राजीव मिश्रा संपादक कानपुर |
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कानपुर, राकेन्द्र मोहन तिवारी । चन्द्रशेखर आजाद जनकल्याण समिति द्वारा महान क्रान्तिकारी अमर शहीद वासुदेव बलवन्त फड़के की पावन जयन्ती के अवसर पर बनखण्डेश्वर मंदिर प्रांगण में पुष्पांजलि सभा आयोजित की गई। संस्था के संरक्षक बी.आर. गुप्ता ने शहीद फड़के के चित्र पर माल्यार्पण किया और देश की आजादी में उनके बहुमूल्य योगदान और बलिदान को सदैव याद किया जाएगा सम्बन्धी विचार व्यक्त किया। पूर्व प्रशासनिक अधिकारी कृष्ण कान्त अवस्थी ने कहाकि फडके महान स्वाधीनता सेनानी थे जिनको आज भुला दिया गया है, जिन्हें निन्नी भी ने याद किया है। पर्व पार्षद विजय नारायण शुक्ला कहाकि शहीद फडके एक वीर योद्धा थे जिन्होंने अंग्रेजी राज की चुले हिला दी थीं।
सभा की अध्यक्षता करते हुए समिति के राष्ट्रीय अध्य्क्ष सर्वेश कुमार पाण्डेय निन्नी ने शहीद बलवन्त फडके को नमन करते हुए कहाकि वह कभी न हैट मानने वाले, निडर, बहादुर और एक कुशल संगठनकर्ता थे। उन्होंने युवकों को जोड़ कर अपना अलग मजबूत संगठन बना रखा था और अपने इसी विप्लवी दल से देश को गुलामी से आजाद कराने के लिए अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह शुरू कर दिया था। जब बड़े अंग्रेज अधिकारी उनपर शिकंजा कसने की तैयारी मीटिंग कर रहे थे तभी फड़के ने साथियों के साथ छाप मारकर कइयों को मौत के घाट उतारकर धामरी एवं तोरण के किलों में कब्जा कर 1857 के बाद महाराष्ट्र को महीनों आजाद कराकर अपने शौर्य पराक्रम का परिचय दिया था। गोरी सरकार ने उन पर लम्बा पुरुष्कार की भी घोषणा की थी। अंततोगत्वा उन्हें सोते में एक मित्र के यहां गिरफ्तार कर लिया गया था और अनेक प्रताड़ना देकर उन्हें सात समुद्रपार अदन जेल भेज दिया गया जहां जेल अधिकारियों की प्रताड़ना से उन्होंने लम्बा अबशन करते हुए 17 फरवरी 1883 को शहीद हो गए। उनका जन्म आज ही के दिन 1845 को महाराष्ट्र के जिला कुलाबा सिरठोन गांव में हुआ था, जिन्हें आज सत्तासीन व अन्य सभी नेताओं ने भुला दिया है। अंत मे प्रस्ताव पास कर राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री से शहीद वासुदेव बलवन्त फड़के की आदमकद प्रतिमा संसद हाल में लगाने की मांग की गई।
सभा का संचालन राकेन्द्र मोहन तिवारी ने किया। कार्यक्रम में अशोक अग्निहोत्री, वेदप्रकाश गुप्ता, वासुदेव मिश्रा, गिरीश मिश्रा, राकेश त्रिपाठी, सुशील श्रीवास्तव,सर्वेंद्र सिंह, राजेन्द्र द्विवेदी, राजेन्द्र कनौजिया, कमरुद्दीन, राजेन्द्र श्रीवास्तव, वीरभद्र सिंह, डॉ सुशील श्रीवास्तव, सुभाष दीक्षित, मनीष मेहता, अजय त्रिवेदी, संदीप साहू, अरविंद शर्मा, दीनानाथ द्विवेदी आदि थे।
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