निजी अस्पतालों में खून के नाम पर लूट। एक यूनिट के लिए 1450 की जगह छह हजार रुपये वसूले
      20 January 2023

रोहित कुमार
स्वैच्छिक दुनिया। निजी अस्पतालों में खून के नाम पर लूट एक यूनिट के लिए 1450 की जगह छह हजार रुपये वसूले बिल से खुलासा निजी अस्पतालों में खून के नाम पर लूट मची है। बिना डोनर के खून देने पर तीमारदारों से तय कीमत से चार गुना तक ज्यादा वसूली हो रही है। बुधवार को ऐसा ही मामला सामने आया, जहां तीमारदार से खून की तय कीमत 1450 के बजाय छह हजार रुपये प्रति यूनिट वसूली गई।मरीज को कुल चार यूनिट खून चढ़ाना पड़ा। इसके एवरेज में 24 हजार रुपये वसूले गए। पीड़ित ने सीएमओ कार्यालय में इसकी शिकायत की है। इस पर स्वास्थ्य विभाग के साथ खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने भी मामले की जांच शुरू कर दी है।

सड़क दुर्घटना में घायल 21 वर्षीय करन का चौक इलाके के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। उसे ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया। चार दिन बाद डिस्चार्ज होने पर चार लाख रुपये का बिल थमा दिया गया। इस पर परिजनों ने मदवार ब्यौरा मांगा। बिल में हर चीज के नाम पर मनमानी वसूली तो थी, साथ ही चार यूनिट खून के 24 हजार रुपये लिए गए थे। स्वास्थ्य विभाग ने निजी ब्लड बैंकों में एक यूनिट खून की कीमत 1450 रुपये तय है। इसके लिए डोनर देना होता है। बिना डोनर खून उपलब्ध कराने के लिए किसी प्रकार की अतिरिक्त वसूली की सख्त मनाही है। मरीज की जरूरत देखकर ब्लड बैंक चाहे तो खून दे सकते हैं। इसके बावजूद अस्पताल में चार यूनिट खून के एवज में 24 हजार रुपये वसूले गए। पीड़ित ने सीएमओ से मामले की शिकायत की।
,अस्पतालों के आसपास सक्रिय हैं दलाल,
राजधानी में सरकारी और निजी अस्पतालों के आसपास दलाल सक्रिय रहते हैं। केजीएमयू और लोहिया संस्थान के बाहर फुटपाथ पर लगने वाली खाने-पीने और अन्य सामान की दुकानों पर ये हमेशा मौजूद रहते हैं। जैसे ही इन्हें गुलाबी पर्चा लेकर तीमारदार जाता दिखता है, ये पीछे लग जाते हैं। इनका सबसे ज्यादा शिकार अन्य जिलों के लोग होते हैं, क्योंकि उनके पास यहां खून के लिए डोनर उपलब्ध नहीं होते हैं। ऐसे में ये आसानी से इनका शिकार बन जाते हैं। दलाल मरीज और तीमारदार की हैसियत के साथ ब्लड ग्रुप देखकर भी वसूली करते हैं। निगेटिव ब्लड ग्रुप की हमेशा किल्लत रहती है। ऐसे में इसकी कीमत भी सामान्य के मुकाबले ज्यादा होती है। डोनर देने पर यह खून तीन से चार हजार रुपये प्रति यूनिट में तो डोनर न देने पर आठ हजार रुपये तक में दिया जाता है।
कराई जाएगी जांच,
डिप्टी सीएमओ डॉ. एपी सिंह ने कहा कि निजी अस्पताल में खून के लिए तय कीमत से ज्यादा वसूली की शिकायत मिली है। मामला गंभीर है। इसकी जांच कराई जाएगी। ज्यादा फीस लेने की बात साबित होने पर अस्पताल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी मांगे हैं दस्तावेज
एफएसडीए के सहायक आयुक्त बृजेश कुमार ने कहा कि खून की ज्यादा कीमत वसूले जाने की शिकायत मोबाइल पर मिली है। कोई ब्लड बैंक तय से ज्यादा कीमत वसूलता है तो यह गलत है। मामले की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग से ब्लड बैंक की जानकारी व अन्य दस्तावेज मांगे गए हैं।
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