P: ISSN No. 2321-290X RNI No.  UPBIL/2013/55327 VOL.- X , ISSUE- VIII April  - 2023
E: ISSN No. 2349-980X Shrinkhla Ek Shodhparak Vaicharik Patrika
उच्च माध्यमिक स्तर के सामान्य जाति के छात्र-छात्राओं के गृह वातावरण का उनकी अध्ययन आदतों पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन
A Study of The Effect of Home Environment on The Study Habits of Higher Secondary General Caste Students
Paper Id :  17509   Submission Date :  17/04/2023   Acceptance Date :  19/04/2023   Publication Date :  25/04/2023
This is an open-access research paper/article distributed under the terms of the Creative Commons Attribution 4.0 International, which permits unrestricted use, distribution, and reproduction in any medium, provided the original author and source are credited.
For verification of this paper, please visit on http://www.socialresearchfoundation.com/shinkhlala.php#8
अमित कुमार
प्रवक्ता
शिक्षाशास्त्र विभाग
रा0इ0का0 नाहसैंण
पौड़ी, गढ़वाल,उत्तराखंड, भारत
सारांश बालक की अच्छी या बुरी आदतों का निर्माण घर पर ही होता है। वह परिवार के सदस्यों की आदतों को देखता है और उनका अनुसरण करता है इसलिए माता-पिता को अच्छी आदतों को विकसित कर घर का अच्छा वातावरण निर्मित करना चाहिए, जिससे बालक उनका अनुसरण कर अच्छी आदतें विकसित कर सकें।
सारांश का अंग्रेज़ी अनुवाद Good or bad habits of a child are formed at home only. He sees the habits of the family members and follows them, so parents should create a good home environment by developing good habits, so that children can develop good habits by following them.
मुख्य शब्द उच्च माध्यमिक स्तर, गृह वातावरण, अध्ययन, विकासखण्ड।
मुख्य शब्द का अंग्रेज़ी अनुवाद Higher Secondary Level, Home Environment, Study, Development Block.
प्रस्तावना
प्रस्तुत शोध में रूद्रप्रयाग के विकासखण्ड अगस्त्यमुनि और जखोली के सामान्य जाति के (No-87) छात्र-छात्राओं को चयनित किया गया है। गृह वातावरण एवं अध्ययन आदतों के मापन हेतु गृह वातावरण सूची डा0 बीना शाह एवं अध्ययन आहत सूची एम0 मुखोपाध्याय एवं डा0 डी0एम0 सनसनवाल द्वारा निर्मित उपकरणों का प्रयोग किया गया है। छात्र-छात्राओं को गृह वातावरण का उनकी अध्ययन आदतों पर सार्थक प्रभाव पाया गया। अध्ययन की आवश्यकता:- बालक अपने चारों ओर के वातावरण से अपने प्रारम्भिक जीवन में वह सब कुछ सीखता है जो उसके वातावरण मे हो रहा होता है और वह इन्हीं क्रियाओं को सीखकर उनका अनुसरण करता है। इसलिए घर अथवा आस-पास का वातावरण छात्र-छात्राओं को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करता है, इसलिए गृह वातावरण का उनकी अध्ययन आदतों पर प्रभाव ज्ञात करने की आरे शोधकर्ता आकर्षित हुआ।
अध्ययन का उद्देश्य 1. उच्च माध्यमिक स्तर के सामान्य जाति के छात्र-छात्राओं के गृह वातावरण का उनकी अध्ययन आदतों पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन करना। 2. उच्च माध्यमिक स्तर के सामान्य जाति के छात्र-छात्राओं के गृह वातावरण (आयामों के आधार पर ) का उनकी अध्ययन आदतों पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन करना।
साहित्यावलोकन
बालक के सामाजिक सरोकार के लिए घर प्रथम पाठशाला होती है तथा घर शिक्षा का सर्वोत्तम स्थान और बालक का प्रथम विद्यालय होता है। बालक के व्यक्तित्व  के सम्पूर्ण विकास में घर के वातावरण का महत्वपूर्ण योगदान होता है। गृह वातावरण छात्र-छात्राओं को अभिवृत्ति का विकास एवं संवेगों का संतुलित विकास तथा उचित आदतों/अध्ययन आदतों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो बालकों की सफलता के लिए महत्वपूर्ण  है। मोहन राज रानी (2005) ने अध्ययन मे पाया कि पारिवारिक वातावरण, गृह समायोजन में सार्थक सह-सम्बन्ध है। कौर, सुपरिन्दर (2012) ने अध्ययन में पाया कि अपराधी प्रवृत्ति एवं पारिवारिक वातावरण के विभिन्न आयामों के मध्य सकारात्मक सम्बन्ध पाया गया। रानी, रीना (2013) ने अध्ययन में पाया उच्च माध्यमिक विद्यालयों के विज्ञान वर्ग के छात्र-छात्राओं की अध्ययन आदतों एवं ग्रह वातावरण के मध्य सकारात्मक सम्बन्ध नहीं पाया गया। मनीषा (2016) ने अध्ययन में पाया कि छात्राओं की सुरक्षा एवं असुरक्षा की भावना तथा गृह वातावरण के मध्य आंशिक सह-सम्बन्ध पाया गया। Sharma P Kamini (2023) ने गृह वातावरण, स्कूल वातावरण अध्ययन आदतों और शैक्षिक लब्धि में सार्थक सम्बन्ध पाया।
परिकल्पना 1. उच्च माध्यमिक स्तर के सामान्य जाति के छात्र-छात्राओं के गृह वातावरण का उनकी अध्ययन आदतों पर सार्थक प्रभाव नहीं पड़ता है।
2. उच्च माध्यमिक स्तर के सामान्य जाति के छात्र-छात्राओं के गृह वातावरण (आयामों के आधार पर) का उनकी अध्ययन आदतों पर सार्थक प्रभाव नहीं पड़ता है।
न्यादर्ष
अध्ययन में न्यायदर्श के रूप में जनपद रूद्रप्रयाग के उच्च माध्यमिक स्तर के सामान्य जाति के 87 छात्र-छात्राओं केा सम्मिलित किया गया है।
प्रयुक्त उपकरण आंकड़ों के संग्रहण हेतु डा0 बीना शाह द्वारा निर्मित गृह-वातावरण सूची एवं एम0 मुखोपाध्याय एवं डी0एन0 सनसनवाल के द्वारा निर्मित अध्ययन आदत सूची का प्रयोग किया गया है। गृह-वातावरण सूची में 10 आयाम तथा 90 प्रश्न है, जबकि अध्ययन आदत सूची में 9 आयाम तथा 70 प्रश्न है।
अध्ययन में प्रयुक्त सांख्यिकी

प्रस्तुत अध्ययन में गृह-वातावरण का अध्ययन आदतों पर प्रभाव देखने के लिए प्रसरण विश्लेषण (f test) का प्रयोग किया गया है।

विश्लेषण

तालिका संख्या -1

उच्च माध्यमिक स्तर के सामान्य जाति के छात्र-छात्राओं के गृह वातावरण का उनकी अध्ययन आदतों पर पड़ने वाले प्रभाव का प्रसरण विश्लेषण:-

प्रसरण स्रोत

वर्गों का योग

df

मध्यमान वर्ग

f

अन्तर समूह

17983.281

4

4495.820

5.820

अन्तः समूह

431075.861

558

772.537

उपरोक्त तालिका में सामान्य जाति के छात्र-छात्राओं के वर्ग में f का मान 5.820 जो विश्वास के स्तर 0.05 पर सार्थक है। अर्थात सामान्य जाति के छात्र-छात्राओं का गृह वातावरण उनकी अध्ययन आदतों को सार्थक रूप से प्रभावित करता है।

तालिका संख्या -2

उच्च माध्यमिक स्तर के सामान्य जाति एवं अनुसूचित जाति के छात्र-छात्राओं के गृह वातावरण का (आयामों के आधार) उनकी अध्ययन आदतों पर पड़ने वाले प्रभाव का प्रसरण विश्लेषण:-

आयाम

प्रसरण स्रोत

वर्गों का योग

df

मध्यमान

f

प्रतिबन्धात्मक/ स्वतन्त्रता

अन्तर समूह

9536.155

4

2384.039

3.027

अन्तः समूह

439522.993

558

787.676

अनुग्रह एवं परिहार

अन्तर समूह

7135.799

4

1783-950

2.253

अन्तः समूह

441923.349

558

791.977

पक्षपात एंव न्याययुक्त

अन्तर समूह

6331.672

4

1582.918

1.995

अन्तः समूह

442727.475

558

793.418

सावधान एवं उपेक्षा

अन्तर समूह

2340.528

4

58.132

0.731

अन्तः समूह

446718.620

558

800.571

स्वीकृति एंव अस्वीकृति

अन्तर समूह

3088.441

4

772.110

0.996

अन्तः समूह

445970.707

558

799.231

उत्साह एवं स्नेहीन सम्बन्ध

अन्तर समूह

8518.803

4

2129.701

2.698

अन्तः समूह

440540.345

558

789.499

विश्वास एवं अविश्वास

अन्तर समूह

14919.944

4

3729.986

4.794

अन्तः समूह

434139.204

558

778.027

प्रभुत्व एवं आज्ञाकारिता

अन्तर समूह

5653.612

4

1413.403

1.779

अन्तः समूह

443405.535

558

794.64

उम्मीद एवं निराशा

अन्तर समूह

7290.405

4

1812.601

2.302

अन्तः समूह

441768.42

558

791.700

खुली एवं नियन्त्रित वार्तालाप

अन्तर समूह

12273.022

4

3068.255

3.920

अन्तः समूह

436786.129

558

782.771

उपरोक्त तालिका में गृह वातावरण के आयाम-प्रतिबन्धात्मक एवं स्वतन्त्र, उत्साह एवं स्नेहीन सम्बन्ध, विश्वास एवं अविश्वास, खुली वार्तालाप एवं नियन्त्रित वार्तालाप का उनकी अध्ययन  आदतों पर सार्थक प्रभाव पाया गया। जबकि अन्य आयाम-अनुग्रह एवं परिहार पक्षपात एवं न्याययुक्त सावधान एवं उपेक्षा स्वीकृति एवं अस्वीकृति, प्रभुत्व एवं आज्ञाकारिता तथा उम्मीद एवं निराशा का उनकी अध्ययन आदतों पर सार्थक प्रभाव नहीं पाया गया। अर्थात अन्य आयाम सार्थक रूप से अध्ययन आदतों को प्रभावित नहीं करते हैं।

निष्कर्ष उच्च माध्यमिक स्तर के सामान्य जाति के छात्र-छात्राओं का गृह वातावरण उनकी अध्ययन आदतों को सार्थक रूप से प्रभावित करता है, जिन छात्र-छात्राओं का गृह वातावरण उत्तम पाया गया उनकी अध्ययन आदतें भी उत्तम पायी गयी है। 1. उच्च माध्यमिक स्तर के सामान्य जाति के छात्र-छात्राओं के गृह वातारण के आयाम यथा प्रतिबन्धात्मक एवं स्वतन्त्रता, उत्साह एवं स्नेहीन सम्बन्ध, विश्वास एवं अवश्विास खुली वार्तालाप एवं नियन्त्रित वार्तालाप का उनकी अध्ययन आदतों पर सार्थक प्रभाव पाया गया अर्थात यह आयाम अध्ययन आदत को प्रभावित करते हैं, जबकि अन्य आयाम अनुग्रह एवं परिहार पक्षपात एवं न्याययुक्त, उपेक्षा एवं सावधान स्वीकृति एवं अस्वीकृति, प्रभुŸव एवं आज्ञाकारिता तथा उम्मीद एवं निराशा का उनकी अध्ययन आदतों पर सार्थक प्रभाव नही पड़ता अर्थात ये आयाम अध्ययन आदतों को सार्थक रूप से प्रभावित नहीं करती हैं। शैक्षिक महत्व एवं उपयोगिता: 1. उच्च माध्यमिक स्तर के सामान्य जाति के छात्र-छात्राओं के गृह वातावरण का उनकी अध्ययन आदतों पर सार्थक प्रभाव पाया गया इससे स्पष्ट होता है अध्ययन आदतों को विकसित करने के लिए छात्र-छात्राओं को उŸाम गृह वातावरण उपलब्ध करना चाहिए, जिससे उनकी अध्ययन आदतें उत्तम रूप से विकसित हो सके। 2. अध्ययन आदतों को विकसित करने के लिए विद्यालय और घर पर छात्र-छात्राओं को अच्छा वातावरण उपलब्ध कराना चाहिए, जिस पर विद्यालय एवं दोनों को आवश्यक रूप से ध्यान देना चाहिए।
अध्ययन की सीमा 1. प्रस्तुत शोध को जनपद रूद्रप्रयाग के शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों तक सीमित किया गया है।
2. प्रस्तुत शोध को जनपद रूद्रप्रयाग के जखोली एवं अगस्त्यमुति विकाखण्ड तक सीमित किया गया है।
सन्दर्भ ग्रन्थ सूची
1. मोहनराज, रानी (2005), परसिण्ड फैमिली एनवायरमेंट इन रिलेशन टू एडजस्टमेंट एण्ड एचीवमेंट, पी0एच0डी0 (मनोविज्ञान), मद्रास विश्वविद्यालय चेन्नई। 2. राम गजपाल (2013) उच्च माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों की अध्ययन आदतों का उनकी शैक्षिक उपलब्धि तथा समायोजन पर प्रभाव, पी0एच0डी0 शिक्षा विभाग, हे0न0ब0ग0 केन्द्रीय विश्वविद्यालय, श्रीनगर गढ़वाल। 3. रानी, रीना (2013), उच्च माध्यमिक विद्यालयों के विद्यार्थियों के गृह वातावरण और अध्ययन आदत के मध्य सम्बन्ध का अध्ययन, शोध पत्र, इण्टरनेशनल जर्नल और रिसर्च इन एजुकेशन, वाल्यूम-2, इश्यू-7, पृष्ठ संख्या-35-39 4. कपिल, एच0के0 (1992) सांख्यिकी के मूल तत्व, आगरा, विनोद पुस्तक मन्दिर। 5. सुलैमान, मुहम्मद (2013), मनोविज्ञान शिक्षा एवं अन्य सामाजिक विज्ञानों में सांख्यिकी, मोतीलाल बनारसी दास, दिल्ली। 6. Sharma P Kamini (2023), Home Enviroment, School Eviroment study habits in Relation to their Academic Achivement, IJIRT, Vol.9, Issue.8.