शिक्षक कर्म आसान नहीं होता
      25 May 2023

दिलीप कुमार मिश्रा
*शिक्षक कर्म आसान नही होता है - दिलीप कुमार मिश्रा (शिक्षक)*

*शिक्षक का दायित्व यह है वह बच्चो को*
*दुनिया से संवाद करना व अच्छे संस्कार सिखाये*

वर्तमान समय मे एक शिक्षक ही जानता है इस दुनिया मे क्या हो रहा है, वर्तमान समय मे लोग घर्म और जाति मे बंटे हुये व राजनीति रोटी सेक रहे। मंदिर-मस्जिद की लड़ाई समाज एक दूसरे को नफरत की निगाहो से देख रहा है,यह सोचनीय विषय है।
जिस समाज मे हम जीते है,इसे मानव ने
अपनी संस्कृति, संस्कार व भाषा को भूलता जा रहा है, वर्तमान समय मे शिक्षक का दायित्व और बढ़ गया है,वह स्कूल, कालेज मे अच्छे छात्र की तालाश कर रहा है जो समाज को एक नई दिशा देकर नई पीढ़ी का निर्माण करना हो,
आज शिक्षा ऐसी होनी चाहिए बच्चो मे मानवता,दयालुता,कोमल बनाने मे मदद करे,ऐसे संस्कार दिये जाने चाहिये जिससे वह अपने माता पिता,गुरुओ व समाज मे उत्कृष्ट कार्य करने वालो से सीख लेकर अपने जीवन मे ग्रहण कर सके।
इस बाबत 32 वर्ष से जी एन के इंटर कॉलेज, सिविल लाइन के वरिष्ठ शिक्षक दिलीप कुमार मिश्रा ने कहा
हकीकत मे शिक्षक का कर्म आसान नही है, वर्तमान समय मे तो शिक्षको के ऊपर सरकार ने और जिम्मेदारी सौप दिया है,जिसका निर्वाहन अपनी नैतिक जिम्मेदारी समझ कर रहा है।
शिक्षक को अपने छात्रो को प्रकृत्ति से जोड़े,जानवर से प्रेम करना सिखाये यदि छात्र यह सबसे रिश्ता नही बनाते है तो वह मानवता भूलते जा रहे है, आज हमे अपने छात्रो को ऐसे ही संस्कार देने चाहिये,केवल गणित,विज्ञान,
अंगेजी,कम्प्यूटर व हिन्दी पढ़ाना ही शिक्षक का दायित्व नही है,बल्कि जो छात्र गरीबी देख रहे है,उससे संवाद व संस्कार सिखाना बहुत ही महत्वपूर्ण है।
वह बच्चो को दुनिया से संवाद करना सिखाये, छात्रो को ऐसी शिक्षा दे कि वह
अन्य लोगो के दुखो, चिताओ,और परिवारिक मतभेदो मे संवेदनशील बनकर सही निर्णय कर मदद व सहयोग करे, जिससे एक आदर्श भारत का निर्माण होगा,देश के प्रति राष्ट्रीयता व समर्पण की भावना जागृति होगी।
नये भारत के निर्माण मे युवा वर्ग व छात्रो की अहम भूमिका होने वाली है।
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