ज़मीर सिद्दकी विशेष की रिपोर्ट |
गुरु गोविंद सिंह के प्रकाश उत्सव पर गुरु सिंह सभा द्वारा अजय पत्रकार को विशेष सम्मान दिया गया तथा 1984 में प्रदेश के वीडियो कैमरामैन तथा वीडियो जर्नलिस्ट अजय पत्रकार ने वीडियो कैमरे से 1984,1992 और 1993 में राम मंदिर -बाबरी मस्जिद दंगा, 9 फरवरी 1994 में काला बच्चा की हत्या के बाद दंगे व (अजय पत्रकार की बाइक जलने तथा 16 मार्च 2000 को नई सड़क के दंगे व एडीएम पाठक की हत्या में भी अजय पत्रकार व महेंद्र मिश्र की दूसरी बार बाइक जलने तथा अजय- महेंद्र के घायल होने पर भी तत्कालीन मुखमंत्रियों के मंच पर पैर न छू कर, हाथ मिलाने तथा सरकार की आर्थिक सहायता को ठुकरा देने के जज्बे को मुक्त कंठ से प्रशंसा की गई।
निष्पक्षता से दिखाने के लिए भी अजय पत्रकार और महेंद्र मिश्रा को सराहा गया।
सन 1984 पर पूरे प्रदेश में सिर्फ एक-दो ही वीडियो कैमरे थे। उस समय अजय पत्रकार जी ने वीडियो की दंगे की खबरें कबर की थी जो अपने आप में एक रिकॉर्ड रही है । सिख समाज ने अजय पत्रकार के उस साहसपूर्ण,किसी भी संप्रदाय से हट कर, निष्पक्ष व पत्रकारिता धर्म का पालन करते हुए तथा पूर्णतया ईमानदारिता पर पत्रकारिता करने पर सम्मनित किया गया । |
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