वस्तु एवं सेवा कर पर आयोजित हुई संगोष्ठी
      18 November 2022

अर्पित बाजपेई संवाददाता
स्वैच्छिक दुनिया ब्यूरो। कानपुर। विवादित मामलों पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को बताया मील का पत्थर कानून के अंतर्गत हालिया निर्णय बताये। विभाग की ओर से धारा 73/74 के अंतर्गत जारी किए जाने वाले कारण बताओ नोटिस और आदेश से संबंधित प्रावधानों पर चर्चा की । उन्होंने बताया कि नोटिस के साथ सभी प्रपत्र जिन पर नोटिस आधारित है, उनकी प्रतिलिपि करदाता को उपलब्ध कराया जाना जरूरी है। इसी तरह आदेश से पूर्व व्यक्तिगत सुनवाई का अवसर प्रदान करना आवश्यक होता है। नोटिस में यह स्पष्ट रूप से वर्णित होना चाहिए कि कर की मांग किन तथ्यों पर और किन प्रावधान के उल्लंघन पर आधारित है।



अस्पष्ट नोटिस निरस्त किये जाने के योग्य होता है। कानूनी निर्णय साबित होंगे मील का पत्थर सेंटल इंडिया रीजनल काउंसिल के पर्व सभापति सीए दीप कुमार मिश्र ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर इनपुट टैक्स क्रेडिट के अविरल और निर्बाध प्रवाह को अपनाने के मूल उद्देश्य से भटक रहा है। इसके लिए इस तरह के कानूनी निर्णय मील का पत्थर साबित होंगे। साथ ही वस्तु एवं कर संलग्न काउंसिल को स्पष्ट आईना दिखाने का काम करेंगे। ये रहे मौजूद कार्यक्रम का संचालन स्टडी सर्किल की सहसंयोजिका सीए ईशा गुप्ता, अध्यक्षता संयोजक सीए विनय जैन ने की। कार्यक्रम में शरद शेखर श्रीवास्तव, अवधेश मिश्रा, राज गुप्ता, पंकज गुप्ता, प्रशांत रस्तोगी, अरविंद नाथ सिंह, राहुल चंद्रा, विष्णु माहेश्वरी, गोविंद महेश्वरी, राजेंद्र मोहन गुप्ता, देवेश फरसैंया, आरके शर्मा, संतोष कुमार तिवारी, श्रेया ओमर, मलय गुप्ता, नितिन ओमर, वैभव गुप्ता, अनुज कुमार, पद्मेश बाजपेई आदि मौजूद रहे।
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