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इंदिरा रसोई योजना का सांख्यिकी मूल्यांकन : विश्लेषण और प्रभाव |
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Statistical Evaluation of Indira Rasoi Yojana: Analysis and Impact | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
Paper Id :
18386 Submission Date :
2023-12-14 Acceptance Date :
2023-12-19 Publication Date :
2023-12-25
This is an open-access research paper/article distributed under the terms of the Creative Commons Attribution 4.0 International, which permits unrestricted use, distribution, and reproduction in any medium, provided the original author and source are credited. DOI:10.5281/zenodo.10533130 For verification of this paper, please visit on
http://www.socialresearchfoundation.com/anthology.php#8
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सारांश |
राजस्थान
सरकार द्वारा 20 अगस्त 2020 को "इंदिरा रसोई योजना" की शुरुआत की गयी। राज्य सरकार द्वारा रु. 8 में लोगों
को पौष्टिक भोजन उपलब्ध करवाने की यह योजना पूरे राजस्थान में लागू की गयी। इस
योजना का उद्देश्य है कि "कोई भी भूखा नहीं सोए"। प्रारंभ में यह योजना
नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिका क्षेत्रों में लागू की गई लेकिन
बाद में इस योजना को ग्रामीण क्षेत्रों में भी लागू किया गया। यह राजस्थान की
फ्लैगशिप योजना रही है। अतः इस पर सरकार का विशेष ध्यान रहा है। यह योजना भोजन
निर्माताओं के लिए रोजगार के अवसर लेकर आई है और भूखे लोगों के लिए यह एक वरदान है। |
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सारांश का अंग्रेज़ी अनुवाद | "Indira Rasoi Yojana" was launched by the Rajasthan Government on 20 August 2020. In this scheme of providing nutritious food to the people at Rs. 8 was implemented by the state government in the entire Rajasthan. The objective of this scheme is that "Koi Bhi Bhukha Nahi Soye". Initially this scheme was implemented in Municipal Corporation, Municipal Council and Municipality Areas. But later this scheme was implemented in rural areas also. This has been the flagship scheme of Rajasthan, hence the government has paid special attention to it. This scheme has brought employment opportunities for food manufacturers and is a boon for hungry people. | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
मुख्य शब्द | इंदिरा रसोई योजना, सरकार, राजस्थान, बजट, भूखा, गरीब, सहायता, कीमत, पुरस्कार, शहर, ग्राम, अनुदान, राशि, खाना, भोजन, उपलब्ध, आदेश । | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
मुख्य शब्द का अंग्रेज़ी अनुवाद | Indira Rasoi Yojana, Government, Rajasthan, Budget, Hungry, Poor, Help, Price, Award, City, Village, Grant, Amount, Food, Available, Order. | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
प्रस्तावना | राजस्थान
में बड़ी संख्या में भूखे लोग हैं जो प्रत्येक दिन प्राय: भूखे ही सोने को मजबूर हैं। ऐसे लोगों के लिए "कोई भी भूखा नहीं सोए" के उद्देश्य से शुरू की गई
यह योजना स्पष्ट तौर पर जनकल्याणकारी योजना है। इस योजना पर शोध करते हुए नए तथ्य
उभरते हैं जिससे इस योजना की विशेषताओं और कमियों के साथ-साथ चुनौतियों पर ध्यान
देकर इस योजना को और भी अधिक बेहतर बनाया जा सकता है। |
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अध्ययन का उद्देश्य | राजस्थान में गरीब
प्राय: मजदूर और किसान कई बार भूखे सोने पर विवश होते हैं। उनके लिए चलाई गई
"इंदिरा रसोई योजना" को क्रियान्वित करने में भी अनेक कठिनाइयों का
सामना करना पड़ता है जिसे इस शोध-पत्र के माध्यम से दूर करने का प्रयास हुआ है। |
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साहित्यावलोकन | 1. राजस्थान सरकार बजट
रिपोर्ट 2020-21 2. राजस्थान सरकार बजट रिपोर्ट 2021-22 3. राजस्थान सरकार बजट
रिपोर्ट 2022-23 4. दैनिक भास्कर समाचार-पत्र
में प्रकाशित "इंदिरा रसोई योजना" आलेख 5. राजस्थान सरकार द्वारा
समय-समय पर जारी आदेशों की प्रतियाँ |
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मुख्य पाठ |
इंदिरा रसोई योजना का सांख्यिकी मूल्यांकन : विश्लेषण और प्रभाव इंदिरा रसोई योजना की शुरुआत 20 अगस्त 2020 को राजस्थान सरकार द्वारा "कोई भी भूखा नहीं सोए" के संकल्प के साथ हुई है। इस योजना का नाम भारत की पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के नाम पर रखा गया है, यह योजना पूरे राजस्थान में लागू है। यह योजना भारत के छठे प्रधानमंत्री राजीव गांधी के जन्मदिन 20 अगस्त को लागू हुई है। इस योजना को राजस्थान सरकार के स्वायत शासन विभाग द्वारा संचालित किया जा रहा है, यह एक फ्लैगशिप योजना है। इस योजना से जरूरतमंद व गरीब लोगों को फायदा होगा, जिससे कि गरीब लोग एक स्थान पर बैठकर खाना खा सकेंगे। इस योजना में लाभार्थी को सरकार द्वारा 8 रु. में शुद्ध, ताजा व पौष्टिक भोजन व 5 रु. में नाश्ता दिया जाएगा। शुरुआत में इस योजना में थाली की कीमत 20 रु. थी जिसमें 8 रु. आम नागरिकों से और 12 रु. सरकार द्वारा अनुदान दिया जाता था। इस योजना में भोजन में 100 ग्राम सब्जी, 100 ग्राम दाल, 250 ग्राम चपाती तथा अचार मिलेगा। शुरुआत में यह योजना राजस्थान के सभी 283 शहरी निकायों में 358 रसोइयों के साथ लागू हुई थी, जिसका विवरण निम्न प्रकार है:-[1]
इस योजना के मुख्य बिंदु या विशेषताएं निम्नलिखित हैं:- 1. इस योजना में नगर निगम में 600 थाली (300 सुबह और 300 शाम के खाने में) नगर परिषद में 300 थाली (150 सुबह और 150 शाम के खाने में) नगर पालिका में भी 300 थाली (150 सुबह और 150 शाम के खाने में) प्रतिदिन उपलब्ध करवाई जाएगी। 2. "दिनांक 1 जनवरी 2022 से अनुदान की राशि 12 रु. से बढ़कर 17 रु. कर दी गई यानी कि थाली की कीमत 25 रु. हो गई पर आम नागरिकों को यह 8 रु. में ही मिलेगी क्योंकि 17 रु. सरकार द्वारा अनुदान दिया जाएगा ।"[2] 3. इस योजना के अंतर्गत अगर कोई
दानदाता, ट्रस्ट और संस्थाएं लोगों को भोजन करवाती हैं, तो ऐसा करने पर सरकार द्वारा 17 रु. अनुदान की राशि नहीं मिलेगी। 4. इस योजना से प्रतिदिन 1.34 लाख व्यक्ति एवं प्रतिवर्ष 4.89 करोड़ लोगों को लाभान्वित करने का लक्ष्य है। 5. इंदिरा रसोई योजना में काम
करने वाले कर्मचारियों, अधिकारियों व संस्थाओं को वार्षिक
रूप से प्रोत्साहन राशि के रूप में नकद पुरस्कार दिया जाएगा, जो कि निम्न प्रकार होगा:- i. जिला स्तर पर प्रथम आने पर
11,000 रुपये का पुरस्कार मिलेगा । ii. संभाग स्तर पर प्रथम आने पर
15,000 रु., द्वितीय पुरस्कार 11,000 रु., तृतीय पुरस्कार 5,000 रु. मिलेगा। iii. राज्य स्तर पर प्रथम आने पर
21,000 रु., द्वितीय पुरस्कार 15,000 रु., तृतीय पुरस्कार 11,000 रु. मिलेगा। 6. इस योजना का संचालन राजस्थान
में 300 से अधिक सेवाभावी एवं गैर सरकारी संगठन
(NGO) द्वारा ना लाभ ना हानि के आधार पर किया
जा रहा है। 7. यह योजना जब शुरू की गई थी
तब इस योजना का बजट 100 करोड़ रुपये था लेकिन वर्तमान में इसको
बढ़ाकर 250 करोड़ रुपये कर दिया है। 8. अगर कोई व्यक्ति यह योजना शुरू
करना चाहता है तो उसको एकमुस्त 5,00,000 रुपए स्थाई सामान लाने के एवं
3,00,000 रुपए प्रति वर्ष आवर्ती के समान के लिए
देने का प्रावधान है । 5,00,000 रुपए स्थाई सामान लाने का
विवरण निम्न है:-[3]
9. बजट 2022-23 में संचालित 358 रसोइयों की संख्या बढ़कर 1,000 रसोइयाँ कर दी गई है, जिसका विवरण निम्नलिखित है:-[4]
10. संचालित इंदिरा रसोइयों से 12 करोड़ से अधिक भोजन थाली उपलब्ध करवाई गई, जिससे सरकार पर प्रति वर्ष 27.63 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार बढ़ा है । जनवरी 2022 तक इस योजना से 4.79
करोड़ लोगों को लाभ मिला है। 11. सरकार द्वारा प्रत्येक रसोई को एक वित्तीय वर्ष में 3,00,000 रुपये देने का प्रावधान है।[5] 12. रसोई संचालक द्वारा कोई गलत
कूपन की एंट्री करने पर 2,000 रुपये पेनल्टी का प्रावधान
है और 7 दिवस के अंदर रसोई संचालन वाले को सरकार द्वारा भुगतान नहीं होने पर 12% वार्षिक पेनल्टी का प्रावधान है। 13. वित्तीय वर्ष 2020-21 में इस योजना के अंतर्गत नगर पालिका एवं नगर परिषद को देय राशि 2,15,57,300 रुपये प्रदान की गई । राजस्थान के दूरस्थ पश्चिमी जिले जैसलमेर में भी इस योजना से लोगों को लाभ मिल रहा हैं। जैसलमेर जिले को 3,92,900 रु. (जिसमें से जैसलमेर को 3,45,960 रु. एवं पोकरण को 46,940 रु.) प्रदान किए गए।[6] 14. वित्तीय वर्ष 2021-22 में जिला मुख्यालय की नगर निकायों को 2 करोड़ 61 लाख रुपये स्वीकृति प्रदान की गई।[7] 15. जैसलमेर जिले में संचालित 4 इंदिरा रसोइयों को 12 लाख रुपये (प्रति रसोई 3,00,000 रुपये) वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्रदान किए गए। 16. कोरोना काल में इंदिरा रसोई
योजना से 71 लाख जरूरतमंद लोगों को भोजन उपलब्ध करवाया गया । कोरोना
काल में इस योजना को मुख्यमंत्री सहायता कोष से 40 करोड़ 34 लाख रुपये सहायता प्रदान की गई जिसमें नगर निगम को 12,31,70,500 रुपये, नगर परिषद एवं नगर निगम को 28,02,29,500 रुपये प्रदान किए गए, जिसमें से जैसलमेर जिले को 36,67,200 रुपये प्रदान किए गए। 17. बजट 2023-24 के अनुसार इस योजना की शुरुआत अब ग्रामीण स्तर पर भी की
गई है 10 सितंबर 2023 को निवाई (टोंक) से इसकी शुरुआत हुई है और खाद्य
पदार्थ में बाजरे को भी शामिल किया गया है। रसोइयों की संख्या बढ़ाकर 2,000 रसोइयाँ करने का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है। 18. दोपहर का भोजन प्रातः 8:30 बजे से मध्यान्ह 3:00 बजे तक एवं रात्रिकालीन भोजन सांयकाल 5:00 बजे से 9:00 बजे तक उपलब्ध कराया जायेगा। इंदिरा रसोई योजना के लाभ 1. इस योजना से जरूरतमंद एवं गरीब
लोगों को फायदा होगा। 2. कम कीमत में भरपेट भोजन उपलब्ध
कराया जाएगा, जिससे कोई व्यक्ति भूख नहीं सोएगा। 3. यह योजना पूरे राजस्थान भर
में लागू है। 4. यह योजना ग्रामीण क्षेत्र में
भी लागू है, पहले यह योजना सिर्फ शहरी क्षेत्र में ही लागू थी क्योंकि
ग्रामीण क्षेत्र में गरीब और निर्धन लोग ज्यादा है। यह योजना लागू होने से अब उनको
भी फायदा मिलेगा। 5. अगर कोई व्यक्ति यह योजना शुरू
करना चाहता है तो सरकार की तरफ से एकमुस्त राशि 5,00,000 रुपये उसको मिलेगी और हर वित्तीय वर्ष में 3,00,000 रुपये भी मिलेंगे। 6. प्रत्येक थाली (25 रु. में से) 17 रु. सरकार द्वारा अनुदान दिया
जाएगा क्योंकि यह योजना एक फ्लैगशिप योजना है, जिससे कि सरकार द्वारा समय-समय पर इसका ध्यान रखा जाएगा। 7. इस योजना में जो कर्मचारी एवं
अधिकारी कार्य कर रहे हैं उनको सरकार की तरफ से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी, जिससे कि यह कर्मचारी / अधिकारी शुद्ध और पौष्टिक भोजन उपलब्ध करवा सकेंगे। इंदिरा रसोई योजना में चुनौतियां 1. इंदिरा योजना में प्रमुख चुनौती
यह है कि भोजन की पौष्टिकता और गुणवत्ता का ध्यान रखना। 2. एक अन्य चुनौती यह भी है कि
25 रु. में इतनी कम कीमत में भोजन की गुणवत्ता कैसे व्यवस्थित
रखें। 3. ज्यादा से ज्यादा लोग इस योजना
से भोजन ले सके यह भी अपने आप में एक चुनौती है क्योंकि कुछ लोगों की यह मान्यता है
की यह योजना सिर्फ गरीब लोगों की है और इसमें वही लोग खाना खा सकते हैं। 4. इंदिरा रसोई योजना एक स्थाई
जगह पर चल रही है जिससे कि एक जगह के लोगों को फायदा हो रहा है ज्यादा से ज्यादा लोगों
को कैसे फायदा हो यह अपने आप में चुनौती है। 5. इस योजना में कहीं ना कहीं भ्रष्टाचार भी हो रहा है क्योंकि कुछ लोग रसोई चलाने वाले गलत तरीके से अपने खातों में बढ़ी हुई थालियाँ दिखाकर सरकार से अनुदान की राशि प्राप्त कर रहे हैं । इसका एक उदाहरण नागौर जिले में संचालित इंदिरा रसोइयों पर समाचार पत्र दैनिक भास्कर के स्टिंग ऑपरेशन में हुए खुलासे में सामने आया हैं । इस ऑपरेशन की रिपोर्ट में टिप्पणी है कि "प्रत्येक रसोई में हर माह डेढ़ लाख रुपये और सालाना 15-18 लाख रुपये का फर्जीवाड़ा है।"[8] 6. अभी हाल ही में सरकार द्वारा
यह योजना ग्रामीण क्षेत्र में भी लागू की गई है जहां पर अच्छा और गुणवत्तापूर्ण कच्चा
माल या कच्ची सब्जियां उपलब्ध नहीं हो पाती हैं। 7. ज्यादातर लोगों को इस योजना
के बारे में पता नहीं है तो लोग इस योजना के बारे में जागरूक नहीं हैं। इंदिरा रसोई योजना के बारे में सुझाव 1. भोजन की पौष्टिकता एवं गुणवत्ता
के बारे में विशेष रूप से ध्यान रखा जाए। 2. यह योजना अधिक लोगों तक पहुंच
सके इसके लिए लोगों को इसके बारे में ज्यादा से ज्यादा जागरूक करें और इस योजना के
बारे में पूर्ण बताएं। 3. इस योजना में रसोई एक जगह नहीं
होकर वाहन पर परिवर्तित जगह पर होनी चाहिए जिससे कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसका
फायदा हो। 4. भ्रष्टाचार को रोकने के लिए
ऐसी व्यवस्था हो कि प्रत्येक खाने वाली या खाने वाला कोई ऐसा फीडबैक दे जिससे यह साबित
हो सके कि उसने ही खाना खाया है और फर्जी तरीके से अनुदान के लिए जो लोग अप्लाई कर
रहे हैं उसको रोका जा सके। 5. ग्रामीण क्षेत्र में भी खाने
का कच्चा माल या कच्ची सब्जियां उपलब्ध करवाई जाए। 6. यह योजना या रसोई ऐसी जगह होनी
चाहिए जहां पर आम जन का जमावड़ा ज्यादा हो। |
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न्यादर्ष |
Research Design: समस्त उपलब्ध सामग्री का अध्ययन विश्लेषण करने के उपरांत भूमिका, अर्थ, क्षेत्र, प्रभाव, विस्तृत विवरण, क्रियान्वयन, चुनौतियाँ, सुझाव, मूल्यांकन आदि पर विशेष
ध्यान देकर संदर्भों की सहायता से इस लेख को अंतिम रूप दिया गया है। |
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जाँच - परिणाम | इस शोध आलेख से इंदिरा रसोई योजना के क्रियान्वयन में आने वाली बाधाओं को दूर किया जाना संभव होगा । | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
निष्कर्ष |
यह योजना राजस्थान के गरीब व
विवश लोगों के लिए वरदान है। |
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भविष्य के अध्ययन के लिए सुझाव | 1. इंदिरा रसोई योजना में खाने की पौष्टिकता कायम रखी जाए। 2. इस योजना में भ्रष्टाचार ना हो इसका ध्यान रखा जाए। |
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आभार | इस शोध-पत्र के लेखन में सहयोग देने वाले इंदिरा रसोई योजना जैसलमेर (शहर) कर्मचारियों व सूचना विभाग जैसलमेर के कर्मचारियों का विशेष धन्यवाद करता हूँ । | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
सन्दर्भ ग्रन्थ सूची | 1. सुजस (राजस्थान सरकार की पत्रिका) अगस्त 2020, पेज न. 11 2. आदेश क्रमांक
8401/31.12.2021, निदेशक एवं विशिष्ट, सचिव स्वायत शासन विभाग, राजस्थान 3. आदेश क्रमांक 179/05.08.2020,
शासन सचिव, स्वायत शासन विभाग, राजस्थान 4. बजट 2022-23, राजस्थान सरकार, पेज न. 25 5. आदेश क्रमांक
9192/11.03.2022, निदेशक एवं विशिष्ट, सचिव स्वायत शासन विभाग, राजस्थान 6. आदेश क्रमांक
4470/13.01.2021, निदेशक एवं विशिष्ट, सचिव स्वायत शासन विभाग, राजस्थान 7. आदेश क्रमांक
9203/11.03.2022, निदेशक एवं विशिष्ट, सचिव स्वायत शासन विभाग, राजस्थान 8. दैनिक भास्कर, 14 अक्टूबर 2023, पेज न. 2 |