मुजम्मिल |
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स्वैच्छिक दुनिया।अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के अंतर राज्य छात्र जीवन दर्शन के अंतर्गत राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा के तृतीय दिवस पर कानपुर के मर्चेंट चेंबर हॉल में नागरिक अभिनंदन कार्यक्रम आयोजित किया गया ।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में अभाविप के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रोफेसर राजकरण शाही जी ने कानपुर यात्रा में आए प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि सन् 1966 से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् द्वारा पूर्वोत्तर राज्यों के युवाओं को शेष भारत से परिचय कराने के उद्देश्य से अंतर राज्य छात्र जीवन दर्शन सील की शुरुआत की गई थी। सील यात्रा भारत की विविधतापूर्ण संस्कृति का प्रतिनिधित्व करती है, उन्होंने कहा कि केवल पर्यटन मात्र इस यात्रा का उद्देश्य नहीं है यह भारत के बंधुभाव को अनुभव करने की यात्रा है कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि आईआईटी कानपुर के निदेशक अभय करिंदिकर ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले 2 वर्ष से हम कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम नहीं कर पा रहे थे पर आज स्थिति परिवर्तित हुई है और हम आमने सामने बैठ कर कार्यक्रम कर पा रहे हैं। 2 वर्षों में हमारे देश के युवा इंजीनियरों ने मास्क, पीपीटी, वेंटिलेटर को भारत के लिए ही नहीं बल्कि देश से बाहर भेजने का काम भी किया है। आज हम स्वास्थ्य के क्षेत्र में व्यापक क्रांति लाने में सक्षम हो रहे हैं। आज के युवा किसी भी समस्या से लड़ सकते हैं आज नई शिक्षा नीति हमें आधुनिक विज्ञान एवं आधुनिक प्रौद्योगिकी के माध्यम से हम कैसे अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं उसका बोध कराने वाली है, हमें शिक्षा विज्ञान तकनीकी के क्षेत्र में कदम से कदम मिलाकर चलना है तभी हम भारत को विश्व गुरु बना पाएंगे। कार्यक्रम के स्वागत अध्यक्ष संजीव पाठक ने सभी को संबोधित करते हुए कहा हम सभी के लिए यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि पूर्वोत्तर के साथ प्रांतों से 30 प्रतिनिधि हमारे कानपुर शहर में पधारे हैं जिन्हें यहां के परिवारों के साथ रहकर हमारी संस्कृति व सभ्यता जानने का अवसर प्राप्त हो रहा है। कार्यक्रम के स्वागत मंत्री अनुभव चक ने सभी को संबोधित करते हुए कहा की यह यात्रा भारत की विविधता पूर्ण संस्कृति का प्रतिनिधित्व करती है व इस यात्रा से पूर्वोत्तर के छात्रों को नई दिशा मिलेगी। अभाविप के प्रांत अध्यक्ष डॉक्टर यतीम सिंह ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा सील यात्रा के प्रतिनिधि निश्चित तौर पर यहां से वापस आने के बाद बहुत कुछ सीख कर जाएंगे और नई ऊर्जा के साथ राष्ट्र के पुनर्निर्माण की संकल्पना को साकार करने का कार्य अपने कार्य क्षेत्र में कार्य करेंगे। पूर्वोत्तर से आए यात्रा के संयोजक आकाश सतपुते ने बताया कि उन्हें 1857 की क्रांति का केंद्र रहे बिठूर की धरती पर बहुत कुछ सीखने को मिला, जिसके साथ ही यात्रा के प्रतिनिधि कानपुर के ही ऐतिहासिक स्थल जाजमऊ भी गए उन्होंने कहा हम सभी कानपुर व भारत के इतिहास के प्रति गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। इस दौरान प्रांत संगठन मंत्री अंशुल विद्यार्थी, महानगर अध्यक्ष डॉ. प्रियंका सिंह, डॉ. अनूप सिंह, राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य तान्या मिश्रा, रजनीश अग्रहरि, दिनेश यादव, अविनाश, दिग्विजय, गोपाल, अभिजीत, सानुज, आदित्य गजराज, अंकुश, प्रंजुल्, आकर्ष, त्रिशांकी, सौम्या, शुभी, शुभम् आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे। |
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