स्वप्निल तिवारी कानपुर |
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स्वैच्छिक दुनिया। कानपुर के एमएसएमई टेक्नोलॉजी सेंटर जो कि मेंटर TC जमशेदपुर की देख रेख स्थापित हो रहा है।कानपुर के एमएसएमई टेक्नोलॉजी सेंटर में वरिष्ठ प्रबंधक की नियुक्ति के इंटरव्यू आगामी 23 /12/22 को होना है जिसको कराने का दायित्व जमशेदपुर टूल रूम के एक भ्रष्ट अधिकारी आशुतोष कुमार को सौपा गया है।
ज्ञात हो यह एमएसएमई टूल रूम जमशेदपुर का वह नटवरलाल जो MSME में मंत्रालय से लेकर एमएसएमई के हर संस्थान में कुख्यात है आशुतोष कुमार ने जमशेदपुर टूल रूम लगभग 1995 में पर्सनल ऑफिसर के रूप में ज्वाइन किया था।और विगत लगभग 20 सालों में 4 प्रमोशन ले चुका है आशुतोष कुमार ने जमशेदपुर टूल रूम में अपने जान पहचान व रिस्तेदारों की दर्जनों नियुक्तियाँ कर चुका है और वे सब आज भी कार्यरत हैं, और सारे गलत कामों को अंजाम देते हैं और इसे सहयोग करते हैं।इस भ्रष्ट अधिकारी पर सीबीआई आरोप भी गठित (चार्जशीट) होने के बाद भी MSME मंत्रालय के अधिकारियों को CBI की जाँच पूरी होने तक तुरंत निलंबित कर देना चाहिए था। पर नहीं हुआ जबकि वह वरिष्ठ प्रबंधक (प्रशासन एवं लेखा) के पद पर होने की वजह से उसकी व सभी कर्मियों के नियुक्तियों की फ़ाइलें उसके ही अधीन रहती हैं,ऐसी स्थिति में वह अपने सभी भ्रस्टाचार से सम्बंधित कागजातों को मिटा देगा या बदल चुका होगा।MSME मंत्रालय के सीबीआई सेल को तुरंत संज्ञान में लेना चाहिए और ऐसे भ्रस्ट ब्यक्ति पर कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के बजाय उस पर मेहरबानी संसय पैदा करती है। आय दिन वह दिल्ली और कानपुर व अन्य जगहों के ऑफिशियल टूर बनाकर घूमता रहता है।और संस्थान से टाडा के रूप में पैसे उठाता है और ऑफिशियल वाहन को दिन-रात व्यक्तिगत वाहन की तरह इस्तेमाल कर लाखों का ईंधन हर महीने संस्थान का अपव्यय करता है तथा लॉग बुक में एंट्री गलत दिखाता है इंडो डेनिश टूल रूम जमशेदपुर के इस अधिकारी आशुतोष पर दिल्ली के अधिकारियों का आशीर्वाद प्राप्त होना ही माना जाए तो कुछ गलत नहीं होगा। जिस पर आय से अधिक संपत्ति के मामले में जांचचल रही हो सीबीआई और आरोप गठित हो गया हो फिर भी उसको निलंबित नहीं किया जा रहा है। ऐसी स्थित में वरिष्ठ प्रबंधक (प्रशासन एवं लेखा) होने के कारण आशुतोष कुमार लगातार कानपुर टेक्नोलॉजी में पूर्ण रूप से दखलंदाजी बनाए हुए हैं और नियुक्तियों में बड़े पैमाने पर भ्रस्टाचार,धांधली और पैसे के खेल की सुरुवात कर देना उसके लिए कोई बड़ी बात नहीं होगी विगत वर्षों में सन 2016 से आशुतोष कुमार सीबीआई के रडार में है फिर भी तब से अब तक वह अपने दर्जनों से अधिक रिश्तेदारों को फर्जी तरीके से नियुक्ति कर अलग-अलग विभागों में तैनात करा चुका है।रिश्तेदारों को नौकरी देने में सारे नियमों को ताक में रखकर जैसे सिंगल कैंडिडेट को सिलेक्ट कर लेना एलिजिबिलिटी व क्वालीफिकेशन में नहीं होना आदि नियमों का भी उल्लंघन किया।पटना के टूल रूम (TRTC ) मे भी जब वह महाप्रबंधक इंचार्ज था। वहां भी इसने अपने रिस्तेदारों की ढेरों नियुक्तियां की।आखिर सवाल यह हैं कि आशुतोष कुमार सीबीआई जांच के बावजूद कैसे इस पद पर बने हुए हैं।सीबीआई जांच में यह पाया गया कि आशुतोष कुमार ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए नाजायज तरीके से दर्जनों दुकानें,घर व अन्य चल अचल संपत्ति अर्जित की और अपनी गलतियां को छुपाने के लिए सीबीआई को फर्जी कागजात सौंपा। जमशेदपुर के साथ-साथ कानपुर के एमएसएमई टेक्नोलॉजी सेंटर का काम भी आशुतोष कुमार देख रहे हैं। आगामी 23 दिसंबर को कानपुर में नियुक्ति होने वाले इंटरव्यू को भी भ्रष्ट अधिकारी आशुतोष कुमार द्वारा इंटरव्यू संचालित किए किए जाने की आशंका है। विदित हो कि जमशेदपुर के इंडो डेनिश टूल रूम के सीनियर मैनेजर एडमिन आशुतोष कुमार के ऊपर सीबीआई और ED की जांच चल रही है। व चार्ज शीट लग चुकी है FIR भी आशुतोष कुमार ने अपने कार्यकाल में नियमित और संविदा पर कुल 115 नियुक्तियां की जिसमें लगभग 35 लोग उसके करीबी व रिश्तेदार ही है। आशुतोष कुमार सीबीआई की गिरफ्तारी से बचने के लिए 23 अप्रैल 2021 लगभग 9 महीने के लिए फरार था। फिर भी बाद में ऑफिस आ कर डरा धमका कर छुट्टी को स्वीकृति करा कर पेमेंट ले ली। तो कानपुर में एमएसएमई टूल टेक्नोलॉजी सेंटर फजलगंज के डीजीएम कारभार ना होने के कारण उसी भ्रष्ट अधिकारी आशुतोष कुमार को ही आगामी 23 दिसंबर को इंटरव्यू संचालित के लिए क्यों बुलाया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो यह भ्रष्ट अधिकारी आशुतोष कुमार कानपुर एमएसएमई टेक्नोलॉजी सेंटर फजलगंज में आकर बड़ा खेल करने वाला है। जानकारी के अनुसार कानपुर का टूल रूम सेंटर लगभग 120 करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया है जहां नियमानुसार डीजीएम पद की तैनाती होने के बाद ही दूसरे अन्य पदों की नियुक्ति होनी चाहिए। |
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