ISSN: 2456–4397 RNI No.  UPBIL/2016/68067 VOL.- VIII , ISSUE- XI February  - 2024
Anthology The Research
अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष 2023 आरोग्य एवम् आर्थिक समृद्धि की दिशा में उत्कृष्ट ‘श्री अन्न’
International Millets Year 2023 Excellent
Paper Id :  18570   Submission Date :  2024-02-13   Acceptance Date :  2024-02-21   Publication Date :  2024-02-25
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DOI:10.5281/zenodo.11125803
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स्वाति वत्स
असिस्टेंट प्रोफेसर
गृह विज्ञान विभाग
एम.के.पी. (पी.जी.) कॉलेज
देहरादून,उत्तराखंड, भारत
सारांश

आज की व्यस्त जीवन शैली ने हमें अपने स्वास्थ्य की चिन्ता करने पर मजबूर कर दिया है, लेकिन भारतीय संस्कृति ने हमें सदैव स्वास्थ्य को महत्वपूर्ण माना है और इसके लिए अनेक प्राकृतिक साधनों का सुझाव दिया है। श्री अन्न मिलेट्स इस ही सांस्कृतिक विचारधारा का अभिन्न अंग है, जो हमें स्वस्थ जीवन शैली की दिशा में नया दृष्टिकोण प्रदान करते हैं। श्री अन्न का शब्द संस्कृत से लिया गया है, जिसका अर्थ है “श्री” या “श्रेय”। इससे स्पष्ट है कि इस प्रकार अनाज हमारे लिए श्रेयस्कर होते हैं और स्वास्थ्य के लिये उपयुक्त होते हैं। मिलेट्स अनेक प्रकार के होते हैं, जैसे ज्वार, रागी, बाजरा, कुटकी, कोड़ो आदि। जिसमें प्रोटीन, आयरन, फाइबर, खनिज एवम् अन्य पोषक तत्व मौजूद होते हैं। जो हमें ऊर्जा प्रदान करके स्वस्थ स्वास्थ्य रखने में सहायता करते हैं। भारत मिलेट्स के अग्रणी उत्पादकों में से एक अग्रणी देश है। भारत मिलेट्स के उत्पादक राज्यों में आन्ध्र प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश इन प्रदेशों का महत्वपूर्ण स्थान है। भारत सरकार विभिन्न प्रोत्साहन योजनाओं के माध्यम से अधिक से अधिक मिलेट्स उत्पादन के लिए प्रोत्साहित कर रही है। बहुराष्ट्रीय कम्पनियों जैसे नैश्ले, हिन्दुस्तान लीवर एवम् राष्ट्रीय कंपनियां जैसे पतंजलि, टाटा के द्वारा विभिन्न प्रकार के रेडीमेड मिलेट्स आधारित बिस्किट्स, केक, नूडल्स, लड्डू, नमकीन एवम् स्वास्थ्यवर्धक मिठाईयाँ बनायी जा रही हैं और प्रचारित की जा रही है जो आने वाले समय में मिलेट्स के उपयोग को बढ़ावा देगी और आशा है कि इसके निर्यात के साथ-साथ स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी मिलेट्स का महत्वपूर्ण योगदान होगा।

सारांश का अंग्रेज़ी अनुवाद The busy lifestyle of today has compelled us to be concerned about our health, but Indian culture has always considered health to be crucial, suggesting various natural means. Shri Ann Millets is an integral part of this cultural ideology, providing a new perspective on a healthy lifestyle. The term "Shri Ann" is derived from Sanskrit, implying that grains like millets are essential and suitable for our health. Millets, such as Jawar, Ragi, Bajra, Kutki, and others, are rich in protein, iron, fiber, minerals, and other nutrients, contributing to our well being. India is a leading producer of millets, with states like Andhra Pradesh, Rajasthan, Karnataka, Uttar Pradesh, and Madhya Pradesh playing a crucial role. The Indian government encourages millet production through various incentive schemes. Companies like Nestle, Hindustan Lever, and Patanjali are creating a variety of ready-made millet-based products, promoting their consumption and contributing to a healthier lifestyle. It is hoped that the export of these products will increase in the future, and India will also play a significant role in the global millet market.
मुख्य शब्द सिंचित, मिलेट्स (श्री अन्न), पोषण, सहिष्णु फसल, निर्यात, आयात, बॉडी मास इंडेक्स, जीवन शैली, स्वास्थ्यवर्धक, स्त्रोत।
मुख्य शब्द का अंग्रेज़ी अनुवाद Irrigated, Millets, Nutrition, Tolerant Crop, Export, Import, Β.Μ.Ι., Life style, Healthy, Source.
प्रस्तावना

आरोग्यं धनं पुष्टिं सर्वासुखसमृद्धिम् ।

श्रीअन्नं देहि मे देवि सर्वसिद्धिकरी ।।

(हे देवी, मुझे श्रीअन्न प्रदान करो, जो आरोग्य, धन, पुष्टि और सभी सुखों का समृद्धि प्रदान करता है।

श्री अन्नं सर्वसौभाग्यं सर्वदेवप्रियम् ।

सर्वपापनाशनं च श्रीअन्नं प्रणम्येह ।।

(श्रीअन्न सभी सौभाग्यों का दाता है, सभी देवताओं को प्रिय है, और सभी पापों को नष्ट करने वाला है। इसलिए, हमें श्रीअन्न को प्रणाम करना चाहिए।)

‘श्रीअन्न’ का शब्द संस्कृत से लिया गया है, जिसका अर्थ है ‘श्री’ या ‘श्रेय’। इससे स्पष्ट है कि ये अन्न हमारे लिए श्रेयस्कर होते हैं एवम् स्वास्थ्य के लिए उपयुक्त हैं। मिलेट्स एक प्रकार के खाद्य हैं जो अनेक प्रकार की जडी-बूटियों से युक्त होते हैं, और इनमें विभिन्न पोषण तत्व होते हैं जो हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए उपयुक्त है। भारतीय बाजरा पोषण की दृष्टि से गेहूँ और चावल से बेहतर है, क्योंकि वे प्राटीन, विटामिन और खनिजों से भरपूर है। वे ग्लूटोन मुक्त भी हैं और उनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी कम है जो उन्हें सीलिएक रोग या मधुमेह वाले व्यक्तियों के लिए आदर्श बनाता है।

मिलेट्स की स्वास्थ्यवर्धक विशेषताएं –

मिलेट्स की निकटतम संरचना एवं स्वास्थ्यवर्धक विशेषताएं निम्न तालिका में दर्शायी गयी हैं। मिलेट्स में वसा, फाइबर और मिनरल गेहूँ / चावल जैसे अनाजों की तुलना में अधिक मात्रा में पायी जाती है।

अध्ययन का उद्देश्य

1. मिलेट्स की खेती, उत्पादन और उपयोग की विज्ञानात्मक अध्ययन करना।

2. मिलेट्स के स्वास्थ्य, पोषण और पर्यावरणीय लाभों पर प्रभाव और उनका अध्ययन करना।

3. नई तकनीकों और उत्पादन प्रक्रियाओं का विकास करके मिलेट्स के उत्पादन को बढ़ावा देना।

4. मिलेट्स के व्यापार, बाजार, और वित्तीय पहलुओं का अध्ययन करना और समझना।

5. मिलेट्स के खाद्य सुरक्षा, खाद्य बाजार और खाद्य प्रसंस्करण के प्रसंस्करण के प्रति गहरा अध्ययन करना।

साहित्यावलोकन

1. डॉ० बी. दयाकर राव, डॉ० विलास टोपणि, श्रीमती विशाला .डी., डॉ० महेश कुमार : मूल्यवर्धित पौष्टिक धान्य - स्वाद के साथ स्वास्थ्य भाकृअनुप भारतीय पौष्टिक धान्य अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद - 500030. तेलंगाना, भारत, अगस्त 2018

2. डॉ० मुकेश जैन, निदेशक, मिलेट्स उत्पादन, प्रसंस्करण और मूल्यवर्धन के लिए मशीनरी : उत्तरी क्षेत्र कृषि मशीनरी प्रशिक्षण एवम प्रीक्षण संस्थान, हिसार, हरियाणा।

3. Aditya, Girijavallabhan; Agna, Shibu Mathew: Gayathri, Rajeev; Sonia; Thomas and Premagowri, B. (2022). Perception and consumption pattern of millers among female young adults, IARJSET International Advanced Research Journal in Science, Engineering and Technology Impact Factor 7, 105, VOL. 9, Issue 1, January, 2022.

4. Alekhya, P. and Raj Shravanthi, A. (2019),Buying Behaviour of Consumers towards MilletBased Food Products in Hyderabad District of Telangana, India. Int. 1. Curr. Microbiol. App. Sei.. 8(10): 223-236.

मुख्य पाठ


मिलेट्स स्वास्थ्य का अनमोल खजाना

आज की दौड़भरी जीवनशैली ने हमें अपने स्वास्थ्य की चिंता करने पर मजबूर कर दिया है। लेकिन भारतीय सांस्कृतिक धारा ने हमें हमेशा से स्वास्थ्य को महत्वपूर्ण माना है और इसके लिए अनेक प्राकृतिक साधनों का सुझाव दिया है। श्रीअन्न मिलेट्स इसी सांस्कृतिक विचारधारा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो हमें स्वस्थ जीवनशैली की दिशा में एक कदम आगे बढ़ने का एक नया दृष्टिकोण प्रदान करते हैं। भारत सरकार ने संयुक्त राष्ट्र को वर्ष 2023 को अन्तर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष (IYOM) घोषित करने का सुझाव दिया था। भारत को 72 अन्य देशों का समर्थन मिला और 25 मार्च, 2021 को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने वर्ष 2023 को अन्तर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष घोषित किया । इस प्रकार हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के अथक प्रयासों से वर्ष 2023 को अन्तर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष घोषित किया गया है। इस अवसर पर मोदी जी ने कहा कि “मिलेट्स उपभोक्ता, किसान एवं पर्यावरण के लिए अच्छा है। ये उपभोक्ताओं के लिए संतुलित पोषण का एक समूह स्त्रोत है। वे खेती करने वालों को और हमारे पर्यावरण को लाभ पहुंचाते हैं। क्योंकि उन्हें कम पानी की आवश्यकता है और वे खेती के प्राकृतिक तरीकों के अनुकूल हैं। उन्होंने कहा कि “मिलेट्स” के विषय में जागरूकता बढ़ाना इस आन्दोलन का हिस्सा है।“

बाजरा का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष –

1.खाद्य सुरक्षा में बाजरा के योगदान को बढ़ाने का एक समृद्ध अवसर देता है।

2.बाजरा का वैश्विक उत्पादन बढ़ाना ।

3.कुशल प्रसंस्करण, परिवहन, भण्डारण और खपत सुनिश्चित करना ।

4.हितधारक की भागीदारी से बाजरा का सतत् उत्पादन एवं गुणवत्ता ।

भारतीय मिलेट्स के स्त्रोत –

भारत मिलेट्स के प्रमुख उत्पादक एवम् निर्यातों में से एक देश है। भारत के बाद नाइजीरिया और चीन हैं। अन्य प्रमुख उत्पादक देशों में बुर्किना फासो, माली और सेनेगल शामिल हैं। जबकि बाजरा विकसित देशों में प्रमुख खाद्य फसल नहीं है और विकासशील देशों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भारत में मिलेट्स उगाने वाले प्रमुख राज्यों में राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आन्ध्र प्रदेश और मध्यप्रदेश हैं। इन सभी राज्यों में बडी संख्या में श्रीअन्न उत्पादक कृषक हैं जो क्षेत्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय बाजारों के लिए मिलेट्स की पैदावार करते हैं। इसके अतिरिक्त भारत में अनेक छोटे उत्पादक क्षेत्र हैं जो मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार राज्य में स्थित है। भारत सरकार “राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा” मिशन के भाग के रूप में मिलेट्स के उत्पादन को बढ़ावा दे रही है, जिसके कारण आने वाले वर्षों में ‘श्रीअन्न’ के उत्पादन में वृद्धि रहने की आशा की जा सकती है। भारत विश्व में प्रमुख निर्यातक देश के रूप में उभर रहा है। भारत से निर्यात करने वाले प्रमुख देश हैं –

1. U.A.E - 17.76%

2. SAUDI ARABIA -13.67%

3. NEPAL- 7.35%

4. BANGLADESH- 4.92%

5. JAPAN – 4.43%

Source: DGCIS

श्रीअन्न (मिलेट्स) के स्वरूप –

1.ज्वार – Pearl Millet

2. बाजरा – Sorghum Millet

3. रागी – Finger Millet

4. कुटकी – Little Millet

5. कोडो –Kodo Millet

6. सांबा – Barnyard Millet

7. कंगनी – Foxtail Millet

1- ज्वार – Sorghum Millet : ज्वार ग्रामीण परिवार की फसल है, जिसमें कार्बोहाइड्रेट सबसे अधिक मात्रा में पाया जाता है। यह एक सूखा सहिष्णु फसल है जिसे कम या बिना सिंचाई के क्षेत्र में उगाया जा सकता है। ज्वार पौष्टिकता से भरपूर अन्न है, जिसमें फाइबर एवम् प्रोटीन की उच्च मात्रा पायी जाती है। यह आयरन एवम् मैग्नीशियम सहित विटामिन एवम् खनिजों का भी स्रोत है, जिसका उपयोग विशेषतः रोटी, दलिया एवम् अन्य खाद्य पदार्थो को बनाने में किया जाता है तथा इसे “किंग ऑफ मिलेट्स” के रूप में भी जाना जाता है।

2- बाजरा – Pearl Millet एक प्रकार का मोटा अनाज है और भारत में सबसे अधिक अल्पावधि खेती की जाने वाली फसलों में से एक है और इसे वर्षा एवम् असिंचित आधारित दोनों स्थितियों में उगाया जा सकता है। बाजरा प्रोटीन खनिज एवम् विटामिन का एक समूह स्त्रोत है यह फाइबर का उचित स्त्रोत है।

3- रागी Finger Millets पूर्वी अफ्रीका एवं एशिया में रागी एक मुख्य अनाज है। तने के शीर्ष पर, पौधे में कई स्पाइक्स भाग होते हैं, इसके दाने छोटे होते हैं। रागी खनिज, डाइट्री फाइबर, पॉलीफेनोल्स से भरपूर होता है। कैल्शियम से भरपूर रागी बढ़ते बच्चों, गर्भवती महिलाओं, मधुमेह और कुपोषण से पीड़ित लोगों के लिए काफी स्वास्थ्यवर्धक अनाज है। रागी में उच्च मात्रा में पोटेशियम होता है जो मस्तिष्क, मॉसपेशियों को सुचारू रूप से कार्यों को करने में मदद करता है।

4- ज्वार कुटकी Little Millets यह एक पारंपारिक फसल है जो सम्पूर्ण भारत में उगाई जाती है। कुटकी प्रोसो की एक प्रजाति है, परन्तु कुटकी के बीच प्रोसो की तुलना में सूक्ष्म होते हैं। कुटकी विटामिन ‘बी’ और कैल्शियम, आयरन, जिंक एवं पोटेशियम जैसे आवश्यक खनिजों से भरपूर होता है। कुटकी चावल का एक स्वस्थ्य विकल्प है और उनके सेवन से वजन भी नहीं बढता, पारंपारिक व्यंजनों में दक्षिण भारत के अनेक राज्यों में कुटकी का बड़े पैमाने पर प्रयोग किया जाता है।

5- कोडो Kodo Millet – यह एक पाचनशील पोषक तत्वों का एक प्रकार है, ग्लूटिन मुक्त मिलेट्स होने के चलते यह ग्लूटिन असहिष्णु व्यक्तियों के लिए काफी बेहतर सिद्ध हुआ है। इसके नियमित उपयोग से महिलाओं में हृदय सम्बंधी विकारों जैसे नियमित उच्च रक्तचाप और कॉलेस्ट्राल के स्तर को - कम किया जा सकता है।

6- सांबा Barnyard Millet- यह मिलेट्स की सूची में सबसे लोकप्रिय - मिलेट्स है जो उच्च मात्रा में फाइबर युक्त होता है, जिसके कारण मल-त्याग को बेहतर बनाने एवं वजन घटाने में सहायता करता है। सांबा कैल्शियम और फास्फोरस से भरपूर होता है जो हड्डियों को मजबूत बनाता है इसका प्रयोग मनुष्य के भोजन एवं पशुओं के चारे के रूप में किया जाता है।

7- कंगनी - Foxtail Millets यह मिलेट्स कार्बोहाइड्रेट्स से भरपूर होता है। यह शरीर में शर्करा के स्तर को संतुलित करने में मदद करता है तथा इसमें आयरन की मात्रा अधिक होती है। कंगनी में उच्च मात्रा में पोटेशियम होता है, जिसमें किडनी एवं दिमाग के समुचित कार्य करने में मदद करता है। कंगनी एक ठोस किस्म की फसल है जो सूखे की स्थिति में भी तेजी से बढती है और उच्च ताप को सहन कर सकती है।

मिलेट्स की बढ़ती लोकप्रियता –

अपने स्वास्थ्यवर्धक एवम् पौष्टिक गुणों के कारण मिलेट्स की लोकप्रियता में तेजी से लोगों की जागरूकता बढती जा रही है। भारत की पहल पर संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा सन् 2023 को “अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष” घोषित किया गया है, जिसके कारण पूरे विश्व का ध्यान मिलेट्स ने अपने उपयोग हेतू आकर्षिक किया है। भारत में इसका प्रभाव बोकारो (झारखण्ड) से लेकर कानपुर, चंडीगढ़, गोवाहाटी, उड़ीसा आदि राज्यों में मिलेट्स जनता को अपनी ओर लुभा रहे हैं। यहाँ के बाजारों में इसकी बिकी 20 से 30 प्रतिशत तक बढी है। दुकानदार मिलेट्स के बोर्ड लगाकर मिलेट्स की बिकी कर रहे हैं। नेहरू युवा केन्द्र और विश्वविद्यालय में इस सुपर फूड को लोकप्रिय बनाने के लिए विशेष कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। बोकारों के राजेश कुमार कहते हैं कि “आज की जीवन शैली में श्री अन्न का आटा ही सर्वश्रेष्ठ है, क्योंकि बच्चों की सेहत का सवाल जो है।“ गॉवों तक श्री अन्न पहुँचने की तस्वीर जिला कृषि पदाधिकारी उमेश तिवारी कहते हैं, पहले यहाँ एक ही फसल होती थी अब दूसरी फसल के आगे बढ़ने से किसानों की आय बढ़ेगी ।

उत्तर प्रदेश के कानपुर नगर जो उद्योगों का शहर कहलाता है यहाँ पर नये व्यंजनों की श्रृंखला तैयार हो चुकी है। एच.बी.टी.यू. के फूड टैक्नोलॉजी विभाग ने युवा पीढ़ी के लिए समोसा, पिज्जा, कुलचा, बर्गर, डोसा जैसे व्यंजन तैयार किये हैं। सी.एस.ए. के छात्राओं ने केक, मिठाई, कुकीज, इडली, उत्तपम और खिचडी से श्रीअन्न के मैन्यू को स्वादिष्ट संपन्नता दी है। एच.बी.टी.यू. के एक स्टार्ट-अप के मिलेट्स कैफे में फास्ट फूड की बिकी हो रही है वहीं, कृषि विश्वविद्यालय में तैयार उत्पादों की कृषि विज्ञान मेले और प्रदर्शनी में जमकर प्रशंसा हुई। एच.बी.टी.यू. के प्रोफेसर अनुराग सिंह के अनुसार, “लोगों के फास्ट फूड उपयोग के आदतों पर ध्यान केन्द्रित किया तो ये व्यंजन सामने आए।“

सी.एस.ए. की डा० सीमा सोनकर बताती हैं कि श्रीअन्न के व्यंजनों को अब व्यवसायिक रूप दिया जा रहा है।

उपरोक्त नित नये नवाचारों के कारण आज पटना में स्थापित स्टार्टअप ओसीबी केक प्राइवेट लिमिटेड बिहार की ही नहीं, बंगाल, उत्तर प्रदेश, दिल्ली तक श्रीअन्न में बेकरी उत्पादों की आपूर्ति कर रही है। केन्द्र सरकार द्वारा भी 25 लाख रूपये का योगदान इस स्टार्टअप को प्रदान किया गया है।

निष्कर्ष

यह सही कहा गया है कि, “आत्मा रक्षति रक्षिता” यह श्लोक हमें बताता है कि जो व्यक्ति अपने शरीर और मानसिक स्वास्थ्य का संरक्षण करता है, वह स्वयं को रक्षक बना लेता है। इसमें एक सुधरी जीवन शैली, आहार और योग्य उपायों का सही संघटन शामिल होता है, जिसमें श्रीअन्न मिलेट्स का महत्वपूर्ण स्थान है।

सन्दर्भ ग्रन्थ सूची

1. डॉ० बीदयाकर रावडॉ० विलास  टोपणिश्रीमती विशाला .डी.डॉ० महेश कुमार : मूल्यवर्धित 

पौष्टिक धान्य - स्वाद के साथ स्वास्थ्य भाकृअनुप भारतीय पौष्टिक धान्य अनुसंधान संस्थानहैदराबाद - 500030. तेलंगानाभारतअगस्त 2018

2. डॉ० मुकेश जैननिदेशकमिलेट्स उत्पादनप्रसंस्करण और मूल्यवर्धन के लिए मशीनरी : उत्तरी 

क्षेत्र कृषि मशीनरी प्रशिक्षण एवम ! प्रीक्षण संस्थानहिसारहरियाणा।

3. Aditya,Girijavallabhan; Agna, ShibuMathew: Gayathri, Rajeev; Sonia; Thomas and Premagowri, B. (2022). Perception and consumption pattern of millers among female young adults, IARJSET International Advanced Research Journal in Science, Engineering and Technology Impact Factor 7, 105, VOl. 9, Issue 1, January, 2022.

4. Alekhya, P. and Raj Shravanthi, A. (2019), Buying Behaviour of Consumers to wards Millet Based Food Products in Hyderabad District of Telangana, India. Int. I. Curr. Microbiol. App. Sei., 8(10): 223-236.

5. Fuller, D.Q. (2014), Millets: Origin and Development. In: Encyclopedia of Global Archeology.” Springer, New York, NY.

6. Michaelraj Stanly Joseph and Shannugam(2008), “A study on Millets based Cultivation and consumption in India”. International Journal of Marketing FinancialServicesand ManagementResearch,Vol.2., No.4, pp.49-50.

7. Gowri, M. Uma and Shivakumar, K.M. (2020), MilletScenario in India Economic Affairs, Vol. 65. No. 3, pp.363-370, September 2020.