ISSN: 2456–4397 RNI No.  UPBIL/2016/68067 VOL.- VIII , ISSUE- IV July  - 2023
Anthology The Research

हिमाचल प्रदेश पालमपुर का एक पर्यटन के रूप में अध्ययन

Himachal Pradesh A Study of Palampur as a Tourism
Paper Id :  17691   Submission Date :  2023-07-10   Acceptance Date :  2023-07-21   Publication Date :  2023-07-25
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रश्मि गोयल
विभागाध्यक्ष
भूगोल विभाग
शम्भुदयाल (पी० जी०) कॉलेज
गाजियाबाद,उत्तर प्रदेश, भारत
सारांश

मनुष्य जन्म से ही पुरानी और नई वस्तुओं को जानने की आकांक्षा रखता है। पहले रोज में आने वाली और फिर बाहरी पदार्थों से अवगत होकर अपने ज्ञान को बढ़ाना चाहता है। पहले समय में कहीं घूमने के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था पर आज के समय में यात्रा करने के लिए परेशानी का सामना न के बराबर है। विज्ञान की तरक्की के साथ-साथ आज यातायात के साधन भी दिन-प्रतिदिन आसान होते जा रहे हैं। जैसे साइकिल, स्कूटर, कार, बसों, रेलगाड़ी तथा हवाई जहाज आदि। पर्यटन के दौरान निम्न लाभ प्राप्त होते हैं।- 1. मानव स्वभाव, रीति-नीति और रहन-सहन 2. भ्रमणशील मनुष्य कभी धोखा नहीं खाता 3. दूसरों का चेहरा देखकर उनके मनोभावों को पहचान लेता है। 4. मानव में सतर्कता, चेतना, एवं स्वावलंबन के गुण आते हैं। 5. मानव को देश- विदेश की प्राकृतिक स्थिति, जलवायु, उपज, सामाजिक स्थिति, कला-कौशल और औद्योगिक अवस्था का पता चल जाता है। 6. मनुष्य का मनोरंजन भरा-पूरा होता है। ऐतिहासिक स्थल फूलों से भरा बाग, ऊँचे ऊँचे पर्वत, नदियों, प्रकृति का नैसर्गिक सौन्दर्य देखने को मिलता है। इन सबको देखने के बाद मानवका मन खुश हो जाता है। अधिकतर लोग जाने से पहले छोटी-छोटी चीजों का ध्यान रखना भूल जाते है । यही भूल यात्रा के दौरान काफी दुखदायी होती है। इसके लिए आपको सबसे पहले सामानों की सूची तैयार करनी चाहिए जिससे यात्रा यादगार साबित हो। पर ऐसी समस्या सबके साथ नहीं होती है। अपने पसन्द की जगहों पर घूमना सभी का सपना होता है। खासकर गर्मियों की छुट्टियों में क्योंकि सब फ्री हो जाते हैं। पर्यटन के शौकीन लोग भ्रमण करने से पहले सारी जानकारी लेकर तब घर से निकलते हैं। और यह सही भी है। यात्रा के दौरान संयम, सहयोग, मधुर व्यवहार से आप सभी का दिल जीत सकते हैं।

सारांश का अंग्रेज़ी अनुवाद Man aspires to know old and new things since birth. First he wants to increase his knowledge by being aware of the daily and then external things. In earlier times, there was a lot of trouble to travel somewhere, but in today's time traveling is equal to facing trouble. Along with the progress of science, the means of transport are also becoming easier day by day. Like cycles, scooters, cars, buses, trains and airplanes etc. The following benefits are obtained during tourism. ,
1. Human nature, customs and way of life
2. A traveling man never gets cheated
3. Recognizes the emotions of others by looking at their faces.
4. Human beings have the qualities of vigilance, consciousness, and self-reliance.
5. Human beings get to know about the natural condition, climate, yield, social condition, art-skill and industrial condition of the country and abroad.
6. Man's entertainment is full.
The historical site is full of flowers, high mountains, rivers, natural beauty of nature can be seen. After seeing all these, the human heart becomes happy. Most people forget to take care of small things before leaving. This mistake is very painful during the journey. For this, you should first prepare a list of goods so that the journey proves to be memorable. But this problem does not happen with everyone. It is everyone's dream to visit their favorite places. Especially in the summer holidays because everyone becomes free. People who are fond of tourism leave home after taking all the information before visiting. And that's right too. During the journey, you can win everyone's heart by restraint, co-operation, sweet behavior.
मुख्य शब्द पर्यटन, यातायात, देश-विदेश, सतर्कता, कौशल, चेतना, जलवायु, कला-कौशल, पर्वत, नदियों, संयम, सहयोग,रहन-सहन, स्वावलंबन।
मुख्य शब्द का अंग्रेज़ी अनुवाद Tourism, traffic, country-abroad, vigilance, skill, consciousness, climate, art-skill, mountains, rivers, restraint, cooperation, living, self-reliance.
प्रस्तावना

पृथ्वी पर स्वर्ग के क्षणों का आनन्द लेने के लिए लोगों के अलग-अलग अर्थ होते हैं। कुछ लोगों के लिए रोमांच है तो कुछ के लिए ध्यान से प्रेरित शान्ति है। दूसरों के लिए तीर्थ स्थानों की यात्रा करना अन्दर की खोज है। चाहे वह जंगल की शान्ति हों, बर्फ की चोटियों की महिमा हो या दुर्लभ विरासत का एक टुकड़ा हो, हिमाचल प्रदेश यह सब प्रदान करता हैं और भी बहुत कुछ प्रदानकरता है। यहाँ परिवार व्यक्ति या समूह के लिए छुट्टियाँ हैं। यहाँ हनीमून के लिए आदर्श स्थान और सम्मेलनों और व्यावसायिक सम्मेलनों के लिए रोमांचकारी स्थान हैं। और इस सब के लिए एचपीटीडीसी हिमाचल में सबसे व्यापक आतिथ्य नेटवर्क प्रदान करता है। 'एबोर्ड ऑफ इंटरनल स्नो' की तुलना एक खुली स्वागत करने वाली हथेली से की जा सकती हैं - जहाँ प्रत्येक उंगली एक प्रमुख पर्वत श्रृंखला, प्रत्येक नाली एक घाटी और प्रत्येक रेखा रखती है। एक नदी या नाला, पश्चिमी हिमालय में स्थित राज्य में कई ऊंचे पहाड़ हैं जिनमें से कई पर अभी भी चढ़ाई नहीं की जा सकी है। हिमाचल का बाहरी हिस्सा घुमावदार पहाड़ियों से शुरू होता है जो समुद्र तल से सिर्फ कुछसौमीटर ऊपर है और ये कम उतार-चढ़ाव राजसी बर्फ से ढकी चोटियों को छूने के लिए बढ़ते हैं। 6,816 मीटर ऊँची रेओ पुर्गयिल हिमाचल की सबसे ऊंची चोटी है। फिर ऊंचे दरों के पार ट्रान्स हिमालय का शुष्क हवा वाला इलाका है। स्थान के अनुसार जलवायु बदलती रहती है। गर्मियों में यह हल्की से गर्म और सर्दियों में मध्यम से ठण्डी होती है। अधिकांश क्षेत्रों को पाँच अलग- अलग मौसमों का आनन्द लेने का गौरव प्राप्त है- वसंत, ग्रीष्म, मानसून, शरद ऋतु और सर्दी। हिमाचल भारत की कुछ सबसे पुरानी किंवदंतियों का घर है और यहाँ कुछ सबसे आकर्षक मेले और त्यौहार हैं। यहाँ पर चीड़ और देवदार के पेड़ उगते हैं, जहाँ किरण, लकड़ी काटने वाले भालू और मायावी हिम तेंदुए घूमते हैं। इसकी वास्तुकला और सांस्कृतिक विरासत में प्राचीन किले और महल, सदियों पुराने मंदिर और बौद्ध मठ शामिल हैं और औपनिवेशिक इमारतों के कुछ बेहतरीन उदाहरण हैं जो हिल स्टेशनों के 'पुराने विश्व' आकर्षण में स्थापित हैं।

अध्ययन का उद्देश्य

निम्न प्रकार से हैं-

1. जानकारी हासिल करके ज्ञान को बढ़ाना।

2. दौड़ भरीजिन्दगी तथा तनाव मुक्त रहने का पर्यटन सबसे अच्छा साधन।

3. परिवार के साथ समय व्यतीत एक साथ करना।

4. साथ में Group discussion के माध्यम सें किसी भी topic पर चर्चा करना।

5. स्वास्थ्य की दृष्टि से भी पर्यटन उपयोगी।

6. प्रकृतिकेपास तो बहुत अच्छा है जो हमारी आँखों को शीतलता प्रदान करता है।

7. मौसम भी स्वास्थ्य को स्वस्थ रखने में सहायक होता है।

8. प्रदूषण से भी दूर रहने को का मिलताहै।

9. पढ़ने में भी मौसम के अनुसार आनन्द की प्राप्ति होती हैं।

साहित्यावलोकन

जालंधर साम्राज्य का भाग पालमपुर जो कभी पहले हुआ करता था। पर अबएक खूबसूरत हिल स्टेशन हैजो कांगडा घाटी में स्थित है। इसका अस्तित्वतब शुरू हुआ जब बॉटनिकल गार्डन कें अधीक्षक डॉ० जेम्सन ने 1849 में अल्मोड़ा से चाय के बागान की चाय के शुरुआत की। वहाँ की जलवायु के अनुसार बागान बढ़ते गये। साथ में यूरोपीय चाय एस्टेट मालिकों का केन्द्र बिन्दु बन गई। वाह टी स्टेट का स्वामित्व नवाब मुहम्मदहयात खान तथा उनके वंशजों के पास 1947 तक था।उसी समय से पालमपुर पालमपुर की कांगड़ा चाय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मशहूर हो गई और उसने धूम मचा दी । पालमपुर का भ्रमण 1941 में स्वतन्त्र भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने किया। इसी कारण पालमपुर में एक नेहरू चौक है। चाय बागानों के विकास ने प्रशासन को पालमपुर में स्कूलों, कालेजों, और अस्पताल बनाने के लिए 19वीं शताब्दी मध्य से प्रेरित किया। चाय के बागानों पर श्रम करने वाले मजदूरों का केन्द्र भी बन गया। 1905 में भूकम्प आया और अपने साथ विनाश की लीला भी लाया। पर उनका पुनः निर्माण किया गया। पनबिजली परियोजना के लिए रेलवे लाइन का निर्माण 1927 में किया गया। इससे रोजगार में वृद्धि हुई। चौधरी सरवन कुमार हिमाचल प्रदेश कषि विश्वविद्यालय की स्थापना 1978 में हुई। होल्टा में सैन्य स्टेशन स्थापित किया गया। हिमालयन बायोरिसोर्स टेक्नोलॉजी संस्थान की स्थापना 1983 में की गयी| पालमपुर नगर निगम का गठन 2020 में किया गया। पालमपुर हिमाचल प्रदेश का एक विधानसभा क्षेत्र है। काफी समय तक कुंज बिहारी लाल बुटेल ने विधायक कें रूप में कार्य किया। वर्तमान विधायक आशीष बुटेल हैं। शहर के पीछे धौलाधार पर्वत (बर्फ की सफेद पहाड़ी) की ऊँची चोटियों हैं अधिकांश समय तक ढकी रहती है। कई ट्रैक मार्ग पालमपुर से निकलते हैं। विशेषत: धौलाधार पर्वत से चंबा और कुल्लू हिमाचल प्रदेश की ओर पालमपुर में कई बौद्ध मठ हैं। परिवहन के तौर पर रेल द्वारासड़क द्वारा, हवाई जहाज से यात्रा कर सकते हैं। पालमपुर शिक्षा की दृष्टि से भी अच्छा है। न्यूगल खड्ड पानी की एक धारा है जो पालमपुर के पास बहती है। पालमपुर एक प्रगतिशील गाँव है। पालमपुर में नदियाँ, झरने, बर्फ की चोटियाँ, चाय के बागान लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं। पालमपुर उत्पादन के लिए मुख्य प्राथमिकता भूमि है। जिससे काफी कुछ किया जा सकता है। भूमि के बिना तो रहनाउगानापढ़ने के लिए जमीन, सभी कार्यों के लिए भूमि के बिना सम्भव नहीं है। शाहपुर पालमपुर के निकटतम कस्बे का नाम है। जहाँ मुख्य क्रिया खेती है।

मुख्य पाठ


अध्ययन क्षेत्र - पालमपुर एक पहाड़ी स्टेशन और भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित एक नगर निगम है। समुद्र तल से 1205 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। पालमपुर अपने सुहावने मौसम, बर्फीली पहाड़ियों, हरी भरी घाटियों, सर्पीली सड़कों, और मीलों फैले चाय बागानों की सुन्दरता से सैलानियों को आकर्षित करताहै। धौलाधार पहाडियों से घिरा पालमपुर एक छोटा सा हिल स्टेशन है। पालमपुर धर्मशाला से 30 किमी. की दूरी पर स्थित है। यहाँ हर मौसम पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है। किसी समय में यह स्थल अंग्रेजों की प्रमुख सैरगाह हुआ करता था।

 

पालमपुर का विस्तार-

Latitudes - 32.110542

Longitudes - 76.536224

Area - 14.96 km²

Sea Level - 1,220 m

Population - 4,800

Height-1300 metres

District-Kangra

Elevation- 1,472-2,350m  (-6,238 ft)

पालमपुर में 2022 में जनसंख्या 4,700 तथा 2024 में 4.900 तथा 2025 में 5,000 होगी ऐसा प्रतीत होता है।

विषय-विवेचन- सन् 1905 में आए भीषण भूकम्प से यहाँ जान-माल की काफी क्षति हुई थी। इसीलिए अंग्रेजों का इस स्थान से मन हट गया था। पर इस भूकम्प में हैरानी की यह हैं कि तारा देवी का मन्दिर का कुछ नहीं बिगड़ा। वह ऐसे ही खड़ा रहा. जो आज 2023 में खड़ा है। भूकम्प के बाद से अंग्रेज अपने बागों को स्थानीय लोगों को सस्ते दामों में बेचकर अपने मुल्क रवाना हो गए थे। वर्तमान समय में 1400 हेक्टेयर जमीन में फैले चाय के बाग पालमपुर की शान है। इन्हीं विशाल बागों के कारण पालमपुर 'टी सिटी' के नाम से प्रसिद्ध है। पालमपुर के सुरम्य परिदृश्य शहर की एक प्रसिद्ध विशेषता है। वास्तुकला और सुंदर मन्दिरों के लिए भी मशहूर है।

Attrations:-

1. बीर - (29.6 km.) बीर का सुहावना क्षेत्र कुछ हद तक पालमपुर के समान है। बड़े सीढ़ीदार खेत और कुछ चाय के बागान हैं यहाँ तिब्बती प्रवासियों की काफी बड़ी बस्ती और एक मठ भी है। यह बिलिंग से उड़ान भरने वाले पैरा- गिल्डर्स के लिए लैंडिंग क्षेत्र है।

2. आर्ट गैलरी- (30.9 km) इस आर्ट गैलरी को देखने विश्व-भर से लोग आते हैं। यहाँ शोभा सिंह के बनाए चित्रों में सोहनी महिवाल, कांगड़ा दुल्हन तथा गुरु नानक देव के चित्रों ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त की है। पेंटिंग चुम्बकीय और मनोरम है और सब लोग उन जलरंगों, तेलों और एक्रेलिक पर पूरी तरह से मुग्ध हो जायेंगें।

3अंद्रेटा - (11.9 Km) यह आकर्षक गाँव कुछ दशक पहले कुछ प्रसिद्ध कलाकारों का घर बन गया था। शोभा सिंह, बी० सी० सान्याल और नोरा रिचर्डस कांगड़ा की जंगली पृष्ठ भूमि की ओर प्रभावित हुए और यहीं ठहर गए। इन दिग्गजों के आस- पास कलाकारों का एक छोटा लेकिन सक्रिय समुदाय पनपने लगा। शोभा सिंह के कई काम यहाँ अंद्रेटा में निष्पादित किए गए जहाँ उनके घर को एक कला-गैलरी में बदल दिया गया है। यहाँ आज एक मिट्टी के बर्तन बनाने का केन्द्र भी है।

4. चामुंडा देवी मंदिर- (10Km) यह एक प्राचीन मंदिर है जो बानेर नदी के तट पर स्थित है। रामायण और महाभारत के दृश्यों को चित्रित किया गया है। यहाँ दूर-दूर से दर्शन के लिए लोग आते हैं। दर्शन करने के बाद नदी किनारे पर बैठकर आराम कर सकते हैं। परिवार के साथ लोग आते हैं।

 

5.न्यूगल खड्ड- (3-4 Km.) यहाँ पर लोग पिकनिक का आनन्द लेने जाते हैं। धौलाधार रेंज की प्राकृतिक सुन्दरता का आनन्द भी ले सकते है। पानी स्वच्छ हैं। फोटोग्राफी का आनन्द भी ले सकते हैं। पास में ही न्यूगलपार्क भी हैं जहाँ पास में खाने पीने का सामान भी मिलता है।

 

 

6बैजनाथ मंदिर –(17 Km.) बैजनाथ का मंदिर शास्त्रीय भारतीय वास्तुकला का एक अद्‌भुत उदाहरण है और पवित्र जालंधरपीठ के दायरे में आता है। यह मन्दिर चिकित्सकों के भगवान शिव को समर्पित है। बैजंथ का छोटा शहर काफी प्राचीन स्थान है और इसे कभी किराग्राम के नाम से जाना जाता था और पुराने व्यापार मार्गों पर एक महत्वपूर्ण स्थान रखता था।

7. Kangra Fort –(20 Km.) यह फोर्टअपनी विशालता और धन दौलत के कारण इस किले पर बहुत से आक्रमण हुएतीन नदियों से घिरा होने के कारण इसे त्रिगर्त कहा जाता है। भारत का सबसे पुराना किला है। यह धर्मशाला से 20 km दूरी पर है। यहाँ किले में स्थित बृजेश्वरी मंदिर में बड़ी मूर्ति को धन चढ़ाया जाता था ।

8एक ब्रजेश्वरी मंदिर- यह कांगड़ा के प्रमुख मंदिरों में से है। आध्यात्मिक रूप से ज्ञानवर्धक स्थलों में से एक है यह भारत के 51 शक्ति पीठों में से एक है।

9गोपालपुर - यहाँ एक चिड़ियाघर है, जहाँ शेर, भालू हिरण, खरगोश, याक, बारहसिंगा, जंगली बिल्ली आदि वन्य जीवों को पास से देख सकते हैं।

10बिलिंग- यहाँ बीर से पहुंचा जा सकता है और यह पैराग्लाइंडिंग के लिए एक लोकप्रिय स्थल है। यह मुख्य टेक मार्ग का पहुँच बिंदु हैं जो बारा बंगाल की सुंदर घाटी की ओर जाता है। पिछले कुछ वर्षों मेंयह पैराग्लाइडिंग प्री-वर्ल्ड कप आयोजन का स्थल भी रहा है।

हम परिवार सहित पालमपुर घूमने के लिए गयेजहाँ हम सब सैक्ल्यूड होटल में रुके।

कहा जाता है कि "पालमपुर" नाम स्थानीय शब्द पुलम से लिया गया है, जिसका अर्थ हैं। "बहुत सारा पानी"। पहला फूलाधार पहाड़ों की पृष्ठभूमि है, जो समतल जमीन से नाटकीय रूप से कुछ किलोमीटर की दूरी पर उठते हैं। दूसरा है बहुत सारी धाराओं और पुस्तकों की उपस्थिति, जो आपस में मिलती-जुलती हैं। यहाँ एक बड़ी नेगुअल खाई है, जबकि कई छोटी-छोटी नदियाँ निचली पहाड़ियों पर बहती हैं। तीसरा चाय बागानों की उपस्थिति है जिसने पालमपुर को एक शहर के रूप में स्थापित किया। गर्मियाँ गर्म होती हैं और सूती कपड़े काफी होते हैं। सर्दियों ठण्डी हो सकती हैं और ऊनी कपड़ों की आवश्यकता होगी ।

सैलिसबरी के अनुसार –(पर्वत स्पष्ट रूप से उच्च भूमियाँ हैं जिनके शिखर क्षेत्र थोड़े ही हैं।)”

दर्शनीय त्यौहार 

होली - पालमपुर को होली के दिन दुल्हन के तरह सजाया जाता है। रंगों के त्यौहार होली को पालमपुर में राज्य स्तरीय दर्जा प्राप्त है। इस त्यौहार को देखने के लिए यहाँ देश- विदेश से लोग आते हैं। देर रात तक होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों से यहाँ का शान्त वातावरण बेहद संगीतमय हो जाता है । इन दिनों पालमपुर के सभी होटल, गेस्ट हाउसव धर्मशालाएं सैलानियों से भरे रहते हैं। यदि आप पालमपुर की होली का आनन्द लेना चाहते हैं, तो होटल आदि में अपनी बुकिंग पहले से ही करानी होगी।

निष्कर्ष

इस पेपर को लिखने के बाद इस नतीजे पर पहुंचते हैं कि हम ठहरना चाहते हैं वो भी शान्त वातावरण में उस जगह को हम खोजते हैं नक्शे के अन्दर। तो सबसे पहले देखते हैं कि हिल स्टेशन कहाँ-कहाँ पर है तो हमने प्रकृति का नजारा देखने के लिए धर्मशाला से 30 किमी0 दूर पालमपुर जगह खोजी जहाँ पर हमने भरपूर आनन्द लिया । हम लोग जिन्दगी जीते रहते हैं पर इस ओर कभी ध्यान नहीं देते। पालमपुर प्रगति की ओर बढ़ता हुआ गाँव है। पालमपुर में पर्यटन काफ़ी कम है। अगर पर्यटन को बढ़ाना है तो सुविधाओं का ध्यान रखना होगा। अगर धर्मशाला और मैकलोडगंज में से किसी एक को चुना जाये तो पालमपुर ज्यादा अच्छा है क्योंकि शान्तप्रिय जगह है। क्योंकि उपरोक्त दोनों स्थान शान्त-प्रिय नहीं है। हर्षवर्धन चौहान जो कि औद्योगिक और parliamentary affairs के Head हैं उन्होंने कहा कि धर्मशाला और पालमपुर में IT Parks बनेंगें। सरकार ने यह भी कहा है कि एक साल के अन्दर युवावर्ग को 20,000 नौकरी और अगले पाँच सालों में सरकारी क्षेत्र में एक लाख नौकरी देंगें। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि कांगड़ा को प्रदेश की पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित किया जा रहा है। यह भी कहा कि कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार का कार्य प्रगति पर है। रनवे की लम्बाई 1372 मीटर से बढ़ाकर 3010 मीटर की जायेगी। जिससे कि बड़े विमान भी उतर सके। युवाओं को रोजगार दिलाने की ओरभी ध्यान दिया जा रहा है।

सन्दर्भ ग्रन्थ सूची

1. himanchaltourism.gov.in

2. https://www. Topper.com

3. स्वयं जाकर सर्वे किया। 06 जून 2023

4. https:// brainly.in

5. पर्यावरण विज्ञान - डॉ. विजय कुमार तिवारी- 2018

6. न्यूजपेपर से- 2022-23