नवसंवत्सर
      22 March 2023

प्राची श्रीवास्तव (उन्नाव)
नवसंवत्सर का आर्ष, अभिनन्दन है,
शुभ संवत्सर का मंगल ,वंदन है ,।

भारतीय संस्कृति का ,नव वर्ष यही होता है
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा ,प्रथम दिवस होता है,
नवसम्वत संग नवरात्रि, का संगम होता है,
दो महापर्व के ,महामिलन का क्षण होता है।।१।।
नवसंवत्सर का आर्ष .............

किन्तु विचित्र है, विडंबना इस युग की,
अगनित को तो,ज्ञात भी न ये होता है,
नवसंवत में हो सबका, मंगल ही मंगल,
धराधाम से नीलगगन, तक हो शुभ मंगल।।२।।
नवसम्वत का आर्ष .........

नए वर्ष में,नया हर्ष हो, जीवन में सतमार्ग, का पथ हो।
सुख शान्ति, समृद्धि में हो, नित सबकी वृद्धि ।
किन्तु साथ में हो, सदगुण में भी सबके वृद्धि।
स्वस्थ, सुखी सम्पन्न, सफल हो सबका जीवन।।३।।
नवसम्वत का आर्ष.......

चुनौतियों को करें, पराजित हो इतना बल,
नवरात्रि में आदिशक्ति, का कर लें अर्चन,
नवसम्वत में सदविचार, का हो संवर्धन,
प्रति गृह में ही मानो, छा जायेगा सतयुग।।४।।
नवसम्वत का आर्ष................।।
✍️प्राची श्रीवास्तव की कलम से
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