की परंपरागत एवं आधुनिक प्रवृत्तियों का तुलनात्मक अध्ययन करना। 3. सामाजिक विकास हेतु उपयोगी अनुसंधान प्रवृत्तियों को जानना।
साहित्यावलोकन
शोध के द्वारा मनुष्य अपने ज्ञान के भंडार में वृद्धि करता है इस ज्ञान से वह मानव सभ्यता के विकास और परिवर्तन की आधारशिला रखता है शोध हमें वह दृष्टि देता है जिसके द्वारा हम अपने भूत वर्तमान और भविष्य के बारे में जान पाते हैं शोध ही वह साधन है जिसके द्वारा व्यक्ति अपने आसपास की घटनाओं को समझ पाता है समस्याओं का समाधान ढूंढ पाता है और अपने विकास की रूपरेखा बना पाता है इसलिए अनुसंधान विधियों का ज्ञान हमारे तर्कों और अंतर्दृष्टि के विकास के लिए जरूरी है
मुख्य पाठ

अनुसंधान प्रवृत्तियों को दो भागों में बांटा गया है अनुसंधान की परंपरागत प्रवृतियां तथा आधुनिक प्रवृत्तियां।

अनुसंधान की परंपरागत प्रवृतियां- परंपरागत पद्धतियों में मात्रात्मक अनुसंधान, गुणात्मक अनुसंधान, विश्लेषणात्मक अनुसंधान, विवरणात्मक अनुसंधान, अनुप्रयुक्त अनुसंधान, अवधारणात्मक अनुसंधान तथा ऐतिहासिक अनुसंधान को शामिल किया जाता है।

मात्रात्मक अनुसंधान- एक ऐसा अनुसंधान है जिसके अंतर्गत संख्यात्मक तथ्यों की संकल्पना की जाती है इसमें निगमनात्मक तर्क पद्धति का प्रयोग किया जाता है। जिस प्रकार मात्रात्मक शोध सांख्यिकीय सूचनाओं पर आधारित होता है इसके अंतर्गत सर्वेक्षण संरचनात्मक साक्षात्कार विकास और रिपोर्ट की समीक्षा की जाती है। यह शोध अधिकतर वस्तुनिष्ठ होता है इस प्रकार यह शोध संख्या पर आधारित होता है।

गुणात्मक शोध में आगमनात्मक प्रक्रिया का प्रयोग किया जाता है यह शोध ज्यादातर विषयनिष्ट होता है। इसके अंतर्गत किसी समस्या या स्थिति का वर्णन शोधकर्ता के दृष्टिकोण पर निर्भर करता है इस प्रकार के शोध में सांख्यिकी परीक्षण की संभावना नहीं होती हैं। गुणात्मक शोध के अंतर्गत कुछ विषयों पर ज्यादा विस्तृत जानकारी प्राप्त होती है इस प्रकार गुणात्मक शोध में परिणाम की वैधता और विश्वसनीयता शोधकर्ता के प्रयास और परिश्रम पर निर्भर करती है।

व्यवहारिक अनुसंधान- इस प्रकार के शोध का उपयोग किसी समस्या विशेष के समाधान के लिए किया जाता है। जिसमें मौलिक बुनियादी सिद्धांतों और नियमों का प्रयोग करते हुए व्यवहारिक समस्या का समाधान करने का प्रयास किया जाता है।

ऐतिहासिक शोध- यह शोध ऐतिहासिक घटनाओं, दस्तावेजों, अतीत के इतिहास के अनुसंधान तथा लेखन के लिए किया जाता है।

अनुसंधान की आधुनिक प्रवृत्तियां

कार्टोग्राफी-

अनुसंधान की इस पद्धति में विभिन्न म मानचित्रों का प्रयोग किया जाता है।

अनुसंधान को और अधिक उपयोगी बनाने हेतु मानचित्र के अतिरिक्त तथ्य प्रदर्शन के लिए विविध प्रकार के उपकरण जैसे उच्चावचन मॉडल, गोलक, मानारेख आदि का प्रयोग किया जाता है।

गणितीय और सांख्यिकी- इस प्रकार के शोध में सांख्यिकी विश्लेषण और परिणाम मापक का प्रयोग होता है।

प्रयोगात्मक- यह अध्ययन प्रयोग पर आधारित होता है किसी सूक्ष्म समस्या पर अध्ययन हेतु इस विधि का प्रयोग किया जाता है यह विधि विज्ञान के सभी विषयों पर अध्ययन हेतु प्रयोग में लाई जाती है यह विधि अर्थ एव उपयोगिता की दृष्टि से व्यावहारिक होती है अध्ययन कि इस विधि में अध्ययन नियंत्रित परिस्थिति में किया जा सकता है

निष्कर्ष शोध में समस्या की प्रकृति और शोध विषय के स्वरूप को देखते हुए विद्वानों ने अनुसंधान के कई प्रकारों का विकास किया है | वैज्ञानिक पद्धतियों में वर्णनात्मक, कार्टोग्राफी, तुलनात्मक, भौगोलिक, गणितीय और सांख्यिकी, प्रयोगात्मक, मॉडलिंग, रिमोट (एयरोस्पेस), पूर्वानुमान, जीआईएस प्रौद्योगिकी, मानचित्र आदि प्रवृतियों को शामिल किया गया है | अनुसंधान की परंपरागत एवं आधुनिक प्रवृत्तियों का तुलनात्मक अध्ययन करने पश्चात निष्कर्ष के रूप में यह कहा जा सकता है कि अनुसंधान में नवीन प्रवृत्तियों का प्रयोग कर नए सिद्धांतों का आविष्कार किया जा सकता है, शोध कार्य में नवाचार किया जा सकता है तथा पूर्व में रचित सिद्धांतों का परीक्षण भी किया जा सकता है | इस प्रकार वैज्ञानिक पद्धतियों का उपयोग कर अनुसंधान को और अधिक उपयोगी एवं महत्त्वपूर्ण बनाया जा सकता है |
सन्दर्भ ग्रन्थ सूची
1. आहूजा आर 2003 सामाजिक सर्वेक्षण एवं अनुसंधान रावत प्रकाशन जयपुर 2. ग्रीन कुंडे 1957 सोशल वर्क रिसर्च आरडी अकाउंट ऑफ रिअप्रेजल सोशल सर्विसेज 931 3. 1975 सामाजिक अनुसंधान उत्तर प्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमी लखनऊ 4. यूनिवर्सिटी न्यूज एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज नई दिल्ली 5. www.shodhganga.co.in 6. https://youtu.be/LykpvLfQQ-s