स्वैच्छिक दुनिया ब्यूरो |
स्वैच्छिक दुनिया ब्यूरो। 29 जनवरी से होनी है इंटरमीडिएट की प्रैक्टिकल परीक्षा, 186 इंटर कॉलेजों में होगा परीक्षा का आयोजन। कौशाम्बी के कॉलेजों में दिक्कत तो है। लैब और उपकरणों के अभाव की बात संज्ञान में है।
जहां परीक्षार्थियों की संख्या कम है, वहां के परीक्षार्थियों को अधिक संख्या वाले कॉलेजों में शिफ्ट किया जाएगा। सबकुछ ऐसे ही रहा तो इंटरमीडिएट के प्रैक्टिकल को लेकर की गई माध्यमिक शिक्षा परिषद की सख्ती जिले में बेअसर साबित होगी। यहां के इंटर कॉलेजों में कहीं लैब ही नहीं है तो कहीं उपकरणों का अभाव है। कुछ प्रतिष्ठित कॉलेजों में ही सारी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद हैं। विभागीय अधिकारी खुद भी दबी जुबान से स्वीकारने को तैयार हैं कि परीक्षा पुराने ढर्रे पर ही होगी।कौशाम्बी जिले में 320 वित्त विहीन और 29 वित्त पोषित कॉलेज हैं। इनमें 186 ऐसे हैं, जिनके पास साइंस साइड की मान्यता है। इन्हीं कॉलेजों में इंटरमीडिएट का प्रैक्टिकल होना है। प्रैक्टिकल 29 जनवरी से होगा। माध्यमिक शिक्षा परिषद ने इस बार प्रैक्टिकल सीसीटीवी कैमरे की निगहबानी में कराने का आदेश जारी किया है। हैरानी की बात है कि कौशाम्बी के कॉलेजों में प्रैक्टिकल पर ही संकट है। वजह यह है कि 80 फीसदी कॉलेजों में लैब ही नहीं है या फिर लैब में उपकरण नहीं है। विद्यार्थियों को पूरे साल लैब के दर्शन नहीं कराए गए। परिणाम है कि विद्यार्थी खुद भी प्रैक्टिकल के लिए तैयार नहीं हैं। सूत्रों की मानें तो उन्हें कॉलेज की ओर से उन्हें पास कराने का आश्वासन दिया गया है। उधर, कॉलेज संचालक खुद भी कैमरे की निगरानी में प्रैक्टिकल कराने से कतरा रहे हैं। कम संख्या पर शिफ्ट किए जाएंगे परीक्षार्थी डीआईओएस संतोष कुमार मिश्रा ने बताया कि जिन विद्यालयों में प्रैक्टिकल के लिए परीक्षार्थियों की संख्या कम है, वहां के परीक्षार्थियों का प्रैक्टिकल दूसरे कॉलेजों में कराया जाएगा। इसे यूं समझें कि सीसीटीवी का नियम फॉलो करने के लिए अधिकारी प्रतिष्ठित कॉलेजों का सहारा लेने की तैयारी में हैं।
15 साल पहले जलकर राख हो गई लैब
कसेंदा। चायल कस्बा स्थित लाल बहादुर शास्त्रत्त्ी इंटर कॉलेज वित्त पोषित है। यहां लैब की व्यवस्था थी। शिक्षकों ने बताया कि करीब 15 साल पहले आग लगने के कारण लैब जलकर राख हो गई। विभागीय अधिकारियों को पत्र भेजकर कई बार इसकी जानकारी दी गई लेकिन, किसी ने भी ध्यान नहीं दिया। मान्यता के वक्त किराए पर लेते हैं उपकरण। कौशाम्बी में अधिकतर कॉलेज तो ऐसे हैं तो बोर्ड की परीक्षा के वक्त ही खुलते हैं। बाकी समय यहां दो-चार कर्मचारी, कुछ छात्र और चपरासी ही मिलता है। मान्यता के समय इन कॉलेजों के जिम्मेदारों ने लैब का उपकरण किराए पर ले लिया था। मान्यता के बाद उपकरण लौटा दिए गए और लैब बंद कर दी गई। |
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