ISSN: 2456–4397 RNI No.  UPBIL/2016/68067 VOL.- VIII , ISSUE- V August  - 2023
Anthology The Research
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा रचित साहित्य में निहित मूल्य
Values Inherent in the Literature Written by Dr. APJ Abdul Kalam
Paper Id :  18026   Submission Date :  09/08/2023   Acceptance Date :  20/08/2023   Publication Date :  25/08/2023
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DOI:10.5281/zenodo.8351990
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जय श्री खंगारोत
शोधार्थी
शिक्षा विभाग
लोकमान्य तिलक शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय
उदयपुर, राजस्थान, भारत
अमी राठौड़
एसोसिएट प्रोफेसर
शिक्षा विभाग
जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय
उदयपुर, राजस्थान, भारत
सारांश डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने बहुत सी पुस्तकों की रचना की जिसमें उन्होंने अपने प्रेरणादायक विचार प्रस्तुत किए तथा उत्कृष्ट साहित्य का सृजन किया। इसी क्रम में शोधार्थी ने डॉ कलाम द्वारा रचित प्रमुख पुस्तकों उनके द्वारा रचित पुस्तक भारत 2020 नव निर्माण की रूपरेखा तथा पुस्तक महाशक्ति भारत का चयन कर गहन अध्ययन किया। शोधार्थी ने इनमे निहित विभिन्न जीवन मूल्यों को पहचानने का प्रयास किया। देश के भावी कर्णधारो में एपीजे अब्दुल कलाम इमानदारी, संवेदनशीलता, पर्यावरण संरक्षण, नैतिकता, सहानुभूति जैसे मूल्यों की स्थापना करने पर बल देना चाहते थे जिनका उपयोग राष्ट्रहित में राष्ट्र निर्माण में किया जा सकता है। भावी पीढ़ी इससे प्रेरणास्पद संदेश प्राप्त कर अपने व्यवहार में मूल्यों की पुर्नस्थापना कर सकती है।
सारांश का अंग्रेज़ी अनुवाद Dr. APJ Abdul Kalam composed many books in which he presented his inspirational thoughts and created excellent literature. In this sequence, the researcher made an in-depth study by selecting the major books composed by Dr. Kalam, the book Bharat 2020, the outline of new construction and the book Mahashakti Bharat. The researcher tried to identify the various life values inherent in them. In the future leaders of the country, APJ Abdul Kalam wanted to emphasize on the establishment of values like honesty, sensitivity, environmental protection, morality, sympathy which can be used in nation building in national interest. The future generation can re-establish the values in their behavior by getting inspirational messages from it.
मुख्य शब्द डॉ एपीजे अब्दुल कलाम, भारत 2020, उत्कृष्ट साहित्य, राष्ट्रहित।
मुख्य शब्द का अंग्रेज़ी अनुवाद Dr. APJ Abdul Kalam, India 2020, Excellent Literature, National Interest
प्रस्तावना

मूल्य एक ऐसी आचरण संहिता या सद्गुण संभव है जिसे अपने संस्कारों एवं पर्यावरण से अपनाकर मनुष्य अपने निश्चित लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु अपने जीवन पद्धति का निर्माण करता है। इन जीवन मूल्यों को आदत, स्वभाव, संस्कार, मनोवृति एवं मान्यता प्राप्त इच्छाओं के रूप में परिभाषित किया जा सकता है, जो व्यक्तित्व का निर्माण करते हैं। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा कई पुस्तकें लिखी गई जिनमें ज्ञान भंडार भरा पड़ा है जो भारत और भारत के नागरिकों को जीवन में सफल समृद्ध बनाने हेतु प्रेरित करता है। लेकिन शोधार्थी ने यहां दो पुस्तकों में वर्णित जीवन मूल्य का गहन अध्ययन किया है। जिनमें से एक डॉ एपीजे अब्दुल कलाम और वाई एस राजन सुंदर द्वारा रचित पुस्तक भारत 2020 नव निर्माण की रूपरेखा है। डॉक्टर कलाम के राष्ट्रपति के कार्यकाल से पहले यह पुस्तक वर्ष 1998 में लिखी गइर्। यह भारत के भविष्य और विकासशील भारत के लिए कलाम के विचारों को बताती है। यह एक सुंदर महत्वपूर्ण रचना है, जिसमें बताया गया है कि भारत 20 वर्षों में किस प्रकार दुनिया के सबसे शक्तिशाली और समृद्ध 5 राष्ट्रों में सम्मिलित हो सकता है। यह पुस्तक इन्हीं मूल्यों पर आधारित है। यह पुस्तक उस महत्वकांक्षी योजना के गूढ गंभीर आयामों का विश्लेषण करती है और प्रेरणा का एक गहन स्त्रोत भी बन जाती है। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम और वाई सुंदर राजन द्वारा रचित दूसरी पुस्तक महाशक्ति भारत है जिसका अध्ययन शोधार्थी ने किया है। यह पुस्तक भारत 2020 नवनिर्माण की रूपरेखा पर आधारित है। यह पुस्तक भारत की विकसित विकास रथ आवश्यकताओं एवं कार्यों की जरूरतों को नया आयाम देती है। यह प्रमुख रूप से देश के नव युवकों के लिए मार्गदर्शक के रूप में तैयार की गई है। भारत को विभिन्न समस्याओं से उभार कर महाशक्ति बनाने के लिए प्रयास करती है। एपीजे अब्दुल कलाम का मानना था कि हम भी अपना एकीकृत लक्ष्य निर्धारित करते हुए और उसके लिए निरंतर प्रयास करें तो अपने देश की आम जनता को बेहतर जीवन प्रदान कर सकते हैं। भारत के नागरिक युद्ध अपने लक्ष्य के प्रति समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ कार्य करे तो सफलता प्राप्त कर सकते है। एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा लिखित दोनों पुस्तकें भारत 2020 नव निर्माण की रूपरेखा और महाशक्ति भारत पुस्तक में निहित मूल्यों को चिन्हित करने का प्रयास शोधार्थी ने किया है।

अध्ययन का उद्देश्य

शोध अध्ययन का उद्देश्य निम्नाकित है - डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के साहित्य में निहित मूल्यों का अध्ययन एवं विश्लेषण करना।

साहित्यावलोकन

शोधार्थी द्वारा डॉ. कलाम के साहित्य में निहित मूल्यों का अध्ययन करने के लिए निम्नलिखित शोध पत्रों का अध्ययन किया गया है-

लियानी सुपरमैन (1980) ने विद्यार्थियों की चुनाव प्रवृति एवं मूल्यों का अध्ययन किया। अध्ययन के परिणामस्वरूप पाया गया कि उच्च विद्यालयों के विद्यार्थियों की मूल्य प्रणाली में गहरी समरूपता थी। प्राथमिकता के आधार पर महिलाओं ने पारिवारिक सुरक्षा को प्रथम स्थान प्रदान किया।

र्वानर (1982) ने विद्यार्थियों के व्यक्तित्व को प्रभावित करने वाले मूल्यों के अध्ययन मेे पाया कि व्यक्ति की संस्कृति एवं मूल्यों मे संबंध का अध्ययन किया है। दोनों के मध्य संबंध बालक के व्यक्तित्व का निर्माण करते है और जीवन दर्शन का निर्धारण करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।

अरनौल्ड (1991) ने शारीरिक शिक्षा पर मूल्यों के प्रभाव का महत्व व प्रभाव का अध्ययन किया गया तथा पाया कि बालक का सर्वांगीण विकास संभव है तथा साथ ही अच्छे शिक्षाक्रम की रचना तार्किक होनी चाहिये।

ब्रूनर जे (1984) ने नैतिकता और दर्शन के द्वारा शैक्षिक मूल्यों का विकास विषय पर अध्ययन किया। जिसमे पाया कि नैतिकता व दर्शन द्वारा शैक्षिक मूल्यों का विकास करना व इसके लिए हर संभव प्रयास समाहित है। अध्ययन के परिणामस्वरूप् पाया गया कि अध्यापक यदि विद्यार्थियों के सर्वागींण विकास को ध्यान में रखते हुए नैतिकता की शिक्षा देता है तो निश्चय ही शैक्षिक मूल्यों का विकास होता है। नैतिकता व दर्शन का शैक्षिक मूल्यों से सार्थक संबंध है।

मुख्य पाठ

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा रचित पुस्तक में वर्णित मूल्य

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा रचित पुस्तक भारत 2020 नव निर्माण की रूपरेखा में वर्णित मूल्य-

इस पुस्तक का गहन अध्ययन करने के पश्चात शोधार्थी ने निम्नलिखित जीवन मूल्यों को चिन्हित किया-

1. सहानुभूति- डॉ कलाम ने कहा है कि देश के लिए किए गए हर काम की कसौटी यह होनी चाहिए कि उसके द्वारा देश के सबसे गरीब और पिछड़े आदमी की आंखों के आंसू पोछे जा सकते हैं या नहीं। डॉ एपीजे कलाम द्वारा रचित पुस्तक की पृष्ठ संख्या 96 यह अंकित है कि जब मैं आज आपके सामने इस जोश भरे समूह को देखता हूं जो विकलांगों को मदद की सुविधाएं उपलब्ध करने के काम में लगा है, तो मुझे विश्वास हो जाता है कि इस प्रकार की सहायक युक्तियों को मानक आकारों में लाखों विकलांगों को देने का हमारा सपना एक दिन जरूर साकार होगा। इस प्रकार इन पंक्तियों से ज्ञात होता है कि एपीजे अब्दुल कलाम हृदय से प्रत्येक भारतीय के मन में सहानुभूति का बीज बोना चाहते थे।

2. देश प्रेम - भारत 2020 नव निर्माण की रूपरेखा पुस्तक के पृष्ठ संख्या 66 पर लिखा है कि आइए हम संकल्प करें कि हम अपने करोड़ों गरीब भाई-बहनों को और अधिक समय तक गरीबी के अभिशाप नहीं भुगतने देंगे। हमें अपने देश से गरीबी को 2010 तक समाप्त करना है और 2020 तक विकसित देशों की कतार में खड़े हो जाना है। इसी प्रकार की कुछ पंक्तियां पृष्ठ संख्या 72 पर मिलती है, जिसमें कहा गया है कि मैं ऐसी अनेक नहरो वाले भारत की कल्पना करता हूं, ऐसी छोटी और बड़ी नहरे जो विभिन्न नदी प्रणालियों और जल स्त्रोतों से जुड़ी होंगी। मैं एक ऐसे भारत को देखना चाहूंगा जिसके वर्षा के पानी और पनढालो का प्रबंधन इस रूप में किया जाएगा जिससे गरीबों को तो फायदा होगा ही हमारी खुशी भी लाभान्वित होगी। पृष्ठ संख्या 160 की पंक्तियां विशिष्ट भारतीय होने की महत्वकांक्षाएँ और सपने ही किसी राष्ट्र को कुछ असाधारण कर दिखाने के दृढनिश्चय की ओर धकेल सकते हैं। प्राचीन भारत को ऐसे अनेक मौलिक आविष्कारों, शोधो और इजादों का श्रेय प्राप्त है, जिन्होंने समूची मानवता की सोच व मानवीय सभ्यता को बहुत गहरे में प्रभावित किया था। पृष्ठ संख्या 162 अपने सबरंग और बहुमुखी विकास की योजना में और राष्ट्रीय सुरक्षा तथा सब देशवासियों की भौतिक और सामाजिक खुशहाली के प्रयासों को अपने सरोकारों को हमेशा ध्यान में रखते हुए हमें एक ऐसे खुशनुमा वातावरण का निर्माण करना पड़ेगा जो पूर्णता और खालिस भारतीय हो। पृष्ठ संख्या 142 की पंक्तियों में भी एपीजे अब्दुल कलाम की देशभक्ति झलकती है जिसमें उन्होंने कहा है कि हमारा विश्वास है कि आधुनिक प्रौद्योगिकी प्रजातियों को चाहे वे प्राकृतिक उत्पादों के अध्ययन, जैव प्रौद्योगिकी या सूचना संप्रेषण प्रौद्योगिकी से संबंधित हो, यह सब हमें नए नए अवसर प्रदान करते हैं। जिससे भारत न सिर्फ विकसित राष्ट्रों के समकक्ष, बल्कि कई मामलों में उनसे भी आगे निकल सकता है। एपीजे अब्दुल कलाम की इन पंक्तियों में उनका देश प्रेम साफ झलकता दिखाई देता है।

3. ज्ञान की खोज- डॉ एपीजे अब्दुल कलाम हमेशा देशवासियों को यह संदेश देते थे कि हम सभी को नए ज्ञान की खोज करनी चाहिए। अपनी इस पुस्तक में पृष्ठ संख्या 77 पर उन्होंने लिखा है कि आकार और जल स्रोतों की अक्षय निधि का स्वामी होने के कारण भारत इजरायल से भी अधिक चमत्कार पूर्ण प्रदर्शन करके दिखा सकता है। इन निधियों जल संरक्षण से जुड़ा एक अलग उद्योग भी जन्म ले सकता है। इसी प्रकार पृष्ठ संख्या 141 पर उन्होंने लिखा है कि आदिवासियों के पुश्तैनी ज्ञान पर आधारित एक नूतन प्रौद्योगिकी एक जीवन क्षमता की स्थापना हो सकती है। इस प्रसंग में उन्होने सर्पगंधा का उदाहरण भी प्रस्तुत किया है। इस पौधे के प्राचीन ज्ञान पर आधारित एक इजाद का नाम है सर्पासिल जिसका प्रयोग आज रक्तचाप को नियंत्रित करने में किया जाता है। एपीजे अब्दुल कलाम इन पंक्तियों द्वारा कहना चाहते हैं कि हमारे देश का प्राचीन ज्ञान जो कई सालो से नीचे दब चुका है उन्हें हमें पुनः खोजने की जरूरत है। विकसित देशों के विकास की पूरी प्रक्रिया, उनके मापदंड और उन पैमानों पर भारत की क्षमता का लेखक ने नितांत सरल विश्लेषण प्रस्तुत किया है। पुस्तक भारत 2020 नव निर्माण की रूपरेखा द्वारा डॉ कलाम लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने का प्रशंसनीय प्रयास किया है। इसमें डॉ कलाम देशवासियों को अभी प्रेरित कर राष्ट्र विकास में योगदान हेतु तैयार करते हैं। देश की तत्कालीन समस्याओं को दूर करने हेतु नए ज्ञान की खोज पर बल देते हैं। राष्ट्रप्रेम, परोपकार, सहयोग, दृढ़ निश्चय, सहानुभूति, नवीन ज्ञान की खोज जैसे मूल्यों को अपनाने और राष्ट्र को विकसित राष्ट्र बनाने का संदेश देते हैं।

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा रचित पुस्तक महाशक्ति भारत में वर्णित मूल्य-

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम और वाई सुंदर राजन द्वारा रचित दूसरी पुस्तक महाशक्ति भारत है। जिसका अध्ययन शोधार्थी ने किया एवं इसमें निहित मूल्यों का अध्ययन एवं विश्लेषण किया। यह पुस्तक भारत 2020 नवनिर्माण की रूपरेखा पर ही आधारित है।यह पुस्तक भारत की विकसित विकास रथ आवश्यकताओं एवं कार्यों की जरूरतों को नया आयाम देती है यह प्रमुख रूप से देश के नव युवकों के लिए मार्गदर्शक के रूप में तैयार की गई है भारत को विभिन्न समस्याओं से उभार कर महाशक्ति बनाने के लिए प्रयास करती है। इसमें निहित मूल्य निम्नलिखित हैं-

1. दृढ़ निश्चय- डॉ एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा रचित पुस्तक महाशक्ति भारत में निहित मूल्य दृढ़ निश्चय पृष्ठ संख्या 16 पर एपीजे अब्दुल कलाम की पंक्तियां उनके दृढ़ निश्चय को व्यक्त करती है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि भारत का वास्तविक सौंदर्य उसमें निहित अनेकता और स्वतंत्रता है। देश के इन विशेषताओं पर गर्व करते हुए आम जनता का जीवन खुशहाल बनाने के लिए दृढ़ निश्चय और उपयुक्त अनुशासन में कार्य करना है।

2. लक्ष्य के प्रति समर्पण और प्रतिबद्ध- पृष्ठ संख्या 15 पर लिखा है कि विकसित देश के लोग वर्षों तक अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए निरंतर कड़ा संघर्ष करते रहे। इसके लिए उन्हेंने जोखिम भी उठाऐ। अपने लक्ष्य को सामने रखते हुए तथा पर्याप्त अनुशासन और उपयुक्त कार्य नीति का पालन करते हुए वे अपने सपनों को साकार करने के लिए सतत् प्रयत्नशील रहे। तब जाकर उन्होंने अपने देश को शक्तिशाली समृद्ध और खुशहाल बनाया। इसी तरह अपना एकीकृत लक्ष्य निर्धारित करके उसे प्राप्त करने के लिए निरंतर संघर्ष करते हुए हम भी अपने देश की आम जनता को बेहतर जीवन प्रदान कर सकते हैं। अपने लक्ष्य के प्रति समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ कार्य करते हुए सफलता प्राप्त की जा सकती है।

3. नैतिकता- पृष्ठ संख्या 16 पर अब्दुल कलाम जी ने लिखा है कि बच्चों को स्कूल में और घर पर मूल्य आधारित शिक्षा देने की जरूरत है। ताकि वे अच्छे नागरिक बन सकें। स्कूल का समय पढ़ाई के लिए सबसे अच्छा समय है। बच्चों को प्रेरक आदर्श वातावरण मिलना चाहिए। उन्हें लक्ष्य आधारित शिक्षा के साथ नैतिक शिक्षा भी मिलनी चाहिए। विद्यार्थी अपने विद्यालय तथा पड़ोस के नैतिक कार्यक्रमों में सृजनात्मक और उत्साह के साथ भाग ले, फिर चाहे स्थानीय पार्क की सफाई करनी हो या पौधा लगाना हो, गरीब बच्चों की मदद करनी हो या फिर विद्यालय को साफ करना हो। यह कृत्य सिर्फ पर्यावरण को बल्कि पूरे भारत को बदल देगी।

4. समानता- पृष्ठ संख्या आठ पर समानता को प्रदर्शित करने वाली पंक्तियां लिखी गई है। अध्यापकों को भेदभाव को मिटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। उन्हें बच्चों के मन से जाति, धर्म, वर्ण, लिंग, रंग और आर्थिक असमानता पर आधारित भेदभाव की भावना को दूर करना है। इसका सबसे अच्छा तरीका है स्वयं उदाहरण प्रस्तुत करना। अध्यापक को स्वयं विद्यार्थियों के सामने अपने उदाहरण इस प्रकार से रखनी चाहिए जिससे कि वे समानता का पाठ सीख सकें।

5. निष्ठा, परिश्रम, परोपकार और धर्मनिरपेक्षता- एपीजे अब्दुल कलाम ने अपनी इस पुस्तक के पृष्ठ संख्या 125 पर जो पंक्तियां लिखी हैं वह इस प्रकार हैं मैं पूर्ण समर्पण से अपनी पढ़ाई या कार्य को पूरा करूंगा और उसमें अच्छे से अच्छा करूंगा। मैं शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में भ्रमण करूंगा और कम से कम 5 लोगों को बुरे व्यसन और जुए की लत से आजाद कराने के लिए कठिन मेहनत करूंगा। मैं अपने बंधु बांधव के दुखों को दूर करने के लिए लगातार प्रयास करूंगा। मैं किसी भी प्रकार की धार्मिक, जातिगत और भाषागत भेदभाव का समर्थन नहीं करूंगा। इन सभी पंक्तियों में एपीजे अब्दुल कलाम ने निष्ठा, परिश्रम, परोपकार और धर्मनिरपेक्षता संबंधित मूल्यो की शिक्षा हम सब देशवासियों को देने का प्रयास किया है।

6. इमानदारी, साहस, सहानुभूति और प्राकृतिक संरक्षण- एपीजे अब्दुल कलाम की इस पुस्तक के पृष्ठ संख्या 125 पर जो पंक्तियां लिखी हुई है वे उनकी ईमानदारी, साहस, सहानुभूति और प्राकृतिक संरक्षण का परिचय देती हैं। इसमें वे लिखते हैं कि मैं ईमानदार बनूंगा और दूसरों को अनुसरण करने के लिए स्वयं एक उदाहरण बनूंगा।इसी प्रकार उनके साहस को प्रदर्शित करती हुई पंक्ति है मैं एक जागरूक नागरिक बनने की दिशा में कार्य करूंगा और अपने परिवार को साहसी बनाऊंगा। मैं हर महिला का सम्मान करूंगा और नारी शिक्षा का समर्थन करूंगा।““ मैं शारीरिक और मानसिक रूप से विकलांग लोगों का हमेशा मित्र या सहयोगी रहूंगा और उन्हें स्वस्थ लोगों की तरह बनाने का पूरा प्रयत्न करूंगायह उनके सहानुभूति मूल्य को प्रदर्शित करती हुई पंक्तियां हैं। इसी प्रकार मैं कम से कम 10 पौधे लगाऊंगा और लगातार उनकी देखभाल करके उनकी वृद्धि को सुनिश्चित करूंगा।यह पंक्तियां उनके प्राकृतिक संरक्षण से संबंधित मूल्यों को प्रदर्शित करती हैं। महाशक्ति भारत राष्ट्र के पुनर्निर्माण का स्वप्न है जो डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम ने संजोया था। इसमें वर्णित मूल्यों के माध्यम से वे देश के युवाओं का मार्गदर्शन करना चाहते हैं। सभी देशवासियों को अपनी जिम्मेदारियों व कर्तव्य के पालन हेतु सामूहिक प्रयासों पर वे बल देते हैं। लक्ष्य निर्धारण, नैतिकता की शिक्षा और सामाजिक समानता की स्थापना पर भी वे बल देते हुए दिखाई दे रहे हैं।

एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा वर्णित मूल्यों की उपयोगिता

डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम कि उपरोक्त दोनों पुस्तकों में का का अध्ययन करने के पश्चात शोधार्थी ने महत्वपूर्ण जीवन मूल्य सहानुभूति देश प्रेम ज्ञान की खोज दृढ़ निश्चय लक्ष्य के प्रति समर्पण समानता निष्ठा पराक्रम परिश्रम धर्मनिरपेक्षता इमानदारी साहस सहानुभूति और प्राकृतिक संरक्षण का गहनता से अध्ययन करने के पश्चात आया कि एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा लिखित पुस्तक भारत 2020 नव निर्माण की रूपरेखा देश के युवाओं की सोच और दृष्टिकोण में सकारात्मक परिवर्तन लाने, शिक्षा पद्धति में अनुसंधान, अनुवीक्षण, रचनात्मकता और उद्यमशीलता की ओर पर्याप्त सुविधा उपलब्ध कराने की आवश्यकता पर बल देती है। इस पुस्तक में लोगों को जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने हेतु विशिष्ट सुझाव दिए गए हैं। जो सुप्त अवस्था में पड़े मानव मस्तिष्क को चेतन करने का सराहनीय प्रयास करती है। यह हम भारतवासियों को अपनी दरिद्रता की वर्तमान दशा से ऊपर उठाकर अपनी शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और आत्मसम्मान की उन्नत हो रही स्थिति को आधार बनाकर देश की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए प्रेरित करती है तथा यथासंभव जीवन मूल्यों को अपनाने की प्रेरणा देती है।

महाशक्ति भारत राष्ट्र के पुनर्निर्माण का स्वप्न है जो डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम ने संजोया था। इस पुस्तक में वर्णित मूल्य के माध्यम से वे देश के युवाओं को मार्गदर्शन करना चाहते हैं। सभी देशवासियों को अपनी जिम्मेदारियों और कर्तव्य के पालन हेतु सामूहिक प्रयास करने पर बल देते हैं। डॉ कलाम के अनुसार शिक्षा बहुउद्देशीय होनी चाहिए जिसमें नैतिक शिक्षा, क्षमता का एकीकरण और सामाजिक भेदभाव को दूर करने का बल हो।

निष्कर्ष

डॉ.कलाम के साहित्य में नैतिक, सामाजिक, धार्मिक, मानवीय, सौन्दर्यात्मक व सांस्कृतिक मूल्यों का समावेश मिलता है। उनके साहित्य में निहित नैतिक मूल्य युवाओं को उत्तम चरित्र निर्माण, आत्मसाक्षात्कार कर सुखमय जीवन व्यतीत करने की प्रेरणा देती है। उनके साहित्य में निहित धार्मिक मूल्य विभिन्न धार्मिक मान्यताओ मे सामन्जस्य, चिन्तन, क्षमाशीलता, धर्मनिरपेक्षता आदि को समझने मे मदद करते है। वे धार्मिक मूल्यों को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक प्रसारित करने के समर्थक थे। धार्मिक मूल्यों को पवित्र धार्मिक ग्रन्थ गीता, कुरान,महाभारत, बाइबिल व तिरूक्कुरल, से पोषित करते है । वे मानव मूल्यों द्वारा सम्पूर्ण मानव जाति का कल्याण एवं व्यक्तित्व का विकास करना चाहते थे। सार्वजानिक हित हेतु स्वयं का बलिदान करने की भावना विधार्थियों मे होनी चाहिए। उनके साहित्य में निहित सौन्दर्यात्मक मूल्य मानव का सर्वांगीण विकास करने हेतु कला को आवश्यक मानते थे। प्रकृति की आन्तरिक सुन्दरता की लोक कल्याणकारी अभिव्यक्ति कला से ही संभव है। कला द्वारा मानव के अस्तित्व को अर्थ व शक्ति मिलती है, जीवन के सौन्दर्य को बचाने हेतु सौन्दर्यात्मक मूल्यों को बढ़ावा देना चाहिए। डॉ.कलाम प्रकृति से युवाओं को सीखने को प्रेरित करते है। उनके सांस्कृतिक मूल्य युवाओं मे अपने प्राचीन रीति रिवाजो व परम्पराओं प्रति विश्वास को बढ़ावा देने के साथ आदर्शचरित्र निर्माण हेतु प्रेरित करते हैं। समाज के अस्तिव को बनाए रखने में सामाजिक मूल्यों का योगदान होता है, सामाजिक व्यवस्था के सन्तुलन को बनाए रखने व उसमें एकरूपता स्थापित करने मे उच्च स्तरीय सामाजिक मानदण्ड स्वीकार करने होगें। सामाजिक मूल्यों से सुसज्जित युवाओं द्वारा ही राष्ट्र को समृद्धि पथ पर अग्रसरित किया जा सकता है।

सन्दर्भ ग्रन्थ सूची

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2. वार्नन (1982) ‘‘विद्यार्थियों के व्यक्तित्व को प्रभावित करने वाले मूल्यों का अध्ययन’’

3. ब्रनर जे. (1984) ’’नैतिकता और दर्शन के द्वारा शैक्षिक मूल्यों का विकास’’

4. अरनौल्ड(1991) ‘‘शारीरिक शिक्षा चल शिक्षा पर मूल्यों के प्रभाव का अध्ययन।’’

5. पाण्डेय, संगमलाल (1985) गाँधाी का दर्शन इलाहाबाद दर्शनपीठ प्रकाशन।

6. जैन महावीर प्रसाद (1993) पण्डित जर्नादन राय के शैक्षिक योगदान’’

7. ग्राहम हेडन (1977) ‘‘शैक्षिक मूल्य: एक नया दृष्टिकोण’’ म्कपबपवदमे डवतंजं स्पेन

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9. डॉ. कलाम एवं वाई सुंदर राजन (2005) - महाशक्ति भारत

10. डॉ. कलाम (1998) भारत 2020 नव निर्माण की रूपरेखा