हरी लाल प्रजापति |
स्वैच्छिक दुनिया। अंबेडकरनगर, क्या कबाड़ियों के काले धंधे के तिलिस्म को तोड़ने में कामयाब होगा प्रशासन।
एक तरफ प्रदेश शासन और जिला प्रशासन द्वारा अवैध कारोबार को रोकने के आये दिन सख्त निर्देश दिए जा रहे हैं ।तो वहीं दूसरी तरफ पुलिस प्रशासन के धरातल पर कार्य करने वाले जिम्मेदार लोग/पुलिसकर्मी अवैध वसूली कर अवैध कारोबार में बढ़ोतरी कर अपनी अहम हिस्सेदारी निभा रहे हैं। यहाँ पुलिस प्रशासन के संरक्षण में अवैध कबाड़ का कारोबार जमकर फल फूल रहा है।
आपको बता दें कि बसखारी थाना क्षेत्र में अनेकों स्थानों पर कबाडिय़ों का अवैध कारोबार चल रहा है तथा पुलिस इन कबाडिय़ों के दुकानों की जांच व कार्रवाई करने में गंभीरता नहीं दिखा रही है। जिससे पुलिस के संरक्षण में चल रहे इन कबाड़ के दुकानों से कबाड़ी अवैध कमाई कर मालामाल हो रहे हैं। इसी के साथ ही पुलिस विभाग के जिम्मेदार लोग भी हर हप्ते या महीने में निश्चित चढ़ावा लेकर अपनी जेबें भर रहे हैं। लोगों की मानें तो इन दुकानों में चोरी के सामान सहित अन्य संदिग्ध सामानों के आसानी से खरीदी बिक्री होने की लगातार जानकारी सामने आती है,लेकिन पुलिस के पास इन दुकानों की जांच करने की फुर्सत नहीं है। बताया जा रहा है कि अधिकांश कबाड़ की दुकानें पुलिस के संरक्षण में चल रही है और यहाँ चोरी के सामानों की भी खरीद और बिक्री बेधड़क होती है। वहीं विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक स्थानीय जिम्मेदारों की शह पर पुलिसकर्मियों द्वारा दुकानों में जाकर वसूली किया जाता है,यहीं नही बल्कि थाने व चौकी के जिम्मेदारों द्वारा बेगारी कार्य भी मुफ्त में इन कबाड़ व्यापारियों से कराया जाता है। इस व्यवसाय में पुलिस और प्रशासन का कोई रोकटोक नहीं है। छोटे बच्चों को धंधे में लगा कर धकेल रहे अपराध की दुनिया में। जिले में दो दर्जन से अधिक कबाड़ के व्यवसायी हैं। जो साल में करोड़ों का कारोबार करते हैं।जिले में इन दिनों धड़ल्ले से कबाडिय़ों का अवैध कारोबार चल रहा है। इस व्यवसाय को करने के लिए तो किसी को लाइसेंस की जरूरत होती है और ही किसी की अनुमति की आवश्यकता होती है। इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए सिर्फ एक स्टाक रजिस्टर की जरूरत होती है। स्टॉक रजिस्टर में खरीद-बिक्री किए गए समान को दर्ज कर इस व्यवसाय को आसानी से किया जा सकता है। इस व्यवसाय में पुलिस और प्रशासन का कोई रोकटोक नहीं होता है। मजेदार बात यह कि जिले में दो दर्जन से भी अधिक कबाड़ के व्यवसायी हैं। जो बेरोकटोक बेखौफ कारोबार कर रहे हैं। इन पर किसी का नियंत्रण नहीं होने से जिले में दिन दिन कबाडिय़ों की संख्या में बढ़ती जा रही है। कबाड़ी बिना सत्यापन के साइकिल, मोटरसाइकिल एवं अन्य चोरियों के समाना को बेधड़क खरीद रहे हैं। इस व्यवसाय में जिले के बाहर से आए लोग सक्रिय हैं। उनके द्वारा ही जिले में इस व्यवसाय को बढ़ावा दिया जा रहा है। आलम यह है कि पुलिस कबाडिय़ों पर नकेल नहीं कस पा रही है। कभी कभार ऐसे लोगों पर कार्रवाई कर औपचारिकता पूरी की जाती है। जिले में अक्सर सोलर प्लेट, साइकिल बाइक चोरी की घटनाएं होती रहती हैं। दिन-दहाड़े सार्वजनिक स्थानों से साइकिल और बाइक चोरी हो रहीं हैं। साइकिल चोरी होने पर अमूमन लोग थाने में रिपोर्ट दर्ज नहीं कराते, क्योंकि पुलिस इसे छोटा मामला बताकर ध्यान नहीं देती। बाइक और साइकिल चोरी की रिपोर्ट तो लिखी जाती है, लेकिन अक्सर ये वापस नहीं मिलते। इसका कारण यह है कि चोरी की साइकिल और बाइक के कलपुर्जे को अलग-अलग कर कबाड़ में बेच दिया जाता है। इसके अलावा इस धंधे में लोहे के सामान घरेलू उपयोग के सामान सहित कई कीमती समान पानी के मोल कबाड़ी अपने दलालों के माध्यम से खरीद कर करोड़ोंं कमाते है। |
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