ISSN: 2456–5474 RNI No.  UPBIL/2016/68367 VOL.- IX , ISSUE- I February  - 2024
Innovation The Research Concept

केंद्र में गठबंधन सरकारों का विश्लेषणात्मक अध्ययन

Analytical Study of Coalition Governments at the Center
Paper Id :  18586   Submission Date :  2024-02-11   Acceptance Date :  2024-02-19   Publication Date :  2024-02-25
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DOI:10.5281/zenodo.10847293
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साधना पाण्डेय
प्राध्यापक
राजनीति शास्त्र
उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान
भोपाल,मध्य प्रदेश, भारत
राजकुमार कुशवाहा
शोधार्थी
राजनीति शास्त्र
उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान
भोपाल , मध्य प्रदेश, भारत
सारांश

भारत एक संघीय स्वरूप वाला देश है I संघीय स्वरूप को अपनाने का मुख्य कारण भारत की विविधता पूर्ण संस्कृति है I इस विविधता के साथ देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा को मजबूत बनाए रखना निश्चित ही प्रमुख चुनौती रहेगी, संविधान निर्माता इस तथ्य से पूर्णतया परिचित थे I किन्तु एक लोकतान्त्रिक तथा बहुदलीय प्रणाली वाले देश में गठबंधन की सरकारों का बनना अत्यंत सामान्य बात है I 1952 से लेकर 1976 तक निरंतर केंद्र में एकदलीय स्पष्ट बहुमत की सरकारों के निर्वाचित होने के कारण इस विषय (गठबंधन की सरकार) पर कोई विशेष ध्यान नहीं गया I पहली बार जब 1977 में केंद्र में गठबंधन की सरकार निर्वाचित हुई तो उसके समय पूर्व विघटित होने से यह धारणा भी निर्मित हुई कि गठबंधन की सरकारें अस्थायी ही सिद्ध होगी I आने वाले राजनीतिक कालक्रम में 1999 तक जिस तरह से प्रधानमंत्रियों का अत्यंत लघु कार्यकाल रहा वह इस धारणा को पुष्ट भी करता रहा I किन्तु  2004 से 2024 तक केंद्र की गठबंधन सरकारों ने न केवल इस मिथ को (गठबंधन की अस्थायी सरकारों) खंडित किया बल्कि सभी क्षेत्रों में सफल योजनाओं, नीतियों और निर्णयों के द्वारा देश को प्रगति के पथ पर अग्रसित भी किया हैI

सारांश का अंग्रेज़ी अनुवाद India is a country with a federal form. The main reason for adopting the federal form is the diverse culture of India. With this diversity, maintaining the unity, integrity and security of the country will definitely be a major challenge, the makers of the Constitution were fully aware of this fact. But in a country with a democratic and multi-party system, the formation of coalition governments is a very common thing. Due to the continuous election of one-party governments with clear majority at the center from 1952 to 1976, no special attention was paid to this topic (coalition government). When a coalition government was elected at the Center for the first time in 1977, its premature disintegration also created the impression that coalition governments would prove to be temporary only. In the coming political timeline, the manner in which the Prime Ministers had a very short tenure till 1999. Throughout his tenure, he also kept confirming this notion. But from 2004 to 2024, the coalition governments at the Center not only broke this myth (the temporary governments of the coalition) but also helped the country progress through successful plans, policies and decisions in all sectors. Have also led me on the path.
मुख्य शब्द संविधान , संघात्मक, लोकतंत्र , निर्वाचन, बहुदलीय प्रणाली, गठबंधनI
मुख्य शब्द का अंग्रेज़ी अनुवाद Constitution, Federalism, Democracy, Elections, Multi-party System, Coalition.
प्रस्तावना

स्वतंत्रता के बाद होने वाले प्रथम आम चुनाव से लेकर 2024 तक केंद्र में 17वीं लोकसभा के चुनाव सम्पन्न हुए, जिनमे 11 गठबंधन की सरकारें निर्मित हुई I विशाल जनसंख्या, विविधतापूर्ण संस्कृति वाले देश भारत में राज्यों की स्वायत्ता को महत्व प्रदान करते हुए संविधान निर्माताओं ने एक संघीय स्वरूप को स्थान दिया I भारत में बहुदलीय प्रणाली है अतः गठबंधन की सरकारों का निर्मित होना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है I गठबंधन के स्वस्थ स्वरूप में चुनावपूर्व गठबंधन को अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इसमे कुछ विषयों पर वैचारिक सहमति का प्रयास समाहित होता है I

अध्ययन का उद्देश्य

इस शोध पत्र में केंद्र में 1999 से 2024 तक गठित हुई गठबंधन सरकारों का विश्लेषणात्मक अध्ययन करने के पश्चात समीचीन निष्कर्ष पर पहुचने का प्रयास किया जाएगाI यद्पि 1977-1979 में प्रधानमंत्री मोरार जी देसाई 1979-1980 प्रधानमंत्री चरण सिंह, 19891990 प्रधानमंत्री वी पी सिंह, 1990-1991 प्रधानमंत्री चंद्रशेखर, 1996-1997 प्रधानमंत्री एच डी देवगोड़ा, 1997-1998 प्रधानमंत्री इन्द्र कुमार गुजराल, 1998-1999 प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, तक की सभी गठबंधन सरकारों का कार्यकाल अत्यंत लघु था, इसीलिए इस शोध पत्र में 2004 से 2024 तक की गठबंधन सरकारों का ही विश्लेषणात्मक अध्ययन किया गया हैI

साहित्यावलोकन

शर्मा, एच सी. भारत में शासन और राजनीति जयपुर: जनशक्ति प्रकाशन

पुस्तक में भारत को विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र बताते हुए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उसकी महत्ता को रेखांकित किया गया हैI भारत के संघीय स्वरूप, लोकतंत्रीय व्यवस्था, दलीय प्रणाली, राज्यों की राजनीति इत्यादि पहलुओं को विस्तार से विश्लेषित किया गया हैI

घटाटे, ना मा. गठबंधन की राजनीति नई दिल्ली: प्रभात प्रकाशन

पुस्तक में भारतीय राजनीति के गठबंधन में प्रवेश, गठबंधन की सरकारों के गठन, उनके समक्ष आने वाली चुनौतियों का विस्तृत विवरण एवं समीक्षा की गई हैI अटल जी के शासन काल की उपलब्धियों, समन्वय की राजनीति, सामंजस्य की राजनीति तथा मिलजुलकर राष्ट्रहित में आगे बढ़ने की दिशा का विस्तृत अध्ययन किया गया हैI

सिंह, अभय प्रसाद एवं मुरारी कृष्ण. भारत में राजनीतिक प्रक्रिया ओरिएंट हैदराबाद: ब्लैक स्वान,

भारत में राजनीतिक प्रक्रिया पुस्तक में भारतीय राजनीति के प्रमुख मुद्दे और चुनौतियाँ, राजनीतिक दल एवं दलीय प्रणाली, भारतीय राज्य का स्वरूप, भारत की विविधता एवं मतदान व्यवहार इत्यादि विषयों का विस्तृत विवरण एवं विश्लेषण किया गया हैI

मुख्य पाठ

अब तक केंद्र में 11 गठबंधन सरकार बनी है किंतु सफल गठबंधन सरकारे  कुछ ही हुई है I यूपीए गठबंधन ने प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के नेतृत्व में अपने 10 वर्षों का 2004 से 2014 तक का कार्यकाल काफी उतार-चढ़ाव के साथ पूर्ण किया l इस दौरान यूपीए गठबंधन सरकार को आर्थिक एवं राजनीतिक स्तर पर काफी चुनौतियों का सामना भी करना पड़ा था इन समस्याओं और चुनौतियों के बावजूद यूपीए गठबंधन ने अपने 10 वर्षों के कार्यकाल को बड़ी सफलतापूर्वक पूर्ण किया l यूपीए गठबंधन का गठन 2004 के लोकसभा चुनाव के बाद वामपंथी झुकाव वाले राजनीतिक दलों के समर्थन से किया गया था क्योंकि इस चुनाव में किसी भी एक दल को बहुमत नहीं मिला था ऐसे में सभी वामपंथी झुकाव वाले दलों को अपने हितों और सरकारों में भूमिका को लेकर असमंजस बना हुआ था l यूपीए गठबंधन की सरकार ने अपने कार्यकाल 2004 से 2009 तक के 5 वर्षों में से 4 वर्ष बड़ी ही सफलता पूर्वक पूर्ण कर लिए किंतु 2008 में 60 सांसदों वाले चार वामपंथी दलों ने अमेरिका परमाणु समझौते पर यूपीए गठबंधन से अपना समर्थन वापस ले लिया यूपीए गठबंधन ने फ्लोर टेस्ट का विकल्प चुना लोकसभा में यूपीए गठबंधन सरकार ने 275 वोट प्राप्त कर इस शक्ति परीक्षण में जीत हासिल कर यह सिद्ध कर दिया था कि गठबंधन  सरकार के पास अभी भी बहुमत है I इस प्रकार यूपीए गठबंधन सरकार ने अपना कार्यकाल पूर्ण किया l

यूपीए गठबंधन सरकार की सफल योजनाएं 2004 से 2009 तक

1. शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई 2009)

किसी भी राष्ट्र की  प्रमुख शक्ति  राष्ट्र का नागरिक होता है I शिक्षा मानवीय जीवन को पूर्ण और संसाधन युक्त बनाती है , इसलिए संविधान के 86 वे संशोधन अधिनियम 2002 द्वारा अनुच्छेद 21 ए को जोड़ा गया जिससे शिक्षा संवैधानिक अधिकार से मौलिक अधिकार में बदल गया l आरटीई एक्ट 2009 में 38 धाराएं और 7 अध्याय हैं I शिक्षा का अधिकार कानून को भारत में 1 अप्रैल 2010 को लागू किया गया था l (केवल जम्मू कश्मीर को छोड़कर) 

1 अप्रैल 2010 को केंद्र सरकार ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम पूरे भारत में लागू कर दिया I इसके तहत 6 से 14 वर्ष के बच्चों को निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा देना है I शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 बच्चों को शारीरिक दंड और मानसिक उत्पीड़न, बच्चों के प्रवेश के लिए स्क्रीनिंग प्रक्रिया, शिक्षकों द्वारा निजी शिक्षण और बिना मान्यता प्राप्त विद्यालयों को निश्चित करता है I

विशेषताएं:

इस अधिनियम के तहत ऐसा बालक या बालिका जिसका विद्यालय  में नामांकन नहीं हुआ है, उसे उसकी आयु के अनुसार कक्षा में प्रवेश दिया जाना था I इसके तहत देश के सभी वंचित और कमजोर वर्ग के बच्चों को अच्छी गुणवत्ता युक्त  प्राथमिक शिक्षा देने का लक्ष्य है I सभी निजी विद्यालयों में 25% सीटों को आरटीई के तहत 6 से 14 वर्ष तक के गरीब और वंचित वर्गों के बच्चों के लिए आरक्षित रखी जाती है I

2. सूचना का अधिकार आरटीआई 2005

हमारे संविधान में सूचना के अधिकार को एक मौलिक अधिकार माना गया है I सूचना पाने का कानून न्यायपालिका और विधायिका पर भी समान रूप से लागू होता है I आमजन उनके कार्य एवं गतिविधियों की जानकारी मांग सकते हैं, कुछ सीमाओ के साथ I

सूचना का अधिकार अधिनियम को केंद्र सरकार ने 12 अक्टूबर 2005 को लागू किया I इस कानून के अंतर्गत भारत के किसी भी नागरिक को किसी भी सरकारी संस्था निकाय से सरकारी रिकॉर्ड और प्रपत्र  (सुरक्षा से संबंधित छोड़कर) को देखने और प्राप्त करने का अधिकार प्रदान किया गया है I आम नागरिक आवेदन पत्र के साथ केवल 10 की फीस देकर जानकारियां ले सकता है I इस कानून को पारित करने का उद्देश्य सार्वजनिक प्राधिकरण के कामकाज में पारदर्शिता एवं जवाबदेही को बढ़ावा देना है तथा यह भी सुनिश्चित करना है कि सार्वजनिक प्राधिकरण लोगों के लिए खुले और जवाबदेह हो l

सूचना के अधिकार की विशेषताएं:

I. यह योजना पूरे भारत में लागू है, पंचायत से लेकर संसद तक लगभग सभी संस्थाएं इसके दायरे में आती हैं l

इस अधिनियम के तहत केंद्र में केंद्रीय सूचना आयोग इसके प्रमुख मुख्य सूचना आयुक्त हैं तथा राज्यों में राज्य सूचना आयोग इसके प्रमुख राज्य के मुख्य सूचना आयुक्त होते हैं l

II. गरीबी रेखा से नीचे गुजर बसर करने वाले नागरिकों को आवेदन के लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा अन्य लोगों को संबंधित सरकार द्वारा तय किया गया नाम मात्र का शुल्क देना होगा l

III. इस अधिनियम में कुछ क्षेत्रों में सूचनाओं रोक लेने का भी प्रावधान है भारत की सुरक्षा और अखंडता से संबंधित संसद तथा राज्य विधान मंडलों के विशेष अधिकार, विदेशी सरकारों से प्राप्त गोपनीय सूचनाओं या  ऐसी सूचना जो किसी व्यक्ति की निष्ठा पर हमला करती हो आदि कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां सूचना रोकी  जा सकती है l

IV. इस कानून के द्वारा मांगी गई जानकारी एक निश्चित समय सीमा के अंदर ही दी जानी होती है l

V. जीवन और आजादी के मामलों से संबंधित जानकारी 48 घंटे के अंदर देनी होती है जबकि अन्य सामान्य मामलों में जानकारी 30 दिनों की अवधि में दे दी जानी अनिवार्य है l

यदि हम इस अधिनियम के सार की बात करें तो यह कह सकते हैं कि जो भी सूचना विधानसभा या लोकसभा को दी जा सकती है, वह सूचना आम व्यक्ति भी इस अधिनियम के अंतर्गत प्राप्त कर सकता है I जो अधिकारी कर्मचारी आज तक आम लोगों को देरी या अन्य कर्म पर दंडित करते थे, इस अधिनियम के आने से आज वही अपने आप को छानबीन के दायरे में पा रहे हैं I

3. राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम 2005

राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम को 7 सितंबर 2005 को संसद द्वारा अधिनियमित किया गया था l इस अधिनियम के तहत यह सुनिश्चित करने की कोशिश की गई है कि किसी भी ग्राम में परिवार का कोई वयस्क सकौशल शारीरिक श्रम करने को तैयार है, तो एक वित्तीय वर्ष की अवधि में उस परिवार को कम से कम 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराया जाए l 2 फरवरी 2006, प्रारंभिक चरण में इस अधिनियम को देश के 200 जिलों में लागू किया गया था l दूसरे चरण मे लगभग 130 जिले और इस योजना मे शामिल कर लिए गए थे l   इसके बाद 5 वर्षों के भीतर अप्रेल 2008 मे  इस कानून को पूरे देश में लागू कर दिया गया था l इस अधिनियम के तहत ग्रामीण परिवारों के वयस्क युवाओं को प्रतिवर्ष 100 दिन का गारंटी युक्त रोजगार का प्रावधान किया गया है साथ ही साथ मजदूरी दरों में प्रतिवर्ष संशोधन भी किया जाना सुनिश्चित है I 2010 में इस योजना का नाम बदलकर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी मनरेगाकिया गया I यह कार्यक्रम विश्व का सबसे बड़ा सामाजिक कल्याणकारी कार्यक्रम है जो कानूनी तौर पर रोजगार की गारंटी प्रदान करता है I

विशेषताएं:

I. इस अधिनियम एवं कार्यक्रम के माध्यम से भारत की ग्रामीण गरीब वयस्क युवाओं साथ ही महिलाओं के लिए भी रोजगार के अवसर प्रदान किए गए हैं I जिससे ग्रामीण श्रम में एक सकारात्मक और ऊर्जात्मक परिवर्तन आने लगा है I

II. इस योजना के तहत मजदूरी का भुगतान 15 दिवसों के भीतर करना अनिवार्य होता है l

III. यह योजना भारत की ग्रामीण आबादी में आर्थिक स्थिरता प्रदान करती है जिससे गांव में रहने वाले लोगों के जीवन में सुख समृद्धि का स्तर बढ़ता है I

IV. यह योजना उन कृषकों और ग्रामीण लोगों के लिए भी अधिक लाभप्रद है जो विशेष रूप से मौसमी आपदा और फसल खराब होने पर रोजगार के लिए गांव से पलायन करते हैं I

अतः हम कह सकते हैं कि मनरेगा के माध्यम से देश की ग्रामीण आबादी के जीवन स्तर को उन्नत और सुदृढ़ बनाने का प्रयास हुआ है I

4. प्रत्यक्ष लाभ अंतरण डीबीटी

इस योजना का उल्लेख सर्वप्रथम तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने वर्ष 2011-12 में बजट भाषण में किया थाI डीबीटी के माध्यम से सरकार लाभार्थियों तक धन का वितरण तीव्रता और धोखाधड़ी को कम करने के लिए करती है  I प्रथम चरण में इस योजना को 1 जून 2013 को भारत के लगभग 291 जिलों में शुरू किया गया था I इस योजना का उद्देश्य  सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी की राशि का हस्तांतरण लाभार्थियों तक सीधे ढंग से उनके खातों में पहुंचाना था I

5. खाद्य सुरक्षा कानून

10 सितंबर 2013 को खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू किया गया था I इस योजना के माध्यम से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में 75 फीसदी तक और शहरी क्षेत्र की 50 फीसदी तक की जनसंख्या को सस्ते में अनाज उपलब्ध कराया जाना था I इस योजना में 3 प्रति किलो के हिसाब से चावल और 2 प्रति किलो के हिसाब से गेहूं दिए जाने का प्रावधान था I

2004 से 2013 के मध्य संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन ( यू. पी. ए. ) की सरकार की उपरोक्त सफल नीतियां इस बात को परिलक्षित करती है कि यदि सरकारों में इच्छाशक्ति हो  तथा गठबंधन में वैचारिक सहमति  हो तो न केवल सरकारें सफलतापूर्वक अपना कार्यकाल पूरा करती हैं बल्कि साथ साथ महत्वपूर्ण जनकल्याणकारी नीतियाँ एवं योजनाएं बनाकर तथा लागू करके जनाधार भी तैयार करती हैं I हाँ इतना अवश्य है कि इन सभी के लिए राजनैतिक नेतृत्व को अपने संकुचित हितों से ऊपर उठकर जनकल्याण को महत्व देना होगा I

एनडीए गठबंधन सरकार की सफल योजनाएं 2014 से अब तक

2014 के लोकसभा चुनाव में एन डी ए की गठबंधन सरकार निर्मित हुई, यद्यपि यह गठबंधन की सरकार थी किन्तु इसमें  भाजपा स्पष्ट बहुमत में थी I यह गठबंधन भी चुनाव पूर्व बनाया गया गठबंधन था I श्री नरेंद्र मोदी प्रधान मंत्री निर्वाचित हुए और उन्होंने मजबूत इच्छा शक्ति एवम अनुशासन के साथ देश को आगे ले जाने का कार्य किया जनहित को सर्वोच्च  वरीयता दी गई I राष्ट्र हित तथा राष्ट्र सुरक्षा को सर्वोच्च महत्व देते हुए नीतियाँ तैयार की गई और उन्हे पूरी ईमानदारी के साथ लागू किया गया I इसी के परिणाम स्वरूप 2019 के लोकसभा चुनाव में पुनः एन डी ए की सरकार बनी और श्री नरेंद्र मोदी पुनः प्रधान मंत्री चुने गए I

एनडीए गठबंधन सरकार की कुछ प्रमुख योजनाएं निम्नानुसार विश्लेषित की जा सकती हैं:

6. प्रधानमंत्री जनधन योजना-

15 अगस्त 2014 को जनधन योजना की घोषणा की गई और 28 अगस्त 2014 को इसे लागू किया गया I इस योजना का उद्देश्य  देश के प्रति परिवारों को बैंकिंग सुविधा उपलब्ध कराना था I प्रधानमंत्री जन धन योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र एवं शहरी क्षेत्र के परिवारों के अधिक से अधिक सदस्यों का बैंक में निजी खाता खोलना लक्ष्य था I जिससे शासन द्वारा चलाई जा रही योजनाएं का लाभ सीधे हितग्राही के खाते में पहुंच सके I इस योजना की मुख्य विशेषताएं यह थी कि इस योजना के अंतर्गत खोले  गए खाते पर खाता धारक को खाता खोलने के 6 माह बाद 10000 की राशि लोन के रूप में बैंक द्वारा दी जाएगी I

7. आयुष्मान भारत

यह  योजना  भारत सरकार द्वारा 23 सितंबर 2018 को लागू की गई थी आयुष्मान भारत योजना के माध्यम से गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) आने वाले परिवारों को 50,0000 तक नगद रहित स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराया जाता है I लाभार्थियों को लगभग 1300 गंभीर बीमारियों का मुफ्त इलाज सरकारी एवं निजी अस्पतालों में कराने की सुविधा उपलब्ध है I इस योजना की विशेषता यह है कि हितग्राहियों को 5 लाख तक का मुफ्त इलाज सरकारी एवं निजी अस्पतालों में किया जाता है I

8. उज्ज्वला योजना

इस योजना की शुरुआत एनडीए सरकार ने 2016 में की  थी I इस योजना के अंतर्गत देश के हर घर में स्वच्छ रसोई ईंधन उपलब्ध कराना लक्ष्य था I इस योजना के द्वारा गरीब महिलाओं को मुफ्त में एलपीजी गैस कनेक्शन देने का प्रावधान है I इस योजना की मुख्य विशेषता यह रही कि इस योजना से महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिला I         

9. स्वच्छ भारत योजना

स्वच्छ भारत योजना को 2 अक्टूबर 2014 को गांधी जी के जन्मदिवस पर स्वच्छ भारत मिशनके रूप में शुरू किया गया था I इस योजना के अंतर्गत भारत में शौचायलयों का निर्माण करा कर खुले में शौच मुक्त भारत का लक्ष्य रखा गया था I

10. प्रत्यक्ष लाभ अंतरण डीबीटी

हालांकि इस योजना की शुरुआत यूपीए गठबंधन सरकार ने की किंतु इस योजना को संशोधित एवं विस्तृत बनाने का कार्य एनडीए की सरकार ने किया I प्रत्यक्ष लाभ अंतरण प्रणाली के तहत 53 मंत्रालयों की लगभग 310 योजनाएं क्रियाशील है I कुछ महत्वपूर्ण योजनाएं जैसे प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, पीएम किसान, स्वच्छ भारत मिशन, ग्रामीण अटल पेंशन योजना, राष्ट्रीय आयुष मिशन इत्यादि है इस योजना की कुछ मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित है:

I. इस योजना के माध्यम से पीएम आवास योजना, एलपीजी योजना और विभिन्न प्रकार की छात्रवृत्ति  योजनाओं से लाभ प्राप्त करने वाले पात्र लाभार्थियों को धन हस्तांतरित किया जाता है

II. डीबीटी के माध्यम से सूचना/धन का सरल और तेज प्रभाव होता है जिससे  समय के साथ-साथ ऊर्जा की भी बचत होती है I

III. इस योजना के क्रियान्वयन से धोखाधड़ी जैसी समस्याओं में कमी आई है I

कॉविड-19 के दौरान डीबीटी

कोविड -19 महामारी के दौरान सरकार द्वारा डीबीटी के माध्यम से लाखों नागरिकों को सहायता और राहत प्रदान की गई क्योंकि उस दौरान बढ़ते हुए संकट में डीबीटी सरकार और लाभार्थी नागरिकों के लिए वरदान सिद्ध हुई I कोविड -19 के दौरान सरकार ने लॉकडाउन लगा दिया, जिससे लोगों की आजीविका भी प्रभावित हुई किंतु सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली सार्वजनिक वित्तीय प्रबंध प्रणाली (पी एफ एम एस) ने इस प्रतिकूल परिस्थितियों के दौरान भी सरकार की वित्तीय मशीनरी को सुचारू रूप से संचालित किया I पीएमएस द्वारा 30 मार्च 2020 को एक ही दिन में सबसे अधिक 2.19 करोड़ का लेनदेन किया गया I

ऐसी परिस्थितियों को देखते हुए हम यह कह सकते हैं कि एनडीए गठबंधन सरकार द्वारा चलाई गई इस प्रकार की योजनाएं देश और देश के नागरिकों के लिए अत्यंत लाभदायक हो सकती हैं,क्योंकि ऐसी विकट और समस्या पूर्ण स्थिति से निपटने के लिए डीबीटी योजना ने देश और देश के नागरिकों को अत्यंत लाभ पहुँचायाI

11. सुकन्या समृद्धि योजना

यह योजना बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत जनवरी 2015 में लागू की गई थी I इस योजना के माध्यम से देश में 10 वर्ष से कम उम्र की बालिकाओं के नाम से खाता खोले गए, जिसमें अभिभावकों द्वारा किस्तों के रूप में राशि निश्चित समय तक जमा की जाती है I

इस योजना की निम्नलिखित मुख्य विशेषताएं हैं

I. इस योजना में जमा की गई राशि पर कोई कर नहीं लगता I

II. इस योजना के अंदर खाता सिर्फ 250 से खोला जा सकता है I

III. वर्ष भर में अधिकतम डेढ़ लाख रुपए जमा कर सकते हैं I

IV. जमा की गई राशि को बालिका के उच्च शिक्षा और विवाह के लिए निकाल सकते हैं I

इन्ही सफल जनयोजनाओं के व्यावहारिक क्रियान्वयन के आधार पर ही 2024 में एन डी ए पुनः लोकसभा चुनाव में जाने की तैयारी में है I

निष्कर्ष

केंद्र में 2004 से 2024 तक की गठबंधन सरकारों की समस्त कार्य प्रणाली के मूल्यांकन एवं विश्लेषण के पश्चात निष्कर्ष के रूप में यह कहा जा सकता है कि गठबंधन सरकारों के पूर्ण कार्यकाल से इनके अस्थायी होने का भ्रम अवश्य खंडित हुआ हैI यह धारणा मजबूत हुई है कि गठबंधन सरकारें भी स्थायी हो सकती है, जरूरत है मजबूत इकछा शक्ति एवं आपसी वैचारिक सहमति की तथा राष्ट्र हित एवं जनहित को दलीय तथा निजी हितों के ऊपर वरीयता देकर सरकार चलाने कीI गठबंधन सरकारों की उपरोक्त सभी नीतियाँ एवं योजनाएं सफलता पूर्वक जनकल्याण की तरफ देश को अग्रसित कर रही हैI

कुल मिलकर यह कहा जा सकता है की प्रशासन में सिद्धांत एवं व्यवहार के स्तर पर यदि ईमानदारी होगी तो गठबंधन की भी सरकारें स्थायी होगी और देश भी प्रगति करेगा I अन्यथा गठबंधन सरकारों के समक्ष न केवल स्थायित्व का संकट रहेगा बल्कि एकदलीय स्पष्ट बहुमत की सरकारों  द्वारा शक्ति का  प्रयोग भी मनमाने तरीके  से करने की संभावना बनी रहेगी, जिससे देश का संघीय स्वरूप भी प्रभावित होगा I

सन्दर्भ ग्रन्थ सूची

1. मिश्रा, वीणा गोपाल- गठबंधन की राजनीति देहली:राजपाल प्रकाशन

2. मलिक, अजय- गठबंधन की राजनीति तथा भारतीय राजनीतिक व्यवस्था नई दिल्ली:राधा पब्लिकेशन्स

3. सिंह, अभय प्रसाद एवं मुरारी कृष्ण. भारत में राजनीतिक प्रक्रिया ओरिएंट हैदराबाद:ब्लैक स्वान,

4. सईद, एस एम, भारतीय राजनीतिक व्यवस्था लखनऊ:भारत बुक सेंटर

5. शर्मा, एच सी. भारत में शासन और राजनीति जयपुर: जनशक्ति प्रकाशन

6. नेमा, जी पी. भारत में राज्यों की राजनीति जयपुर: कालेज बुक डिपो

7. घटाटे, ना मा,  गठबंधन की राजनीति नई दिल्ली:प्रभात प्रकाशन