P: ISSN No. 2321-290X RNI No.  UPBIL/2013/55327 VOL.- X , ISSUE- V January  - 2023
E: ISSN No. 2349-980X Shrinkhla Ek Shodhparak Vaicharik Patrika
राजस्थान का भिवाड़ी दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर (वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट 2021 के संदर्भ में)
Bhiwadi is Most Polluted City of The World (With Reference to The World Air Quality Report 2021)
Paper Id :  16858   Submission Date :  2023-01-05   Acceptance Date :  2023-01-19   Publication Date :  2023-01-22
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कन्हैयालाल मीना
एसोसिएट प्रोफेसर
भूगोल विभाग
राजकीय स्नाताकोत्तर महाविद्यालय
राजगढ़, अलवर,राजस्थान, भारत
सारांश
वायु प्रदूषण प्रमुख पर्यावरणीय समस्याओं में से एक है। राजस्थान के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र अलवर एवं भिवाड़ी देश के सबसे प्रदूषित क्षेत्रों में से एक है। दुनिया भर में एयर पौल्यूशन पर नजर रखने वाली आईक्यूू-एयर ने 2021 की ग्लोबल एयर क्वालिटी रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थान का भिवाड़ी शहर सबसे प्रदूषित शहर है। हवा की क्वालिटी को लेकर जारी वैश्विक रिपोर्ट में दुनिया के 100 सबसे प्रदूषित शहरों में भारत के 63 शहरों को शामिल किया गया है। राजस्थान का भिवाड़ी दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर और नई दिल्ली सबसे प्रदूषित राजधानी है। भिवाड़ी में औसत वायु प्रदूषक 58.1 माइको ग्राम प्रति क्यूबिक मीटर मिला, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशा निर्देशों से 10 गुना अधिक है। मापदंड के अनुसार 5 माइको ग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के सुरक्षित माना गया है। भिवाड़ी राजस्थान का औद्योगिक क्षेत्र माना जाता है, जहाँ करीब 2 हजार से ज्यादा फैक्ट्रियाँ वर्तमान में चल रही है। जिनमें करीब 300 फैक्ट्री वायु प्रदुषण का कारण है। वही भिवाड़ी में धुआं और टूटी सड़कों से उड़ती धूल भी वायु प्रदूषण का एक बड़ा कारण है। अगर हम पूरे साल भर के आंकड़े देखें तो भिवाड़ी में वर्ष 2020 के नवंबर माह में सबसे ज्यादा 188.6 वायु प्रदूषण रहा, इसके अलावा जून से सितम्बर तक वायु प्रदूषण का स्तर 30 से 47 के बीच रहा। भिवाड़ी में मानसून माह के दौरान अक्सर वायु प्रदूषण का स्तर घट जाता है।
सारांश का अंग्रेज़ी अनुवाद Air pollution is one of the major environmental problems. The National Capital Region of Rajasthan, Alwar and Bhiwadi is one of the most polluted regions of the country. According to the 2021 Global Air Quality Report by IQ-Air, which monitors air pollution worldwide, Bhiwadi city of Rajasthan is the most polluted city. In the global report released on air quality, 63 cities of India have been included in the world's 100 most polluted cities. Bhiwadi in Rajasthan is the most polluted city in the world and New Delhi is the most polluted capital. The average air pollutant in Bhiwadi was found to be 58.1 micrograms per cubic metre, which is 10 times higher than the World Health Organisation's guidelines. According to the criteria, 5 micro grams per cubic meter is considered safe. Bhiwadi is considered to be the industrial area of Rajasthan, where more than 2 thousand factories are currently running. In which about 300 factories are the cause of air pollution. In the same Bhiwadi, smoke and dust flying from broken roads is also a major cause of air pollution. If we look at the figures for the whole year, then in the month of November in the year 2020, Bhiwadi had the highest air pollution of 188.6, apart from this, the level of air pollution remained between 30 and 47 from June to September. Air pollution levels often decrease in Bhiwadi during the monsoon months.
मुख्य शब्द वायु प्रदूषण, कणिका तत्व, एनसीआर, एयर क्वालिटी इंडेक्स, ग्रडेड रिस्पांस एक्शन प्लान।
मुख्य शब्द का अंग्रेज़ी अनुवाद Air Pollution, Particulate Matter, NCR, Air Quality Index, Graded Response Action Plan.
प्रस्तावना
वायु प्रदूषण, जो वर्तमान में सबसे बड़ी पर्यावरणीय चुनौतियों में से एक है, भारत जैसे विकासशील देशों के लिए स्वास्थ्य संबंधी एक महत्वपूर्ण सरोकार बन गया है। वायु प्रदूषण उत्सर्जन के मुद्दे कई क्षेत्रों से जुड़े है, जिनमें अन्य बातों के साथ-साथ परिवहन, उद्योग, निर्माण और कृषि आदि शामिल है। वायु प्रदूषण अपने स्रोत से दूर के स्थानों को भी प्रभावित करता है। वर्षें से राष्ट्रीय वायु निगरानी कार्यक्रम द्वारा जुटाए गये डेटा से पता चलता है कि धूलकण (पर्टिकुलट मैटर) एक प्रमुख चुनौती है जो पूरे देश में राष्ट्रीय परिवेश वायु गुणवŸाा मानक से अधिक है। स्विस फर्म आईक्यू एयर ने विश्व वायु क्वालिटी रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट बताती है कि 2021 में भारत में वायु प्रदूषण बेहद खराब स्थिति में पहुँच गया। कोरोना काल में लॉक डाउन के कारण तीन साल से हवा की क्वालिटी में जो सुधार हो रहा था, वह रूक गया। रिपोट में खतरनाक सूक्ष्म पार्टिकुलेट मैटर 2.5 प्रदूषक स्तर को मापा गया। भारत का कोई भी शहर इस मापदंड पर खरा नही उतरा । दुनिया के 15 सबसे प्रदूषित शहरों में दस भारत के है। इनमें से ज्यादातर राष्ट्रीय राजधानी यानी दिल्ली के आस पास है। पिछले वर्ष की तुलना में प्रदूषण लगभग 15 प्रतिशत बढ़ा है। भिवाड़ी के बाद दिल्ली की पूर्वी सीमा पर उत्तर प्रदेश का गाजियाबाद दुनिया का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर है। सामान्य वायु प्रदूषण के स्रोतों में बायो मास जलाना ( विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में खाना पकाने के लिए), जीवाश्म ईंधन का जलाना, वाहनों एवं निर्माण उद्योगों से धूल निकलना, कृषि पराली जलाना आदि वायु प्रदूषण के कारण बनते है
अध्ययन का उद्देश्य
1. एयर पौल्यूशन पर नजर रखने वाली आईक्यूू-एयर की ग्लोबल एयर क्वालिटी रिपोर्ट का अध्ययन करना। 2. भारत के सबसे अधिक प्रदूषित शहर भिवाड़ी में औद्योगिक कचरे से निकलने वाली गैसों का अध्ययन करना। 3. यातायात के साधनों में वृद्धि से धुल कणों की सघनता का विभिन्न स्वास्थ्य संबन्धित प्रभाओं का अध्ययन करना। 4. वायु प्रदूषण जांच से संबंधित अंतर्राष्ट्रीय मानकों के आधार पर प्रदूषण स्तर का विभिन्न स्टेशनों का तुलनात्मक अध्ययन करना। 5. वायु प्रदूषण की रोकथाम नियंत्रण और वायु प्रदूषण के उपशमन उपायों के प्रति जन जागरूकता पैदा करना।
साहित्यावलोकन

पर्यावरणीय समस्याओं से सम्बंधित तथा उनके प्रभाव व परिवर्तनों से सम्बंधित वायु प्रदूषण विषय पर अनेक विद्वानों द्धारा कार्य किये गये है। प्रस्तुत कार्य में निम्नालिखित सम्बन्धित साहित्यों की सहायता ली गई है।

1. काला एवं अन्य (2014), धामनिया तथा गोयल (2014), ने बताया की वायु प्रदूषण से शहरों की आबोहवा में पीएम 10 और पीएम 2.5 (धूल के कण) पाए जाते है। इस के चलते शहरों का एयर क्वालिटी इंडेक्स तय मापदंड से अधिक ही रहता है।

2. डॉ. चन्दा (2016), ने एयर पॉलूशयन एण्ड हयूमेन हेल्थमें बताया की वायु प्रदूषकों का मानव स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। जो लोग शहरों एवं औद्योगिक क्षेत्रों में निवास करते है, उनके विभिन्न वायु प्रदूषक जन बीमारियाँ हो जाती है।

3. डॉ. राजेश कुमार मीना (2016), ने एनवायरमेन्ट पॉलूशयान एण्ड इम्पेक्ट ऑन पब्लिक हेल्थमें वायु प्रदूषण से जीवीत जीवों पर श्वसन प्रणाली को प्रभावित करता है, उनमें अस्थमा, निमोनिया, ब्रोंकाइटिस, फैफड़े का कैंसर आदि लक्षण दिखाई देने लगते है।

4. डॉ. सीमा एवं यामनी शर्मा (2016), ने पर्यावरण प्रदूषण और सामाजिक उत्तरदायित्वमें बताया की शहरों में औद्योगिकरण, परिवहन के साधनों में लगातार वद्धि तथा विलासिता की वस्तुएं वायु प्रदूषण को लगातार बढ़ा रही है।

5. शालिनी जैन एवं वीएल मन्डावरा (2019), ने स्टेडी ऑन पार्टिकूलेट मैटर पाल्यूशन इन जयपुर सीटीमें जयपुर शहर का वर्ष 2005 से 2015 तक पार्टिकूलेट मैटर पीएम 10 तथा लटकते पार्टिकूलेट मैटरपी एम 2.5 की प्रवृत्तियों का अध्ययन किया गया था।

6. डॉ. गणपत एवं चौहान (2021), ने केस स्टेडी ऑफ पाल्यूशन इन राजस्थानमें उन्होने पार्टिकूलेट मैटर पीएम 10 तथा लटकते पार्टिकूलेट मैटर पीएम 2.5 की राजस्थान में प्रवृत्तियों का अध्ययन किया गया है।

7. वर्ल्ड एयर क्वलिटी रिपोर्ट (2021) स्विस फर्म आईक्यू एयर ने विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट बताती है कि 2021 में भारत में वायु प्रदूषण बेहद खराब स्थिति में पहुंच गया। रिपोर्ट में खतरनाक सूक्ष्म पार्टिकुलेट मैटर 2.5 प्रदूषक स्तर को मापा गया, जिसमें भिवाड़ी का औसत वायु प्रदूषक 58.1 माइकोग्राम प्रतिक्यूबिक मीटर मिला, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन के मापदंड से 10 गुना अधिक है। जबकि मापदंड के अनुसार 5 माइकोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर को सुरक्षित माना गया है। रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान का भिवाड़ी दुनिया का सबसे प्रदूषित और नई दिल्ली सबसे प्रदूषित राजधानी है। 

मुख्य पाठ

अध्ययन क्षेत्र:- भू-प्राकृतिक स्थितियों, वर्षा, मृदा किस्मों, सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता और वर्तमान फसल प्रतिरूपों के आधार पर अलवर जिला राजस्थान के बाढ़ संभाव्य पूर्व मैदानी खण्ड़ (तृतीय बी)के अन्तर्गत आता है। भिवाड़ी औद्योगिक कस्बा राजस्थान राज्य के अलवर जिले के उत्तर-पूर्व में स्थित है। इसकी भौगोलिक स्थिति 2813‘ उत्तरी अक्षांश से 2821‘ और 7652‘ पूर्वी देशान्तर से 7652‘ पूर्वी देशान्तर के मध्य स्थित है। भिवाड़ी की भू-आकृतिक संरचना अरावली पहाडियों, उपजाऊ जलोढ मैदान और कम ऊँचाई के रेत के टीलों से निर्मित समुद्र तल से 150 मीटर से 300 मीटर तक उँचाई पर स्थित है। जिले की जलवायु सामान्य रूप से अर्द्ध शुष्क है। गर्मी के मौसम में तेज गर्मी पड़ती है। सर्दियाँ भी बहुत कड़ाके वाली होती हैं। दो मुख्य फसलों के अतिरिक्त क्षेत्र में सिंचाई सुविधा वाले क्षेत्रों में मार्च से जून के बीच जायद फसल तैयार की जाती है। अलवर जिले का सम्पूर्ण क्षेत्र वर्तमान में (सन् 1985 से) राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अन्तर्गत भी शामिल है। दिल्ली का तेजी से विस्तार होने के कारण राष्ट्रीय राजधानी के चारों ओर विकास के लिए भिवाड़ी को भी इस योजना में सम्मिलित किया गया। यह राष्ट्रीय राज्य मार्ग सं 8 पर दिल्ली से 70 किमी. तथा जयपुर से 200 किमी. पर है, जबकि अलवर जिला मुख्यालय से लगभग 90 किमी की दूरी पर स्थित   है। भिवाड़ी औद्योगिक क्षेत्र में भिवाड़ी फेज प्रथम से पंचम, पथरेड़ी, खुशखेड़ा तथा टपूकड़ा सम्मिलित है। भिवाड़ी में भूमि उपलब्धता लगभग 2000 एकड़, खुशखेड़ा में 977 एकड़ तथा चौपाकनी में 820 एकड़ पर औद्योगिक क्षेत्र में क्लस्टर बने हुए है।

सामग्री और क्रियाविधि
वैश्विक वायु गुणवत्ता की स्थिति का अवलोकन प्रस्तुत करने हेतु आईक्य आर ने विश्व के 177 देशों के 6,475 शहरों से पीएम 2,5 वायु गुणवत्ता डेटा विश्लेषण के आधार पर भिवाड़ी को भारत का सबसे प्रदूषित शहर माना है। अलवर व भिवाड़ी औद्योगिक क्षेत्रों में वायु प्रदूषण के मानव स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव का अध्ययन 13 अस्पतालों की सर्विलांस रिपोर्टिंग, प्रदूषण से संबधित आंकड़ों और रिपोर्ट, प्रकाशित और अप्रकाशित सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों से प्राप्त आंकड़े, विभिन्न राष्ट्रीय न्यूजपेपर रिपोर्ट, राजस्थान राज्य प्रदूषण मण्डल जयपुर एवं क्षेत्रीय कार्यालय, भिवाड़ी से प्राप्त आंकड़ों का उपयोग किया गया है।
अध्ययन में प्रयुक्त सांख्यिकी

विश्लेषण

यह विश्लेषण वर्ष 2017 से 2021 की अवधि के लिए पी.एम. 2.5 एकाग्रता का आंकलन है जो भिवाड़ी में परिचालित वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों में उपलब्ध वास्तिविक समय के आँकड़ों पर आधारित है। सीएसई ने सर्दियों में भिवाड़ी को उभरते हॉट स्पॉट के रूप में पहचाना गया, इनके साथ दो और संभावित हॉट स्पॉट के रूप में उभरे है, जिनमें मानेसर (हरियाणा) और फरीदाबाद (हरियाणा) है, जिनमें मानसून के दौरान सबसे खराब हवा थी। आम तौर पर, भिवाड़ी में दैनिक प्रदूषण हावी होता है। हालांकि, जैसे की समग्र एक्यूआई से स्पष्ट है, ओजोन और कार्बनमोनॉऑक्साइड जैसे अन्य गैसीय प्रदूषक अक्सर बारिश के वाश-आउट प्रभाव के कारण दिन के कण प्रदूषक के साथ प्रमुख प्रदूषक बन गए है।

भिवाड़ी में औद्योगिक प्रदूषण:- भिवाड़ी औद्योगिक क्षेत्र में करीब 4500 से अधिक कंपनियां संचालित है, जिनमें सबसे ज्यादा रोजगार निर्माण क्षेत्र, खनन क्षेत्र, स्टोन क्रशर, ईट भट्टे, सड़क निर्माण, व मरम्मत आदि है। अन्य शहरों के मुकाबले भिवाड़ी में कैमिकल, मैटेलेजिक, रबर फैक्ट्री ज्यादा है, जो धुंआ अधिक छोड़ती है। यहां रोजगार के लिए दौसा, जयपुर, भरतपुर, हरियाणा, दिल्ली तक के लोग प्रति दिन आते है। यह शहर ऊँट की कूबकी तरह है। तीनों तरफ हरियाणा है, बीच में भिवाड़ी स्थित है। इस का नुकसान उठाना पड़ रहा है। हरियाणा की सीमा पर वहां के कबाड़ी जमा हुए हैं। ये दिन-रात कचरा जलाते है। यही प्रदूषण का बड़ा कारण है। आईआईटी कानपुर ने 2019 की स्टडी में पाया कि टूटी सड़कों से उड़ती धूल, सड़कों पर फैले कचरे, डंपिंग यार्ड में जलते कूड़ा ने भी प्रदूषण को बढ़ाया है। स्टडी में साफ हो चुका है कि 46 प्रतिशत रोड़ डस्ट, 30 प्रतिशत इंडस्ट्री और अन्य फैक्टर्स है, जिनमें वाहन और पराली भी शामिल है। सबसे प्रदूषित शहर का दाग लगाने में पराली का बड़ा रोल है। भिवाड़ी एनसीआर में सर्दीयों के मौसम के साथ ही हवा का स्तर खराब होने लगताहै। दिल्ली, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद, मानेसर, गुरूग्राम सहित भिवाड़ी का एक्यूआई 300 से पार पहुंच जाता है। एनसीआर मे शामिल बड़े शहरों में प्रदूषण के धुलते जहर के चलते ही वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग नई दिल्ली ग्रैडेड रेस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) लागू कर देता है जिसका सीधा असर कंपनियों के उत्पादन पर होता है, साथ ही जिले की अर्थव्यथा एवं सरकार को मिलने वाले टैक्स पर भी पड़ता है।

निष्कर्ष
दुनिया भर में एयर पौल्यूशन पर नजर रखने वाली आईक्यूू-एयर ने 2021 की ग्लोबल एयर क्वालिटी रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थान का भिवाड़ी शहर सबसे प्रदूषित शहर है। इस रिपोर्ट में 117 देशों के 6475 शहरों की वायु प्रदूषण जांच के लिए शामिल किया गया था। भिवाड़ी राजस्थान का औद्योगिक क्षेत्र माना जाता है, जहाँ करीब 2 हजार से ज्यादा फैक्ट्रियाँ वर्तमान में चल रही है। जिनमें करीब 300 फैक्ट्री वायु प्रदुषण का कारण है। वही भिवाड़ी में धुआं और टूटी सड़कों से उड़ती धूल भी वायु प्रदूषण का एक बड़ा कारण है। अगर हम पूरे साल भर के आंकड़े देखें तो भिवाड़ी में वर्ष 2020 के नवंबर माह में सबसे ज्यादा 188.6 वायु प्रदूषण रहा, इसके अलावा जून से सितम्बर तक वायु प्रदूषण का स्तर 30 से 47 के बीच रहा। भिवाड़ी में मानसून माह के दौरान अक्सर वायु प्रदूषण का स्तर घट जाताहै। सीएसई अल्पकालिक आपातकालीन उपायों को ओर अधिक मजबूत बनाने के लिए कहता है। भिवाड़ी और एनसीआर में गंभीर स्मॉग की घटनाओं को रोकने के लिए तत्काल कार्यवाही की आवश्यकता पर जोर देता है साथ ही लाभ को बनाए रखने के लिए औद्योगिक अपशिष्ट एवं पराली जलाने को खत्म करने, औद्योगिक कारखनों में जीवाश्म ईंधन पर प्रतिबंध लगाने और विशेष रूप से निर्माण क्षेत्र में कड़े धूल नियंत्रण उपायों को लागू करने के लिए गहरे सिस्टम परिर्वतन पर जोर देता है। वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने का काम केवल सराकार पर न छोड़कर गैर सककारी संगठनों तथा प्रत्येक नागरिक को अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करना होगा तभी इस पर नियंत्रित पाया जा सकता हैं।
सन्दर्भ ग्रन्थ सूची
1. पर्यावरण भूगोल, डॉ.पी.एस.नेगी, रस्तोगी प्रकाशन, मेरठ, उत्तर प्रदेश। 2. क्षेत्रीय कार्यालय, प्रदूषण नियंत्रण मण्डल, भिवाड़ी एवं अलवर। 3. एनजीटी, कार्यालय, नई दिल्ली। 4. क्षेत्रीय कार्यालय, उद्योग विभाग, भिवाड़ी एवं अलवर। 5. राजस्थान राज्य प्रदूषण मण्डल, जयपुर। 6. वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट, 2021। 7. केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण मण्डल, पर्यावरण एवं जलवायु परिर्वतन मंत्रालय, नईदिल्ली। 8. दिल्ली से भी खराब हवां,पॉल्यूशन लेवल 96.4, भिवाड़ी में 104, दैनिक भास्कर। 9. “भिवाड़ी देश में सबसे ज्यादा प्रदूषित, कई शहरों मे प्रदूषण खतरनाक स्तर पर“ अमर उजाला, 2022-10-24। 10. राजस्थान: भिवाड़ी दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर, पीएम-2.5 का औसत लेवल 106.2 खराब हवा में दिल्ली भी पीछे“टीवी 9 भारत वर्ष, 2022-03-23।