आशीष सिंह |
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स्वैच्छिक दुनिया। जलधारा रोक रात-दिन यमुना नदी के बीच से हो रहा अवैध खनन आशीष सिंह चंदेल पत्रकार जिले में अवैध खनन और ओवरलोडिंग बंद नहीं हो पा रही है। खनन विभाग के संरक्षण में चल रहे इस खेल में माफिया पूरी तरह से हावी हैं। कार्रवाई के नाम पर खनन विभाग महज खानापूरी कर रहा है। असोथर थाना क्षेत्र में संचालित मौरंग खदान में बीच जलधारा में पोकलैंड मशीने लगाकर खनन कराना इसी खेल का एक नमूना मात्र है। माफिया नदियों को छलनी कर रहे हैं। यह खेल जिले भर की सभी खदानों में चल रहा है।
प्रशासन अवैध खनन पर अंकुश लगाने में नाकाम
न्यायालय की रोक व शासन के कड़े निर्देशों के बावजूद भी असोथर थाना क्षेत्र के रामनगर कौहन में चल रही मौरंग खदान पर यमुना नदी की जलधारा रोक कर पोकलैंड मशीनों से मौरंग का अवैध खनन बदस्तूर जारी है। मौरंग के अवैध खनन पर प्रशासन अंकुश लगाने में नाकाम है। रात दिन यमुना का सीना चीर कर मौरंग निकाली जा रही है।
बीजेपी शासन में भी माफियाओं का वर्चस्व बरकरार
मौरंग खनन करने वाले लोग भाजपा शासन काल में भी अपना वर्चस्व बनाए हुए हैं। रामनगर कौहन के घाट पर अब तो हालात पहले से भी ज्यादा खराब हो गए हैं। यहां मौरंग माफिया को न तो कार्रवाई का डर है और न ही नियम कानून की परवाह है। विभागीय मिलीभगत से इन घाटों पर यमुना नदी की धारा को जगह जगह रोककर मौरंग का अवैध खनन पोकलैंड जैसी प्रतिबंधित मशीनों से किया जा रहा हैं।
खदान संचालक लोकल माफियाओं से मिलकर शासन के आदेशों की उड़ा रहे धज्जियां
*खनन का पट्टा चलाने वाली कंपनी लोकल माफियाओं के साथ मिलकर शासन व सुप्रीम कोर्ट तथा एनजीटी के आदेशों को दरकिनार करते हुए रात-दिन मौरंग का अवैध खनन करने में लगे हैं। जिससे सरकार को राजस्व का करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है। घाटों पर मौरंग माफिया अपने खंड से भी आगे बढ़कर यमुना नदी की मौरंग निकाल रहे हैं। कुछ लोगों ने घाटों से मौरंग के अवैध खनन व नदी की जलधारा रोकने की सूचना प्रशासन व विभाग को दी है, लेकिन इन माफियाओं को विभाग की शह प्राप्त है। जिसके चलते रात-दिन नियमों को दरकिनार किया जा रहा है। |
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