P: ISSN No. 2231-0045 RNI No.  UPBIL/2012/55438 VOL.- XIII , ISSUE- I August  - 2024
E: ISSN No. 2349-9435 Periodic Research

राजस्थान के भरतपुर में पर्यटन एवं जन-समुदाय

Tourism and Community in Bharatpur, Rajasthan
Paper Id :  19214   Submission Date :  2024-08-13   Acceptance Date :  2024-08-24   Publication Date :  2024-08-25
This is an open-access research paper/article distributed under the terms of the Creative Commons Attribution 4.0 International, which permits unrestricted use, distribution, and reproduction in any medium, provided the original author and source are credited.
DOI:10.5281/zenodo.13626529
For verification of this paper, please visit on http://www.socialresearchfoundation.com/researchtimes.php#8
प्रवीण कुमार
शोधार्थी
भूगोल विभाग
राजकीय डूँगर महाविद्यालय
बीकानेर,राजस्थान, भारत
विनोद सिंह
आचार्य
भूगोल विभाग
राजकीय डूँगर महाविद्यालय
बीकानेर, राजस्थान, भारत
सारांश
वर्तमान युग में संचार व परिवहन विकास के प्रभाव से पर्यटन एक वैश्विक गतिविधि का स्वरूप ले चुका है। इसमें होने वाली स्थानिक अंतरप्रक्रिया के अंतर्गत मानव, वस्तुओं व सेवाओं का संचरण हुआ करता है। पर्यटन को किसी देश के सामाजिक, आर्थिक विकास तथा राजस्व के बड़े स्रोत के रूप में गिना जाता है। वैश्विक अर्थव्यवस्था की तीव्र गति से बढ़ोतरी में पर्यटन का महत्त्वपूर्ण योगदान है। वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में पर्यटन एवं यात्रा उद्योग का सीधे तौर पर लगभग 3.6 प्रतिशत का योगदान है (GIDB, 2024)। वर्तमान में पर्यटन राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय स्तर पर सामाजिक-सांस्कृतिक एकरूपता तथा विकास की रणनीति के उपकरण के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।
सारांश का अंग्रेज़ी अनुवाद In the present era, due to the influence of communication and transportation development, tourism has taken the form of a global activity. Under the spatial interaction that takes place in it, there is a transmission of humans, goods and services. Tourism is considered as a major source of social, economic development and revenue of a country. Tourism has an important contribution in the rapid growth of the global economy. The tourism and travel industry directly contributes about 3.6 percent to the global gross domestic product (GDP) (GIDB, 2024). At present, tourism is being used as a tool of socio-cultural cohesion and development strategy at the national and international level.
मुख्य शब्द पर्यटन, संचार व परिवहन विकास।
मुख्य शब्द का अंग्रेज़ी अनुवाद Tourism, Communication and Transportation Development.
प्रस्तावना
पर्यटन एवं यात्रा समाज और मानव मस्तिष्क दोनों पर प्रभाव डालते हैं। इसका सीधा प्रभाव मानव जीवन शैली पर भी दिखाई देता है। पर्यटन का समाज पर सकारात्मक तथा नकारात्मक प्रभाव दिखाई पड़ता है। इससे आर्थिक लाभ के साथ-साथ रोजगार सृजन में भी योगदान होता है। पर्यटन उद्योग दुनियाभर में लगभग 77 मिलियन लोगों को रोजगार प्रदान करता है जो दुनिया के कुल रोजगार में लगभग 3 प्रतिशत योगदान देता है (GIDB, 2024)। पर्यटन वस्तुतः एक ऐसे साधन के रूप में है जिसके आधार पर उद्योगों का विकास होता है जिससे एक विशिष्ट प्रकार के निर्यात बाजार का निर्माण हो रहा है। जहां उपभोक्ता विभिन्न उत्पादों की खोज करता हुआ संपर्क में आता है। पर्यटन व्यावसायिक पुनर्वास से बेरोजगारी की दर को कम करता है जो अंततः जीवन स्तर वृद्धि को बढ़ावा देता है। इससे अवसंरचना को भी बढ़ावा मिलता है। अन्य प्रभावों में किसी देश, शहर/द्वीप की विरासत-संस्कृति को भी बढ़ावा दिया जाता है जिससे कि अन्य जगह विरासत एवं परंपराओं को जाना जा सके। इसके अलावा सांस्कृतिक मूल्यों को संरक्षित-मजबूत करता है, यह उल्लेखनीय है कि पर्यटन से लोगों को व्यक्तिगत स्तर पर लाभ मिलता है। पर्यटन से लोगों की बौद्धिक क्षमता पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है जिससे उनकी रचनात्मक क्षमताएं बढ़ती हैं। विभिन्न शोधों से यह बात पता चलती है कि यात्रा-पर्यटन से नई उत्तेजना, छवि, स्वादों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ती है जो अंततः तनाव नियंत्रण करता है।
भरतपुर जिला, जो कि राजस्थान का पूर्वी प्रवेश द्वार कहलाता है, यह 26O22’ से 27O50’ उत्तरी अक्षांश तथा 76O53’ से 78O11’ पूर्वी देशान्तर के मध्य स्थित है। यह समुद्र तल से 183 मीटर ऊपर स्थित है। अध्ययन क्षेत्र भरतपुर शहर राजस्थान के पूर्वी क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण शहर है। यह 27O13’ उत्तरी अक्षांश एवं 77O30’ पूर्वी देशान्तर पर स्थित है।
 
स्रोत: www.mapsofindia.com
यह भरतपुर जिले व नवनिर्मित संभाग का भी मुख्यालय है। यह शहर दिल्ली से 180 किमी. दूर है तथा राजस्थान की राजधानी जयपुर से 178 किमी. दूर स्थित है। भरतपुर शहर की जनसंख्या जनगणना 2011 के अनुसार 252342 है जिनमें से पुरुष और महिला क्रमशः 133780 और 118562 है।

अध्ययन का उद्देश्य

वर्तमान अध्ययन के निम्नलिखित उद्देश्य हैं-

  1. भरतपुर में पर्यटक-आगमन के स्थानीय समुदाय पर आर्थिक प्रभावों का आकलन करना।
  2. अध्ययन क्षेत्र में पर्यटन के सामाजिक प्रभावों का अंकन करना।
साहित्यावलोकन
जुआनमिंग, दोसौ, दोसौ पास्कल एवं एलिंसाटो (2024) ने कोविड-19 के दौरान पर्यटन क्षेत्र पर पड़ने वाले प्रभावों की जांच की। इस अध्ययन में उन्होंने 1996-2020 तक 45 अफ्रीकी देशों में पर्यटन के फलस्वरूप सामाजिक कल्याण में आए परिवर्तन को दर्शाया। मंड्रोफा एवं ओक्टाफियन (2024) ने कम्पुंग पेलांगी (सेमारंग) के स्थानीय समुदाय पर पड़ने वाले सामाजिक एवं आर्थिक प्रभावों का विश्लेषण किया। इस अध्ययन में उन्होंने साक्षात्कार, प्रश्नावली आदि संग्रह विधियों के माध्यम से गुणात्मक विश्लेषण किया। रामकिसून (2023) ने निवासियों के संपूर्ण कल्याण और जीवन स्तर पर पर्यटन के सामाजिक प्रभावों की आवश्यकता पर बल दिया। साथ ही सतत् विकास एजेण्डा 2030 के साथ नया आयाम प्रस्तुत किया। समूजा, आनंद, कुमार एवं पेंग (2022) ने बताया पर्यटन वर्तमान समय में एक महत्वपूर्ण व्यवसाय व आर्थिक गतिविधि के रूप में उभरा है। अध्ययन में उन्होंने बर्कला समुदाय पर पड़ने वाले प्रभावों का उल्लेख किया। नोपियानी, विरामन (2021) ने बताया पर्यटन का स्थानीय समुदायों पर सकारात्मक तथा नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। प्रतामा एवं मंदासारी (2020) ने कैगु गांव के स्थानीय निवासियों पर पर्यटन के सांस्कृतिक, आर्थिक एवं पर्यावरणीय पहलुओं का अध्ययन किया। ज्ञानपाल एवं संदारूवानी (2016) ने बताया कि पर्यटन में सकारात्मक सामाजिक-सांस्कृतिक एवं आर्थिक प्रभाव उत्पन्न करने की विशेषता विद्यमान है। मेंसाह (2012) ने प्रश्नावली के माध्यम से स्थानीय लोगों पर पर्यटन विकास के प्रभावों को उजागर किया। टोवर एवं लॉकवुड (2008) ने ऑस्ट्रेलिया के ग्रामीण क्षेत्र पर पर्यटन प्रभावों का व्यक्तिगत एवं समुदाय आधारित अध्ययन किया।
सामग्री और क्रियाविधि
इस अध्ययन में प्राथमिक एवं द्वितीयक स्रोतों का उपयोग किया गया है। इसमें साहित्यिक तथ्यों के लिए द्वितीयक स्रोतों का अध्ययन किया गया है।
प्राथमिक स्रोत के रूप में क्षेत्र अध्ययन, जिसमें प्रश्नावली एवं साक्षात्कार का आयोजन, विभिन्न प्रभावों की जांच के लिए 200 लोगों को प्रतिदर्श आकार के रूप में लिया गया। प्रतिदर्श चयन विधि के रूप में विभिन्न आयु वर्ग शैक्षिक वर्ग (माध्यमिक-प्रोफेशनल), आय वर्ग के लोगों का चयन किया गया।    
यह अध्ययन आनुभविक, विश्लेषणात्मक एवं अवबोधपरक है।
विश्लेषण
महत्वपूर्ण पर्यटन केन्द्र एवं आकर्षण
अपने अनूठे ऐतिहासिक व प्राकृतिक धरोहर के कारण यह शहर देश तथा प्रदेश में पर्यटन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बन पडा है। यहाँ स्थित ऐतिहासिक भवन तथा प्राकृतिक अभ्यारण्य विश्व के तथा देश के पर्यटकों को बरबस ही अपनी ओर आकर्षित करते हैं। शायद ही इतिहास व प्रकृति का ऐसा अनूठा संयोग कहीं और देखने को मिले।
लोहागढ़ किला
भरतपुर शहर का लोहागढ़ किला अपनी बेजोड स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध है। यह किला अंग्रेजों द्वारा किये गये विभिन्न आक्रमणों का साक्षी रहा है। किले अन्दर स्थापत्य कला के कई अन्य नमूने यथा किशोरी महल, महल खास, कोठी खास, जवाहर बुर्ज तथा फतेह बुर्ज स्थित हैं। किले के अष्टधातु द्वार पर की गई हाथियों की चित्रकारी इसकी सुन्दरता में चार चांद लगाती है।
भरतपुर महल
यह महल मुगल तथा राजपूत स्थापत्य कला के मिश्रण से निर्मित किया गया है। महल की छत तथा दीवारों पर सुन्दर वास्तुकला दिखाई पड़ती है। इस महल को भिन्न-भिन्न राजाओं द्वारा भिन्न-भिन्न समयावधि में निर्मित करवाया गया।  
गंगा मंदिर
महाराजा बलवन्त सिंह ने सन् 1845 में इस मंदिर का निर्माण प्रारम्भ करवाया। यह मंदिर देवी गंगा को समर्पित है। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर के निर्माण में लगभग नौ दशक का समय लगा। यह मंदिर दक्षिण भारत, राजपूत, तथा मुगल शैली के मिश्रण से बना हुआ है। इस मंदिर में महाराजा बृजेन्द्र सिंह द्वारा देवी गंगा की मूर्ति स्थापित की गई। प्रत्येक वर्ष यहां गंगा दशहरा एवं गंगा सप्तमी के धार्मिक त्योहारों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है।
लक्ष्मण मंदिर
यह मंदिर भरतपुर शहर का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। ऐसा विश्वास किया जाता है कि यह मंदिर लगभग 400 साल पुराना है। यह हिन्दू मंदिर भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण को समर्पित है। एक किंवदंती के अनुसार इस मंदिर का निर्माण एक ऋषि जिन्हें नाग बाबा के नाम से जाना जाता है, के द्वारा किया गया।
जवाहर बुर्ज एवं फतेह बुर्ज:
ये दोनों बुर्ज लोहागढ़ किले की शानदार प्राचीर के अंदर स्थित है। इसी स्थान पर भरतपुर के समस्त राजाओं का राज्याभिषेक किया जाता था। इनका निर्माण महाराजा सूरजमल द्वारा मुगलों एवं अंग्रेजों पर अपनी जीत की खुशी में करवाया गया।
सरकारी संग्रहालय:
भरतपुर महल के अंदर ही संग्रहालय स्थित है। सन् 1944 में महल के केन्द्रीय भाग को संग्रहालय के रूप में परिवर्तित कर दिया गया। संग्रहालय में दूसरी शताब्दी की कला को दर्शाया गया है। इनमें मुख्यतः पत्थर की मूर्तियां, शिलालेख, धातु के सिक्के, हथियार एवं स्थानीय कला के कुछ पहलु शामिल हैं।
केवलादेव घना राष्ट्रीय उद्यान:
इस उद्यान का निर्माण 20वीं सदी में मोरवी (गुजरात) के राजकुमार भामजी के द्वारा करवाया गया था। बाद में भरतपुर के राजाओं द्वारा इसका इस्तेमाल बतख शिकार स्थल के रूप में किया गया। वर्ष 1982 में इसे राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया एवं वर्ष 1985 में यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया। यहां विभिन्न प्रकार के पक्षी एवं स्तनधारी जीव पाये जाते हैं।
जामा मस्जिद (भरतपुर):
देश में हिन्दू शासकों द्वारा निर्मित कुछ चुनिंदा मस्जिदों में जामा मस्जिद को गिना जाता है। इसका निर्माण महाराजा बलवंत सिंह द्वारा प्रारम्भ करवाया गया। यह मस्जिद प्रार्थना स्थल के साथ-साथ धार्मिक सभाओं का आयोजन भी करवाती है। यह भरतपुर के मुख्य बाजार के अंदर स्थित है।
बृज महोत्सव:
इस महोत्सव का आयोजन हर साल होली के त्योहार से पहले किया जाता है। यह त्योहार भगवान कृष्ण को समर्पित है। ब्रज महोत्सव फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष में तीन दिनों तक मनाया जाता है। इस अवसर पर रासलीला नृत्य का आयोजन किया जाता है।
परिणाम

पर्यटन एवं सामाजिक प्रभाव
किसी भी देश अथवा क्षेत्र में यदि पर्यटन में वृद्धि देखने को मिलती है तो उस क्षेत्र विशेष के सामाजिक व सांस्कृतिक पर्यावरण पर पर्यटन का नकारात्मक तथा सकारात्मक दोनों प्रभाव देखने को मिलते है। पर्यटन का प्रभाव क्षेत्र विशेष के निवासियों की परम्परागत शैली, पारिवारिक सम्बन्धों, व्यक्तिगत व्यवहार तथा अन्य क्षेत्रों में देखने को मिलता है। पर्यटन द्वारा पड़ने वाले ये प्रभाव प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों प्रकार के होते हैं।
पर्यटन के सकारात्मक सामाजिक प्रभाव
पर्यटन एक ऐसी भौगोलिक परिघटना है जो किसी देश-काल में घटित होती है। इसमें किसी काल-विशेष में किन्हीं दो भिन्न प्रदेशों व संस्कृतियों के लोग आपस में संपर्क में आते हैं। ऐसे में एक-दूसरे की विशेषताओं के प्रभाव दूसरे पर पड़ते हैं। ये प्रभाव सकारात्मक व नकारात्मक दोनों प्रकार के हो सकते हैं। सकारात्मक सामाजिक प्रभाव निम्न प्रकार बताए गए है -


1.      विभिन्न देशों के बारे में जानकारी का विस्तृत होना
सर्वेक्षण के दौरान 74.5 प्रतिशत व्यक्तियों का मानना था कि पर्यटन के परिणामस्वरूप आम नागरिकों की विभिन्न देशों के बारे में जानकारी बढ़ी है। वहीं 25.5 प्रतिशत व्यक्तियों का मत इसके विपरीत है उनका मानना है पर्यटन से ऐसा कोई प्रभाव उत्पन्न नहीं हुआ।
2.     देश की एकता अखण्डता को मजबूती मिली
सर्वेक्षण के दौरान 69 प्रतिशत लोगों का मानना था कि पर्यटन से देश की एकता अखण्डता को मजबूती मिली है क्योंकि विभिन्न देशों-प्रदेशों से आए पर्यटकों से उनके देश-प्रदेश की परिस्थितियों की जानकारी से ऐसी भावना को बढ़ावा मिला। वहीं 31 प्रतिशत व्यक्तियों ने पर्यटन के ऐसे किसी प्रभाव को अस्वीकार किया है।

पर्यटन के नकारात्मक सामाजिक प्रभाव
पर्यटन न केवल सकारात्मक रूप से समाज को प्रभावित करता है वरन् नकारात्मक रूप से भी प्रभावित करता है।


1.     पारंपरिक जीवन में व्यवधान उत्पन्न हुआ है
सर्वेक्षण के दौरान 78 प्रतिशत व्यक्तियों का मानना था कि पर्यटन से कस्बे के शांतिपूर्ण जीवन में व्यवधान उत्पन्न हुआ है क्योंकि विविध प्रकार के परिवहन साधन, व्यावसायिक प्रतिष्ठान, होटल, कैण्टीन में तीव्र कोलाहल होने के कारण शहर की शांति व्यवस्था भंग हुई है।
वहीं 22 प्रतिशत व्यक्तियों का मानना इसके विपरीत है। उनका मानना है कि पर्यटकों के आगमन से शांति व्यवस्था पर किसी प्रकार का नकारात्मक प्रभाव नहीं हुआ है।
2.     समुदाय में पर्यटक आगमन से भीड़ में वृद्धि हुई है
सर्वेक्षण के दौरान 73.5 प्रतिशत व्यक्तियों का मत है कि पर्यटकों के आगमन से समुदाय में भीड़ में वृद्धि हुई है वहीं 26.5 प्रतिशत व्यक्तियों का मत इसके विपरीत है उनका मानना है कि पर्यटकों के आगमन से ऐसी कोई समस्या उत्पन्न नहीं हुई है।
3.    पर्यटन से अपराध दर में वृद्धि हुई है
स्थानीय सर्वे के दौरान 66 प्रतिशत व्यक्तियों का मानना था कि पर्यटन से अपराध दर में वृद्धि हुई है। हालांकि इसके विभिन्न कारणों का उल्लेख किया जैसे विदेशी नागरिकों की यहां की स्थिति के बारे में जागरूकता स्तर निम्न, स्थानीय निवासियों द्वारा अवैध गतिविधि में संलग्न होना आदि।
इसके विपरीत 34 प्रतिशत व्यक्तियों का मानना था कि केवल पर्यटन से अपराध दर में वृद्धि नहीं हुई है इसके अलावा अन्य कारण भी विद्यमान है।
क्षेत्र में बढ़ते पर्यटन से यहाँ अपराधों में भी वृद्धि देखी गई है। भरतपुर शहर में विशेष रूप से भरतपुर जाने वाले पर्यटक अपने साथ ऐसा, आभूषण तथा महंगे मोबाइल तथा कैमरे रखते है जो स्थानीय अपराधियों को अपराध करने हेतु आकर्षित करते है। विदेशी पर्यटन कई बार स्वयं भी ड्रग आदि का व्यवसाय करते हैं।
पर्यटन एवं आर्थिक प्रभाव
राजस्थान के बढ़ते पर्यटन उद्योग से यहां के सामान्य आर्थिक विकास में प्रगति आई है। वर्तमान में निवेशकों को इस उद्योग में निवेश के लिए उचित स्थान मिल गया है। केन्द्र व राज्य सरकार की नीतियों के कारण भारतीय अथवा विदेशी निवेशकों का ध्यान पर्यटन उद्योग की ओर गया है।
उन्हें निवेश हेतु होटल, व्यवसाय, परिवहन, विभिन्न उद्यान, पुरातन इमारतें, खादी क्षेत्र, हस्तकला उद्योग जैसे क्षेत्र मिल रहे हैं जिससे पर्यटन से वहीं आधारभूत सुविधाओं में निवेश की अत्यधिक संभावना है।
अतः पर्यटन उद्योग में निवेशकों का आकर्षण बढ़ते रोजगार के अवसर ने सामान्य आर्थिक विकास की सम्भावना को बढ़ाया है।
पर्यटन का रोजगार पर प्रभाव महत्वपूर्ण है। यह विश्व के सबसे तेजी से बढ़ते उद्योग के रूप में उभरा है। राजस्थान का भरतपुर शहर, विशेषकर इसका केवलादेव पक्षी अभयारण्य, बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करता है। यह तथ्य स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए काफी महत्व रखता है।
पर्यटन के नकारात्मक आर्थिक प्रभाव
वे निवेशक जो पर्यटन के आधारभूत सुविधाओं में पैसा लगाते हैं अथवा निवेश करते हैं वे सरकार से कर रियायत चाहते हैं। सरकार के कर रियायत करने से अन्य क्षेत्रों के विकास में लगने वाला पैसा कम हो जाता है। ये महत्वपूर्ण अन्य क्षेत्र शिक्षा तथा चिकित्सा है जिनका विकास अवरूद्ध हो जाता है।
इसके अतिरिक्त, पर्यटन के बढ़ने से आम उपभोक्ता की वस्तुओं की कीमत बढ़ जाती है जिससे स्थानीय नागरिक प्रभावित होते हैं।



1.  रहन-सहन की कीमतों में वृद्धि हुई है
-    200 लोगों के सर्वेक्षण के दौरान लगभग 67 प्रतिशत व्यक्तियों का मत था कि पर्यटन में वृद्धि से रहन-सहन की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है।
-    इसके विपरीत 33 प्रतिशत व्यक्तियों का मानना था कि पर्यटन से रहन-सहन की कीमतों में वृद्धि नहीं हुई है।
2.  भूमि के मूल्य में वृद्धि हुई है
-    स्थानीय सर्वेक्षण के दौरान 73 प्रतिशत व्यक्तियों का मत था कि पर्यटन से स्थानीय भूमि के मूल्य स्तर में वृद्धि हुई है। वहीं 27 प्रतिशत व्यक्तियों का मत इसके विपरीत था।
3. मौसमी रोजगार के कारण प्रवासन हुआ है
-    सर्वे के दौरान 67.5 प्रतिशत व्यक्ति इस तथ्य से सहमत थे कि पर्यटन से मौसमी रोजगार की स्थिति उत्पन्न हुई है। फलस्वरूप प्रवासन में वृद्धि हुई है। वहीं 32.5 प्रतिशत व्यक्ति इस मत से असहमत थे।
4. स्थानीय लोगों में आय की विषमता उत्पन्न हुई है
-    सर्वेक्षण के दौरान 75.5 प्रतिशत व्यक्तियों का मानना था कि पर्यटन के कारण स्थानीय लोगों में आय की विषमता उत्पन्न हुई है। वहीं 24.5 प्रतिशत व्यक्तियों का मत इसके विपरीत था।
-    इसके साथ ही पर्यटन उद्योग के विकास से भवन तथा भूमि मूल्य बढ़ जाते हैं जिससे आम आदमी को स्वयं का आवास मिलना कठिन हो जाता है।
-    पर्यटन उद्योग के बढ़ते आकर्षण के कारण सरकार अन्य उद्योगों पर ध्यान नहीं दे पाती है जिससे उनका विकास अवरूद्ध हो जाता है।


1. स्थानीय विकास तीव्र हुआ है
-    सर्वे में पर्यटन के कारण स्थानिक विकास तीव्र हुआ है, प्रश्न के पक्ष में 75 प्रतिशत व्यक्तियों ने सहमति प्रकट की।
-    इसके विपरीत 25 प्रतिशत व्यक्तियों ने इस तथ्य पर सहमति प्रकट नहीं की।
2. पर्यटन के कारण स्थानीय अवसंरचना का विकास हुआ है
-    सर्वेक्षण के दौरान 70 प्रतिशत व्यक्तियों का मत था कि पर्यटन से स्थानीय अवसंरचना का विकास हुआ है।
-    इसके विपरीत 30 प्रतिशत व्यक्तियों का मत इसके विपरीत है।
3. पर्यटन से आय में वृद्धि हुई है
-    सर्वेक्षण के दौरान 85 प्रतिशत व्यक्तियों का मत था कि पर्यटन से आय में वृद्धि हुई है। इसके विपरीत 15 प्रतिशत व्यक्तियों का मत इसके विपरीत था।
4. पर्यटन के कारण निवेश में वृद्धि हुई है
स्थानीय सर्वेक्षण के दौरान 60 प्रतिशत व्यक्तियों का मत था कि पर्यटन के कारण निवेश में वृद्धि हुई है। इसके विपरीत 40 प्रतिशत व्यक्तियों का मत इसके विपरीत था।
5. पर्यटन से रोजगार के अवसरों में वृद्धि हुई है
-    स्थानीय सर्वे के दौरान 82.5 प्रतिशत व्यक्तियों का मत था कि पर्यटन से रोजगार के अवसरों में वृद्धि हुई है। 17.5 प्रतिशत व्यक्तियों का मत था कि पर्यटन से अवसरों में वृद्धि नहीं हुई है।
-    पर्यटन के सकारात्मक आर्थिक प्रभावों में विदेशी पर्यटकों से प्राप्त होने वाले विदेशी मुद्रा का अर्जन, महत्वपूर्ण है जिससे राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है। इसी प्रकार पर्यटन उद्योग प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप में सहायता करता है।
-    किसी देश, राज्य या क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में पर्यटन की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। इस बात की पुष्टि भरतपुर शहर के निवासियों के अवबोध के अध्ययन से भी होती है।

निष्कर्ष
प्रत्येक प्रक्रिया, तथ्य या परिघटना द्वि-पक्षीय हुआ करती है, तथा पर्यटन भी इसका अपवाद नहीं है। भरतपुर पर्यटन-स्थल के जन-समुदाय ने पर्यटन के सकारात्मक एवं नकारात्मक दोनों प्रकार के प्रभावों का उल्लेख किया। सामाजिक रूप से पर्यटन से विशालतर परिदृष्टि व समन्वय की भावना विकसित हुई है। साथ ही अपराध, भाग-दौड़ भरा जीवन तथा परंपराओं का ह्रास भी अध्ययन क्षेत्र में दिखाई दिया है। आर्थिक दृष्टि से स्थानीय निवेश-वृद्धि से अवसंरचना विकास, रोजगार-सृजन, आय-वृद्धि के प्रारूप उत्पन्न हुए हैं। आर्थिक सुप्रभावों के साथ-साथ गंभीर दुष्प्रभाव भी देखने को मिले। इनमें भूमि-मूल्य, रहन-सहन की कीमतों तथा आर्थिक विषमताओं में वृद्धि, एवं पर्यटन गतिविधियों के मौसमी स्वरूप से सम्बद्ध प्रवसन जैसी समस्यायें उल्लेखनीय हैं। अतैव इस क्षेत्र में पर्यटन के वृद्धिमान स्वरूप के दृष्टिगत सतत् पर्यटन विकास की ऐसी नीति व कार्यक्रम निर्मित करने की आवश्यकता है, जिनसे इस क्षेत्र के समाज, अर्थव्यवस्था आदि पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों का निवारण भी साथ ही हो सके।
आभार प्रथम लेखक यूजीसी का आभारी है जिसके अनुदान के फलस्वरूप यह शोध-कार्य संभव हो सका।
सन्दर्भ ग्रन्थ सूची

  1. GIDB(2024).See:https://www.gidb.org/tourism-current-global-tourism Accessed on: 11 August 2024
  2. जुआनमिंग पैन, दोसौ मार्सेल अमेग्नोना टोयो, दोसौ पास्कल कोएसी एवं एलिंसाटो सेना एलेस्टेयर (2024) “अफ्रीका में पर्यटन विकास का सामाजिक कल्याण पर प्रभाव: क्वांटाइल प्रतिगमन विश्लेषण” पर्यटन में वर्तमान मुद्दे 27(7), 1159-1172
  3. मेंड्रोफा हरलीनावती, ओम्टाफियन टे (2024) “कम्पुंग पेलांगी (सेमारंग) के स्थानीय समुदाय पर पर्यटन विकास का सामाजिक एवं आर्थिक प्रभाव” पंकसीला इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एप्लाइड सोशल साइंस 2, 284-297
  4. रामकिसून हयवंती (2023) “पर्यटन और जीवन की गुणवत्ता के कथित सामाजिक प्रभाव: एक नया वेचारिक मॉडल” जर्नल सस्टेनेबल ट्यूरिज्म 31(2), 442-459
  5. सलूना विधि, आनंद सुभाष, कुमार हरीश एवं पेंग जियान (2022) “दक्षिण भारत के वर्कला निवासियों के लिए पर्यटन विकास और टिकाऊ रणनीतियों का कथित प्रभाव” इंटरनेशनल जर्नल ऑर जियोहैरिटेज एण्ड पार्क्स 10(2), 184-195
  6. नोपियानी श्री मेड नी, विरावन एडी एमडी आई (2021) “पर्यटन स्थल क्षेत्रों से समुदायों के जीवन की गुणवत्ता पर पर्यटन का प्रभाव: एक व्यवस्थित समीक्षा” ओपन एक्सेस मैसेडोनियन जर्नल ऑफ मेडिकल साइंसेज 9;द्धिए 129.136
  7. प्रताम सूर्या गेदे आई, मंदासारी सैसारिया सिथिया आईए (2020) “स्थानीय समुदायों के आर्थिक, सांस्कृतिक एवं पर्यावरणनीय पहलुओं पर पर्यटन विकास का प्रभाव” इंटरनेशनल रिसर्च जर्नल ऑफ मैनेजमेंट, आईटी और सोशल साइसेज 7(1), 31-36
  8. ज्ञानपाल अथुला डब्ल्यू के, संदारूवानी जेएआरसी (2016) “पर्यटन विकास के सामाजिक-आर्थिक प्रभाव एवं स्थानीय समुदायों पर उनका प्रभाव” इंटरनेशनल जर्नल ऑफ इकोनॉमिक्स एण्ड बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, 2(5), 59-67
  9. मेंसाह क्रिस्टोफर (2012) “ताफी अटोम (घाना) में पर्यटन के सामाजिक-आर्थिक प्रभावों पर स्थानीय लोगों की राय” एशियन सोशन साइंसेज 8(15), 272
  10. टोवर सीजर, लॉकवुड माइकल (2008) “पर्यटन के सामाजिक प्रभाव: ऑस्ट्रेलियाई क्षेत्र का एक अध्ययन” इंटरनेशनल जर्नल ऑफ ट्यूरिज्म रिसर्च 10(4), 365-378
  11. मास्टर प्लान भरतपुर (2030)
  12. जनगणना 2011 (भारत सरकार)
  13. हुंजीकर एवं क्राफ्ट (1985) की पुस्तक “कोटेड फ्रॉम फास्टर, हुगलस; ट्रेवल्स एवं ट्यूरिज्म मैंनेजमेंट” मैकमिलन, लंदन।
  14. कथूरिया रेणु (2011) “पर्यटन विकास” श्रुति पब्लिकेशन, जयपुर।
  15. गुप्ता मोहनलाल (2011) “भरतपुर संभाग का जिलेवार सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक अध्ययन” राजस्थान ग्रंथागार, जोधपुर।
  16. Hospitalityambassadeurs(2024).See:https://hospitalityambassadeurs.com/tourism-travel-the-impact-on-society-and-the-human-brain/ Accessed on: 11 August, 2024.
  17. Javatpoint(2024).See:https://wwwjavatpointcom.translate.goog/touristplacesinbharatpur?_x_tr_sl=en&_x_tr_tl=hi&_x_tr_hl=hi&_x_tr_pto=wa  Accessed on: 13 August, 2024.
  18. TourmyIndia(2024).See:https://www.tourmyindia.com/states/rajasthan/bharatpur.html Accessed on: 14 August, 2024.
  19. Hindi.news18(2024).See:https://hindi.news18.com/photogallery/dharm/bharatpur-jama-masjid-built-by-hindu-ruler-balwant-singh-example-of-ganga-jamuni-tehzeeb-5639329-page-2.html Accessed on: 16 August, 2024.
  20. The India tourism (2024). See:https://www.theindiatourism.com/fairs-festivals-india/braj-mahotsav.html Accessed on: 18 August, 2024.