ISSN: 2456–5474 RNI No.  UPBIL/2016/68367 VOL.- IX , ISSUE- X November  - 2024
Innovation The Research Concept

नई शिक्षा नीति 2020 के विभिन्न आयामों का विश्लेष्णात्मक अध्ययन

Analytical study of various dimensions of New Education Policy 2020
Paper Id :  19440   Submission Date :  2024-11-11   Acceptance Date :  2024-11-23   Publication Date :  2024-11-25
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बेदराम
असिस्टेंट प्रोफेसर
शिक्षा विभाग
आर०पी०पी०जी० कॉलेज
कमालगंज, फर्रुखाबाद ,उत्तर प्रदेश, भारत
सारांश
स्वतंत्रता प्राप्त के पश्चात हमारे देश में शिक्षा में सुधार लाने के लिए हमारी शिक्षा प्रणाली में कई परिवर्तन किए गए प्रथम 1968 में द्वितीय 1978में तृतीय 1986 में और चतुर्थ 1992 में अब देश में 34 वर्षों के बाद यह परिवर्तन लाकर उसे बेहतर करने का प्रयास किया गया है नई राष्ट्रिय शिक्षा नीति 2020 का प्रारूप अंतरिक्ष वैज्ञानिक डॉक्टर के ० कस्तूरीरंगन ने अपना सुझाव देते हुए मई 2019 में एक पत्र उस समय के केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर कर को लिखा था | नई शिक्षा नीति 2020 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल द्वारा 29 जुलाई 2020 को मंजूरी दी गई थी | स्वतंत्रता प्राप्त के पश्चात हमारे देश में शिक्षा में सुधार लाने के लिए हमारी शिक्षा प्रणाली में कई परिवर्तन किए गए प्रथम 1968 में द्वितीय 1978में तृतीय 1986 में और चतुर्थ 1992 में अब देश में 34 वर्षों के बाद यह परिवर्तन लाकर उसे बेहतर करने का प्रयास किया गया है नई राष्ट्रिय शिक्षा नीति 2020 का प्रारूप अंतरिक्ष वैज्ञानिक डॉक्टर के ० कस्तूरीरंगन ने अपना सुझाव देते हुए मई 2019 में एक पत्र उस समय के केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर कर को लिखा था | नई शिक्षा नीति 2020 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल द्वारा 29 जुलाई 2020 को मंजूरी दी गई थी |
सारांश का अंग्रेज़ी अनुवाद
मुख्य शब्द
मुख्य शब्द का अंग्रेज़ी अनुवाद
प्रस्तावना

स्वतंत्रता प्राप्त के पश्चात हमारे देश में शिक्षा में सुधार लाने के लिए हमारी शिक्षा प्रणाली में कई परिवर्तन किए गए प्रथम 1968 में द्वितीय 1978में तृतीय 1986 में और चतुर्थ 1992 में अब देश में 34 वर्षों के बाद यह परिवर्तन लाकर उसे बेहतर करने का प्रयास किया गया है नई राष्ट्रिय शिक्षा नीति 2020 का प्रारूप अंतरिक्ष वैज्ञानिक डॉक्टर के ० कस्तूरीरंगन ने अपना सुझाव देते हुए मई 2019 में एक पत्र उस समय के केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर कर को लिखा था | नई शिक्षा नीति 2020 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल द्वारा 29 जुलाई 2020 को मंजूरी दी गई थी | स्वतंत्रता प्राप्त के पश्चात हमारे देश में शिक्षा में सुधार लाने के लिए हमारी शिक्षा प्रणाली में कई परिवर्तन किए गए प्रथम 1968 में द्वितीय 1978में तृतीय 1986 में और चतुर्थ 1992 में अब देश में 34 वर्षों के बाद यह परिवर्तन लाकर उसे बेहतर करने का प्रयास किया गया है नई राष्ट्रिय शिक्षा नीति 2020 का प्रारूप अंतरिक्ष वैज्ञानिक डॉक्टर के ० कस्तूरीरंगन ने अपना सुझाव देते हुए मई 2019 में एक पत्र उस समय के केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर कर को लिखा था | नई शिक्षा नीति 2020 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल द्वारा 29 जुलाई 2020 को मंजूरी दी गई थी |

अध्ययन का उद्देश्य
प्रस्तुत शोधपत्र का उद्देश्य नई शिक्षा नीति 2020 के विभिन्न आयामों का विश्लेष्णात्मक अध्ययन करना है|
साहित्यावलोकन
स्वतंत्रता प्राप्त के पश्चात हमारे देश में शिक्षा में सुधार लाने के लिए हमारी शिक्षा प्रणाली में कई परिवर्तन किए गए प्रथम 1968 में द्वितीय 1978में  तृतीय 1986 में और चतुर्थ 1992 में अब देश में 34 वर्षों के बाद यह परिवर्तन लाकर उसे बेहतर करने का प्रयास किया गया है नई राष्ट्रिय शिक्षा नीति 2020 का प्रारूप अंतरिक्ष वैज्ञानिक डॉक्टर के ० कस्तूरीरंगन ने अपना सुझाव देते हुए मई 2019 में एक पत्र उस समय के केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर कर को लिखा था| नई शिक्षा नीति 2020 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल द्वारा 29 जुलाई 2020 को मंजूरी दी गई थी|
मुख्य पाठ

नई शिक्षा नीति के चरण - नई शिक्षा नीति के चरणों को चार भागों में विभाजित किया जा सकता है राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 में 10 + 2 के सूत्र को समाप्त करने के बाद सरकार नई शिक्षा नीति 2020 में 5 + 3 + 3 + 4 के सूत्र को लागू करने जा रही है| इस नए सूत्र के नए पैटर्न में 3 साल की प्री स्कूल शिक्षा को तथा 12 साल की स्कूली शिक्षा सम्मिलित की गई है| इस सूत्र को सरकारी तथा गैर सरकारी संस्थाओं को अनुसरण करना अनिवार्य किया गया है| शिक्षा नीति के नए चार चरण निम्नलिखित है-

1 फाउंडेशन स्टेज - नई शिक्षा नीति 2020 के फाउंडेशन स्टेज में तीन से आठ साल के बच्चों को सम्मिलित किया गया है| जिसके अंतर्गत छात्रों का भाषा कौशल और शैक्षिक स्तर का मूल्यांकन किया जाएगा तथा उसके विकास में ध्यान केंद्रित किया जाएगा|

2 प्रिपेरटरी स्टेज -इस स्टेज में 8 से 11 वर्ष के बच्चों को सम्मिलित किया गया है| जिसमें कक्षा तीन से कक्षा 5 तक के बच्चे होंगे नई शिक्षा नीति 2020 में इस स्टेज के छात्रों का संख्यात्मक कौशल को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दिया गया है| और छात्रों को क्षेत्रीय भाषा का भी ज्ञान कराया जाएगा|

3 मिडिल स्टेज - इस स्टेज में कक्षा 6 से 8 के बच्चों को सम्मिलित किया गया है कक्षा 6 से ही बच्चों को कोडिंग शिखाना शुरू किया जाएगा और विषय आधारित पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा कक्षा 6 से ही कौशल विकास शुरू किया जाएगा|

4 सेकेंडरी स्टेज - इस स्टेज में कक्षा 9 से कक्षा 12 की पढ़ाई दो चरणों में होगी जिसमें विषयों का गहन अध्ययन कराया जाएगा एवं विषय चुनने की आजादी भी होगी| छात्र साइंस के विषयों के साथ-साथ आर्ट्स या कॉमर्स के विषयो को भी एक साथ पढ़ सकते हैं|

उच्च शिक्षा

गुणवत्तापूर्ण विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय - नई शिक्षा नीति में 21 वीं सादी की आवश्यकताओं को देखते हुए गुणवत्तापूर्ण उच्चतर शिक्षा का जरूरी उद्देश्य अच्छे, चिंतनशील, बहुमुखी प्रतिभा वाले रचनात्मक व्यक्तियों का विकास करना है| सामाजिक स्तर पर उच्च शिक्षा के उद्देश्य से राष्ट्र को प्रबुद्ध, सामाजिक रूप से जागरूक , जानकर और सक्षम बनाना है|  जो अपने नागरिकों का उत्थान कर सके और अपनी समस्याओं के लिए सशक्त समाधानों को ढूंढ कर लागू कर सके| उत्तर शिक्षा देश में ज्ञान निर्माण और नवाचार का आधार भी बनती है| और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है| इसलिए उसे शिक्षा का उद्देश्य से रोजगार के अवसरों को सृजन करना ही नहीं बल्कि अधिक जीवंत और सामाजिक रूप से जुड़े हुए सहकारी समुदायों के साथ मिलकर अधिक खुशनुमा, सामजस्य पूर्ण, सुसंस्कृत, उत्पादक , अभिनव , प्रगतिशील और साम्राध्य राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करना है| यह शिक्षा नीति उच्च शिक्षा प्रणाली में आमूल- चूल बदलाव और नए जोश के बदलाव के लिए उपयुक्त चुनौतियों को दूर करने के लिए कहती है| जिससे सभी युवा लोगों को उनकी आकांक्षाओं के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण, समान अवसर देने वाली एवं समावेसी उच्चतर शिक्षा मिले|

स्नातक शिक्षा में परिवर्तन - राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में स्नातक शिक्षा में महत्वपूर्ण परिवर्तन किया गया है जो निम्न प्रकार के हैं -

1 common aptitude test  (सी0ए0पी0)-  नई शिक्षा नीति में स्नातक कक्षाओं में प्रवेश केबल कट ऑफ लिस्ट से ही नहीं होगा| संपूर्ण देश में छात्र-छात्राएं  सी0ए0पी0 के आधार पर भी स्नातक कक्षाओं में प्रवेश पासकेंगे यह परीक्षा (N.T.A.) नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा कराई जाएगी यह परीक्षा सभी छात्राओं के लिए अनिवार्य नहीं होगी|

 2. Entry exit system प्रवेश एवं निकासी व्यवस्था - राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सबसे मुख्य सुंदरता यह है कि अब कोई भी छात्र-छात्त्रा स्नातक कक्षाओं में कभी भी प्रवेश निकासी कर सकते हैं|

उदाहरणता-

-  यदि कोई छात्र स्नातक कक्षा में प्रवेश करता है और यह अनुभव करता है कि उसके द्वारा चयनित विषयों में उसकी रुचि उत्पन्न नहीं हो रही है तो वह द्वितीय वर्ष में अपने विषयों में परिवर्तन कर सकता है|

ख- यदि कोई छात्र स्नातक कक्षा में प्रवेश करता है और किसी कारण बस अपनी शिक्षा को निरंतर नहीं रख पाता है| तो वह कुछ वर्षों के बाद भी अपनी शिक्षा को पुनः आरंभ कर सकता है एक वर्षीय शिक्षा के उपरांत उस छात्र को एक वर्ष की सर्टिफिकेट कोर्स का प्रमाण पत्र दिया जाएगा संक्षिप्त में यह कहा जा सकता है कि स्नातक कक्षाओं में छात्र-छात्राएं जितने वर्ष अध्ययन करेंगे उनके अध्ययन अवध के अनुसार प्रमाणित किया जाएगा

एकवर्षीय अध्ययन       -      सर्टिफिकेट कोर्स

द्विवर्षीय अध्ययन      -      डिप्लोमा कोर्स

त्रिवर्षीय अध्ययन        -      स्नातक डिग्री

चारवर्षीय अध्ययन       -      शोध संग स्नातक डिग्री

इसका प्रमुख लाभ इंजीनियरिंग करने वाले छात्रों को होगा वह 2 वर्ष की शिक्षा के बाद डिप्लोमा डिग्री पासकेंगे|

परास्नातक शिक्षा में परिवर्तन - राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में पर स्नातक शिक्षा में भी परिवर्तन किया गया है| 3 वर्षीय स्नातक डिग्री के पश्चात परास्नातक डिग्री 2 वर्षीय कोर्स होगा तथा 4 वर्षीय स्नातक डिग्री के बाद यह 1 वर्षीय कोर्स होगा|

एम0फिल0 की समाप्ति - राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में पर स्नातक शिक्षा के बाद होने वाली एम0फिल0 की डिग्री को समाप्त कर दिया गया है छात्र-छात्राएं परास्नातक शिक्षा के बाद सीधे अनुसंधान कार्य अथवा शोध कार्य कर सकेंगे|

शोध अथवा अनुसंधान की गुणवत्ता में सुधार - राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में छात्र-छात्राएं 4 वर्षीय स्नातक डिग्री के पश्चात या परास्नातक डिग्री के बाद शोध कार्य करने के योग्य होंगे| शोध कार्य की गुणवत्ता अंतरराष्ट्रीय स्तर की होने पर बल दिया गया है|

राष्ट्रीय शिक्षा नीति की विशेषताएं - राष्ट्रीय शिक्षा नीति स्वतंत्र भारत की तीसरी शिक्षा नीति है जिसमें बुनियादी तौर पर बदलाव किए गए हैं -

  1.  नई शिक्षा नीति के तहत शैक्षिक क्षेत्र को तकनीकी से भी जोड़ा जाएगा जिसमें सभी स्कूलों में अधिक से अधिक डिजिटल इक्विपमेंट दिए जाएंगे|
  2. नई शिक्षा नीति में सभी प्रकार की शैक्षिक विषय वस्तु को प्रमुखता उस क्षेत्र की क्षेत्रीय भाषा में भी ट्रांसलेट  किया जाएगा जिससे शैक्षिक क्षेत्र में क्षेत्रीय भाषा को बढ़ावा मिल सके|
  3. कक्षा 6 से ही बच्चों को व्यवसायिक प्रशिक्षण दिया जाएगा|
  4. नई शिक्षा नीति में अब पढ़ाई में कई प्रकार के अन्य विकल्प बच्चों को दिए जाएंगे|
  5. नई शिक्षा नीति के अंतर्गत छात्रों को छठवीं कक्षा से ही कोडिंग सिखाई जाएगी|
  6. शैक्षिक क्षेत्र में वर्चुअल लैब को भी बनाया जाएगा|
  7. नई शिक्षा नीति के अंतर्गत वर्षों से चली आ रही 10 + 2 के शैक्षिक पैटर्न को बदलकर 5 + 3 + 3 + 4 नए शैक्षिक पैटर्न को चुना गया है|
  8. नई शिक्षा नीति के अंतर्गत शिक्षा का सार्वभौमीकरण किया जाएगा|
  9. नई शिक्षा नीति के अंतर्गत शैक्षिक पाठ्यक्रमों को लचीला बनाए जाने की हर संभव कोशिश की जाएगी|
  10. राष्ट्रीय नई शिक्षा नीति के तहत 2030 तक हर जिले में उच्च शिक्षा संस्थान का निर्माण किया जाएगा|
  11. नई शिक्षा नीति में सरकारी तथा प्राइवेट संस्थानों को एक समान माना जाएगा|

नई शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्य - भारत सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति 2020 लागू की गई है जो शिक्षा की दृष्टि से छात्र-छात्राओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण है| इसके उद्देश्य निम्नलिखित हैं -

  1. नई शिक्षा नीति में देश की सभी प्राचीन भाषाओं को पढ़ने का विकल्प रखा गया है|
  2. शिक्षा को आसान बनाने के लिए आर्टिफिशियल, इंटेलिजेंस , सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाएगा|
  3. छात्रों को कम से कम तीन भाषाओं का ज्ञान कराया जाएगा|
  4. छात्रों की पढ़ाई के साथ-साथ प्रशिक्षण पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा|
  5. नई शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत छात्र कोई भी कोर्स बीच में छोड़कर अन्य कोर्स में दाखिला लेना चाहता है तो वह एक निश्चित समय के पश्चात दूसरे कोर्स में दाखिला ले सकता है|
21 वीं साड़ी की आवश्यकताओं को देखते हुए विश्वविद्यालय या महाविद्यालय की शिक्षा का जरूरी उद्देश्य, अच्छे, बहुमुखी प्रतिभा वाले और रचनात्मक व्यक्तियों का विकास करना इसके साथ ही व्यक्ति को जिज्ञासु, नैतिक और संवैधानिक मूल्यों को मानने वाला बनाने का लक्ष्य रखा गया है| और उच्च शिक्षा में क्रमिक बदलाव की बात कही गई है|
निष्कर्ष

नई शिक्षा नीति 2020 के समग्र आयाम का विश्लेषणात्मक अध्ययन करने पर कहा जा सकता है कि एक दूरदर्शी सोच पर आधारित नीति को तैयार करने का प्रयास किया गया है यह शिक्षा नीति आने वाले समय में भारतीय शिक्षा प्रणाली में मूलभूत परिवर्तन करने में सक्षम होगी तथा भारत को आत्मनिर्भर बनाने की संकल्पना और अधिक शुद्रण होगी यद्यपि समस्त आयामों को लागू करना सरकार के समक्ष एक चुनौती होगी कई आयाम के विरोध में स्वर उठने की संभावना बनी हुई है|

सन्दर्भ ग्रन्थ सूची
  1. पी0बी0यंग0 “साइंससिटिफिक सोशल सर्वे एंड रिसर्च” प्रिंटर्स हॉल ऑफ़ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड फोर्थ एडिशन नई दिल्ली 1960 |
  2. प्रारूप राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2019 |
  3. प्रारूप राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 |
  4. गुड एंड हार्ट “मेथड्स इन सोशल रिसर्च” हिल बुक कंपनी न्यूयॉर्क|
  5. गैरेट हेनरी ई शिक्षा एवं मनोविज्ञान में सांख्यिकीय लुधियाना कल्याणी पब्लिशर्स 1979
  6. सारस्वत एम0 शिक्षा मनोविज्ञान की रूपरेखा |