
वरुण सुल्तानिया |
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बीमा कंपनियों के बड़े दावे और खोखले वादे कोई बड़ी बात नहीं है। इसी बात को सार्थक सिद्ध करते हुए लिबर्टी बीमा कंपनी का एक हैरतअंगेज मामला प्रकाश में आया है जहां क्षतिग्रस्त वाहन की मरम्मत कराए जाने की जगह वाहन को क्रैश दिखाते हुए सीधा स्क्रैप में डाल दिए जाने की बात कही गई है।
मामले की विस्तार से बात करें तो सर्वोदय नगर निवासी पीड़िता शक्ति श्रीवास्तव द्वारा बताया गया कि उनके वाहन क्रेटा की भिड़ंत 31 दिसंबर 2024 को अन्य वाहन से हो गई थी जिससे उनका वाहन क्षतिग्रस्त हो गया था। इस पर उनके द्वारा बीमा कंपनी को जानकारी देने के पश्चात कंपनी के सर्वेयर दीपक सिंह ने वाहन का मुआयना किया। मुआयने के क्रम में सर्वेयर द्वारा गलत रिपोर्ट लगाते हुए वाहन को क्रैश बताते हुए तथा क्लेम का पैसा न देने की बात एवं वाहन को स्क्रैप में डाले जाने की रिपोर्ट कंपनी को प्रेषित की। पीड़िता द्वारा यह भी बताया गया की गाड़ी का सर्वे अन्य कम्पनी के सर्वेयर से करवाने पर वाहन की पूर्ण मरम्मत में खर्च होने वाली रकम का भुगतान कंपनी द्वारा किए जाने की बात कही गई। इस पर दीपक सिंह से संपर्क करने पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला जिसके पश्चात पीड़िता द्वारा अधिवक्ता के माध्यम से न्यायालय का दरवाजा खटखटाया गया। पीड़िता के अधिवक्ता नीरज निगम द्वारा बताया गया की नियमावली के अनुसार वाहन के बीमित घोषित मूल्य के क्रम में वाहन के क्षतिग्रस्त होने पर उसकी मरम्मत में आने वाले खर्च पर उक्त मूल्य का 75 प्रतिशत तक का भुगतान कंपनी करने के लिए बाध्य होती है जिसके क्रम में दीपक सिंह द्वारा वाहन मरम्मत का खर्च बीमित घोषित मूल्य का 85 प्रतिशत बताया गया है जबकि वाहन की मरम्मत करने वाली हुंडई कंपनी द्वारा इसकी मरम्मत में लगने वाली रकम को उक्त मूल्य के 75 प्रतिशत से भी काम बताया गया है। इसी क्रम में अधिवक्ता द्वारा बीमा कंपनी तथा दीपक सिंह को न्यायालय में पेश होने हेतु नोटिस भेज दिया गया है तथा न पेश होने की स्थिति में अधिवक्ता द्वारा उपभोक्ता फोरम के माध्यम से अभियोग दर्ज करा पीड़िता को न्याय दिलाने की बात कही गई है। |
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