स्वैच्छिक दुनिया ब्यूरो |
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स्वैच्छिक दुनिया ब्यूरो, कानपुर। सावित्री बाई ज्योतिबा फुले शोध पीठ, जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर तथा भूगोल विभाग, डॉ. भीमराव अम्बेडकर राजकीय महाविद्यालय, श्रीगंगानगर के संयुक्त तत्वावधान में जोधपुर विश्वविद्यालय में हुआ; जिसका विषय 'शोध, शिक्षा और सतत विकास : अवसर एवं चुनौतियाँ' था। संगोष्ठी संयोजक एवं भूगोल के विभागाध्यक्ष डॉ. श्याम सुन्दर खींची ने बताया कि उद्घाटन समारोह में बोलते हुए मुख्य अतिथि राज ऋषि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय, अलवर के माननीय कुलपति प्रो. जे. पी. यादव ने सतत विकास हेतु साधारण जीवनशैली अपनाने, संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग एवं अपनी जड़ों से जुड़े रहने का आह्वान किया तथा शिक्षा को मनुष्य के अस्तित्व का आधार बताया। मुख्य वक्ता दिल्ली विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग के प्रोफेसर आसमी रज़ा ने संगोष्ठी की विषय-वस्तु पर व्यापक प्रकाश डाला और विकास के स्थान पर सतत विकास को आत्मसात् करने पर बल दिया। उन्होंने सतत विकास लक्ष्यों एवं शोध, भारतीय अर्थव्यवस्था के संदर्भ में सतत विकास, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, खाद्य सुरक्षा आदि पर विस्तृत चर्चा की। डीआरए अध्यक्ष प्रो. राजेन्द्र परिहार एवं संगोष्ठी के समन्वयक डॉ. अश्विनी आर्य ने संगोष्ठी की रूपरेखा प्रस्तुत की।
वक्ताओं ने सावित्री बाई फुले, ज्योतिबा फुले एवं डॉ. भीमराव अम्बेडकर के शिक्षा, समानता और महिला शिक्षा के संबंध में योगदान को याद किया तथा नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के सकारात्मक-नकारात्मक पक्षों पर चर्चा की। संयोजक डॉ. खींची ने डॉ. भीमराव अम्बेडकर राजकीय महाविद्यालय के भूगोल विभाग का परिचय दिया एवं धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। भूगोल विभाग के डॉ. अरुण कुमार शहैरिया, डॉ. राजेन्द्र कुमार टाक एवं अमित कुमार पैंसिया ने माल्यार्पण एवं राजस्थानी साफा पहनाकर अतिथियों का स्वागत किया तथा तकनीकी सत्रों की अध्यक्षता-संचालन किया। इस संगोष्ठी में देश के विभिन्न भागों से आये लगभग 350 प्रतिभागी, शोधार्थी, शिक्षक एवं संकाय सदस्य पंजीकृत हुए। संगोष्ठी में कुल चार तकनीकी सत्रों का आयोजन हुआ, जिसमें से एक वर्चुअल सत्र था। इनमें कुल 47 शोध-पत्र प्रस्तुत किये गये। प्रत्येक सत्र में श्रेष्ठ प्रस्तोता को पुरस्कृत किया गया। डेजर्ट रिसर्च एसोसिएशन के यंग रिसर्चर अवार्ड मोहन लाल, रसायनशास्त्र विभाग को प्रदान किया गया। जलपान एवं भोजन सत्र के दौरान भी सामूहिक चर्चा हुई। समापन समारोह के मुख्य अतिथि पूर्व कुलपति प्रो. के. डी. स्वामी थे तथा अध्यक्षता पूर्व कुलपति प्रो. गंगा राम जाखड़ ने की। इस सत्र का संचालन डॉ. अरुण शहैरिया ने किया। अतिथियों को स्मृति चिह्न प्रदान किये गये। अंत मे आयोजन सचिव डॉ. सरवन कुमार ने संगोष्ठी के सफल आयोजन हेतु सभी का आभार व्यक्त किया। |
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