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शोध संकलन ISBN: 978-93-93166-97-5 For verification of this chapter, please visit on http://www.socialresearchfoundation.com/books.php#8 |
कोविड-19 के कारण शिक्षण में परिवर्तन |
डॉ भारत सिंह
प्राचार्य
सरदार भगत सिंह संघटक राजकीय महाविद्यालय, पुवायां, शाहजहाँपुर
एम.जे.पी. रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय, बरेली
उत्तर प्रदेश, भारत
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DOI:10.5281/zenodo.13943333 Chapter ID: 19251 |
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प्रस्तावना कोरोना वायरस एक वैश्विक महामारी के रूप में सम्पूर्ण विश्व
में फैल चुकी है। कोरोना वायरस विभिन्न प्रकार के विषाणुओं का एक समूह है जो पक्षियों
और स्थानधारियों में रोग उत्पन्न सकता है। यह रोग रोगी के श्वसन तंत्र को प्रभावित
करता है। इस रोग की शुरूआत जुकाम एवं खासी मात्र से होती है, जो धीरे-धीरे एक विकराल रूप ले लेती है जिससे रोगी की मृत्यु भी हो सकती
है। चीन के वुहान शहर से इसकी शुरुआत हुई और धीरे-धीरे अब पूरी दुनिया में फैल चुका
है। इस वायरस से कई लोगों की जान गई। इससे बचने के लिए लॉकडाउन ही सबसे महत्वपूर्ण
उपाय था। इसके चलते सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, शैक्षिक आदि क्षेत्रों पर प्रतिबन्ध लगाना पड़ा। कोरोना महामारी ने भारतीय
शिक्षा व्यवस्था को प्रभावित किया जिससे सरकार को ऑनलाइन शिक्षा को अपनाना पड़ा जिससे
छात्र/छात्राओं की शिक्षा सुचारू रूप से चल सके। ऑनलाइन शिक्षा छात्रों तथा शिक्षकों
के लिए अध्ययन और अध्यापन के लिए नई व्यवस्था उभर कर सामने आयी। महामारी के दौरान शारीरिक
दूरी बनाए रखने की स्थिति में ऑनलाइन शिक्षा ही सबसे महत्वपूर्ण विकल्प बनी। इस ऑनलाइन
शिक्षा से छात्र/छात्राओं के साथ-साथ शिक्षकों ने भी नवीन शिक्षण तकनीकी शब्दावलियों
को जाना और अध्ययन अध्यापन कार्य को सम्पन्न किया। कोविड-19/कोरोना वायरस कोरोना वायरस
जूनेटिक (Zoonotic) है। जिसका अर्थ है पशुजन्य रोग। यह वायरस इंसान और जानवर दोनों में हो
सकता है। इस वायरस का नाम “SARS-COV-2” रखा गया है और इसकी वजह से आने वाली बीमारी को “Corona Disease,
2019” जिसका संक्षिप्त नाम Covid-19 है। कोरोना वायरस की उत्पत्ति सर्वप्रथम 1930 में एक मुर्गी
में हुई थी और इसने मुर्गी के श्वसन प्रणाली को प्रभावित किया था और आगे चलकर 1940 में कई अन्य
जानवरों में भी पाया गया। इसके उपरान्त सन् 1960 में एक व्यक्ति
में पाया गया जिसे सर्दी की शिकायत थी। इन सब के बाद वर्ष 2019 में इसकी
शुरुआत चीन के वुहान शहर हुई और धीरे-धीरे पूरे विश्व में फैल गया। कोविड-19 के लक्षण कोविड-19 से रोगग्रस्त
व्यक्ति में रोग के लक्षण 2 से 14 दिनों के बाद दिखाई देते हैं। यह लक्षण अधिकतर सौम्य
होते हैं और सामान्य रूप से इसकी उपेक्षा की जाती है। वैसे कोविड-19 के शुरुआती
लक्षणों में बुखार, सांस लेने में कठिनाई, थकान, सूखी खांसी, नाक का बहना तथा बंद होना,
गले में खराश होना आदि हैं। कुछ लोगों में संक्रमति होने के बावजूद भी कोई लक्षण नहीं
दिखायी देते हैं। कोरोना वायरस के अब तक कई वेरियंट मिल चुके हैं। कोरोना के बदलते
वेरियंट मिल चुके हैं। कोरोना के बदलते वेरियंट के साथ इसके लक्षणों में भी तेजी से
बदलाव देखने को मिल रहे हैं। ऑनलाइन कक्षा ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से समाजिक दूरी का
ध्यान रखते हुए अध्ययन कार्य को निरन्तरता प्रदान की जा रही है। ऑनलाइन शिक्षा वह शिक्षा
व्यवस्था है जिसमें विद्यार्थी इंटरनेट के द्वारा घर पर बैठकर कम्प्यूटर, लैपटाप, टेवलेट,
स्मार्ट फोन के माध्यम से अध्ययन करते हैं। इस प्रकार की शिक्षण प्रणाली के माध्यम
से दुनिया के किसी भी स्थान में रहकर अपने शिक्षक से जुड़ा जा सकता है और शिक्षा प्रापत
की जा सकती है। शिक्षा का यह माध्यम बहुत समय पहले से ही उच्च शिक्षा में उपयोग होता
था। लेकिन इस शिक्षा का प्रचलन कोविड-19 महामारी के समय और बढ़ गया तथा सरकार ने भी
इस शिक्षा को उपयोगी बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम चला रही है। जैसे-स्वयं,
स्वयं प्रभा, स्पोकन ट्यूटोरियल, ई-यन्त्र आदि। ऑनलाइन शिक्षा के लिए सरकारी प्रयास शिक्षा मंत्रालय ने ऑनलाइन शिक्षा के लिए यह
सुनिश्चित किया कि आगामी पाँच वर्षों में डिजिटल पाठ्यक्रम सामग्री और संशाधनों के
विकास के लिए 2,306 करोड़ रुपये खर्च करेगा। शिक्षा मंत्रालय के अधीन उच्च शिक्षा विभाग
द्वारा सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के माध्यम से शिक्षा पर राष्ट्रीय मिशन चलाया
जा रहा है जिसके तहत निम्नलिखित कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं- स्वयं (SWAYM - Study webs of Active-Learning for young aspiring minds) यह भारतीय
(MOOC-Massive open online course) प्लेटफार्म है। SWAYM को शिक्षा
मंत्रालय भारत सरकार द्वारा डिजिटल इण्डिया के तहत शुरू किया गया। यह एक एकीकृत मंच
है, जो 9 से 12 तथा स्नातकोत्तर कक्षा तक ऑनलाइन पाठ्यक्रम प्रदान करता है। इसे 9 जुलाई, 2017 को भारत के
माननीय राष्ट्रपति द्वारा लांच किया गया। स्वयंप्रभा स्वयं प्रभाव डी0टी0एच0 चैनलों का एक समूह है जो सप्ताह के 7 दिन 24 घंटे
गुणवत्तपूर्ण शैक्षिक कार्यक्रमों के प्रसारण के लिए समर्पित है। स्वयं प्रभा प्रतिदिन
कम से कम (4) घण्टे के लिए नई सामग्री होस्ट करती है। यह एक दिन में पाँच बार और दोहराया
जाता है, जिससे छात्र अपनी सुविधा के लिए समय चुन सकते हैं। स्पोकन ट्यूटोरियल विद्यार्थियों
में विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार क्षमता के विकास के लिए ओपन सार्स साफ्टवेयर पर 10 मिनट के आडियो-वीडियो
ट्यूटोरियल उपलब्ध हैं, जो विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण हैं। ई-यन्त्र ई-यन्त्र
विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण परियोजना है। यह इंजीनियरिंग कॉलेजों में एम्बडेड
सिस्टम व रोबोटिक्स पर प्रभावी शिक्षा को सक्षम बनाने हेतु चलायी जाती है। ऑनलाइन शिक्षा के लाभ
ऑनलाइन शिक्षा की समस्याएँ
सुझाव
निष्कर्ष कोविड-19 महामारी ने
सम्पूर्ण विश्व को प्रत्येक क्षेत्र में प्रभावित किया इस महामारी ने इसी तरह शिक्षा
के क्षेत्र में भी प्रभाव डाला जिससे अध्ययन और अध्यापन के लिए पारम्परिक शिक्षण व्यवस्था
से हटकर ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली को अपनाना पड़ा, यद्यपि ऑनलाइन शिक्षा के अनेक लाभ हैं
तथा कोरोना महामारी के दौरान तो यह वरदान सावित हुई, परन्तु यह कभी भी पारम्परिक शिक्षा
का पूर्णतः विकल्प नहीं बन सकती, क्योंकि पारम्परिक शिक्षा मात्र ज्ञान का अर्जन नहीं
बल्कि ज्ञान के साथ सम्पूर्ण चारित्रिक विकास का अर्जन है। सन्दर्भ सूची:-
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