ISSN: 2456–4397 RNI No.  UPBIL/2016/68067 VOL.- VIII , ISSUE- XI February  - 2024
Anthology The Research

कॉर्पोरेट सोशल रिस्पोंसिबिलिटी: समाज के प्रति व्यवसायिक संस्थानों का दायित्व

Corporate Social Responsibility: Responsibility of Business Organizations Towards Society
Paper Id :  18616   Submission Date :  2024-02-02   Acceptance Date :  2024-02-18   Publication Date :  2024-02-22
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DOI:10.5281/zenodo.11484138
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कमल पाटेनचा
चीफ मैनेजर
बड़ौदा अकादमी,
बैंक ऑफ़ बड़ौदा
राजकोट,गुजरात, भारत
सारांश

कॉर्पोरेट सोशल रिस्पोंसिबिलिटी या सामाजिक उत्तरदायित्व एक ऐसी अवधारणा है जो कंपनियों या संगठनों को समाज और पर्यावरण के हितों की जिम्मेदारी देती है। एक कंपनी के संचालन में होने वाली सभी गतिविधियों और निर्णयों के परिणाम समाज और पर्यावरण पर पड़ते हैं और इसलिए उन्हें समाज के हितों और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार होना चाहिए। कॉर्पोरेट सोशल रिस्पोंसिबिलिटी का मुख्य उद्देश्य यह है कि कंपनियों को सिर्फ लाभ कमाने से नहीं बल्कि अपने सामाजिक ज़िम्मेदारियों को भी पूरा करना चाहिए। इसके तहत सभी कंपनियों को अपनी गतिविधियों और नैतिक मापदंडों का मूल्यांकन करना होगा।

सारांश का अंग्रेज़ी अनुवाद Corporate Social Responsibility is a concept that gives companies or organizations responsibility for the interests of society and the environment. All activities and decisions taken in the operation of a company have consequences for society and the environment and hence they must be responsible towards the interests of society and the environment. The main objective of corporate social responsibility is that companies should not just make profits but One should also fulfill his social responsibilities. Under this, all companies will have to evaluate their activities and ethical parameters.
मुख्य शब्द कॉर्पोरेट, सोशल, रिस्पोंसिबिलिटी, समाज, व्यवसायिक, संस्थान।
मुख्य शब्द का अंग्रेज़ी अनुवाद Corporate, Social, Responsibility, Society, Business, Institution.
प्रस्तावना

सी एस आर के अंतर्गत कंपनियों को पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव को कम करने, नैतिक मूल्यों से व्यवसाय करना, कर्मचारियों के स्वास्थ्य एवं विविध विचारधारा का समर्थन, अल्पसंख्यक समुदायों के विकास और अन्य चैरिटेबल कार्यों में सहयोग देने की जिम्मेदारी होती है। इससे कंपनियां न केवल  अपने व्यवसाय के लिए बल्कि समाज के लिए भी दीर्घकालिक मूल्य उत्पन्न कर सकती हैं।

अध्ययन का उद्देश्य

लेख का उद्देश्य भारत में कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) के महत्व की खोज और समाज को कुछ देने के महत्व पर ध्यान केंद्रित करना है। भारत में कंपनियों द्वारा की जाने वाली विभिन्न सीएसआर गतिविधिया एवं किस तरह कंपनियों द्वारा सीएसआर को सुविधाजनक बनाने भारत सरकार की भूमिका को बताना है। सीएसआर सामाजिक कल्याण, पर्यावरण संवर्धन, और शिक्षा में योगदान करता है। इसके अतिरिक्त, भारतीय सरकार द्वारा स्थापित विनियामक ढांचा और सीएसआर के विकास मे आने वाली चुनौतियाँ, प्राप्त लाभ, और देश में सीएसआर के भविष्य का विश्लेषण करेगा।

साहित्यावलोकन

भारत सरकार के भारतीय कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय द्वारा कंपनी अधिनियम 2013 के अंतर्गत सभी कंपनियों के लिए सामाजिक कल्याण गतिविधिया (सी एस आर) अनिवार्य कर दिया जोकि विश्व के सबसे बड़े प्रयोगों में से एक है। इसने भारत को उन कुछ चयनित श्रेणियों के लिए एकमात्र देश बना दिया है जिसने अधिनियम के तहत पंजीकृत कंपनियों के लिए सी एस आर को विनियमित और अनिवार्य बनाया है। यह सीएसआर पहल राष्ट्र को सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति और भारत के परिवर्तन में सार्वजनिक-निजी साझेदारी की दिशा में आगे बढ़ाएगा । सी एस आर संबंधित कुछ आंकड़े इस प्रकार है :-

वर्तमान मे कंपनियों की संख्या – 19043

सी एस आर कार्यों मे कुल खर्चा – 26278.71 करोड़

मुख्य -5- कंपनी के नाम इस प्रकार है :-

क्र. स.

कंपनी का नाम

राशि (करोड़ मे)

1.

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड

812.33

2.

एचडीएफसी बैंक लिमिटेड

722.99

3.

टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज लिमिटेड

719.92

4.

तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड (ओ एन जी सी)

436.19

5.

एन टी पी सी लिमिटेड

356.71

मुख्य पाठ

भारत में कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सी एस आर) का इतिहास

भारत में कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सी एस आर) का इतिहास लगभग 70 वर्ष पुराना है। इसकी शुरुआत सन् 1951 में भारत सरकार द्वारा शुरू की गई थी, जब कंपनियों को समाज के लिए कुछ दान करने का आदेश दिया गया था। लेकिन उस समय यह सिर्फ कानून था और कंपनियों को इससे और कोई भी सुविधा नहीं प्राप्त थी। सन् 1991 में भारत ने आर्थिक सुधार के समय कई नई नीतियों की शुरुआत की, जिसमें कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी को अपनाया गया।

सन् 2013 में भारत के नए कंपनी अधिनियम के तहत, भारतीय कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के लिए विशेष विधियां बनाई गईं।वर्तमान मे भारतीय कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी एक अनिवार्य दायित्व है और उन्हें अपने धन और संसाधनों का उपयोग सामाजिक और पर्यावरणीय मुद्दों के लिए करना होता है। कंपनियों के द्वारा संचालित कई कार्यकामों ने समाज, पर्यावरण और स्वास्थ्य क्षेत्र में बदलाव लाया है। कंपनी अधिनियम 2013 के अंतर्गत कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व प्रावधान उन कंपनियों पर लागू होते हैं जिनका वार्षिक कारोबार 1,000 करोड़ रुपये एवं उससे अधिक है, या जिनकी कुल संपत्ति 500 करोड़ रुपये एवं उससे अधिक, या उनका शुद्ध लाभ 5 करोड़ रुपये एवं उससे अधिक है।

1. कंपनी अधिनियम 2013 के अनुसार कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के चार मुख्य प्रकार हैं:

i. पर्यावरणीय उत्तरदायित्व

ii. नैतिक उत्तरदायित्व

iii. परार्थ उत्तरदायित्व

iv. आर्थिक उत्तरदायित्व


कॉर्पोरेट सोशल रिस्पोंसिबिलिटी (सी एस आर) मे गतिविधियां:-

भारत में नियमानुसार, कॉर्पोरेट सोशल रिस्पोंसिबिलिटी (सी एस आर) श्रेणी के अंतर्गत निम्नलिखित गतिविधियां शामिल हैं:

1. ग्रामीण क्षेत्रों में जन स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन के स्तर में सुधार

2. गरीबों, असहाय लोगों, बालिकाओं और महिलाओं की समाज सेवा

3. दिव्यांगों के लिए सुविधाएँ, रोजगार और उनकी विकास के लिए संबंधित उत्पादों और सेवाओं का विकास

4. लोगों के लिए स्वच्छ जल, स्वच्छ शहर, स्वच्छ शौचालय, स्वच्छता और जीवन सम्बंधी अन्य अभियानों मे मदद

5. तकनीकी और वित्तीय सहायता के माध्यम से नए विचारों और नए उत्पादों को समर्थन देना

6. पर्यावरण के संरक्षण, वन संरक्षण और जल संरक्षण के लिए अभियानों का समर्थन और लागू करना

7. राष्ट्रीय एवं सांस्कृतिक अध्ययनों को संचालित करना और उनके विकास मे मदद करना

8. उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता और पर्याप्तता को सुनिश्चित करने के लिए अनुसंधान एवं विकास

कॉर्पोरेट सोशल रिस्पोंसिबिलिटी (सी.एस.आर) मे प्रमुख चुनौतियाँ

भारत में कंपनियों के लिए सी एस आरअनिवार्य गतिविधि है जो कंपनी के लाभ को समाज मे संतुलित रूप से बाटती है। इसके बावजूद, इसके लागू करने से पहले और लागू करने के दौरान बहुत सी चुनौतियाँ हैं। कुछ मुख्य चुनौतियां इस प्रकार है :

i. संसाधन अल्पता: संसाधन अल्पता एक और बड़ी चुनौती है जिससे कंपनियों का सामना करना पड़ता है। कंपनियों के पास अक्सर धन और संसाधनों की कमी होती है। जिसके चलते कई कॉर्पोरेट सही कार्यों मे पैसा नहीं लगा पाते।

ii. अवैध और नियमों का उल्लंघन: कुछ कंपनियों के लिए, सी एस आर कार्यक्रम शुरू करना नियमों और विधियों के उल्लंघन के आधार पर होता है। इसलिए, ये कंपनियां नियमों का पालन करने में सक्षम होने के लिए अपने आंतरिक संरचना को दोबारा संगठित करने की जरूरत होती है।

iii. उच्च लागत: कुछ कंपनियों के लिए, सी एस आर कार्यक्रम शुरू करना आर्थिक रूप से बहुत खर्चीला हो सकता है। इसलिए, इसे अपनी वित्तीय योजनाओं में शामिल करना होता है और साथ ही संचयों का उपयोग भी किया जाना चाहिए।

iv. अनुमानित परिणामों की अज्ञातता: कंपनियों के लिए, अपने सी एस आर कार्यक्रम के परिणामों का अनुमान लगाना बहुत मुश्किल होता है। इसलिए, उन्हें इसे मापने के लिए स्पष्ट मापदंड तैयार करने की आवश्यकता होती है।

v. अप्रत्याशित प्रतिक्रियाएं: कभी कभी सी एस आरकार्यक्रम से जुड़ी गतिविधियों से संबंधित अप्रत्याशित घटनाए हो जाती है।

सरकार की भूमिका:-

सी एस आर गतिविधियों मे सरकार की मुख्य भूमिका रहती है। सरकार नए कंपनी अधिनियम 2013 के अंतर्गत कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व प्रावधान कंपनियों पर लागू किया। सरकार सी एस आर को बढ़ावा देने के लिए जो कदम उठा रही है वो इस प्रकार है:-

i. सरकार सी एस आर के लिए नीतियों और दिशानिर्देशों को तैयार करती है, जो उद्योगों को सामाजिक उत्थान और समाज की सेवा में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित करती हैं।

ii. सरकार स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर सी एस आर कार्यक्रमों के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करती है।

iii. सरकार कानूनी रूप से सी एस आर के लिए निर्देश जारी करती है और उनका पालन करने की जिम्मेदारी उद्योगों को देती है।

iv. सरकार उन उद्योगों को प्रोत्साहित करती है जो सामाजिक उत्थान के लिए अधिक से अधिक धन व्यय करते हैं। जैसे स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि।

v. सरकार उद्योगों को संबंधित सामाजिक कार्यक्रमों के लिए अनुदान देती है। तथा उन उद्योगों की कार्यकामों को प्रत्यक्ष रूप से मॉनिटर करती है। 

सीएसआर की वर्तमान परिस्थिति:-

सी एस आर खर्च पर आधारित शीर्ष 5 कंपनियों निम्न है,रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, ओएनजीसी और टाटा स्टील । ये पांच कंपनियां देश में कुल सी एस आर खर्च के एक-चौथाई से अधिक का हिस्सा देती हैं। 2022 के भारत सी एस आर आउटलुक रिपोर्टसे कुछ मुख्य जानकारियांइस प्रकार है :

1. वास्तविक सीएसआर खर्च (वित्त वर्ष 2021-22):

i. प्रति कंपनी औसत निर्धारित सीएसआर: 40 करोड़

ii. कुल वास्तविक सीएसआर खर्च: 12,260 करोड़

iii. कंपनियों की संख्या: 301

iv. सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों की संख्या: 23

v. कार्यान्वित सी एस आर परियोजनाओं की संख्या: 7,480

2. कपनिया का क्षेत्रवार वितरण:

भारत के कुल सी एस आर फंड का 50% से अधिक योगदान तेल ड्रिलिंग, लुब्रिकेंट्स और पेट्रोकेमिकल्स, बैंकिंग और वित्त, कंप्यूटर सॉफ़्टवेयर और आईटी कंपनियां करती है।

3. सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी):

i. सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) आज दुनिया के सामने आने वाली विभिन्न सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान करने के लिए संयुक्त राष्ट्र (यूएन) द्वारा निर्धारित 17 वैश्विक उद्देश्यों का एक समूह है।

ii. भारत के कुल सी एस आर फंड का 65% अच्छे स्वास्थ्यअच्छी शिक्षा और गरीबी उन्मूलन जैसे कार्यों मे लगता है। ये सभी कार्य एसडीजी के लक्ष्य 1, 3 एवं 4 है।

4. बजट उपयोग:

i. भारत मे लगभग 37.87% कंपनियों अपने निर्धारित सी एस आर बजट से अधिक खर्च करती है।

ii. भारत मे कुल सी एस आर खर्च का 26.23% हिस्सा सार्वजनिक क्षेत्र निगम (पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग) करती है।

5. भौगोलिक वितरण:

भारत के कुल सी एस आर धनराशि का लगभग एक-चौथाई हिस्सा महाराष्ट्र, ओडिशा और दिल्ली राज्यों को प्राप्त होता है।

निष्कर्ष

आधुनिक व्यवसाय के लिए सामाजिक दायित्व एक अहम विषय है। भारत में व्यवसायों को अपने सामाजिक उत्तरदायित्वों को ध्यान में रखते हुए उन्हें पूरा करने के लिए सक्रिय होना चाहिए। व्यवसायों को सिर्फ लाभ के लिए काम नहीं करना चाहिए, बल्कि वे समाज के साथ मिलकर काम करने की जरूरत है। भारत में सामाजिक दायित्व की दृष्टि से कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसके बावजूद, भारत में सामाजिक दायित्व के क्षेत्र में सरकार का महत्वपूर्ण योगदान है। सरकार व्यवसायों को सामाजिक उत्तरदायित्वों को पूरा करने में सहायता प्रदान करती है और समाज के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रोत्साहन देती है।

सन्दर्भ ग्रन्थ सूची

1. https://www.csr.gov.in/

2. https://www.drishtiias.com/hindi/pdf/1697337507.pdf/

3. https://services.india.gov.in/service/ministry_services?ln=hi&cmd_id=670

4. https://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-editorials/corporate-social-responsibility-importance

5. https://www.socialresearchfoundation.com/new/publish-journal.php?editID=8686

6. https://pib.gov.in/PressReleaseIframePage.aspx?PRID=1940126

अंत टिप्पणी
1. https://www.csr.gov.in/