प्राची श्रीवास्तव उन्नाव |
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कुछ बदल गया, कुछ छूट गया,
सब बदल गया, कुछ छूट गया।
वक्त बदला, लोग बदले,
परिस्थिति: बदली,मन: स्थिति बदली,
विचार बदले, आचार बदले,
सब बदल गया, कुछ छूट गया।।१।।
कुछ बदल गया...........
कुछ खोया, कुछ पाया, कुछ गंवाया,
कुछ हाथ में आया, कुछ हाथ से निकल गया,
वक्त, समय, हालात सब बदल गए,
न सिर्फ बदले, इनके कारण सब बदल गया।।२।।
कुछ बदल गया.............
प्राची में उदित सूर्य, प्रतीची में अस्त हुआ,
त्रियामा का तिमिर, प्रकाश में परिवर्तित हुआ,
विश्वास, अविश्वास में रूपांतरित हुआ,
सब बदल गया, कुछ छूट गया,।।३।।
कुछ बदल गया, कुछ छूट गया,
कुछ हाथ में आया..........।।
✍️प्राची श्रीवास्तव की कलम से |
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