DR.PREM SINGH DOLIYA |
|
पढ़ लिख कर मैंबेरोजगार बनकर सड़क पर घमू रहा हूँ
समाज करता तिरस्कार,
फिर भी मैं बेरोजगार बनकर जी रहा हूँ
भारत में,
मैं एक नहीं हूँ,
मेरे जैसे लाखों बेरोजगार घूम रहे हैं।
कुछ अधं भक्त बने फिर रहे हैं,
तो कुछ यवु ा नेता भी मन मेंघटु रहेहैं।
मजदरूी के साथ-साथ कुछ नि जी नौकरी
पेट पालनेके लि ए कर रहेहैं।
कई घर मेंबठै कर,सि र्फ टीवी, मोबाइल में
नई भर्ती का वि ज्ञापन खोज रहेहैं
जि स भी रास्तेसेनि कलो,
उधर ही सभी नौकरी के लि ए खाली सीट पछू रहेहैं।
सि र झकु ा कर चल रहेहैं,
अपनेगम के बारेमेंहम अपनेआप को खशु रहेहैं।
यदा-कदा भक्ति आती है,
तो लाखों करोड़ों फार्म भरवा कर बेरोजगार लटूेजा रहेहैं।
बस भर्ती के नाम पर यह सब
लाखों के घोटालों का शि कार बन रहेहैं।
बेरोजगार यवु ा कर रहा आत्महत्या
देखो सो रही भारत की सत्ता।
जब भी चनु ाव आता हैतभी इनको होश आता है।
यवु ा उनके झठूेजाल मेंफंसता जाता है।
चनु ाव के वक्त राजनेता बेरोजगारों के परैों मेंझकु जातेहैं।
जीतकर इनके सि र पर बठै जातेहैं।
सत्ता का दरुुपयोग हो रहा है,
राष्ट्र मेंबेरोजगारों के साथ अन्याय हो रहा है
अब भी हमको समझ मेंनहींआ रहा है
मि त्रों ! भारत जोड़ो यात्रा मेंएक हो जाओ,
भेदभाव भलु ाकर एकजटु हो जाओ बेरोजगार भाइयों,
वर्तमर्त ान मेंएक महामारी बेरोजगारी नाम की आई है
अब भखू -प्यास सेमरनेकी बारी आई है।
अधं कार भरी इस रात मेंबेरोजगारों की जि दं गी में
हो रही बेरोजगारी की जग हंसाई है।
अब मि त्रों! यह बेरोजगारी हमारेभारत मेंआई है।
एम.ए,नेट,पीएचडी की डि ग्री लेकर भी
इज्जत नहींकमाई है।
गरीबी व बेरोजगारी सभी पर आई है,
बेरोजगारों पर भारी दखु लाई है।
सारी दनिुनिया हमसेछुपकर हम बठै े
चारदीवारी मेंकि तना कुछ बदलाव आया है।
भारत मेंइस महामारी मेंपढ़-लि ख कर भी
बेकार बठै नेकी बारी आई है।
चाहेलाखों हैंडि ग्रि यांपर फि र भी
घर बठै नेकी नौबत आई है.
देश की हालत फि र सेएक बार गड़बड़ आई है
यह बेरोजगारी हमारेद्वार पर आई है
नौकरी मि ली नेछोकरी,
मेरी उम्र भी आधी हो चकु ी है
जीवनभर साथ देगी बेरोजगारी,
मेरी जीवन साथी बन कर आई है
यह सि र्फ वि कास की बात नहीं
यह तो बेरोजगारों की समस्या बन कर आई है।
क्या करेंसाथि यों अब बेरोजगारी
कोरोना बनकर मेरेजीवन मेंआई है।
खाली कंधों पर मझु ेभार चाहि ए,
बेरोजगार हूं साहब मझु ेरोजगार चाहि ए
डि ग्रि याँलि ए घमू ता हूं,
दि नों दन मैंदसू रों की नजर मेंगि रनेलगा हूं
बेरोजगार हूं रोजगार की चाहत दि ल मेंआई है।
बद्ुधि मानी की कमी नहीं है
भारत की सड़कों पर दनिुनिया बदलेंगे।
भरोसा करो इन बेरोजगारों पर भारत को टूटनेनहींदेंगे।
कश्मीर सेकन्याकुमारी तक भारत यात्रा के मार्ग पर चलकर
भारत को जोड़नेकी बारी आई है
नौकरी की भर्ती प्रक्रि या मेंनौकरी की चाहत आई है
दि न-रात लाइब्रेरी, कोचि गं स्कूल और
कॉलेज मेंमेहनत करता हूं भखू े-प्यासे
पेपर खरीद कर नौकरी लटू रहेहैं।
यह भ्रष्टाचारी लोग रुपयों सेपेपर लटू रहेहैं।
रि श्वत की कमाई खाकर
खबू मजेसेऐसो आराम कर रहेहैं।
हम जसै ेडि ग्रीधारी बेरोजगार यवु ा मदिं दिरों व गरुुद्वारों मेंमत्था टेक रहेहैं
फि र भी बेरोजगारी का शि कार होकर भारत को महान बना रहेहैं
बेरोजगार दोस्तों आवाज उठाओ
बेरोजगारी,भ्रष्टाचार,भखु मरी,गरीबी को दरू करनेका बीड़ा उठाओ
राष्ट्रीय समस्याओंको दरू करनेवाला लोकतंत्र देश मेंलाओ।
बेरोजगारी सेकंुठि त होकर दौलि या नेयह ठाना है।
सभी बेरोजगारों को मि लकर भारत सेबेरोजगारी को भगाना है
इसके लि ए सभी को सघं र्ष करके एक मचं पर आना है
भारत को स्थि र एवंकठोर लोकतंत्र देकर वि कसि त देश बनाना है।
भारत की भर्ती प्रक्रि या मेंपेपर आउट होनेसेरोकनेवाला काननू ससं द मेंलाना है
|
|
|