साहित्यशक्ति संस्थान का तीन दिवसीय काव्य महोत्स्व सम्पन्न
      17 January 2023

डा0 पंकज प्राणेश
स्वैच्छिक दुनिया ब्यूरो। साहित्य के उत्थान हेतु कृत संकल्पित संस्थान साहित्य शक्ति संस्थान देवरिया-उत्तर प्रदेश के तत्वाधान मे विश्व हिंदी दिवस, युवा दिवस और मकर संक्रांति के अवसर पर गूगल मीट के माध्यम से तीन दिवसीयकाव्य महोत्सव  आयोजन किया गया।जिसमें भारत के कोने कोने से लगभग 85 रचनाकारों ने प्रतिभाग किया।यह कार्यक्रम दिनांक 13-01- 2023 से दिनांक 15-01-2023 तक चला।प्रतिदिन दोपहर दो बजे कवि सम्मेलन शुरू होता तो देर शाम लगभग छः बजे तक चलता रहता।इस यशस्वी और शानदार कार्यक्रम की सफलता रचनाकारो के हिन्दी भाषा के प्रति समर्पण और त्याग को दर्शाता है।प्रथम दिन काव्यपाठ का आरम्भ अनूपपुर से पधारी कवयित्री रजनी उपाध्याय ने अपने सुमधुर स्वर मे "माँ  विराजो कण्ठ मे" की वाणी वंदना प्रस्तुत कर कार्यक्रम को गति देते हुए श्रृगार रस पर आधारित गीत प्रस्तुत कर श्रोताओ के हृदय को आनन्दित दी।अयोध्या से पधारी कवयित्री मनोरमा मिश्रा ने अयोध्या नगर की विरदावली गाकर सबको राममय बना दी।देहरादून की कवयित्री संतोषी दीक्षित ने अपने गीत सुनाकर खूब वाहवाही लूटी।
मुरादाबाद की कवयित्री दीप्ती खुराना ने स्त्री जीवन की विवशता पर आधारित कविता तथा  पीलीभीत की कवयित्री अनीता विश्वकर्मा ने मकर संक्रांति पर आधारित गीत गुनगुनाकर कार्यक्रम को ऊचाई प्रदान की।वाराणसी की कवयित्री एवं लोक गायिका मणि बेन द्विवेदी तथा वाणी अग्रवाल 'मधु' के गीतों और गजलो की स्वरलहरियो ने लोक साहित्य को जीवंत कर दिया।कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए संस्थान के संरक्षक वीरेन्द्र मिश्र बिरही ने सभी रचनाकारो को आशीर्वाद देते हुए साहित्य के उद्देश्य और साहित्यकार का दायित्व विषय पर प्रेरणा दायी विचार रखे।सागर मध्य प्रदेश के वरिष्ठ साहित्यकार बृन्दावन राय सरल की संदेशपरक रचना और दोहा छंद की सराहना सबने की।गोरखपुर की कवयित्री व शिक्षिका नीरजा बसंती की रचना "मै तेरे प्यार में महकी ग़ज़ल नजर आऊँ,मै शब्द बन के तेरे गीत में सँवर जाऊँ " को सुनाकर मंच जीत ली। देवरिया से पधारी कवयित्री अंजना मिश्रा के गीत "तुमको आने मे हमको बुलाने मे,कई सावन बरस गये साजना " को सुनाकर सभी श्रोताओं को झूमने पर विवश कर दी।बेगुसराय से जुड़ी कवयित्री निभा उत्प्रेक्षा के गीत " दिल की हर बात गुनगुनाने दो,आज थोड़ा सा मुस्कुराने दो " को गाकर सबको आह!और वाह! करने पर मजबूर कर दी।सुपौल-बिहार की कवयित्री प्रतिभा कुमारी और औरंगाबाद की कवयित्री क्षमा शुक्ला को सुनकर लगा कि हिन्दी कविता का भविष्य उज्ज्वल है।देवरिया की कवयित्री महिमा तिवारी ने अभियान हिन्द पर आधारित रचना तथा गोरखपुर की कवयित्री वन्दना पाण्डेय ने प्रेम सौन्दर्य और मनुहार से भरे गीत तुमको खोने से हम डरते है को अपने खनकती आवाज मे प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया।
द्वितीय दिवस चित्रकूट की कवयित्री वन्दना यादव तथा चित्रकूट के गीतकार कवि अशोक प्रियदर्शी की रचनाए अत्यंत प्रभावशाली रही।छंद शास्त्र के मर्मज्ञ रचनाकार उदयभानत्रिपाठी ने भाव और शिल्प प्रधान कविता सुनाकर सबको निशब्द कर दिए।उदयभान जी की बेटी नन्ही कलम शिवागी त्रिपाठी के मुख से चित्रकूट धाम की विरदावली सुनकर हृदय गर्वानुभूति से भर गया।इंदौर मध्य प्रदेश की वरिष्ठ कवयित्री दामिनी सिंह ठाकुर की रचना "यूँ कहती है ये शोख नजरे,मै तेरे दिल मे सदा रहूगी।जो सीचेगा तू वफा के जल से,मै तुलसी बनके सजा करूगी।" को सुनकर श्रोतागण रस की गंगा मे गोता लगाते रहे।जयपुर की  कवयित्री बीना शर्मा ने अपने खिलखिलाते गुनगुनाते मुस्कुराते व्यक्तित्व के अनुसार काव्यपाठ कर कार्यक्रम को जीवंत बना दी।द्वितीय दिन के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रशासनिक आफीसर डा0 किशोर आनन्द ने अपनी रचना के माध्यम से हिन्दी के वैश्विक फलक पर सार्थक चर्चा की।फतेहपुर से जुड़ी वरिष्ठ कवयित्री सीमा मिश्रा ने अपने स्निग्ध और सौम्य रचनाओं से कार्यक्रम मे प्राण भर दी।
रूद्रपुर देवरिया के कवि प्रेम नरारण तिवारी हिन्दी की पीड़ा गाकर स्रोताओ के मन मानस को झंकृत कर दिए।सोनभद्र की कवयित्री अलका केशरी ने हास्य रस की कविता सुनकार श्रोताओ को खूब ठहाके लगाने का अवसर दी।अयोध्या की कवयित्री डिम्पल तिवारी और संत कबीर नगर की कवयित्री अनुपम चतुर्वेदी ने हिन्दी का गुणगान कर यश की भागी बनी। देहरादून की कवयित्री नीलोफर नीरू के नपे तुले और आदर्श काव्य पाठ को देखकर सभी दर्शक हैरान थे।ओडिसा की कवयित्री डा0जानकी झा के अभूतपूर्व सहयोग की प्रशंसा सबने की।
प्रथम दिन का संचालन वरिष्ठ कवयित्री व शिक्षिका सीमा मिश्रा फतेहपुर,द्वितीय दिन का संचालन  लब्धप्रतिष्ठित कवयित्री व शिक्षिका नीरजा बसंती तथा तृतीय दिन का संचालन यशस्वी सुर साधिका डा0विनिता मिश्रा गोरखपुर ने किया।सम्पूर्ण कार्यक्रम की समीक्षा और काव्यपाठ मे कवियो के क्रम का निर्धारण साहित्यशक्ति संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा0पंकज शुक्ल 'प्राणेश' ने की।इस तीन दिवसीय कार्यक्रम मे मुख्य रूप से डा0समराना फैय्याज बरेली, शहनाज बानो चित्रकूट,प्रियंका पेडिवाल अग्रवाल नेपाल,इन्दु मिश्रा 'किरण' दिल्ली,क्षमा शुक्ला औरंगाबाद, चारू मित्तल मथुरा, डा0विनीता मिश्रा गोरखपुर,गुन्जा गुप्ता मऊ,मीनू बर्मा नोएडा,पारूल राज दिल्ली,मीनेश चौहान फर्रूखाबाद,प्रवीणा दीक्षित कासगंज,रचना सरन कोलकाता,रिकी कमल रघुवंशी विदिशा,प्रणाली श्रीवास्तव कोलकाता,आदि ने अपना काव्यपाठ कर हिन्दी की अलख जगाते हुए विवेकानंद के सपनो का भारत बनाने हेतु संकल्पित हुए।

कार्यक्रम के अन्तिम समापन समारोह को संबोधित करते हुए संस्थान की प्रदेश अध्यक्ष व कार्यक्रम संयोजिका डा0 नीरजा बसंती ने सभी सम्मानित रचनाकारो के प्रति आभार व्यक्त करते हुए बताया कि इस तरह के कार्यक्रम हर माह आयोजित होते रहेंगे।इन्होंने बताया कि अगले सप्ताह एक भव्य सम्मान समारोह का आयोजन कर सभी प्रतिभागी रचनाकारो को सम्मानित किया जाएगा।समापन समारोह को राष्ट्रीय अध्यक्ष डा0 पंकज- प्राणेश,राष्ट्रीय संरक्षक वीरेन्द्र कुमार मिश्र बिरही,राष्ट्रीय संरक्षक बृन्दावन राय सरल,राष्ट्रीय संरक्षक वीनू शर्मा,राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष सीमा मिश्रा,राष्ट्रीय सचिव प्रणाली श्रीवास्तव,राष्ट्रीय उपाध्यक्ष द्वय दिव्या सक्सेना और अंजना मिश्रा तथा तकनीकी संयोजिका डा0जानकी झा ने सम्बोधित किया।
(देवरिया से डा0 पंकज-प्राणेश की रिपोर्ट)
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