
Muzammil |
|
जुहारी देवी गर्ल्स पी० जी० कॉलेज कानपुर के एनएसएस इकाई द्वारा समाज कल्याण के लिए "पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन" विषय पर सप्त दिवसीय विशेष शिविर के द्वितीय दिवस 05.03.2025 की शुरुआत शिविर स्थल रानीघाट वार्ड नं 13 परिसर की साफ सफाई करने के उपरांत स्वयंसेविकाओं द्वारा "पर्यावरण थीम" पर रंगोली तथा आसन व्यवस्था बनाने के साथ हुई। तत्पश्चात कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के प्रतिमा पर मुख्य अतिथि नेशनल प्रेसीडेंट (AIWDTS) डॉ० बनदेव सिंह, आर्ट ऑफ लिविंग टीचर श्री भूपेन्द्र सिंह एवं श्रीमती रचना शर्मा द्वारा दीप प्रज्जवलन, माल्यार्पण व पुष्प अर्पित करने के साथ किया गया। स्वयंसेविका शैली जायसवाल और दिव्यांशी पाण्डे के द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई। कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए राष्ट्रीय सेवा योजना के लक्ष्य गीत को स्वयंसेविका द्वियानी, प्रतीक्षा और खुशबू के द्वारा लयबद्ध किया गया। द्वितीय दिवस के पहले सत्र की शुरुआत में आर्ट ऑफ लिविंग टीचर श्री भूपेन्द्र सिंह एवं श्रीमती रचना शर्मा द्वारा स्वयंसेविकाओं को बताया गया की "ध्यान और आर्ट ऑफ लिविंग की क्रियाएँ न केवल मानसिक और शारीरिक शांति प्राप्त करने के लिए होती हैं, बल्कि इनका गहरा संबंध हमारे पर्यावरण से भी है। इन दोनों के माध्यम से हम न केवल अपने भीतर के शांति और संतुलन को पाते हैं, बल्कि पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी को भी समझते हैं। जब हम आंतरिक रूप से शांति और संतुलन अनुभव करते हैं, तो वह हमारे बाहरी वातावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव डालता है"।

तत्पश्चात स्वयंसेविकाओं को कुछ आर्ट ऑफ लिविंग की क्रियाएँ सिखायी और "राम ध्यान" कराने के साथ सभी को इसे अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाने के लिए कहा। तदोपरान्त नेशनल प्रेसीडेंट (AIWDTS) डॉ० बनदेव सिंह ने स्वयंसेविकाओं को संबोधित करते हुए "पर्यावरण एवं शिक्षा" विषय पर व्याख्यान देते हुए कहा की "पर्यावरण वह प्राकृतिक तंत्र है, जिसमें सभी जीवों, पौधों, जल, वायु, और मिट्टी का एक आपसी संबंध होता है। यह एक ऐसा ढांचा है, जिसमें हम जीते हैं और जीवन का हर पहलू इससे जुड़ा होता है। लेकिन, जिस तरह से मनुष्य ने अनियंत्रित तरीके से प्राकृतिक संसाधनों का दोहन किया है, उससे पर्यावरण संकट में पड़ चुका है"। साथ ही डॉ० बनदेव सिंह ने स्वयंसेविकाओं को "चरित्र निर्माण" के महत्व को बताया और पंचकोश (अन्नमय कोश, प्राणमय कोश, मनोमय कोश, विज्ञानमय कोश, और आनंदमय कोश) को बहुत ही सरल ढंग से समझाया। व्याख्यान के उपरान्त स्वयंसेविका दिव्यांशी पाण्डे के द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया। स्वयंसेविका द्वियानी, प्रतीक्षा, प्रीति, शैली, दिव्यांशी, आदि के द्वारा दोपहर का भोजन बनाया गया और समस्त स्वयंसेविकाओं को दोपहर का भोजन कराया गया। कार्यक्रम के दूसरे सत्र में श्रीमती सीमा चड्डा द्वारा स्वयंसेविकाओं को वेस्ट मटेरियल से गृह सज्जा की चीजे बनाना सिखाया गया। कार्यक्रम का समापन स्वयंसेविकाओं के संकल्प गीत (हम होंगे कामयाब) प्रस्तुत करने के साथ ही साथ राष्ट्रगान द्वारा किया गया। स्वयंसेविका दिव्यांशी पाण्डे द्वितीय दिवस की इंचार्ज रहीं। कार्यक्रम का सफल आयोजन कार्यक्रम अधिकारी डॉ० रागिनी कुमारी के देखरेख में हुआ तथा समिति के अन्य सदस्यों असि० प्रो० रेनू, लिपिक इंदू यादव, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी राकेश भदौरिया एवं सुरेश तिवारी ने अपना अभूतपूर्व योगदान दिया।
|
|
|