मुजम्मिल |
|
दिनाँक 03.09.2023 प्रातः 10:30 से, मर्चेंट्स चैम्बर ऑफ उत्तर प्रदेश की स्टार्ट-अप कमिटी द्वारा इंडियन एंजेल नेटवर्क एवं UMCEBO के परस्पर सहयोग से स्टार्ट-अप में निवेश के आसान तरीके विषय पर एक संवादात्मक कार्यशाला आयोजित की गयी। कार्यशाला की शुरुआत करते हुये श्री आशीष चौहान ने चन्द्रयान-3 मिशन के लिये इसरो के वैज्ञानिकों एवं टीम की भूरी-भूरी प्रशंसा की।
मर्चेन्ट्स चैम्बर के अध्यक्ष- अतुल कानोडिया ने चैम्बर की ऐतिहासिक यात्रा को सहभागियों के मध्य रखते हुये यह बताया हमारा चैम्बर आज विभिन्न क्षेत्रों में वृद्धि के कई आयामों पर खरा उतरता है। एंजेल इन्वेस्टिंग अपने आप रोमांचक तथा चुनौतीपूर्ण एसेट क्लास है, जो कि नये व्यापार की सफलता में एक अनुकरणीय योगदान देता है।
डॉ0 आरती गुप्ता, चेयरपर्सन, स्टार्टअप कमेटी ने बताया कि कानपुर एंजेल इन्वेस्टिंग की एक अतुलनीय यात्रा है, फिर चाहे स्टार्टअप में निवेश के आई. आई. टी. जैसे बड़े संस्थान, एंजिल इन्वेस्टिंग करने वाले बड़े व्यापारिक घराने या वह स्वयं। उन्होनें बताया कि जब वह इस कमेटी की चेयरपर्सन बनी थी, तो उनके दो स्पष्ट विचार थे, जो वह मिशन के तौर पर पूरा करना चाहती थी, पहला- शहर में एंजिल इन्वेस्टिंग निवेश के विचार एवं अवसर को दृ़ढ़ता से प्रस्तुत एवं कार्यान्वित करना तथा दूसरा- स्टार्टअप में निवेश के लिये कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम का सफल आयोजन करना। डॉ0 आरती गुप्ता ने अपने स्वयं के निवेश की यात्रा को उपस्थित समस्तजनों से साझा करते हुये बताया कि स्टार्टअप में निवेश से कई चीजें सीखने को मिलती है, जैसे- अपने विचार को बेहतर बनाना, प्रोडक्ट को मार्केट में उतारना, नये लोगो से मिलना तथा अपने निवेश को एक रिटर्न के रूप में भविष्य में आते हुये देखना आदि। इसमें तीन चीजें बहुत महत्वपूर्ण है, Knowledge, Access & Network.
श्रीमती मानसी लोहिया ने कार्यशालाा के मुख्य वक्ता डॉ0 सौरभ श्रीवास्तव, जी का परिचय करते हुए बताया कि आप राष्ट्रपति,भारत सरकार द्वारा पदमश्री सम्मान से सम्मानित है, Indian Angel National संस्था के संस्थापक है, NASSCO, IVCA & TIE Delhi के सह-संयोजक है, विभिन्न Lifetime Achievement Awards से सम्मानित है, एवं राष्ट्रीय स्तर के कई एडवाइजरी समिति के सलाहकार एवं सदस्य हैं। आपका परिचय और भी विस्तृत है, जो कि कार्यक्रम की एक औपचारिकता है।
कार्यशाला की मुख्ता वक्ता, श्री सौरभ श्रीवास्तव जी ने अपना प्रस्तुतीकरण प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रारंभ करते हुए निम्नलिखित विषयों पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी, जो इस प्रकार से है:
- एंजल इन्वेस्टर्स के लिए एंजेल इन्वेस्टिंग अपने निवेशित समय एवं राशि को बेहतर रिटर्न में बदलने का अत्यंत आकर्षक अवसर है।
- वर्तमान समय में एंजेल इन्वेस्टिंग एक सुनहरा एसेट क्लास है जो कि दशकों पहले प्रचलन में आ गया था लेकिन इस समय यह निवेश को बेहतर विकल्प के रुप में एंजल इन्वेस्टर्स के माध्यम से उपस्थित हैं।
- हमारा देश कई महीनो में अन्य देशों की तुलना में फिर चाहे वह अमेरिका, चीन या जापान हो से आगे है, जैसे अगर हम औसतन बात करें तो हमारे देश का सेंसेक्स जहां लगभग 4% से वृद्धि दर अर्जित किए हैं वही S&P 19% की गिरावट दर्ज किए हुए।
- हमारे देश में सबसे ज्यादा व्हाट्सएप फेसबुक इंस्टाग्राम के उपयोग करता है जो किसी अन्य देशों के तुलना में कहीं अधिक है।
- अभी 2022 के डाटा के अनुसार हमारे देश की जीडीपी की वृद्धि दर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किसी भी अन्य देश की तुलना में सबसे तेज बढ़ने वाली वृद्धि दर का प्रतिशत है।
- और भी कई ऐसे डाटा है जो हमारे देश की वृद्धि दर की कहानी को अपने आप व्याख्यान करता है तथा स्टार्ट अप उसमें इन्वेस्ट करने के कई अवसर प्रदान करता है फिर चाहे वो यूनिफॉर्म पेमेंट इंटरफेस अर्थात यूपीआई में होता करोड़ों का ट्रांजैक्शन, प्रतिभा के एक अपार समुद्र का उपयोग हो, तथा गाड़ियों के उत्पादन का उच्चतम स्तर को छूना एवं कई ऐसे अन्य क्षेत्र हैं जिसमें हमने कई विकसित अर्थव्यवस्थाओं के समकक्ष आ खड़े हुए हैं या उनको पीछे छोड़ा है।
- IT सेक्टर में सबसे बड़े बूम का फायदा हैदराबाद को मिला, बिल गेटस ने तक वहां आकर माइक्रोसॉफ़्ट का एक सेंटर खोला. साल 2000 में जब बिल गेट्स हैदराबाद पहुंचे तो स्टेज में उनके साथ भारतीय IT कम्पनियों के मालिक, मसलन इंफोसिस, विप्रो, टीसीएस के चेयरमैन मौजूद थे. इनमें से एक था सत्यम कम्प्यूटर्स। किसी क्षेत्र में एक समय बेंगलुरु में सिर्फ दो आईटी कंपनी थी और आज की डेट में बेंगलुरु भारत का सिलिकॉन वैली कहलाता है और कई स्टार्टअप्स विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत है।
- भारत में टायर 2 और टायर 3 जैसे क्षेत्रों से सबसे ज्यादा लगभग 45 प्रतिशत स्टार्टअप्स उभर कर सामने आए हैं जैसे रेजरपे, पेटीएम, शॉपकिराना, कार देखो आदि।
- - स्टार्टअप्स में निवेश, पूर्व से संचालित सफल उद्यम, एचएनआई (आई नेटवर्थ इन्डिवीडियूअल) द्वारा किया जा सकता है। इसमें राशि, समय, नेटवर्क, विचारों की विशेषता एवं भविष्य में होने वाले रिटर्न सब पर निवेश किया जाता है।
- स्टार्टअप्स में सफलता सिर्फ इस बात पर निर्भर नही कि आपने किन व्यापार को बढ़ानें में अपना समय एवं राशि दिया है, बल्कि इस बात पर भी कि यदि वह स्टार्टअप्स आशानुरूप वृद्धि न करने की स्थिति में इन्वेस्टर उस स्टार्टअप्स में निवेशित है या अनिवेशित।
- किसी भी एसेट क्लास (इक्विटी- 13%, रियल इस्टेट- 5%, डेट- 6% या गोल्ड- 4%) के निवेश की तुलना में नये स्टार्टअप्स या वेन्चर कैपिटल में निवेश करने से लगभग 25 प्रतिशत का तुलात्मक एवं बेहतर रिटर्न प्राप्त हो सकता है।
- पावर प्वाइंट के माध्यम से डॉ0 श्रीवास्तव ने एंजेल इन्वेस्टर ग्रुप एवं मार्केट - प्रोडक्ट - एक्जीक्यूशन - फांउडर रिस्क आदि के बारे में विस्तार से बताया।
कार्यशाला में स्टार्ट-अप क्या है, व निवेश के आसान उपाय, कैसे निवेश किया जाता है आदि कई तरह के अनसुलझे प्रश्नों एवं शंकाओं का समाधान मुख्य-वक्ता श्री सौरव श्रीवास्तव जी द्वारा समाधान किया गया।
कार्यशाला में स्टार्टअप आयोजक द्वारा दो नये पिच का प्रस्तुतीकरण किया गया, जिसमें प्रथम पिच, स्वदेशी मेडिकल डिवाईस/ इन्स्ट्रूमेन्ट के विकास जो विदेशी मेडिकल डिवाईस एवं उपकरणों का स्थान ले सके, से सम्बन्धित था तथा दूसरी पिच इलेक्ट्रानिक व्हीकल (टू व्हीलर व फोर व्हीलर) की वायरलेस चार्जिंग पर आधारित था। प्रस्तुत दोनों पिचों को उपस्थित समस्त लोगों ने सराहा एवं जब दोनों पिचों के बारे में आई.ए.एन. के श्री रजनीश से पूछा गया तो उन्होने अपने सकारात्मक विचार प्रस्तुत किये।
कार्यशाला में लगभग विभिन्न क्षेत्रों से उपस्थित लगभग 200 ने अपना पंजीकरण करवाया एवं स्टार्टअप में निवेश के आसान तरीकों के कई कलात्मक गुर सीखे।
कार्यशाला का संचालन श्री आशीष चौहान ने किया।
कार्यशाला में सर्वश्री श्री अनिल सक्सेना, राजीव अग्रवाल, विशाल खेर, अतुल मेहरोत्रा एवं सचिव- महेन्द्र नाथ मोदी, मर्चेंट्स चेम्बर, Ficciflo, Tieup, कानपुर इनकम टैक्स बार एसोसिएशन, कानपुर चार्टर्ड अकाउंटेंट सोसाइटी, गौर हरी सिंहानिया मैनेजमेंट इंस्टिट्यूट संस्थान, जागरण इंस्टिट्यूट मैनेजमेंट संस्थान तथा सर पदमपत सिंहानिया एजुकेशन सेन्टर के विद्यार्थी, विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े विशेषज्ञ, उद्यमीगण एवं अन्य उपस्थित थे। |
|
|