P: ISSN No. 2394-0344 RNI No.  UPBIL/2016/67980 VOL.- IX , ISSUE- V August  - 2024
E: ISSN No. 2455-0817 Remarking An Analisation

नये भारत की नयी पहचान - अमृतकाल

Amritkal, The New Identity of New India
Paper Id :  19233   Submission Date :  2024-08-02   Acceptance Date :  2024-08-21   Publication Date :  2024-08-25
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DOI:10.5281/zenodo.13739410
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रूबी कुमारी
सहायक प्राध्यापक
राजनीति विज्ञान विभाग
वाई॰वी॰एन॰ विश्वविद्यालय
राँची,झारखण्ड, भारत
सारांश
भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस पर भारत देश के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी ने भारत को अमृत काल या अमृत युग की अवधारणा से परिचित कराया। अमृत काल शब्द वैदिक ज्योतिष से आया है और यह एक प्रकार के स्वर्ण युग का संकेत देता है।
अमृतकाल नये भारत की नयी पहचान बनकर इसके एक नये भविष्य की आशा का वर्णन करता है जहाँ भारत का नागरिक आत्मनिर्भर होकर अपनी सभी दायित्वों को पूरा करेगा। इस अमृतकाल का मुख्य लक्ष्य भारत के नागरिकों को समृद्धि की नई ऊँचाइयों पर ले जाना है। अमृतकाल के द्वारा अगले 25 वर्षों के लिए देश के लिए एक नयी दिशा दी गई है जिससे चलकर भारत के नागरिक अपने दायित्वों का निर्वाह करने के साथ-साथ नवीन तकनीक, आधुनिकता को अपनाते हुए देश को विकास की ओर बढ़ावा देंगे।
अमृतकाल का अर्थ भारत के सभी नागरिकों को पाँच संकल्पों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। यह मुख्य पाँच संकल्प भारत को विकसित देश बनाना, अपनी विरासत पर गर्व, गुलामी की मानसिकता का पूरी तरह से त्याग, राष्ट्र की एकता को बढ़ावा देना साथ ही प्रत्येक नागरिक को अपने दायित्वों का पालन कराना है। इन पाँच संकल्पों के अलावा तेजी से बिगड़ते जलवायु, ट्रेड वार, ऊर्जा संकट, लोकतंत्र की रक्षा करते हुए युवा उद्यमियों को बढ़ावा देना है।
नया भारत सभी धर्म, लिंग की समानता का दावा करता है। देश में महिलाओं को सभी क्षेत्र में समान भागीदारी और प्रतिनिधित्व का उचित अवसर प्राप्त हो रहा है। नया भारत अपनी नये पहचान के रूप में युवाओं पर दृढ़ता से विश्वास कर उन्हें हर क्षेत्र में अपनी-अपनी क्षमता का सर्वोत्तम प्रदर्शन करने का अधिकार देता है।
सारांश का अंग्रेज़ी अनुवाद On the 75th Independence Day of India, the Prime Minister of India, Honorable Shri Narendra Modi Ji introduced India to the concept of Amrit Kaal or Amrit Yuga. The term Amrit Kaal comes from Vedic astrology and indicates a kind of golden age.
Amrit Kaal becomes the new identity of New India and describes the hope of a new future where the citizen of India will be self-reliant and fulfill all his responsibilities. The main goal of this Amrit Kaal is to take the citizens of India to new heights of prosperity. Amrit Kaal has given a new direction to the country for the next 25 years, by following which the citizens of India will fulfill their responsibilities as well as promote the country towards development by adopting new technology, modernity.
Amrit Kaal means that all the citizens of India need to pay special attention to five resolutions. These main five resolutions are to make India a developed country, pride in its heritage, complete renunciation of the mentality of slavery, promote the unity of the nation as well as make every citizen fulfill his responsibilities. Apart from these five resolutions, the resolution is to promote young entrepreneurs while protecting the rapidly deteriorating climate, trade war, energy crisis, democracy.
New India claims equality for all religions and genders. Women in the country are getting fair opportunity for equal participation and representation in all fields. New India strongly believes in the youth as its new identity and empowers them to perform to the best of their abilities in every field.
मुख्य शब्द लोकतंत्र विकसित, एकता, युवा, दायित्व।
मुख्य शब्द का अंग्रेज़ी अनुवाद Democracy Developed, Unity, Youth, Responsibility.
प्रस्तावना
अमृतकाल से हमारा ताम्पर्य एक समृद्ध, मजबूत, समावेशी भारत की कल्पना से है जिसमें सभी क्षेत्रों का विकास नागरिकों, हमारे युवाओं, किसान, महिलाओं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति सभी का विकास शामिल है। अमृतकाल में भारत के वित्तीय क्षेत्र के साथ-साथ प्रौद्योगिकी-संचालित और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था शामिल है। आर्थिक रूप से देश को विकसित करने के लिए नागरिकों विशेषकर युवाओं को उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त अवसर प्रदान करना, विकास और रोजगार सृजन को मजबूत प्रोत्सााहन प्रदान करना और व्यापक आर्थिक स्थिरता मजबूत करना है। अमृतकाल के दौरान भारत की परिवर्तनकारी यात्रा पर जोर दिया, जो 25 साल अवधि मे देश की आजादी की शताब्दी 2042 में पूरी होगी।
अध्ययन का उद्देश्य
इस शोध पत्र का उद्देश्य भारत देश के विकास के लिए नरेद्र मोदी के द्वारा अमृतकाल के द्वारा एक परिवर्तनकारी, विकसित युग का निर्माण करना है जहाँ युवाओं, महिलाओं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति हर तबके के नागरिकों का विकास कर एक युग का निर्माण करना है।
साहित्यावलोकन
  1. सबका साथ सबका विश्वास संबोधन (2018-2019) पुस्तक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा सबका साथ और सबका विकास करने की कही गई है जो कि उनकी योजनाओं को सुचारू रूप से चलने और लक्ष्यों को प्राप्त करने के उपरांत हम देखते हैं कि 2014 से ही प्रधानमंत्री मोदी जी ने अपनी योजनाओं के क्रियान्वयन को सुचारू रूप से चलवाया है।
  2. ट्रिलियन डॉलर इकॉनामिक योगी सिंह सरकार ने भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास के लक्ष्यों के बारे में बताया है।
  3. स्वच्छ भारत क्रांति पुस्तक में परमेश्वर लेमन ने स्वच्छ भारत मिशन के बारे में जिक्र करते हुए बताया है कि स्वच्छ भारत मिशन भारत के जनता के लिए जनता के द्वारा चलाया गया महत्वपूर्ण मिशन है।
सामग्री और क्रियाविधि
शोध पत्र में झारखण्ड जिले के ऐतिहासिक, राजनीतिक एवं सामाजिक पृष्ठभूमि के अध्ययन के लिए ऐतिहासिक पद्धति का सहारा लिया गया है।
अध्ययन क्षेत्र
शोध पत्र का अध्ययन क्षेत्र भारत देश है जहाँ सबका साथ सबके विश्वास के साथ भारत की नयी पहचान के रूप में अमृतकाल हमारे समक्ष प्रस्तुत किया जाता है।
विश्लेषण

माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस पर पूरे देश को अमृत या अमृतयुग की अवधारणा से परिचित कराया। अमृतकाल ‘न्यू इंडिया’ के लिए प्रधानमंत्री विजन 2047 है जो भारत देश के लिए एक नया सवेरा है जो देश की आकांक्षाओं को पूरा करने का मौका अपने साथ लाएगा। उन्होंने आने वाले 25 वर्षों में तेजी से लाभदायक विकास के लिए फिर से अंतिम रूप दिया।
पंच प्राण या अमृतकाल के मूल 5 सिद्धांतों ने भारत को विकसित करने का लक्ष्य औपनिवेशिक समाज के किसी भी निशान को समाप्त करना हमारी परंपराओं में सम्मान और गौरव एकता का विकास और नागरिकों के बीच कर्तव्य के भावना शामिल है।[1]
अमृतकाल शब्द का अर्थ है ऐसा समय जब किसी काम को सबसे बेहतर ढंग से अंजाम देने का शुभ मुहर्त हो अर्थात किसी उपलब्धि को हासिल करने का सही समय। किसी ने ठीक ही कहा है- ‘जब लक्ष्यों में पवित्रता, नीयत में शुचिता व दृढ़ संकल्पित इच्छा शक्ति हो तो विषम समय को भी अमृतकाल में परिवर्तित होना पड़ता है।’ इसी क्रम में भारत के आगामी 25 वर्षों को अमृतकाल मे परिवर्तित करने के पवित्र लक्ष्यों का उल्लेख किया गया है जो इस प्रकार है-

  1. गाँवों और शहरों के बीच विकास के अंतर को कम करना।
  2. नवीनतम तकनीक का स्वागत करना।
  3. भारत के नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाना।
  4. लोगों के जीवन में सरकार के हस्तक्षेप को कम करना।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
“सुशासन के मूल में जमीनी स्तर पर सेवा लाभ पहुँचना है अमृतकाल में हम लोगों के जीवन में सकारात्मक प्रभाव डालने और विकसित भारत बनाने की दिशा में अपने प्रयासों में दृढ़ है।“
अमृतकाल के लिए निर्धारित लक्ष्य एक और भारतीय अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य को पूरा करने में सहायक सिद्ध होंगे, तो वहीं दूसरी और एसडीजी के 17 लक्ष्य (वर्ष 2013-23) व नीति आयोग के 15 वर्षीय विजन (2017-18 से 2031-32) को भी आत्मसात् करते हुए देश को सतत् व समावेशी विकास के पथ पर अग्रसर होंगे।[2]
केन्द्रीय वित्त मंत्री ने अमृतकाल में घोषणा करते हुए सप्तऋषि बजट (सात प्राथमिकताओं) के बारे बताया है[3]-

  1. समावेशी विकास
  2. अंतिम मील तक पहुँचना
  3. बुनियादी ढाँचा और निवेश
  4. क्षमता को उजागर करना
  5. हरित विकास
  6. युवा शक्ति
  7. वित्तीय क्षेत्र

बजट के द्वारा चार परिवर्तनकारी अवसरों की पहचान करता है-
स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण
स्वयं सहायता समूह की सदस्यता महिला सशक्तिकरण के समग्र उपायों पर महत्वपूर्ण सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। महिला समूहों ने तेजी से ग्रामीण, वित्तीय और सामाजिक संस्थानों के रूप में प्रमुखता हासिल की है। SHAG 10-20 महिलाओं का समूह है जो नियमित अंतराल पर मिलते हैं और सामूहिक खाते में पैसा जमा करते है। जिससे जरूरत के समय ऋण का अनुरोध किया जा सके। परिपक्वता तक पहुँचने वाले को SHAG बैंक खातों और क्रेडिट लाइनों से लिंकेज प्रदान किया जाता है, उच्च क्रम समूहों में संधबद्ध किया जाता है और अन्य इनपुट की एक श्रृंखला प्रदान की जाती है, कृषि प्रथाओं पर जानकारी, आजीविका गतिविधियों पर प्रशिक्षण और इसी तरह - निर्भर करता है सरकारी संस्था या गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) जो उनके गठन में सुविधा प्रदान करते है।[4]
पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान (पीएम विकास)
77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी जी ने अपने भाषण के दौरान पारंपरिक कारीगरों और शिल्पाकारों के लिए विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना की घोषणा की। यह योजना देशभर में मेहनती छोटे कारीगरों और श्रमिकों का समर्थन करने के लिए है। यह विशेष योजना प्रशिक्षण, उन्नत तकनीक और कौशल संबंधी मार्गदर्शन के साथ-साथ वित्तीय सहायता भी प्रदान करती है। विश्वकर्मा योजना की मदद से छोटे कारीगर, श्रमिक और किसान एसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम मंत्रालय) में शामिल होने के अवसर तलाश सकते हैं।[5]
मिशन मोड में पर्यटन संवर्धन (2023-2024)
केन्द्रीय बजट अर्थव्यवस्था के लिए एक प्रोत्साहन यह रहा कि सरकार ने राज्यों और निजी सार्वजनिक भागीदारी की सक्रियता भागीदारी के माध्यम से भारतीय इंटरसिटी यात्रा और पर्यटन क्षेत्र को सहायता और विकसित करने के लिए अपनी इच्छा को पूरा करने पर जोर दिया है। सरकार का लक्ष्य 2047 तक प्रति वर्ष 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक योगदान देना है और घरेलू और अंतराष्ट्रीय स्तर पर समग्र पर्यटन और यात्रा क्षेत्र द्वारा बड़े पैमाने पर योगदान दिया जाएगा।[6]
हरित विकास
ऊर्जा दक्षता पर कार्य करना हरित विकास को प्राप्त करने की दिशा में एक कारगर कदम माना जाता है। हरित विकास परियोजना के तहत, शिक्षा और कौशल विकास, कम्प्यूटर प्रशिक्षण, व्यवसायिक और गैर-औपचारिक शिक्षा का काम कर रहा है जिसका उद्देश्य गरीब शहरी और ग्रामीण समुदायों का समर्थन करना है।
अमृतकाल का एक प्रमुख लक्ष्य श्री नरेन्द्र मोदी जी ने बताया है जो है सबका साथ सबका विश्वास - समाज के विभिन्न वर्गों, विचारधाराओं, आशाओं-अकांक्षाओं, समुदायों का अलग-अलग खाँचों में देखने के बजाय पूरे राष्ट्र को, जन-जन को एक ही समग्रता में देखने की दृष्टि की मूलभूत अंतर्निहीत भावना ही सबका साथ सबका विकास है।[7]
अमृतकाल को दर्शाते हुए कई योजनाओं का निर्माण हुआ जिसके द्वारा भारत के प्रत्येक नागरिक का विकास हो सके। उनमें से कुछ प्रमुख योजनाएँ इस प्रकार है-
जल जीवन मिशन
जल जीवन के तहत पानी बचाने के लिए घर-घर पानी पहुँचाने के लिए पूरा देश संकल्पबद्ध हुआ है। ये तय किया गया है कि आने वाले पाँच वर्ष में लगभग तीन लाख करोड़ रूपये इस पानी के अभियान में खर्च किए जाएंगें।
स्वच्छ भारत मिशन
स्वच्छ भारत मिशन एक सरकारी योजना से कहीं ज्यादा है। यह अभियान भारत की जनता का है जो भारत के जनता के द्वारा चलाया जा रहा है। भारत के लोगों ने प्रधानमंत्री के आह्वान का समर्थन किया और उन आदतों को बदला जिन्हें वे सदियों से अपना रहे थे।


बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं
बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं योजना 22 जनवरी 2015 को शुरू की गई। इस योजना का मुख्य उद्देश्य बालक बालिका में भेदभाव तथा लिंग परीक्षण को रोकना था।
सुकन्या समृद्धि योजना
भारत में  बालिकाओं का गिरता लिंगानुपात प्रत्येक वर्ग के लिए चिंता का विषय बन चुका है जिसके रोकथाम के लिए सरकार ने छोटी बचत को प्रोत्साहन देने के लिए 2014 में सुकन्या समृद्धि योजना की शुरुआत की।
इन सब के अतिरिक्त अमृतकाल के लिए अन्य बहुत सी योजनाओं पर कार्य हो रहा है जिनका मिशन शक्ति- महिलाओं की प्रगति के लिए प्रतिबद्ध, भारतनेट - एक डिजिटल भारत का निर्माण, ई, खरीद, डिजिटल युग का रुख, रक्षा उत्पादन में वृद्धि, भारत में नारी शक्ति वंदन अधिनियम, सशस्त्र बलों में लैंगिक समानता आदि महत्वपूर्ण योजनाओं के द्वारा भारत में अमृतकाल के लक्ष्य प्राप्ति का कार्य चल रहा है।

निष्कर्ष
उपयुक्त विवेचना के बाद हम यह कह सकते हैं प्रधानमंत्री मोदी जी ने अपनी भाषण में जिस तरह से अमृतकाल का जिक्र किया और अमृतकाल का स्वप्न दिखाया। आज उनकी योजनाओं और भारत के हर तबके के विकास ‘सबका साथ सबका विकास’ की जो बात उन्होंने कही वो बहुत हद तक उन्होंने साकार करने का कार्य किया है।
सन्दर्भ ग्रन्थ सूची
  1. www.investindia.gov.in
  2. ट्रिलियन डॉलर इकॉनॉमिक योगी सरकार Dr. Sheedwant Singh 2023 प्रभात प्रकाशन     प्राइवेट लिमिटेड, पृ॰ 234-235.
  3. https://pib.gov.in>presirddsframe, p. as pv
  4. www.ncbi-nem-nih.gov.translate.google
  5. https: // viswakarma.yojna.com
  6. www.zeebiz.com.translate.google
  7. सबका साथ सबका विकास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संबोधन (2018-2019) - सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के प्रकाशन विभाग द्वारा प्रकाशित
  8. सबका साथ सबका विकास संबोधन (2018-2019)
  9. स्वच्छ भारत क्रांति, डायमंड बुक्स, परमेश्वरण लेयर के द्वारा लिखित
  10. विद्यालय संस्कृति, परिवर्तन और शिक्षा विकास डॉ॰ सत्येन्द्र बहादुर, अवधेश शर्मा, 2023 ठाकुर पब्लिकेशन प्राइवेट लिमिटेड