Dr Rashmi Goel, SD PG College, Gaziabad |
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बारिश की चमकती , छलकती और गिरती बूँदे तपती धरा पर ।
धरा पर होती ख़ुशियों की बौछार।
सदियों से चली आ रही सावन में बहार ।
पानी से हो जाते हैं सब भाव विभोर ।
छा जाता है गीतों का मौसम ।
आज आयी है ऐसी मस्त बारिश ।
अपने साथ लाई है धरा के लिए हरियाली ।
खिलने लगे हैं चारों ओर फूल ।
जो मौसम में बिखेरने लगे हैं ख़ुशबू ।
ऐसा लगा कुछ लिखा और गाया जाये ।
जिसमें मानव को दिया जाये नया आसमान । |
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