P: ISSN No. 2394-0344 RNI No.  UPBIL/2016/67980 VOL.- VI , ISSUE- XI February  - 2022
E: ISSN No. 2455-0817 Remarking An Analisation
माध्यमिक स्तर में अध्ययनरत् विद्यार्थियों के जोखिमपूर्ण व्यवहार एवं आकांक्षा स्तर का एक अध्ययन
A Study of Risky Behavior and Aspiration Level of Students Studying in Secondary Level
Paper Id :  15726   Submission Date :  17/02/2022   Acceptance Date :  17/02/2022   Publication Date :  24/02/2022
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गोपाल सिंह
शोधार्थी
शिक्षा
एस एस जे कैंपस, अल्मोड़ा
नैनीताल ,उत्तराखंड
भारत
रिज़वाना सिद्दीकी
सहायक प्राध्यापिका
शिक्षा संकाय
एस0 एस0 जे0 कैम्पस
अल्मोड़ा, उत्तराखंड, भारत
सारांश प्रस्तुत शोध कार्य माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत् विद्यार्थियों के जोखिमपूर्ण व्यवहार एवं आकांक्षा स्तर का पता लगाना था। अध्ययन के उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत् कक्षा - 11 के 300 विद्यार्थियों का चयन सरल यादृच्छिक विधि (लॉटरी विधि) से किया गया है। आँकड़ो को एकत्र करने के लिए डॉ0 सिन्हा एवं अरोरा द्वारा निर्मित जोखिमपूर्ण व्यवहार प्रश्नावली तथा डॉ0 भार्गव एवं शाह द्वारा निर्मित आकांक्षा स्तर मापनी का प्रयोग कर, उनका विश्लेषण कर प्रतिशत निकाला गया है। अध्ययन के परिणामों में यह पाया गया कि माध्यमिक विद्यालय में अध्ययनरत् विद्यार्थियों के जोखिमपूर्ण व्यवहार और आकांक्षा स्तर में अन्तर है। अध्ययन के निष्कर्षों से यह भी पता चला कि माध्यमिक विद्यालय में अध्ययनरत् विज्ञान वर्ग एवं कला वर्ग के विद्यार्थियों के जोखिमपूर्ण व्यवहार और आकांक्षा स्तर में भी अन्तर हैं।
सारांश का अंग्रेज़ी अनुवाद The present research work was to find out the risky behavior and aspiration level of the students studying in secondary schools. Keeping in view the objectives of the study, 300 students of class-11 studying in secondary schools have been selected by simple random method (lottery method). To collect the data, using Risk Behavior Questionnaire developed by Dr. Sinha and Arora and Aspiration Level Scale developed by Dr. Bhargava and Shah, percentage has been analyzed and determined. In the results of the study, it was found that there is a difference in risk behavior and aspiration level of students studying in secondary school. The findings of the study also revealed that there are differences in risk behavior and aspiration level of students of science and arts classes studying in secondary school.
मुख्य शब्द विद्यालय, जोखिमपूर्ण व्यवहार, आकांक्षा स्तर।
मुख्य शब्द का अंग्रेज़ी अनुवाद School, Risky, Behavior, Aspiration, Level.
प्रस्तावना
वर्तमान समय को 21र्वी सदी का युग कहा जाता है। जिसे मानसिक, सामाजिक और व्यक्तित्व विकास के संघर्षों का युग या प्रतिस्पर्धा का युग भी कहा जाता है। वर्तमान समय में प्रत्येक मनुष्य में एक दुसरे से आगे निकलने की होड़ सी लगी हुई है। वह अपने आप को हमेशा सबसे आगे रखने का प्रयास करता है तथा जितने भी संसाधन उसके पास उपलब्ध है वह उन संसाधनों के बल पर आगे बढ़ने का प्रयास भी करता है। यही प्रयास उसे ‘जोखिम’ उठाने के लिए बाध्य करती है। जोखिम पूर्ण व्यवहार व्यक्ति के जीवन का एक भाग बन गया है। वह नित्य हर रोज किसी न किसी रूप में जोखिम उठाने का प्रयास करता है। जोखिम व्यक्ति के व्यवहार का अभिन्न अंग है जिसके लिए वह खतरनाक परिस्थितियों का सामना करने के लिए हमेशा अपने आप तैयार रखता है। ‘जोखिम’ शब्द को एक सामान्य तथा प्रमुख शब्द के रूप में जाना जाता है। जोखिम शब्द को खतरनाक कारक के रूप में भी जाना जाता है जहाँ किसी व्यक्ति को स्वेच्छा से या अनिच्छा से जोखिम उठाना पड़ता है। जोखिम को व्यक्ति के अभिन्न हिस्से के रूप में जाना जाता है। अक्सर यह देखा गया है कि जो व्यक्ति जीवन में आगे बढ़ने के लिए चुनौतियों का सामना करने के लिए हमेशा तैयार रहते है वे अपने जीवन में एक सफल व्यक्ति के रूप में जाने जाते है। इसके विपरीत जो व्यक्ति चुनौतियों का सामना करने से घबरा जाते है या पीछे हट जाते है वे असफल व्यक्ति कहलाते हैं तथा जीवन में कभी आगे नहीं बढ़ पाते हैं। अक्सर यह देखा गया है कि ‘जोखिम लेने वाला’ एक ऐसा व्यक्ति होता है जो अपने जीवन में ऊँची आर्थिक स्थिति वाला या सामाजिक प्रतिष्ठा वाला होता है। जो अपने आप को हमेशा खतरे में डालने के लिए तैयार रखता है। जैसे कि कहा गया है कि अगर आप यदि पानी पर चलना चाहते है तो आपको सर्वप्रथम उस पानी में चलने वाले नाव या पानी के जहाज से नीचे उतरना होगा तब जाकर के वह पानी के अन्दर अपने पैर को रख पायेगा। इस प्रकार हम यह कह सकते है कि यदि आपको आगे बढ़ना है तो रास्ते में आने वाली किसी भी प्रकार की कठिनाई से नहीं डरना चाहिए। प्रायः यह देखा गया है कि जोखिम लेने वाला व्यक्ति समाज में अधिक सफल, अग्रणी वाला होता है। बेम, कोगन तथा ब्लाच (1962) ने जोखिम का वर्णन करते हुए कहा है कि जिस हद तक निर्णय लेने वाला व्यक्ति एक वांछनीय खोज की स्थिति में संभावित विफलता के लिए स्वयं को बरबाद करने के लिए तैयार रहता हैं। जोखिम को एक सामान्य व्यक्ति के द्वारा यह समझा जाता है कि यह एक ऐसा कार्य हो सकता है जिसमें व्यक्ति अपनी आजीविका को चलाने के लिए कुछ कार्य को करता है। यह कार्य उस व्यक्ति के द्वारा स्वेच्छा से या उसकी अनिच्छा से भी हो सकती है जिसका परिणाम सकारात्मक या नकारात्मक कुछ भी हो सकता है। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। वह समाज में रहकर ही बहुत सारे क्रियाकलाप करता है। इसी समाज में व्यक्ति पर सामाजिक तत्व और समूह का गहरा प्रभाव भी दिखाई देता है। व्यक्ति की इच्छा , महत्त्वाकांक्षा व्यक्ति की आकांक्षा कहलाती है। व्यक्ति की एक इच्छा प्राप्त हो जाने के बाद वह दूसरी महत्वाकांक्षा रखता है कि यह भी पूरी हो जाए। जैसे - जैसे व्यक्ति का समाज के साथ सम्बन्ध प्रगाढ़ होता जाता है। उसकी आकांक्षाए भी वैसे - वैसे बढ़ती जाती है वह कभी भी संतुष्ट नहीं हो पाता। व्यक्ति जब अपने मूल्यों व लक्ष्यों को प्राप्त करने की अभिलाषा को व्यक्त करता है तथा समाज से यह अपेक्षा करता है कि उसे उसके लक्ष्य और मूल्य प्राप्त हो जाए। यही मूल्य और लक्ष्य व्यक्ति की आकांक्षा स्तर को निर्धारित करते है। व्यक्ति के कुछ तात्कालिक लक्ष्य होते है तथा जिसे प्राप्त करने के लिए वह प्रयास भी करता है। व्यक्ति को इस तात्कालिक लक्ष्य को प्राप्त करते समय यह आकांक्षा रहती है कि वह उसमें सफलता को प्राप्त कर पाए। प्रायः यह देखा जाता है कि जब व्यक्ति का निष्पादन आकांक्षा स्तर से अधिक होता है तब यह कहा जाता है कि उस व्यक्ति का आकांक्षा स्तर बढ़ रहा है। इसके विपरीत जब उसके निष्पादन स्तर में कमी आ जाती है तब यह कहा जाता है कि उस व्यक्ति के आकांक्षा स्तर में कमी आ गयी है। इस प्रकार हम यह भी कह सकते है कि व्यक्ति के निष्पादन स्तर का उसके आकांक्षा स्तर पर प्रभाव पड़ता है। व्यक्ति के आकांक्षा स्तर को कई तत्व एक साथ मिलकर प्रभावित करते है। इन तत्वों में व्यक्ति की रुचि, अभिरुचि, अभिक्षमता, पूर्व अधिगम, व्यक्तिगत मूल्य, प्रेरणा, लिंग, सामाजिक-आर्थिक स्तर, सामाजिक-सांस्कृतिक स्तर, पुरस्कार तथा दण्ड, माता - पिता, भाई - बहन की महत्वाकांक्षाएं सामाजिक प्रतिष्ठा आदि है, जो व्यक्ति की आकांक्षा स्तर को प्रभावित करती है। समस्या कथन - माध्यमिक स्तर में अध्ययनरत् विद्यार्थियों के जोखिमपूर्ण व्यवहार एवं आकांक्षा स्तर का एक अध्ययन।
अध्ययन का उद्देश्य 1. माध्यमिक स्तर में अध्ययनरत् विद्यार्थियों के जोखिमपूर्ण व्यवहार का अध्ययन करना। 2. माध्यमिक स्तर में अध्ययनरत् विद्यार्थियों के आकांक्षा स्तर का अध्ययन करना। 3. माध्यमिक स्तर में अध्ययनरत विद्यार्थियों के जोखिमपूर्ण व्यवहार एवं आकांक्षा स्तर का अध्ययन करना।
साहित्यावलोकन
कंसारा एवं मकराना (2021) ने माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय के छात्रों के बीच जोखिम लेने वाले व्यवहार का अध्ययन किया। प्रस्तुत अध्ययन में 120 शहरी क्षेत्र और 120 ग्रामीण क्षेत्र से छात्रों का चुनाव किया गया । अध्ययन के परिणाम निम्नलिखित है - क- जोखिमपूर्ण व्यवहार पर लिंग का प्रभाव महत्तवपूर्ण था। जिसमें छात्रों में जोखिम पूर्ण व्यवहार का स्तर सामान्य था तथा छात्राओं में जोखिमपूर्ण व्यवहार का स्तर निम्न था। ख- शहरी क्षेत्र और ग्राणीम क्षेत्र के विद्यार्थियों के जोखिमपूर्ण व्यवहार पर कोई प्रभाव नहीं दिखाई दिया। ग- माध्यमिक विद्यालय के छात्रों में जोखिमपूर्ण व्यवहार का स्तर औसत तथा उच्च माध्यमिक स्तर के छात्रों में जोखिमपूर्ण व्यवहार का स्तर निम्न था। सलीना एवं बालाजी (2018) ने कक्षा- 9 में अध्ययनरत विद्यार्थियों के आत्म अवधारणा एवं आकांक्षा स्तर के बीच सम्बन्धों की जॉच करना था। प्रस्तुत अध्ययन में तिरूवल्लूट जिले के कक्षा- 9 में पढ़ने वाले 350 विद्यार्थियों का चयन किया गया। अध्ययन के निष्कर्षों में यह पाया गया कि कक्षा- 9 के छात्रों की आत्म-अवधारणा की ओर प्रकृति औसत है तथा कक्षा- 9 के अधिकांश छात्र औसत और उच्च स्तर की है। शर्मिला सत्तार एवं सालोमन (2020) ने एकल एवं सहशिक्षा विद्यालयों में शालेय वातावरण का विद्यार्थियों के आकांक्षा स्तर पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन किया। अध्ययन के उद्देश्यों केा ध्यान में रखकर सरल यादृच्छिक न्यादर्श विधि का प्रयोग कर 800 विद्यार्थियों का चयन किया गया। अध्ययन का विश्लेषण सहसंबंध विधि से कर निष्कर्ष निकाला गया। अध्ययन के निष्कर्षों में यह पाया गया कि शालेय वातावरण का प्रभाव उनके आकांक्षा स्तर पर पूर्ण रूप से पाया गया। नारायन एवं गोरे (2017) ने माध्यमिक स्तर के उच्च एवं निम्न शैक्षिक उपलब्धि वाले विद्यार्थियों की स्तर का तुलनात्मक अध्ययन किया । शोधकर्ता ने अपने अध्ययन में न्यादर्श के रूप में 400 विद्यार्थियों का चयन किया । अध्ययन के निष्कर्षों में यह पाया गया कि उच्च एवं निम्न शैक्षिक उपलब्धि वाले विद्यार्थियों के आकांक्षा स्तर में सार्थक अन्तर पाया गया है, जबकि उनके आयाम लक्ष्य भिन्नता प्राप्तांक व उपलब्धि भिन्नता प्राप्तांक में सार्थक अन्तर नहीं पाया गया।
सामग्री और क्रियाविधि
शोध प्रारूप- प्रस्तुत शोध प्रारूप में निम्नलिखित विन्दुओं को रखा जाएगा। शोध विधि- प्रस्तुत अध्ययन में विवरणात्मक सर्वेक्षण विधि का प्रयोग गया है। न्यादर्श- प्रस्तुत शोध अध्ययन में माध्यमिक विद्यालय में अध्ययनरत् 300 विद्यार्थियों को शामिल किया गया है। न्यादर्श का चुनाव सरल यादृच्छिक न्यादर्श (लॉटरी विधि) का प्रयोग किया गया। उपकरण- प्रस्तुत शोध अध्ययन में डॉ0 सिन्हा एवं अरोरा द्वारा निर्मित जोखिमपूर्ण व्यवहार प्रश्नावली तथा डॉ0 भागर्व एवं शाह द्वारा निर्मित आकांक्षा स्तर मापनी का प्रयोग किया गया है। सांख्यिकी विधि- प्रस्तुत शोध अध्ययन में आंकड़ो का विश्लेषण एवं व्याख्या कर उनका प्रतिशत निकाला गया है।
न्यादर्ष

परिकल्पना - 1
माध्यमिक स्तर में अध्ययनरत् विद्यार्थियों के  जोखिमपूर्ण व्यवहार में कोई सार्थक अन्तर नहीं होता है।
तालिका - 1
जोखिमपूर्ण व्यवहार का विभिन्न स्तरों पर विद्यार्थियों का प्रतिशत

व्याख्या
प्रस्तुत अध्ययन में जोखिमपूर्ण व्यवहार का मापन करने के 300 विद्यार्थियों का चयन किया गया है। विद्यार्थियों चयन किया गया है। विद्यार्थियों के चयन के उपरान्त उनका प्रतिशत निकाला गया है। अध्ययन के विश्लेषण से यह पता चला है कि 30% (90) विद्यार्थियों का जोखिमपूर्ण व्यवहार उच्च, 36.67% (110) विद्यार्थियों का जोखिमपूर्ण व्यवहार औसत तथा 33.33% (100) विद्यार्थियों का जोखिमपूर्ण व्यवहार निम्न है।
निष्कर्ष
परिणामों से प्राप्त निष्कर्ष से यह पता चलता है कि माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत् विद्यार्थियों के जोखिमपूर्ण व्यवहार में सार्थक अन्तर है इसलिए परिकल्पना H1 अस्वीकार की जाती है।
परिकल्पना - 2
माध्यमिक स्तर में अध्ययनरत् विद्यार्थियों के आकांक्षा स्तर में कोई सार्थक अन्तर नहीं होता है।
तालिका - 2
आकांक्षा स्तर का विभिन्न स्तरों पर विद्यार्थियों का प्रतिशत

व्याख्या
निष्कर्ष
परिणामों से प्राप्त निष्कर्ष से यह पता चलता है कि माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत् विद्यार्थियों का आकांक्षा स्तर में सार्थक अन्तर है, इसलिए परिकल्पना H2अस्वीकार की जाती है।
परिकल्पना - 3
माध्यमिक स्तर में अध्ययनरत् विद्यार्थियों के जोखिमपूर्ण व्यवहार एवं आकांक्षा स्तर में कोई सार्थक अन्तर नहीं होता है।
व्याख्या
तालिका-1 और तालिका-2 के अनुसार माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत् विद्यार्थियों के जोखिमपूर्ण व्यवहार एवं आकांक्षा का मापन कर उनका प्रतिशत निकाला गया है। अध्ययन के विश्लेषण के लिए तालिका-1 और तालिका-2 के अनुसार पता चला कि अधिकतम विद्यार्थियों का जोखिमपूर्ण व्यवहार औसत है तथा अधिकतम विद्यार्थियों का आकांक्षा स्तर (50%) औसत है।
निष्कर्ष
परिणामों से प्राप्त निष्कर्ष से यह पता चलता है कि माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत् विद्यार्थियों का जोखिमपूर्ण व्यवहार एवं आकांक्षा स्तर में सार्थक अन्तर दिखाई देता है। अतः परिकल्पना H3 अस्वीकार की जाती है।
परिकल्पना - 4
माध्यमिक स्तर में अध्ययनरत् विज्ञान वर्ग एवं कला वर्ग के विद्यार्थियों के जोखिमपूर्ण व्यवहार में कोई सार्थक अन्तर नहीं होता है।
तालिका - 3
विज्ञान वर्ग एवं कला वर्ग के विद्यार्थियों का जोखिमपूर्ण व्यवहार का प्रतिशत

व्याख्या
प्रस्तुत अध्ययन में जोखिमपूर्ण व्यवहार का मापन करने के लिए माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत विज्ञान वर्ग एवं कला वर्ग के 300 विद्यार्थियों का चयन कर उनका प्रतिशत निकाला गया है। अध्ययन के विश्लेषण से पता चला कि 53.33 प्रतिशत  विज्ञान वर्ग के तथा 60 प्रतिशत कला वर्ग के विद्यार्थियों का जोखिमपूर्ण व्यवहार औसत है।
निष्कर्ष
परिणामों से प्राप्त निष्कर्ष से यह पता चलता है कि माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत् विज्ञान वर्ग एवं कला वर्ग के विद्यार्थियों के जोखिमपूर्ण व्यवहार में महत्तवपूर्ण अन्तर है। अतः परिकल्पना  H4 अस्वीकार की जाती है।
परिकल्पना - 5
माध्यमिक स्तर में अध्ययनरत् विज्ञान वर्ग एवं कला वर्ग के विद्यार्थियों के आकांक्षा स्तर में कोई सार्थक अन्तर नहीं होता है।
तालिका - 4
विज्ञान वर्ग एवं कला वर्ग के विद्यार्थियों का आकांक्षा स्तर का प्रतिशत

व्याख्या
प्रस्तुत अध्ययन में आकांक्षा स्तर का मापन करने के लिए माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत् विज्ञान वर्ग एवं कला वर्ग के 300 विद्यार्थियों का चयन कर उनका प्रतिशत निकाला गया है। अध्ययन के विश्लेषण से पता चला कि 56.67 प्रतिशत  विज्ञान वर्ग के तथा 60 प्रतिशत कला वर्ग के विद्यार्थियों का जोखिमपूर्ण व्यवहार औसत है।
प्रस्तुत अध्ययन में आकांक्षा स्तर का मापन करने के 300 विद्यार्थियों का चयन किया गया है। विद्यार्थियों चयन किया गया है। विद्यार्थियों के चयन के उपरान्त उनका प्रतिशत निकाला गया है। अध्ययन के विश्लेषण से यह पता चला है कि 28.33% (85) विद्यार्थियों का आकांक्षा स्तर उच्च, 50% (150) विद्यार्थियों का आकांक्षा स्तर औसत तथा 21.67% (65) विद्यार्थियों का आकांक्षा स्तर निम्न है।

निष्कर्ष अध्ययन के निष्कर्षों से यह पता चलता है कि माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत् विज्ञान वर्ग एवं कला वर्ग के विद्यार्थियों के आकांक्षा स्तर में महत्तवपूर्ण अन्तर है। अतः परिकल्पना H5 अस्वीकार की जाती है।
सन्दर्भ ग्रन्थ सूची
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