आटिज्म जागरुकता कार्यक्रम 2023
      03 April 2023

Dr Nirupama Pandey Misra
स्वैच्छिक दुनिया। विश्व आटिज्म जागरुकता दिवस २०२३ पर डा निरुपमा मिश्रा (डायरेक्टर राजेश्वरी हेल्थ केयर लखनऊ) और वाइस प्रेसिडेंट लखनऊ एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स ने आइ एम ए लखनऊ की स्टेट लेवल रिफ्रेशर कोर्स में आमंत्रित वक्ता के तौर पर आटिज्म बीमारी के लक्षण और निदान के उपाय बताए।ये बच्चे आम बच्चों में घुल मिल नहीं पाते, अपने को व्यक्त नहीं कर पाते इसलिए इनकी समय रहते पहचान करके इनकी मदद की जा सकती है। आटिज्म हर १००में एक बच्चे को हो सकता है पर इस विषय में अभी भी जानकारी का अभाव है। इसलिए मां बाप, टीचर्स और डाक्टरों को भी इसके लक्षण समझने से इस बीमारी को पूरी तरह से ठीक भले ना कर सके पर इन बच्चों की जीवन-शैली अवश्य बेहतर कर सकते हैं।इसके अलावा मानसिक और शारीरिक बीमारियों को अलग-अलग श्रेणी में विभाजित करना भी ठीक नहीं है क्योंकि कई बार इससे मर्ज की जड़ पता लगाना मुश्किल हो जाता है। और सामाजिक दृष्टि से भी उनपर *मनोरोगी* का ठप्पा लग जाता है। इसलिए मरीज को संपूर्णता में देखना ही उचित है। विदेशों में इसकी पहल हो गई है। हमारे यहां भी इस दिशा में प्रयास चल रहे हैं। इससे मरीजों में मानसिक/शारीरिक का भेद-भाव कम होगा और उनका बेहतर इलाज हो सकेगा।
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