ISSN: 2456–5474 RNI No.  UPBIL/2016/68367 VOL.- VII , ISSUE- XII January  - 2023
Innovation The Research Concept
मुजफ्फरनगर में नगरीकरण की प्रवृति
Urbanization Trend in Muzaffarnagar
Paper Id :  17032   Submission Date :  2023-01-09   Acceptance Date :  2023-01-19   Publication Date :  2023-01-25
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वन्दना त्यागी
विभागाध्यक्षा एवं एसोसिएट प्रोफेसर
भूगोल विभाग
सनातन धर्म (पी.जी) महाविद्यालय
मुजफ्फरनगर,उत्तर प्रदेश, भारत
सारांश
नगरीकरण एक ऐतिहासिक घटना नहीं है बल्कि यह मानव निर्मित एक आपदा है। वैश्विक स्तर पर मानव समाजिक जडो का तेजी से होनी वाली क्योकि दिन प्रतिदिन बढती जा रही जनसंख्या का प्रतिफल है। जनसंख्या के अप्रवासन की बडोतरी किसी नगर के आर्थिक क्रिया कलापो एवं समाजिक गतिविधियो के विकास पर ही निर्भर है। बढती जनसंख्या दर से ऐसा अनुमान है कि वर्ष 2025 तक मुजफ्फरनगर नगरीय क्षेत्र के अतिरिक्त समीपवर्ती राजस्व ग्राम से और प्रभावित होगे! विकास व शहरीकरण या नगरीकरण एक ही सिक्के के दो पहलू है। यदि हम शहरीकरण का ऐतिहासिक प्रमाण देखे तब सिंधु घाटी सभ्यता नगरीय सभ्यता का बेहतर उदाहरण पेश करती है। नगर मे नगरीकरण के रूप मे मलिन बस्तियो तथा अति मध्यम आवासीय जनसंख्या का पार्दुभाव अधिक देखने को मिला एवं नगरक्षेत्र मे नगरीकरण के कारण अपेक्षित विकास क्रियाओं तथा प्रर्यावरण मे संतुलन रखना एक चुनौती है। साधारण तौर पर जनसंख्या प्रवास एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाकर बस जाना है। G S Geol के अनुसार प्रवास एक स्थान से दूसरे स्थान पर मात्र निवास परिवर्तन ही नही बल्कि किसी क्षेत्र के क्षेत्रीय तत्व व क्षेत्रीय सम्प्रेषण को समझना है अतः प्रवास स्थानान्तरण संचरण नगरीकरण का होना है।
सारांश का अंग्रेज़ी अनुवाद Urbanization is not a historical phenomenon but it is a man-made disaster. The rapid growth of human social roots at the global level is the result of the increasing population day by day. The growth of immigration of population depends on the development of economic activities and social activities of a city.
Due to the increasing population rate, it is estimated that by the year 2025, apart from the Muzaffarnagar urban area, the nearby revenue villages will be further affected! Development and urbanization are two sides of the same coin. If we look at the historical evidence of urbanization, then the Indus Valley Civilization presents a better example of an urban civilization. In the form of urbanization in the city, the effect of slums and very medium residential population was seen more and due to urbanization in the urban area, it is a challenge to balance the expected development activities and the environment.
In general, population migration is settling from one place to another. According to GS Geol, migration is not just a change of residence from one place to another, but understanding the regional element and regional communication of an area, hence migration, transfer, transmission is urbanization.
मुख्य शब्द नगरीकरण, विषाक्त, अनियोजित, अवसंरचना, स्थानान्तरण।
मुख्य शब्द का अंग्रेज़ी अनुवाद Urbanization, Toxic, Unplanned, Infrastructure, Migration.
प्रस्तावना
जनसंख्या के भावी आवासन एवं उससे सम्बधित आर्थिक क्रियाओ सामुदायिक सुविधाओं तथा सेवाओं के लिए आवश्यक भूमि का निर्धारण किया जा सके । जनसंख्या की उपलब्धता का भूमि मुख्य आधार बिन्दु है इसके परिप्रेक्ष्यों में ही विभिन्न क्रियाओ से सम्बंधित परिस्थितियों की सूचनाओं एवं सम्भावनाओं का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि जनपद मे नगरीकरण की प्रवत्ति कैसी है।
अध्ययन का उद्देश्य
इस अध्ययन का मुख्य उददेश्य मु. नगर मे नगरीकरण की प्रवत्ति जो कि कोणीय रूप मे बढ़ोत्तरी कर रही है। कृषि स्तर कम एकल परिवार को बढ़ावा नगरो मे रोजगार के अवसर एवं नगर के पास प्रशासनिक एव स्वास्थ्य सुविधाए नगरो के पास ग्रामीण क्षेत्रों से अच्छी होना भी नगरीकरण बढने का मुख्य कारण है।
साहित्यावलोकन

अधिक जनसंख्या वृद्धि के कारण नगरो में अपराधों में वृद्धि एवं यातायात के अधिक दबाव के कारण सड़क दुर्घटनाओं में तीव्र गति से वृद्धि देखी जा रही है।

झुग्गी की अधिकता के कारण नगर की सफाई व्यवस्था ठप हो गयी है इस पर विचार करना अत्यन्त आवश्यक है।

नगरीकरण में सड़क पट्टी पर ठेले व्यवसाय जैसे खाने पीने के ठेले व आमलेट व कपड़ो के ठेले के कारण सडक पर गंदगी एवं अतिक्रमण को बढ़ावा मिल रहा है। जिससे पर्यावरण प्रदूषण के साथ मानव एवं पशुओं के साथ सड़क दुर्घटना को बढ़ावा मिल रहा है।

जार्ज जिफ के न्यूनतम प्रयास सिद्धान्त 1940 के अनुसार- 'मुजफ्फरनगर का नगरीकरण इसी सिद्धान्त पर आधारित है, जहाॅ दो स्थानों के बीच जनसंख्या का स्थानान्तरण उनके प्रयासो का कार्य है मानव उस क्षेत्र की ओर स्थानान्तरित होता जहाँ उसे कम श्रम करना पड़े।'

सामग्री और क्रियाविधि
प्राथमिक सर्वेक्षण एवं द्वितीय आँकड़ो के आधार पर नगरीकरण प्रवृति मैकेण्डर के केन्द्रीय हदय स्थल सिंद्धान्त के आधार पर जनसंख्या गणितीय सिद्धान्त पर आधारित है।
अध्ययन में प्रयुक्त सांख्यिकी

अध्ययन क्षेत्र का ऐतिहासिक व भौगोलिक स्वरूप

काली नदी के पश्चिमी गाॅव मान्डी पुरातत्व स्थल की हाल में की गयी खोज मे पाया गया है, कि हस्तिनापुर व कुरूक्षेत्र की निकिटता के व तमाम साक्ष्यो से पता चलता है। कि जिला महाभारत मे अहम भूमिका रखता था

शहर की स्थापना 1633 ई. में शाहजहाॅ के शासन काल के समय सैयद मुजफ्फर खान के बेटे मुनवर लश्कर खान ने रपेश व सूजडू की भूमि को मिलाकर मुजफ्फरनगर नाम शहर बसाया  प्रमुख ऐतिहासिक इमारतें बावनदरा पुल वहलना गाॅव मे शेरशाह सूरी की सेना हेतु ग्राम गढी मे सैयद महमूद खाॅ की मजार कीली दरवाजा ग्राम फूलत (कौरव सेना का पडाव स्थल) तथा महाभारत कालीन भेसे का मंदिर व देवी स्थल शुक्रताल तीर्थ स्थल भैरो का मंदिर पंच दर्रा डल्लू देवता आदि प्रसिद्ध है।

उत्तर प्रदेश जनसंख्या के आधार पर भारत का सबसे बडा व क्षेत्रफल की दृष्टि से चौथा सबसे बडा राज्य है। जिसमे स्थित मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश का एक जिला है व सहारनपुर मण्डल का हिस्सा है। जिले का क्षेत्रफल 4088 कि.मी. व समुन्द्र तल से ऊचाई 237 - 245 मी. है दिल्ली से लगभग 116 कि.मी. दूर मुजफ्फरनगर का अक्षांश विस्तार 2911‘30‘‘ से लेकर 2945‘15‘‘ तथा देशान्तरीय विस्तार 773‘45‘‘से लेकर 777‘है। गंगा यमुना दोआब मे स्थित इसके दक्षिण में मेरठ उत्तर में सहारनपुर पश्चिम मे शामली है।

वर्तमान समय में मुजफ्फरनगर में 4 तहसील व 9 ब्लाक है चार तहसीलो में सदर बुढाना खतौली व जानसठ है विकास खण्डो में सदर 56 गाॅव बुढाना 66 गाॅव बघरा 60 गाॅव शाहपुर 49 गाॅव पुरकाजी 87 गाॅव मोरना 76 गाॅव जानसठ में 130 गाॅव खतौली मे 130 गाॅव है। जनपद की सीमा से सटे 11 गाॅव को नगर निगम में सम्मिलित किया जा रहा है। जिसमें मीरापुर सूजडू महोडा बीवीपुर सहावली कुकडा सरवट वहलना अलमासपुर खोजापुर शाहबुददीनपुर उपरोक्त गाॅव के आने पर 4524 हेक्टेअर क्षेत्रफल का विस्तार होगा। इसके साथ ही 2011 की जनगणना के अनुसार नगरीय क्षेत्र की 3.92की आबादी सीमा विस्तार के बाद 5.60 लाख हो जायेगी।

मुजफ्फरनगर की जनसंख्या

उत्तर प्रदेश का मुजफ्फरनगर जिला मुख्यालय होने के साथ-साथ सहारनपुर मण्डल का दूसरा सर्वाधिक जनसंख्या वाला नगर है। वर्ष 1991 की जनगणना के अनुसार नगर की जनसंख्या 247624 थी जोकि 2001 मे बढकर 331688 हो गयी। 1991-2001 मे दशकीय वृध्दि दर 33.94प्रतिशत रही। 1951 से 2001 तक जनसंख्या वृध्दि दर समीपवर्ती उत्तर प्रदेश के अन्य नगरो की तुलना थोडी कम रही थी।

जैसा कि तालिका मे दर्शाया गया है।

क्रम संख्या

नगर

जनसँख्या

 

 

2001

1951-61

1961-71

1971-81

1981-91

1991-01

 

मेरठ

1170985

+23.14

+26.08

+44.34

+58.36

+37.80

2

सहारनपुर

469764

+24.70

+21.00

+31.04

+26.59

+25.64

3

मुज्जफरनगर

331688

+36.46

+31.04

+49.69

+44.12

+33.94

4

बुलंदशहर

176256

+17.80

+37.70

+73.63

+22.53

+39.07

2011 की जनगणना के अनुसार मुजफ्फरनगर की जनसंख्या 4143.512 जनसंख्या रही।

जैसा कि तालिका से स्पष्ट है कि नगर कि सर्वाधिक जनसंख्या वृद्धि दर (1971-1981) +49.69 रही तथा तत्पश्चात वृद्धि दर मे दो दशको मे कमी आती रही दशक 1981-91 मे 44.12 तथा 1991-2001 मे मे वृद्धि दर 33.94 प्रतिशत रही।

   

विश्लेषण

मुजफ्फरनगर में नगरीकरण प्रवृति

टिस्डेल के अनुसार नगरीकरण प्रक्रिया का सबसे विशिष्ट प्रभाव जनसंख्या सान्द्रण वृद्धि हैं। भारत में नगरीकरण की प्रवृत्ति यदि देखे तब नगरीकरण में भारत में नगरो का विकास द्वितीय क्षेत्र (secondry sector) की अपेक्षा तृतीय क्षेत्र (Three Sectorमें अधिक हो रहा है। जिसके फलस्वरूप बड़े नगर तेजी से विकास कर रहे है तथा छोटे नगरो का विकास उस अनुपात में नहीं हो रहा है देश में 40297341 व्यक्तियों से कहीं ज्यादा मलिन बस्तियों में रहते है। रेटजेल ने नगरों को एक लगातार और घना लोगों व मकानों का ऐसा जमघट कहा जिसके अन्तर्गत विस्तृत भूमि सुविधाए वृहत व्यापारिक मार्गों का संगम हो जबकि भारत में नगरीय जनसंख्या का प्रतिशत विश्व के अनेक देशो की तुलना में कम है फिर भी नगरीय जनसंख्या की दृष्टि से अधिक व असीमित है।

नगरीकरण से तात्पर्य है कि ग्रामीण व अन्य पलायन वाली जनसंख्या का नगर की तरफ रूख करना मु.नगर की बात करे तो दिल्ली और उससे सटे क्षेत्र का बढ़ता आकार और उसी अनुपात में बढ़ते वाहन, वाहन प्रदूषण के साथ-साथ दुर्घटनाओं में वृद्धि मुख्य कारण है। जनसंख्या घनत्व मनुष्य तथा भूमि का साधारण अनुपातिंक सम्बन्ध प्रस्तुत करता है।

मुजफ्फरनगर मे नगरीकरण प्रवृत्ति गणितीय घनत्व को आधार मानते हुए जनसंख्या मे नगरीय जनसंख्या के अनुपातिक घनत्व की रचना की गयी है। जार्ज जिफ के न्यूनतम प्रयास सिद्धान्त 1940 के अनुसार मुजफ्फरनगर का नगरीकरण इसी सिद्धान्त पर आधारित है। जहाॅ दो स्थानों के बीच जनसंख्या का स्थानान्तरण उनके प्रयासों का कार्य है मानव उस क्षेत्र की और स्थानान्तरित होता जहाँ उसे कम श्रम करना पड़े।

तालिका न.2

मुजफ्फरनगर की जनसंख्या वृद्धि दर 1901 से 2011 तक

क्रम संख्या

 

जनसँख्या वृद्धि

दशक वृद्धि

वृद्धि दर प्रतिशत में

1

1901

23444

 

 

2

1911

23841

367

1.57

3

1921

23937

126

.53

4

1931

35347

11410

47.67

5

1941

46758

11411

32.28

6

1951

64213

17455

37.33

7

1961

87622

23409

36.48

8

1971

114783

27194

31.04

9

1981

171818

57033

49.89

10

1991

247624

75808

44.12

11

2001

331668

84044

33.94

12

2011

4143512

381144

38.18

Source: Senses of India- Projected Population

उपरोक्त तालिका से स्पष्ट है कि किसी भी नगर की जनसंख्या वहाॅ की प्रकृति वृद्धि एवं प्रजनन वृद्धि उद्योग कृषि पर केन्द्रित होती है जिसके फलस्वरूप नगरीकरण मे वृद्धि तदोउपरान्त स्वंय ही सम्भव है तालिका न.से पिछले 110 वर्षाे की वृद्धि स्पष्ट हो जाती है। वर्ष 2001 की जनसंख्या 331688 वर्ष थी। जो अनुमानित 2021 मे 730000 हो जायेगी अनुमानित 396332 जनसंख्या वृद्धि होने से नगरीय विस्फोट की स्थिति होना तय है।

नगर मे नगरीकरण के प्रमुख कारक

1. सरकार द्वारा नियुक्त आवास होने के बावजूद भी जनसंख्या उनमें निवास न करके सडको के किनारे झुग्गी मे निवास करती है। जबकि सर्वे के अनुसार सरकारी आवास किराये पर दिये है प्रशासन को इस तरफ भी ध्यान देना चाहिये।

2. बढ़ता भिखारियों का समूह  नगर में गन्दे नगरीकरण का प्रमुख कारण है तथा इनके कारण अपराध मे तेजी से वृद्धि हो रही है

3. व्यक्ति का आधार कार्ड व नगरीय रजिस्ट्रेशन अनिवार्य हो, नगर में अधिकतर जनसंख्या बिना आधार के रेलवे स्टेशन से लेकर भोपा रोडपर देखने को मिल जायेगी।

4. बिना रजिस्ट्रेशन वाहन व झुग्गी का अनियोजित व असीमित बढ़ता झुग्गीकरण प्रशासन का अवरोध न होने के कारण Seam Free Police को भी चुनौती दे रहा है।

5. शहरी विकास परियोजना का लम्बी परम्परा के बावजूद न केवल बढ़ती आबादी के कारण गम्भीर शहरी समस्याओं का सामना करना पड़ता है बल्कि बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण भी बाहरी स्थानिक विस्तार व प्रति नगरीकरण को छोड़ने और पुर्नशहरीकरण की और सबसे बड़ी सम्भावनाएँ है।


प्रस्तावित मुजफ्फरनगर नगरीय क्षेत्र की प्रक्षेपित जनसंख्या

क्र.

विधि

वर्ष 1991 की वास्तविक जनसंख्या

वर्ष 2001 की वास्तविक जनसंख्या

वर्ष 2011 की वास्तविक जनसंख्या

वर्ष 2021 की प्रक्षेपित जनसंख्या

1

मु.नगर नगरीय क्षेत्र प्रस्तावित

247624

331688

422267

538349

2

नगरीय क्षेत्र मे पडने वाले प्रामीण क्षेत्र

67131

123006

153757

192196

3

प्रस्तावित नगरीय क्षेत्र की कुल जनसंख्या

 

 

576024

अर्थात

580000

730595

अर्थात

730000

उपरोक्त तालिका से स्पष्ट है कि प्रस्तावित मुजफ्फरनगर क्षेत्र मे पडने वाले ग्रामो की प्रक्षेपित जनसंख्या औसत सन 1991 मे 67131 थी सन 2001 मे 123006  तथा सन 2011 मे 153757 हो गयी तथा 2021 मे अनुमानित 192196 हो जायेगी।

मुजफ्फरनगर नगर पालिका परिषद एवं आस पास के 17 को नगरपालिका परिषद मे समलित किया जा रहा है। जिसमे 1 रामपुर 2 बामनहेडी 3 बझेडी 4 शेरपुर 5 नसीरपुर 6 संधावली 7 शाहबुददीनपुर 8 सरवट 9 कूकडा 10 सहावली 11 बीबीपुर 12 वहलना 13 मन्देडा 14 खान्जापुर 15 पिन्ना 16 जडौदा 17 सूजडू को शामिल किया गया है।

समस्याए एवं समाधान

1. नगर मे बडे व घरेलू उद्योग जो नगरीय क्षेत्रो में देखने को मिलते है मलिन बस्तियों में वृद्धि का मुख्य कारण है ग्रामीण क्षेत्रो में नगरो की और होने वाले पलायन मुख्यतः मलिन बस्तियों में वृद्धि करते है।

2. जनसंख्या विस्फोट के कारण गाॅव में रोजगार के अवसर कम हो रहे है जिसके फलस्वरूप नगरीकरण में तीव्र गति से वृद्धि हो रही है।

3. शहरीकरण बनाम पर्यावरण एक ही सिक्के के दो पहलू है शहरी योजना की कमी बदलते प्रदूषित पर्यावरण की जननी है एवं नगरीय नियोजन लम्बी अवधि का हो तब पर्यावरण को बचाया जा सकता है नगर में नगर नियोजन का होना जरूरी है जिससे प्रदूषण को कम किया जा सके

4. कूडे का ढेर नगर में अनेकों बिमारिया जैसे त्वचा संबधी कैंसर हदय जटिल मलेरिया कुपोषण नदी नालों में क्षारीय ट्रैसमेटल यातायात व परिवहन समस्याए शहरी अपराध गरीबी खाध में विषाक्ता नगरीकरण की अधिकता के कारण अनेक समस्याए बढती जा रही है।

5. जनसंख्या स्थानान्तरण के कारण नगर में सास्कृतिक विविधता देखने को मिलती है जनसंख्या के आयु वर्गाे मे प्राय: अन्तर देखने को मिलता है।

निष्कर्ष
प्रस्तुत अध्ययन से ज्ञात होता है। कि मुजफ्फरनगर मे अनियोजित विकास एवं निर्माण कार्य पर नियन्त्रण करना सरकार का लक्ष्य होना चाहिये क्योकि नगर के विकास मे आर्थिक क्रियाओ मे वृद्धि या कमी तथा संरचना का परिवर्तन प्रत्यक्ष रूप से प्रभाव डालता है। मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश के पश्चिमी भाग का एक प्रमुख अनाज गुडमण्डी एवं कागज उद्योग तथा व्यवसायिक केन्द्र है। यह नगर अपनी जनसंख्या की पूर्ति के साथ-2 विस्तृत ग्रामीण क्षेत्रो के लिए भी एक प्रमुख व्यावसायिक केन्द्र है। नगरीय नियोजन की कमी के कारण व मार्ग का श्रेणी विकास न होने के कारण अधिकतर मार्ग संकरे व सडको के किनारे अधिकतर मुख्य मार्ग के दोनो किनारो पर दुकानदारो व ठेली वालो ने अतिक्रमण कर रखा है जिसके कारण प्रायः नगर मे जाम की स्थिति बनी रहती है।
सन्दर्भ ग्रन्थ सूची
1. wikipedia.org 2. muzaffarnagar.nic.in 3. गुरूदेव सिंह गोसाल जनसंख्या भूगोल 4. एस. सी चाॅदना जनसंख्या भूगोल 5. नगरीय पत्रिका 6. माजिद हुसैन जनसंख्या भूगोल