दिलीप कुमार मिश्रा |
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शिक्षा स्वास्थ्य न्यास एवं विजया चेस्ट हॉस्पिटल के संयुक्त तत्वाधान में स्वस्थ महिला सशक्त राष्ट्र विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया किया गया। विजया चेस्ट हॉस्पिटल हंसपुरम, नौबस्ता में आयोजित हुए इस कार्यक्रम में प्रमुख महिला वक्ताओं ने महिला उत्थान एवं स्वास्थ्य, शिक्षा और नारी सशक्तीकरण पर पर अपने अपने विचार रखे।
इस दौरान शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास की प्रांतीय संयोजक डॉ. बिंदु सिंह ने कहा कि हम महिलाएं माली जैसे हैं, जिन्हें अपनी बगिया को पुष्पित और पल्लवित करना हैं। जब माली ही बीमार हो जायेगा तो कैसे उस बगिया में फूल खिलेंगे। बागवान का स्वस्थ होना अति आवश्यक हैं।
व्यक्तित्व विकास एवं चरित्र निर्माण पर अपना वक्तव्य देते हुए उन्होंने कहा कि पंच कोशों के माध्यम से हम अपने शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं।
अन्नमय कोश , प्राण मय कोश, मनोमय कोश, विज्ञानमय कोश जब इन चारों कोशों पर विजय पा लेते हैं तो जीवन में आनंद ही आनंद हैं। उन्होंने कहा कि जब व्यक्तितत्व का विकास हो जाता हैं तो चरित्र का निर्माण स्वतः हो जाता है। किसी को सिखाना नहीं पड़ता हैं कि हमारी जिम्मेदारियां क्या हैं? देश और समाज के लिए, परिवार के लिए और सबसे उपर स्वयं के लिए।
उन्होंने बताया कि जब हम स्वस्थ होंगे तभी तो सबका ख्याल रख पाएंगे।
इस दौरान डॉ. बिंदु ने कुछ तर्क भी दिए कहा कि हम महिलाओं को कि जूठा बचा हुआ भोजन नही करना हैं, जब समय मिलेगा तो खा लेंगे, ये नही चलेगा।
हर नारी की समय पर जाँच जरूरी हैं। छोटी सी बीमारी बड़ी बन जाती हैं इसलिए लापरवाही ना करें। अपनी कोई भी (महिलाओं से संबंधित) बीमारी को ना छिपाये ना शर्माएं।
खुलकर बात करें और अपने हमेशा आपको स्वस्थ्य रखें। कार्यक्रम का शुभारंभ काव्या चतुर्वेदी ने श्रीराम स्तुति के साथ किया ।
मंच संचालन श्रीमती अनिता दीक्षित ने किया।
संगोष्ठी में डॉक्टर कंचनमाला ने महिलाओं को स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता, गर्भावस्था के दौरान नियमित चेकअप, पौष्टिक भोजन का महत्त्व, मासिक धर्म में होने वाली विभिन्न अनियमितताओं और खून की कमी तथा बाल्यावस्था से लेकर रजोनिवृत्ति तक महिलाओं को अपना ध्यान रखने की जानकारी दी।
वहीं डॉक्टर आर पी तिवारी ने चेस्ट से संबंधित विषय पर महिलाओं को जागरूक किया।
डॉ. विजया तिवारी ने किस तरह से महिलाएं अपने आप को स्वस्थ रखकर एक सशक्त राष्ट्र का निर्माण करने में अपना बेहतरीन योगदान दे सकती हैं, उसके बारे में महिलाओं को बताया।
डॉ. प्रियंका शुक्ला ने कहा कि महिला स्वास्थ्य पर चर्चा एक गंभीर विषय है। उन्होंने कहा कि एक सशक्त राष्ट्र का निर्माण तभी संभव है जब उस देश की महिलाएं स्वस्थ हों। उन्होंने बताया कि होम्योपैथिक दवाइयां महिलाओं के शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत कारगर हैं। डॉ. प्रियंका ने कहा कि महिलाओं में माहवारी संबंधित समस्याएं, बच्चेदानी के ट्यूमर सहित हार्मोनल समस्याओं आदि का बेहतर इलाज होम्योपैथिक दवाइयों के द्वारा संभव है।
आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. नेहा भाटिया ने कहा कि हमें आयुर्वेद चिकित्सा को भी अपने जीवन में जोड़ना बहुत आवश्यक है।
उन्होंने कहा आयुर्वेद का उद्देश्य है।
स्वस्थ्यस्य स्वास्थ्य रक्षणं।
अतुरस्य विकार प्रशमनं।।
उन्होंने कहा कि स्वस्थ व्यक्ति को हमेशा स्वस्थ रहने के लिए आयुर्वेद से जुड़ना चाहिए और बीमार व्यक्ति को रोग निवारण के लिए आयुर्वेद से जुड़ना चाहिए। उन्होंने बताया कि ऊर्जा हमें तीन चीजों से मिलती है। आहार, श्वांस और निंद्रा। इन तीनों चीजों को हम योग-साधना से और तनाव मुक्त रहकर बेहतर कर सकते हैं।
संगोष्ठी में राष्ट्र के सशक्त निर्माण में महिलाओं की अहम भागीदारी हेतु महत्वपूर्ण विषय 'स्वस्थ महिला और सशक्त राष्ट्र' पर विस्तृत चर्चा और परिचर्चा की गई। जिसमें महिलाओं को स्वास्थ्य के प्रति जागरुक करना वक्ताओं का उद्देश्य रहा। कार्यक्रम में बोलने वाली (डिजिटल) श्रीमद्भगवद्गीता के बारे में लाइव दिखाया गया।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से सलोनी तिवारी,आभा निगम,ज्योत्सना,विकास त्रिपाठी, अन्ना द्विवेदी, अर्चना सिंह, रंजना अवस्थी, सुषमा चौहान, गुड़िया, रेखा, अंजली सेंगर , वैभव डॉ0 नागेंद्र शर्मा आदि लोग उपस्थित रहे। |
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