P: ISSN No. 2231-0045 RNI No.  UPBIL/2012/55438 VOL.- XIII , ISSUE- I August  - 2024
E: ISSN No. 2349-9435 Periodic Research

ऑस्टियोपोरोसिस ग्रस्त महिलाओं के कैल्शियम एवं फास्फोरस स्तर पर आहारीय परामर्श का प्रभाव

Effect of Dietary Counseling on Calcium And Phosphorus Levels of Women With Osteoporosis
Paper Id :  19219   Submission Date :  2024-08-13   Acceptance Date :  2024-08-22   Publication Date :  2024-08-25
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DOI:10.5281/zenodo.14288450
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नीलम सोलंकी
शोध छात्रा
फ़ूड एंड न्यूट्रीशन विभाग
शासकीय महारानी लक्ष्मीबाई स्नातकोत्तर कन्या महाविद्यालय
किला भवन, इंदौर, मध्य प्रदेश, भारत
सारांश
प्रस्तुत शोध में बड़वानी जिलों की शासकीय आयुष से 35 ऑस्टियोपोरोसिस ग्रस्त महिलाओं का अध्ययन किया गया है। प्रस्तुत शोध के लिए ऑस्टियोपोरोसिस ग्रस्त महिलाओं में से 35 प्रयोगात्मक समूह एवं 50 नियंत्रित समूह की महिलाओं का चयन उद्देश्यपूर्ण स्तरीकृत दैव निदर्शन पद्धति द्वारा किया गया है। आँकड़ों के वैज्ञानिक विश्लेषण में टी-परीक्षण द्वारा गणना की गयी है और इसके निष्कर्ष के रूप मेें कहा जा सकता है कि ऑस्टियोपोरोसिस ग्रस्त महिलाओं के कैल्शियम एवं फास्फोरस स्तर पर आहारीय परामर्श के प्रभाव का उपचार पश्चात् परीक्षण मान उसके उपचार पूर्व परीक्षण मान से सार्थक उच्च पाया गया।
सारांश का अंग्रेज़ी अनुवाद In the present research, 35 women suffering from osteoporosis from the Government AYUSH of Barwani district have been studied. For the present research, 35 women from the experimental group and 50 women from the control group have been selected from the osteoporotic women through purposive stratified random sampling method. The scientific analysis of the data has been done using T-test and as a conclusion it can be said that the post-treatment test value of the effect of dietary counseling on calcium and phosphorus levels of women suffering from osteoporosis was found to be significantly higher than its pre-treatment test value.
मुख्य शब्द ऑस्टियोपोरोसिस, आयुष विंग, आयु समूह, कैल्शियम एवं फास्फोरस स्तर, आहारीय परामर्श।
मुख्य शब्द का अंग्रेज़ी अनुवाद Osteoporosis, AYUSH Wing, Age Groups, Calcium and Phosphorus Levels, Dietary Counselling.
प्रस्तावना
वर्तमान में ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या दिन-ब-दिन तेजी से बढ़ रही है। ऑस्टियोपोरोसिस महिलाओं में एक ऐसी गंभीर समस्या है, जिसमें कैल्शियम एवं फास्फोरस की कमी के कारण हमारी हड्डियाँ कमजोर होने लगती है, जिससे कई हानिकारक प्रभावों की वजह से महिलाओं की शारीरिक क्रियाशीलता में कमी आयी है, उनके रहन-सहन, जीवन शैली, भोजन संबंधित आदतों में भी परिवर्तन देखे गए है। जिसके फलस्वरूप महिलायें कई भयानक बीमारियों जैसे ह्रदयरोग, मोटापा, कमरदर्द, जोड़ों का दर्द, रीढ़ की हड्डी में फ्रेक्चर, ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित हो रही है। महिलाओं की जीवन शैली में खानपान और व्यायाम के प्रति लापरवाही के कारण महिलायें ऑस्टियोपोरोसिस की शिकार हो रही है।
ऑस्टियोपोरोसिस
ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें हड्डियों के द्रव्यमान का नुकसान होता है। हालाँकि उम्र बढ़ने की प्रक्रिया के दौरान कैल्शियम और फॉस्फेट की कमी के कारण हड्डियों के अंदर का हिस्सा अधिक छिद्रपूर्ण हो जाता है जिससे सामान्य नियमित गतिविधियों के दौरान भी हड्डियों के टूटने का खतरा बढ़ जाता है। अक्सर महिलाओं को बीमारी की उपस्थिति के बारे में पता चलने से पहले ही फ्रैक्चर हो जाता है। ऑस्टियोपोरोसिस की रोकथाम का सबसे अच्छा उपाय है कैल्शियम, फास्फोरस और विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा वालो खाद्य पदार्थो सहित प्रतिदिन संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए।
आहारीय परामर्श
आहारीय परामर्श एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें व्यक्ति अपने भोजन एवं पोषण से संबंधित समस्या के उपचार के लिए आहार विशेषज्ञ की सलाह लेता है। आहार परामर्श का लक्ष्य खाद्य व्यवहार में उपयुक्त एवं आवश्यकतानुसार परिवर्तन करके व्यक्ति या रोगी को लाभ पहुँचाता है। आहारीय परामर्श व्यक्तियों को उनके भोजन सेवन के बारे में विकल्प बनाने और इष्टतम स्वास्थ्य प्राप्त करने और बनाए रखने के लिए स्वस्थ भोजन पैटर्न विकसित करने में मदद करता है।
अध्ययन का उद्देश्य

प्रस्तुत शोध का उद्देश्य है -

  1. ऑस्टियोपोरोसिस ग्रस्त महिलाओं के रक्त के कैल्शियम स्तर पर उपचार पूर्व एवं उपचार पश्चात् आहारीय परामर्श के प्रभाव के माध्यों की तुलना करना। 
  2. ऑस्टियोपोरोसिस ग्रस्त महिलाओं के रक्त के फॉस्फोरस स्तर पर उपचार पूर्व एवं उपचार पश्चात् आहारीय परामर्श के प्रभाव के माध्यों की तुलना करना।
साहित्यावलोकन
आर. श्री पाई तथा उनके साथियों ने (2016) तिरुवनंतपुरम के 55-60 वर्ष के 40 ऑस्टियोपोरोसिस से ग्रसित लोगों पर ‘‘ ऑस्टियोपोरोसिस से ग्रसित लोगों के स्वास्थ्य स्तर पर आहारीय परामर्श के प्रभाव का अध्ययन’’ किया। उन्होंने 40 लोगों को 2 समूह में बाँटा, पहले समूह के लोगों को 45 दिनों तक प्रतिदिन आहारीय परामर्श दिया तथा उनका फोलोअप भी लिया उन्हें अधिक से अधिक कैल्शियम युक्त, विटामिन डी युक्त, फास्फोरस युक्त भोज्य पदार्थ खाने की सलाह दी तथा दूसरे समूह के लोगों को ऐसे ही रहने दिया। 45 दिनों के बाद प्राप्त परिणामों के अनुसार पहले समूह के लोग जिन्हें आहारीय परामर्श दिया गया था के स्वास्थ्य स्तर में बढ़ोतरी देखी गई। उनके ऑस्टियोपोरोसिस के स्तर में सार्थक कमी (P<0.05) देखी गई। जबकि दूसरे समूह में कोई परिवर्तन नहीं देखे गए। अतः आर. श्री पाई तथा उनके साथियों ने यह निष्कर्ष निकाला कि अगर लोगों को सही आहारीय परामर्श दिया जाए तो उनके ऑस्टियोपोरोसिस को कम किया जा सकता है।
माइकल तथा उनके साथियों ने (2013) में विटामिन डी की कमी से ग्रसित 6380 लोगों पर ‘‘आहारीय परामर्श से विटामिन डी की वृद्धि पर अध्ययन’’ किया। उन्होंने सभी लोगों को 2 समूह में बाँटा, पहले समूह के सभी लोगों को एक वर्ष तक आहारीय परामर्श दिया। जिसमें सभी लोगों को बताया कि उन्हें अधिक से अधिक विटामिन डी युक्त भोज्य लेने है। जबकि दूसरे समूह के लोगों को ऐसे ही रहने दिया। 1 साल बाद प्राप्त परिणामों के अनुसार, पहले समूह के सभी लोग, जिन्हें आहारीय परामर्श दिया गया था, उनके विटामिन डी स्तर में सार्थक वृद्धि (P<0.01) देखी गई। इसके साथ ही उनके जोड़ों में दर्द, बदन दर्द में भी कमी देखी गई जबकि दूसरे समूह के लोगों में कोई परिवर्तन नहीं देखे गए। अतः माइकल तथा उनके साथियों ने यह निष्कर्ष निकाला कि आहार एवं जीवन शैली में सकारात्मक परिवर्तन द्वारा विटामिन डी की कमी से होने वाली बीमारियों का बचाव एवं उपचार संभव है।
पी.एम. बालाजी तथा उनके साथियों ने (2011) भारत के बैंगलोर शहर 50-60 वर्ष की 40 ऑस्टियोपोरोसिस से ग्रस्त महिलाओं को 2 समूह में लिया तथा उन पर ‘‘ऑस्टियोपोरोसिस पर आहारीय परामर्श के प्रभाव का अध्ययन’’ किया। पहले समूह की सभी महिलाओं को 3 माह तक उच्च कैल्शियम युक्त भोजन एवं निश्चित अंतराल पर आहारीय परामर्श दिया जबकि दूसरे समूह को ऐसे ही रहने दिया। 3 माह बाद प्राप्त परिणामों के अनुसार पहले समूह की महिलाओं में जिन्हें उच्च कैल्शियम युक्त भोजन तथा आहारीय परामर्श दिया गया था, उनके ऑस्टियोपोरोसिस अर्थात् कैल्शियम की कमी के स्तर में सार्थक (P<0.001) वृद्धि देखी गई। दूसरे समूह की महिलाओं में कोई परिवर्तन नहीं देखे गए। अतः पी.एम. बालाजी तथा उनके साथियों ने ये निष्कर्ष निकाला कि आहारीय परामर्श ऑस्टियोपोरोसिस को कम करने में तथा कैल्शियम की मात्रा को बढ़ाने का लाभकारी एवं उपयोगी तरीका है।
जी बोडले नोरमून्द तथा उनके साथियों ने (2022) जामा में 50-60 वर्ष की 20 महिलाओं पर  "ऑस्टियोपोरोसिस से ग्रसित महिलाओं पर आहारीय परामर्श के प्रभाव का अध्ययन" किया। सभी महिलाओं को 2 समूह में बांटा, पहले समूह की महिलाओं को 3 माह तक का आहारीय परामर्श देकर को 15-15 दिनों में फॉलोअप भी लिए गए। दूसरे समूह को ऐसे ही रहने दिया। 3 माह के बाद. प्राप्त परिणामों के अनुसार, पहले समूह की महिलाओं की हड्डियों के घनत्व में अर्थात उनके ऑस्टियोपोरोसिस के स्तर में 30 प्रतिशत तक की कमी देखी गई। जबकि दूसरे समूह में कोई परिवर्तन नहीं देखे गए, अतः जी बोडले तथा उनके साथियों ने यह निष्कर्ष निकाला कि आस्टियोपोरोसिस को आहार की सहायता से कम किया जा सकता है।
सामग्री और क्रियाविधि
(अ)    मानवमिति परीक्षण
    (i) ऊँचाई (ii) वजन (iii) बॉडी मॉस इन्डेक्स
(ब)    कैल्शियम एवं फास्फोरस परीक्षण - अस्पताल के रिकार्ड से कैल्शियम स्तर संबंधित तथ्य प्राप्त किये गये।
(स)    इंटरवेंशन विधि - ऑस्टियोपोरोसिस से ग्रस्त महिलाओं के प्रायोगिक समूह के द्वितीय उपसमूह की 35 महिलाओं को 6 माह तक आहारीय परामर्श एवं प्रत्येक महिला को उसकी दैनिक आवश्यकता के अनुसार आहार तालिका प्रदान की गई तथा प्रत्येक 3 माह के अन्तराल में उनके फॉलोअप भी लिए गए।
न्यादर्ष
प्रस्तुत शोध में बड़वानी जिले की शासकीय आयुष विंग ओ.पी.डीत्र. में आने वाली 35-55 वर्ष आयु समूह की 35 ऑस्टियोपोरोसिस ग्रस्त महिलाओं का चयन उद्देश्यपूर्ण स्तरीकृत दैव निदर्शन पद्धति से किया गया है।
अध्ययन में प्रयुक्त सांख्यिकी
प्रस्तुत शोध अध्ययन में प्रयुक्त की जाने वाली सांख्यिकी टी-परीक्षण का प्रयोग किया गया है।
विश्लेषण
प्रस्तुत शोध में परिकल्पनाओं का परीक्षण सांख्यिकी विश्लेषण के आधार पर किया गया है जो इस प्रकार है -
1.    ऑस्टियोपोरोसिस ग्रस्त महिलाओं के रक्त के कैल्शियम स्तर पर उपचार पूर्व एवं उपचार पश्चात् आहारीय परामर्श के प्रभाव के माध्यों की तुलना करना।
तालिका क्रमांक- 1.1
कैल्शियम स्तर पर आहारीय परामर्श का प्रभाव

क्र.

विवरण

Value

Control

group

(N=50)

Experimental

Group

(N=35)

Pre

Post

Pre

Post

4.

कैल्शियम स्तर पर आहारीय परामर्श का प्रभाव

Mean

6.27

6.33

6.68

6.86

SD

1.13

1.10

1.79

1.79

Mean differ

.0586

.179

 

Std. deviation

.197

.370

t-value

2.098

2.86

Sig.

.041

P<.01

.01 स्तर पर सार्थक

परिणाम

उपरोक्त तालिका क्रमांक 1.1 एवं ग्राफ से स्पष्ट है कि प्रयोगात्मक समूह की 35 महिलाओं को 6 माह तक आहारीय परामर्श एवं आवश्यकतानुसार आहार तालिका देने तथा प्रत्येक 3 माह के अन्तराल में उनके फॉलोअप लेने के पश्चात् कैल्शियम स्तर का माध्य 6.86mg/dl एवं नियन्त्रित समूह का माध्य 6.33mg/dl के बीच तुलना करने पर प्रयोगात्मक समूह के कैल्शियम स्तर का माध्य अधिक पाया गया जो मान .01 के स्तर पर सार्थक है। उपरोक्त परिणाम से स्पष्ट होता है कि पूर्व परीक्षण मान और पश्चात् परीक्षण मान के माध्यों में सार्थक अंतर पाया गया।
अतः शून्य परिकल्पना ‘‘आस्टियोपोरोसिस ग्रस्त महिलाओं के कैल्शियम स्तर पर आहारीय परामर्श पूर्व तथा पश्चात् के माध्यों में सार्थक अंतर नहीं होगा’’ निरस्त की जाती है। रक्त के आँकड़ों के विश्लेषण से स्पष्ट होता है कि आस्टियोपोरोसिस ग्रस्त महिलाओं में कैल्शियम स्तर पर आहारीय परामर्श के प्रभाव का उपचार पश्चात् परीक्षण मान उसके उपचार पूर्व परीक्षण मान से सार्थक उच्च पाये गये। इसका सम्भावित कारण यह हो सकता है कि आहारीय परामर्श आस्टियोपोरोसिस ग्रस्त महिलाओं में कैल्शियम स्तर में सुधार लाने में उपयोगी सिद्ध हो सका।
(2) ऑस्टियोपोरोसिस ग्रस्त महिलाओं के फास्फोरस स्तर पर आहारीय परामर्श पूर्व तथा पश्चात् आहारीय परामर्श के प्रभाव के माध्यों की तुलना

तालिका क्रमांक-1.2
आहारीय परामर्श का प्रभाव

क्रमांक विवरण  

Value

Control

group

(N=50)

Experimental

Group

(N=35)

Pre

Post

Pre

Post

5

QkLQksjl Lrj ij
vkgkjh; ijke'kZ dk izHkko

Mean

2.79

2.85

3.18

3.31

SD

1.13

1.14

0.76

0.74

Mean differ

.054

.135

 

Std. deviation

.131

.229

t-value

2.93

3.49

Sig.

.005

P<.01

.01 स्तर पर सार्थक

जाँच - परिणाम
उपरोक्त तालिका क्रमांक 1.2 एवं ग्राफ से स्पष्ट है कि प्रयोगात्मक समूह की 35 महिलाओं को 6 माह तक आहारीय परामर्श एवं आवश्यकतानुसार आहार तालिका देने तथा प्रत्येक 3 माह के अन्तराल में उनके फॉलोअप लेने के पश्चात् फास्फोरस स्तर का माध्य 3.31mg/dl एवं नियन्त्रित समूह का माध्य 2.85mg/dl के बीच तुलना करने पर प्रयोगात्मक समूह के फास्फोरस स्तर का माध्य अधिक पाया गया जो मान .01 के स्तर पर सार्थक है। उपरोक्त परिणाम से स्पष्ट होता है कि पूर्व परीक्षण मान और पश्चात् परीक्षण मान के माध्यों में सार्थक अंतर पाया गया। अतः शून्य परिकल्पना ‘‘आस्टियोपोरोसिस ग्रस्त महिलाओं के फास्फोरस स्तर पर आहारीय परामर्श पूर्व तथा पश्चात् के माध्यों में सार्थक अंतर नहीं होगा’’ निरस्त की जाती है।
निष्कर्ष
ऑस्टियोपोरोसिस ग्रस्त महिलाओं को आहारीय परामर्श देकर कैल्शियम एवं फास्फोरस स्तर को बढ़ाकर ऑस्टियोपोरोसिस जैसी गंभीर बीमारी को कम करने में उपयोगी सिद्ध हुआ।
अतः आहारीय परामर्श ऑस्टियोपोरोसिस ग्रस्त महिलाओं के कैल्शियम एवं फास्फोरस स्तर में सुधार लाने में उपयोगी सिद्ध हो सका।
सुझाव
अध्ययन के आधार पर ऑस्टियोपोरोसिस ग्रस्त महिलाओं में कैल्शियम स्तर एवं फास्फोसर स्तर को बेहतर बनाने के लिए निम्न सुझाव दिये जा सकते है -
  1. ऑस्टियोपोरोसिस ग्रस्त महिलाओं को अपने आहार में कैल्शियम, फास्फोरस, विटामिन डी युक्त भोज्य पदार्थों को पर्याप्त मात्रा में शामिल करना चाहिए।
  2. ऑस्टियोपोरोसिस ग्रस्त महिलाओं को संतुलित आहार लेना चाहिए, जिसमें कैल्शियम युक्त भोज्य पदार्थ की पर्याप्त मात्रा शामिल हो, तथा फास्ट फूड का सेवन अधिक नहीं करना चाहिए।
  3. स्वास्थ्य एवं पोषण संबंधी साहित्य का अध्ययन कर स्वयं का ज्ञानवर्धन करना चाहिए।
  4. ऑस्टियोपोरोसिस ग्रस्त महिलाओं को नियमित शारीरिक गतिविधि, व्यायाम, उनके रहन-सहन, जीवनशैली व भोजन संबंधित आदतों में भी परिवर्तन लाना चाहिए।
  5. ऑस्टियोपोरोसिस ग्रस्त महिलाओं को आहार में दूध व दूध से बने भोज्य पदार्थों एवं अन्य पूरक पदार्थों के रूप में सहजन की सब्जी, सहजन की फलिया, पनीर, रागी, टोफू मशरूम, बादाम, हरी मटर, अलसी के बीज, अण्डा, सूरजमुखी के बीज, सहजन पाउडर का समावेश किये जाने हेतु प्रयास किए जाने चाहिए।
  6. ऑस्टियोपोरोसिस ग्रस्त महिलाओं में आहार एवं पोषण संबंधी जागरूकता लाना चाहिए।
  7. ऑस्टियोपोरोसिस ग्रस्त महिलाओं को सहजन की पत्ती से निर्मित पाउडर कैल्शियम एवं फास्फोरस की मात्रा को बढ़ाया जा सकें।
सन्दर्भ ग्रन्थ सूची
  1. https://moringatrees.org/tmtnutrition.
  2. https://www.myupchar.com>osteoporosis
  3. www.swasthvavtika.com
  4. Maikal et.al “The study of increase in vitamin-D by Dietary Counselling:’ International Journal DOI1155/758606 (2013)