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जी-20 शिखर सम्मेलन 2023 और भारतीय पर्यटन: क्षमता व विकास | |||||||
G-20 Summit 2023 and Indian Tourism: Potential and Development | |||||||
Paper Id :
17134 Submission Date :
2023-06-04 Acceptance Date :
2023-08-17 Publication Date :
2023-08-22
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सारांश |
विश्व के विभिन्न संगठनों की मेजबानी समय-समय पर भारत करता रहा है। कुछ वैश्विक संगठन ऐसे हैं जिनकी मेजबानी का सौभाग्य भारत को प्राप्त नहीं हुआ है, उनमें से एक है जी-20। जी-20 एक उच्च स्तरीय “अन्तर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग हेतु मंच” है जिसकी अध्यक्षता और मेजबानी चक्रीय रूप से सदस्य देश करते हैं। जी-20 का “18वाँ शिखर सम्मेलन 2023” भारत में होगा। 18वें शिखर सम्मलेन के लिए ट्रोइका का निर्माण इण्डोनेशिया, भारत तथा ब्राजील द्वारा किया जायेगा। 18वें सम्मेलन में विकासशील विश्व का प्रतिनिधित्त्व व हितों का संरक्षण तथा समावेशी विकास के लिए खाद्यान, उर्वरक तथा ऊर्जा की सुगम आपूर्ति पर भारत सक्रिय रूप से प्रभावी चर्चा करेगा। इसी के साथ-साथ भारत अपनी विशाल सांस्कृतिक व ऐतिहासिक धरोहर और विरासत से विश्व समुदाय को रूबरू करवायेगा। जिससे विश्व, भारत की इस सम्पदा और धरोहर, भाषा, सभ्यता, प्राचीन बेजोड स्थापत्य कला यथा मन्दिर, महल, बावड़ी आदि के साथ-साथ “न्यू इण्डिया” को जान सके। भारत की पर्यटन क्षमता के विकास में पूर्वोत्तर की भूमिका महत्त्वपूर्ण रहेगी। “अतुल्य भारत” व “अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटन मार्ट” आदि सराहनीय कार्यक्रमों से जी-20 के विदेशी डेलीगेट्स भारत दर्शन का आनन्द ले सकेगें और भारतीय पर्यटन क्षमताओं का ओर विकास होगा।
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सारांश का अंग्रेज़ी अनुवाद | India has been hosting various organizations of the world from time to time. There are some global organizations which India has not had the privilege of hosting, one of them is G-20. The G-20 is a high-level “forum for international economic cooperation” chaired and hosted by member states on a rotational basis. The “18th Summit 2023” of G-20 will be held in India. The troika for the 18th summit will be formed by Indonesia, India and Brazil. In the 18th conference, India will actively and effectively discuss the representation and protection of interests of the developing world and easy supply of food grains, fertilizers and energy for inclusive development. Along with this, India will introduce the world community to its vast cultural and historical heritage and heritage. So that the world can know about India's wealth and heritage, language, civilization, ancient unmatched architecture like temples, palaces, stepwells etc. as well as “New India”. North-East will play an important role in the development of India's tourism potential. Through commendable programs like “Incredible India” and “International Tourism Mart” etc., the foreign delegates of G-20 will be able to enjoy the sight of India and Indian tourism potential will be developed. | ||||||
मुख्य शब्द | सामरिक, संगोष्ठी, साॅफ्टपावर, लाइफ ;स्पथ्म्द्ध, शेरपा, समावेशी विकास, वसुधैव कुटुम्बकम, सतत् विकास, ट्रोइका। | ||||||
मुख्य शब्द का अंग्रेज़ी अनुवाद | Strategic, Seminar, Softpower, Life, Sherpa, Inclusive Development, Vasudhaiva Kutumbakam, Sustainable Development, Troika. | ||||||
प्रस्तावना | विश्व में राजनीतिक,
आर्थिक, सामरिक तथा पर्यावरणीय विषयों
की दृष्टि से अनेक वैश्विक संगठन कार्य कर रहे हैं। इन संगठनों के लिए समय-समय पर
सम्मेलन, कार्यशालायें तथा संगोष्ठियाँ होती रहती हैं।
विश्व के प्रमुख संगठनों में संयुक्त राष्ट्र संघ, विश्व
बैंक, अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, जी-20, जी-7, एससीओ,
ब्रिक्स, नाटो तथा क्वाड़ आदि संगठन
वर्तमान में अधिक सक्रिय हैं। जी-20 विश्व का एक प्रमुख
आर्थिक संगठन है, जिसमें विश्व के 19 देश तथा यूरोपीयन यूनियन शामिल है। जी-20 का
प्रत्येक वर्ष शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाता है। जिससे विश्व के समक्ष प्रस्तुत
आर्थिक चुनौतियों, बाधाओं तथा आगामी लक्ष्यों व योजनाओं
का रोड़मैप तैयार किया जा सके। भारत 18वें शिखर सम्मेलन के
लिए जी-20 समूह की अध्यक्षता 01 दिसम्बर,
2022 से कर रहा है। भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए यह एक गर्व
की बात है तथा यह बहुत बड़ा अवसर साबित होगा। दरअसल विशेषज्ञों द्वारा जी-20
की अध्यक्षता करने के कई मायने समझे जा रहे हैं
अर्थात् यह भारत की वैश्विक मंच पर बढ़ती प्रतिष्ठा, महत्त्व,
सॉफ्टपॉवर
तथा पर्यटन को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। भारत इस सम्मेलन का सफल आयोजन
करके पर्यटन सेक्टर को बूस्ट करेगा ताकि विश्व समुदाय भारत के समृद्ध
ऐतिहासिक-सांस्कृतिक-मूल्यों के साथ-साथ “न्यू
इण्डिया” का विजन देख सके। बाली में आयोजित 17वें शिखर सम्मेलन में भारत को 18वें शिखर
सम्मेलन 2023 की मेजबानी सौंपी गई है। भारत वह राष्ट्र है
जिसने वर्षों की गुलामी के कष्टपूर्ण दिन देखें तथा कोविड जैसी महामारी से विशाल
जनसंख्या आकार को सुरक्षित रखते हुये आधारभूत सुविधायें प्रदान की जैसे- खाद्यान,
वैक्सीन, रोजगारपरख योजनायें आदि। जी-20
आयोजन की इस कड़ी में भारत के लगभग 50 से
अधिक शहरों में 200 से अधिक बैठके होंगी। इसमें शामिल
होने वाले शेरपाओं को वहाँ की ऐतिहासिक-सांस्कृतिक गतिविधियों से अवगत कराकर
पर्यटन को बढ़ावा देना भारत सरकार का एक अहम उद्देश्य है। पूर्वोत्तर भारत के
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भारत तथा सम्बन्धित राज्य सरकारों का अलग रोड़मैप तैयार
किया गया है। |
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अध्ययन का उद्देश्य | 1. जी-20 संगठन की कार्य प्रणाली तथा संरचना की व्याख्या करना। 2. जी-20 के 18वें शिखर सम्मेलन की प्राथमिकताओं का विश्लेषण करना। 3. जी-20 शिखर सम्मेलन 2023 और भारतीय पर्यटन को बढ़ावा देने वाले प्रयासों का विवेचन करना। |
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साहित्यावलोकन | इस खण्ड
में कोविड-19 के कारण बदले हुये वैश्विक परिदृश्य के उपरान्त भारत में आयोजित विभिन्न
संगठनों के सम्मेलन व उनके घोषणा पत्र, प्राथमिकतायें और भारत के रणनीतिक,
आर्थिक उद्देश्यों से
सम्बन्धित शोध निबन्धों की चर्चा की गई है। पटेल नवीन (2020)
ने “13वाँ ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2021
और भारत-चीन सम्बन्ध”
नामक शोध पत्र में भारत-चीन
सीमा विवाद का असर इस सम्मेलन पर क्या होगा, इसके बारे में बताया। गुप्ता नीना (2021)
ने वाशिंगटन डी.सी. में आयोजित
क्वाड़ शिखर सम्मेलन और भारत के रणनीतिक हितों के बारे में लिखा। स्वामी रामचन्द्र
(2022) ने “विभिन्न अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों की मेजबानी और बढ़ता भारत का वर्चस्व”
नामक शोध पत्र प्रस्तुत
किया। झा मनोज (2022)
ने “यूक्रेन-रूस विवाद: ऊर्जा,
उर्वरक व खाद्यान संकट”
नामक शोध कार्य के माध्यम से
विश्व के 3F (फ्यूल, फर्टीलाइजर और फूड़) संकट पर प्रकाश ड़ाला। |
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मुख्य पाठ |
4.1 जी-20 समूह की सरंचना और आकार इस समूह का गठन वित्तीय
समस्याओं और उनके समाधान की पृष्ठभूमि में सन् 1999 के दशक
के अन्त में हुआ था। इस समूह की स्थापना एशियाई वित्तीय संकट के बाद वित्त
मंत्रियों व केन्द्रीय बैंकों के गवर्नरों के लिए वैश्विक वित्तीय विषयों व
समस्याओं पर चर्चा करने के लिए की गई थी। सन् 2007 के
वैश्विक आर्थिक संकट के कारण एक उच्च स्तरीय मजबूत व एकीकृत मंच हेतु इस समूह को
राष्ट्राध्यक्षों/शासनाध्यक्षों के स्तर का बनाया गया और इसे सन् 2009 में “अन्तर्राष्ट्रीय आर्थिक
सहयोग हेतु मंच” के रूप में स्वीकार्यता दी
गई। जी-20 समूह में शामिल 19 देशों और यूरोपियन यूनियन में विश्व की 60 प्रतिशत आबादी, 85
प्रतिशत विश्व की जी.डी.पी. तथा वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत हिस्सा आता है। इस समूह का उद्देश्य मध्यम आय वाले
देशों को वित्तीय स्थिरता और सुरक्षा देना है। इसने विश्व की प्रमुख आर्थिक
शक्तियों को एक मंच प्रदान किया है। जिससे वैश्विक आर्थिक समस्याओं, बाधाओं को समग्र रूप से विवेचित कर उनका समाधान किया जा
सके। वैश्विक आर्थिक नीतियों को एकीकृत रूप प्रदान कर उनको लागू करना भी इसी मंच
द्वारा किया जाता है। 4.1.1 अध्यक्षता और सदस्य
जी-20 की अध्यक्षता प्रत्येक वर्ष सदस्यों को चक्रीय रूप से
प्रदान की जाती है। इसमें अध्यक्षता कर रहा देश और पिछले व अगले अध्यक्षता धारक
मिलकर जी-20 के एजेण्डा की निरन्तरता
निश्चित करने हेतु “ट्रोइका” बनाते हैं। जैसे वर्तमान में इण्डोनेशिया, भारत और ब्राजील ट्रोइका देश हैं तथा भारत के पास वर्तमान
में अध्यक्ष पद है। जी-20 समूह में सदस्य के रूप में यू. एस. ए.,
चीन, जापान, जर्मनी, भारत, यू. के., फ्रांस, ब्राजील, अर्जेन्टीना, मैक्सिको, कनाडा, ई. यू., रूस, इटली, तुर्की, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, आॅस्ट्रेलिया,
दक्षिण कोरिया, इण्डोनेशिया शामिल हैं।
स्पेन को स्थायी अतिथि के रूप में आमन्त्रित किया जाता है। 4.1.2 अधिदेश जी-20 समूह का कोई स्थायी सचिवालय नहीं है। समूह का एजेण्डा व कार्य समन्वय
जी-20 देशों के प्रतिनिधियों द्वारा किया जाता हैं। इन प्रतिनिधियों को “शेरपा” कहा जाता है, जो केन्द्रीय वित्त मंत्रियों व गवर्नरों के साथ मिलकर काम
करते हैं। जी-20 में दो समानान्तर ट्रैक होते हैं- वित्त ट्रैक व शेरपा ट्रैक।
वित्त ट्रैक का नेतृत्व वित्त मंत्री व केन्द्रीय बैंक के गवर्नर जबकि शेरपा ट्रैक
का नेतृत्व शेरपा करते हैं। समूह का पहला जन आदेश अन्तर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग के लिये है, जिसमें विश्व में भावी वित्तीय संकटों को रोकने हेतु विशेष
बल दिया जाता है। वैश्विक वित्तीय एजेण्डों को आकार देने में यह महत्त्वपूर्ण
भूमिका अदा करता है। वर्ष 1999 से केन्द्रीय बैंक के गवर्नरों, वित्त मंत्रियों और राज्यों के प्रमुखों तक के मंच को मजबूत
किया गया है। 4.2 जी-20 शिखर सम्मेलन 2023
17वाँ जी-20 शिखर सम्मेलन नवम्बर 2022 में इण्डोनेशिया में हुआ था और अब भारत
दिसम्बर 2022 से जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है। भारत एक वर्ष की अवधि के लिए जी-20
की अध्यक्षता करेगा। भारत में जी-20 का 18वाँ शिखर सम्मेलन होगा। भारत इतिहास में
पहली बार जी-20 की अध्यक्षता व शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने जा रहा है, जो विश्व-पटल पर भारत के बढ़ते वर्चस्व का स्पष्ट संकेत है। (स्रोत- www.g20.org) 4-2-1 Vªksbdk स्रोत- www.g20.org भारत अध्यक्षता के दौरान इण्डोनेशिया व ब्राजील के साथ मिलकर ट्रोइका का निर्माण करेगा। ट्रोइका में शामिल तीनों देश विकासशील और उभरती अर्थव्यवस्थायें हैं जो विकासशील देशों के मुद्दों व हितों को बढ़ावा व संरक्षण देंगी।
4.2.2 जी-20 सम्मेलन 2023, का लोगो और थीम स्रोत- www.g20.org) कमल की 7 पंखुड़ियाँ सात महाद्वीपों का प्रतीक हैं। जी-20 का लोगो भारत के राष्ट्रीय ध्वज के रंगों से प्रेरित है। ये रंग हैं-
केसरिया, सफेद, हरा व नीला। लोगो में
राष्ट्रीय फूल कमल के साथ ही पृथ्वी को भी दर्शाया गया है, जो
चुनौतियों की बीच विकास को दर्शाती है। जी-20 लोगो के नीचे
देवनागरी लिपि में “भारत” लिखा
गया है। 18वंे शिखर सम्मेलन की थीम “वसुधैव
कुटुम्बकम” या “एक पृथ्वी-एक
परिवार-एक भविष्य” है। भारत की अध्यक्षता का विषय,
व्यापक साझे हितों व समावेशी विकास के साथ-साथ प्राणी मात्र के
कल्याण के उच्च ध्येय से प्रेरित है। 4.2.3 अतिथि देश व संगठन भारत जी-20 अध्यक्ष के तौर पर स्पेन, सिंगापुर,
यू. ए. ई., मिश्र, नाइजीरिया,
ओमान, बांग्लादेश, माॅरीशस,
नीदरलैण्ड को अतिथि देशों के रूप में आमन्त्रित करेगा।
अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों में संयुक्त राष्ट्र संघ, विश्व
बैंक, अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व
स्वास्थ्य संगठन, विश्व व्यापार संगठन, अन्तर्राष्ट्रीय श्रम संगठन, वित्तीय स्थिरता बोर्ड,
आर्थिक सहयोग और विकास संगठन व क्षेत्रीय संगठनों में अफ्रीकी संघ,
अफ्रीकी संघ विकास ऐजेन्सी- अफ्रीकी विकास के लिए नई साझेदारी,
दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन, एशियाई
विकास बैंक तथा जी-20 अध्यक्षता के नाते भारत द्वारा
अन्तर्राष्ट्रीय सौर गठबन्धन, आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढाँचे
के लिए गठबन्धन, को अतिथि के तौर पर आमन्त्रित किया गया है।
(स्रोत) www.g20.org) 4.2.4 18वें शिखर सम्मेलन की प्राथमिकतायें i. समावेशी, न्यायपूर्ण व सतत् विकास ii. महिला सशक्तिकरण iii. लाइफ (पर्यावरण अनुकूल जीवन शैली) iv. शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि से लेकर
वाणिज्य तक के क्षेत्रों में डिजिटल सार्वजनिक सरंचना एवं प्राविधि-सक्षम विकास v. विकासात्मक सहयोग, आर्थिक अपराध के
खिलाफ लड़ाई तथा बहुपक्षीय व्यापार vi. कौशल मानचित्रण, संस्कृति व पर्यटन,
जलवायु वित्त पोषण, चक्रीय अर्थव्यवस्था,
वैश्विक खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा सुरक्षा,
हरित हाइड्रोजन व आपदा जोखिम में कमी। 4.2.5 वर्कस्ट्रीम वर्तमान में जी-20 में भारतीय विदेश मंत्रालयानुसार 8
वर्कस्ट्रीम शामिल हैं। ये ग्लोबल मैक्रोइकाॅनाॅमिक पाॅलिसी, इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेसिंग, इन्टरनेशनल फाइनेंशियल
आर्किटेक्चर, सस्टेनेबल फाइनेंस, फाइनेंशियल
इंक्लूजन, हेल्थ फाइनेंस, इन्टरनेशनल
टेक्सेशन, फाइनेंशियल सेक्टर रिफार्म्स वर्कस्ट्रीम हैं।
(स्त्रोतः www.g20.org) 4.3 जी-20 का आयोजन और भारतीय पर्यटन को
बढ़ावा भारत में विदेशी मुद्रा का एक महत्त्वपूर्ण स्त्रोत पर्यटन है। भारत की समृद्ध
ऐतिहासिक-सांस्कृतिक संस्कृति अपने आप में अद्वितीय है क्योंकि इसका मूल आधार है “विविधता में
एकता”। भारत में जी-20 का आयोजन भारत
के पर्यटन के लिए एक महत्त्वपूर्ण अवसर साबित होगा तथा विश्व समुदाय “अतुल्य भारत” से रूबरू हो सकेगा जिससे भारतीय पर्यटन
व उसकी क्षमता को बढ़ावा मिलेगा।
स्त्रोतः WTTC उपर्युक्त सम्भावना को भुनाने के लिए भारत सरकार निरन्तर प्रयासरत है तथा
विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। जैसे- “अतुल्य भारत”,
“आजादी का अमृत महोत्सव” आदि के द्वारा भी
पर्यटन को बढ़ावा दिया जा रहा है। जी-20 की बैठके अलग-अलग
शहरों में आयोजित करना इसी कड़ी का एक भाग है। 4.3.1 अलग-अलग शहरों में जी-20 की बैठकों
का आयोजन जी-20 की अध्यक्षता के दौरान भारत के 50 से
अधिक शहरों में 200 से अधिक बैठकें होेंगी। अलग-अलग शहरों
में बैठक आयोजित करने का उद्देश्य विविधतापूर्ण भारत की अमूल्य संस्कृति व धरोहर
से विश्व को परिचित करवाना है। अधिकांश बैठके टियर-2 व टियर-3 शहरों में होंगी ताकि भारत की संस्कृति, अध्यात्म,
विरासत, लोकाचार और पर्यटन स्थल विदेशी
मेहमानों को दिखाये जा सके। प्रथम 3 बैठकें दिसम्बर 2022 में क्रमशः उदयपुर,
बैंगलुरू तथा मुम्बई में आयोजित हुयी। विदेशी डेलीगेट्स को उदयपुर
में राजस्थानी कला व समृद्ध इतिहास, दुर्ग व किलों, मन्दिर स्थापत्य कला आदि से रूबरू करवाया गया तथा साफा-पगड़ी आदि भेंट किये
गये। बैंगलुरू में कल्बन पार्क, बैंगलुरू महल व मैसूर फिल्टर
काॅफी आदि का आनन्द विदेशी पावणों को मिला। वहीं मुम्बई में भारतीय परम्परागत
बुनाई, हस्तशिल्प, लावणी आदि की
जानकारी दी गयी व मराठी व्यंजनों का जायका विदेशी मेहमानों को परोसा गया। कोलकाता
में आयोजित चैथी बैठक के दौरान जी-20 डेलीगेट्स को
दुर्गापूजा, बंगाली स्वीट्स, बंगाल
टाइगर आदि के बारे में बताया गया। अभी फरवरी माह तक 15
बैठकें प्रस्तावित हैं जिनमें से शेष बैठकें इन्दौर, कच्छ का
रण, खजुराहो, गुवाहाटी, चण्डीगढ़, चेन्नई, जोधपुर,
तिरूवन्तपुरम, पुणे व लखनऊ में होंगी। बैठक
आयोजन करने वाला हर शहर पर्यटन व ऐतिहासिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है, इसीलिए इन शहरों से जुड़ी पर्यटन व सांस्कृतिक जानकारियाँ जी-20 की अधिकारिक वेबसाइट पर भी दी गई हैं ताकि विश्व समुदाय भारत की समृद्ध
धरोहर से अवगत हो सके और भारतीय पर्यटन को बढ़ावा मिले। 4.3.2 पर्यटन क्षेत्र के लिए जी-20 शिखर
सम्मेलन 2023 का महत्व i. इससे भारत विश्व पर्यटन बाजार का एक प्रमुख केन्द्र बन
सकेगा। ii. “जी-20 सम्मेलन” भारत को अपनी धरोहर, संस्कृति, इतिहास व पर्यटन क्षमता को दिखाने का सर्वोत्तम अवसर प्रदान करेगा। iii. कोविड-19 के बाद भारतीय पर्यटन को
विस्तार की जरूरत है। iv. इससे भारत अपनी पूर्वोत्तर प्राकृतिक-सांस्कृतिक समृद्धि को
प्रदर्शित कर सकेगा। v. अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटन मार्ट 2022 पूर्वोत्तर के 8 राज्यों के विविध पर्यटक आकर्षणों व उत्पादों को प्रकाशित करेगा ताकि विश्व पूर्वोत्तर भारत को जान सके। vi. अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटन मार्ट 2022 का उद्देश्य घरेलू व अन्तर्राष्ट्रीय बाजारों में पूर्वोत्तर क्षेत्र की पर्यटन समृद्धता को अनावृत करना है।
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निष्कर्ष |
जी-20
संगठन विश्व की 20 बड़ी अर्थव्यवस्थाओं
का समूह है जिसमें 19 देश व यूरोपियन यूनियन शामिल है। इस
आर्थिक संगठन का 18वां शिखर सम्मेलन भारत की अध्यक्षता
में इण्डोनेशिया व ब्राजील से निर्मित ट्रोइका के साथ किया जायेगा। सम्मेलन की
प्राथमिकताओं के लिए शेरपाओं की बैठकें विभिन्न शहरों में आयोजित कर “भारतीय दर्शन” के द्वारा भारतीय पर्यटन बाजार
को ओर विकसित किया जा सकेगा। भारत एक विशाल विविधतापूर्ण ऐतिहासिक और सांस्कृतिक
धरोहर से समृद्ध देश है। यहाँ का पर्यटन प्राचीन इतिहास, विरासत,
धरोहर, अध्यात्म, योग, नृत्य, भोजन और
विभिन्न भाषाओं से परिपूर्ण है। भारत के विशाल आकार व समृद्ध पर्यटन धरोहर के
बावजूद यहाँ के पर्यटन समता का पूर्ण विकास अभी तक नहीं हो पाया है। पूर्वोत्तर
क्षेत्र की तो उपेक्षा साफ नजर आती है। वर्तमान में भारत सरकार के सक्रिय प्रयासों
और जी-20 की विभिन्न बैठकों से विश्व को भारत दर्शन हो
सकेगा और यहाँ विद्यमान सांस्कृतिक विरासत व स्थापत्य कला में विश्व समुदाय की
रूचि बढ़ेगी। जी-20 सम्मेलन के आयोजन व अन्तर्राष्ट्रीय
पर्यटन मार्ट के प्रयासों से पूर्वोत्तर भारत की पर्यटन क्षमताओं का भी पूर्ण लाभ
मिल सकेगा और भारत को एक “पर्यटन बाजार” के रूप में विकसित करने में जी-20 शिखर
सम्मेलन का आयोजन एक बेहद महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। |
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सन्दर्भ ग्रन्थ सूची | 1. सक्सेना,
हरिमोहन,
“राजनीतिक भूगोल”
रस्तोगी प्रकाशन,
मेरठ,
उत्तर प्रदेश 2. स्वामी,
रामचन्द्र (2022)
“विभिन्न अन्तर्राष्ट्रीय
संगठनों की मेजबानी और बढ़ता भारत का वर्चस्व” राजस्थान विश्वविद्यालय,
जयपुर 3. झा,
मनोज (2022)
“यूक्रेन-रूस विवाद: ऊर्जा,
उर्वरक व खाद्यान संकट”
महर्षि दयानन्द सरस्वती
विश्वविद्यालय, अजमेर, राजस्थान 4. जी-20 शिखर सम्मेलन (2022)
“बाली घोषणा पत्र”
बाली,
इण्डोनेशिया 5. दृष्टि,
आई ए एस,
“जी-20 विशेषांक” नई दिल्ली 6. दैनिक जागरण, “सम्पादकीय लेख” कानपुर, उत्तर प्रदेश Website 1. www.g20.org 2. www.worldaffairs.com 3. www.jagran.com
4. www.drishtiias.com |