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ऋषिकेश बैराज पर Navicula
डायटम का अध्ययन |
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Study of Navicula Diatom at Rishikesh Barrage | |||||||
Paper Id :
19463 Submission Date :
2024-11-02 Acceptance Date :
2024-11-22 Publication Date :
2024-11-25
This is an open-access research paper/article distributed under the terms of the Creative Commons Attribution 4.0 International, which permits unrestricted use, distribution, and reproduction in any medium, provided the original author and source are credited. DOI:10.5281/zenodo.14473149 For verification of this paper, please visit on
http://www.socialresearchfoundation.com/anthology.php#8
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सारांश |
यह शोध पत्र ऋषिकेश बैराज, उत्तराखंड से एकत्रित जल नमूनों में पाई गई Navicula डायटम की विविधता, वितरण और पारिस्थितिकीय
महत्व पर केंद्रित है। इस अध्ययन का उद्देश्य सिलिका संरचना, पर्यावरणीय अनुकूलन
क्षमता और इनका जैव-संकेतक के रूप में उपयोगिता को समझना है। नाइट्रिक एसिड पाचन
और स्कैनिंग इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी (SEM) तकनीकों का उपयोग करके 12 प्रजातियाँ, जिनमें Navicula pelliculosa
और Navicula radiosa शामिल हैं, की पहचान की गई। यह अध्ययन जल गुणवत्ता निगरानी और
पर्यावरणीय स्थिरता बनाए रखने में इन प्रजातियों की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर
करता है।
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सारांश का अंग्रेज़ी अनुवाद | This research paper focuses on the diversity, distribution and ecological significance of Navicula diatoms found in water samples collected from Rishikesh Barrage, Uttarakhand. The aim of this study is to understand the silica composition, environmental adaptability and their utility as bio-indicators. 12 species, including Navicula pelliculosa and Navicula radiosa, were identified using nitric acid digestion and scanning electron microscopy (SEM) techniques. This study highlights the important role of these species in water quality monitoring and maintaining environmental sustainability. | ||||||
मुख्य शब्द | ऋषिकेश बैराज, Navicula डायटम, स्कैनिंग इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी। | ||||||
मुख्य शब्द का अंग्रेज़ी अनुवाद | Rishikesh Barrage, Navicula Diatom, Scanning Electron Microscopy. | ||||||
प्रस्तावना | डायटम और उनका महत्व डायटम सूक्ष्म शैवाल होते हैं जो अपनी सिलिका-आधारित कोशिका
दीवारों (फ्रस्ट्यूल) के लिए प्रसिद्ध होते हैं। ये जलमग्न पारिस्थितिकी
प्रणालियों में प्राथमिक उत्पादक के रूप में कार्य करते हैं, कार्बन चक्र और पोषक
तत्वों के प्रवाह को संतुलित करते हैं। अपनी त्वरित वृद्धि और अनुकूलन क्षमता के
कारण, ये पर्यावरणीय
परिस्थितियों में बदलावों के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होते हैं, जिससे ये जल गुणवत्ता के
संकेतक के रूप में उत्कृष्ट होते हैं। |
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अध्ययन का उद्देश्य | इस अध्ययन के मुख्य
उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
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साहित्यावलोकन | Navicula जीनस अपनी नाव के आकार की कोशिका संरचना और जटिल सिलिका डिजाइनों के लिए जाना जाता है। ये डायटम मीठे पानी और खारी जल दोनों पर्यावरणों में पाए जाते हैं। पर्यावरणीय अनुकूलन क्षमता और जैव-संकेतक के रूप में इनकी गुणधर्म के कारण, इन्हें जल गुणवत्ता और पारिस्थितिकी स्वास्थ्य का आकलन करने के लिए शोध में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। |
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सामग्री और क्रियाविधि | अध्ययन क्षेत्र ऋषिकेश बैराज, जो गंगा नदी पर स्थित है, क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण जल स्रोत है। बैराज में तीर्थयात्रा, पर्यटन और शहरी गतिविधियों के कारण जल प्रदूषण की समस्या है। इस अध्ययन के लिए बैराज के विभिन्न बिंदुओं से जल नमूने एकत्र किए गए थे, जिसमें ऊपरी, मध्य और निचले हिस्सों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया। नमूना संग्रह जल नमूने सुबह के समय बैराज के ऊपरी, मध्य और निचले हिस्सों से एकत्र किए गए थे। इन नमूनों को 4% फॉर्मालिन में संरक्षित किया गया था, ताकि जैविक गतिविधियाँ रुक सकें। एसिड पाचन प्रक्रिया
सूक्ष्मदर्शी तकनीक स्कैनिंग इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी (SEM) का उपयोग Navicula फ्रस्ट्यूल की सिलिका संरचना और जटिल डिजाइनों का निरीक्षण करने के लिए किया गया। SEM चित्रों ने इनकी जटिल और नाव के आकार की संरचनाओं को स्पष्ट रूप से दिखाया। |
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विश्लेषण | प्रजातियों की विविधता का मूल्यांकन जैव विविधता सूचकांक का उपयोग करके किया गया। परिणामों की तुलना पिछले अध्ययनों से की गई जो डायटम की जैव विविधता और जल गुणवत्ता संकेतकों पर आधारित थी। |
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जाँच - परिणाम |
प्रजातियों की पहचान इस अध्ययन में कुल 12
Navicula प्रजातियाँ
पहचानी गईं- Navicula
pelliculosa, N.radiosa, N.cryptocephala, N.trivialis, N.cincta, N.atomus,
N.subminuscula, N.lanceolata, N.minima, N.cuspidata, N.cryptocephaloides,
N.mutica, इनमें से, Navicula
pelliculosa और Navicula
radiosa सबसे
प्रमुख प्रजातियाँ थीं, जो ऊपरी हिस्सों में पाई गईं, जो स्वच्छ जल की स्थिति को
सूचित करती हैं। प्रजातियों का वितरण ऊपरी बैराज: स्वच्छ जल प्रजातियाँ ( N.
pelliculosa और N.
radiosa) प्रचुर
मात्रा में पाई गईं। मध्य बैराज: प्रजातियों का संतुलित
वितरण पाया गया, जो जल की मध्यम गुणवत्ता को
सूचित करता है। निचला बैराज: प्रदूषण
सहिष्णु प्रजातियाँ ( N. subminuscula और N.
cryptocephaloides) इस क्षेत्र में प्रबल पाई गईं, जो उच्च प्रदूषण स्तर को
सूचित करती हैं। SEM अवलोकन SEM चित्रों ने Navicula डायटम की जटिल सिलिका
संरचनाओं को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किया। फ्रस्ट्यूल्स में सूक्ष्म छिद्र और
समानांतर रेखाएँ पाई गईं, जो इस जीनस की विशेषताएँ
हैं। परिणामों की व्याख्या ऋषिकेश बैराज में Navicula प्रजातियों का वितरण प्रदूषण
और पोषक तत्वों की उपलब्धता में भिन्नताओं को दर्शाता है। ऊपरी बैराज, जहाँ प्रदूषण कम है, स्वच्छ जल में रहने वाली
प्रजातियों का समर्थन करता है, जबकि निचला बैराज, जो अधिक प्रदूषित है, प्रदूषण सहिष्णु प्रजातियों
से भरा हुआ है। पिछले अध्ययनों से तुलना Patrick और Reimer
(1975) द्वारा
किए गए अध्ययनों ने पुष्टि की थी कि Navicula प्रजातियाँ जल गुणवत्ता के
संकेतक के रूप में विश्वसनीय होती हैं। इस अध्ययन में Navicula
pelliculosa की
प्रदूषण के प्रति संवेदनशीलता को और अधिक महत्व दिया गया, जो इसे एक प्रभावी संकेतक
प्रजाति बनाता है। पारिस्थितिकीय प्रभाव Navicula डायटम पारिस्थितिकी
प्रणालियों की स्थिरता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इनकी उपस्थिति
या अनुपस्थिति जल निकायों के स्वास्थ्य के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कर
सकती है, जिससे जल गुणवत्ता प्रबंधन और पर्यावरण संरक्षण
से संबंधित निर्णय प्रभावित हो सकते हैं। आवेदन और महत्व 1. जल गुणवत्ता निगरानी: Navicula डायटम, पर्यावरणीय बदलावों के प्रति
अपनी संवेदनशीलता के कारण जल गुणवत्ता निगरानी के लिए जैव-संकेतक के रूप में कार्य
कर सकते हैं। ये प्रदूषण स्तरों और जल पारिस्थितिकी प्रणालियों के स्वास्थ्य का
मूल्यांकन करने का एक प्रभावी और लागत-कुशल तरीका प्रदान करते हैं। 2. भविष्य में अनुसंधान: भविष्य में अनुसंधान Navicula प्रजातियों के जीनोमिक प्रतिक्रियाओं का अध्ययन कर सकता है, जो जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण और अन्य पर्यावरणीय दबावों के प्रति उनके उत्तर को समझने में मदद करेगा। इन प्रतिक्रियाओं को समझने से पारिस्थितिकीय बदलावों की भविष्यवाणी करने और पर्यावरणीय क्षति को कम करने में मदद मिल सकती है। |
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निष्कर्ष |
यह अध्ययन Navicula डायटम की पर्यावरणीय महत्वता और जल गुणवत्ता निगरानी में उनके उपयोग को प्रदर्शित करता है। ऋषिकेश बैराज में देखी गई प्रजातियाँ जल निकाय की पारिस्थितिकी स्वास्थ्य के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करती हैं, जो पर्यावरणीय स्थिरता बनाए रखने के लिए आवश्यक हैं। जैसे-जैसे मानव गतिविधियाँ जल गुणवत्ता पर प्रभाव डालती हैं, Navicula प्रजातियाँ पारिस्थितिकी अनुसंधान और जल प्रबंधन में बढ़ती हुई महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगी। |
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सन्दर्भ ग्रन्थ सूची |
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