स्वप्निल तिवारी |
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कानपुर, श्री शनि साई धाम मंदिर गणेश पार्क गांधीनगर के 24वे वार्षिकोत्सव के उपलक्ष में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा के विश्राम दिवस में वृंदावन धाम से पधारे पंडित दीपक कृष्ण जी महाराज ने कथा के प्रारंभ में बताया कि भगवान कृष्ण ने रुक्मणी के साथ-साथ जामवती,सत्यभामा,कालिंदी आदि 7 कन्याओं से और विवाह किया देवताओं से कष्ट को दूर करने के लिए भगवान ने भौमासुर नाम के राक्षस का वध किया और उसकी जेल में बंद 16100 कन्याओं को मुक्त कराया और उन सभी के निवेदन पर भगवान ने उनसे विवाह किया राजा नृग के चरित्र के विषय में वर्णन करते हुए महाराज जी ने बताया कि एक ब्राह्मण को दी गई गाय दोबारा दूसरे ब्राह्मण को दान देने के कारण उसे गिरगिट बनना पड़ा इसलिए ब्राह्मण को जो भी दान दिया जाए उसे कभी अपने पास नहीं रखना चाहिए जो ब्राह्मण का धन हरण-हरण करता है उसका कभी कल्याण नहीं होता है सुदामा चरित्र की कथा के माध्यम से महाराज जी ने बताया कि संसार में कोई हमारा सच्चा मित्र नहीं हो सकता हमें केवल परमात्मा को ही अपना मित्र मानना चाहिए सुदामा जी चार मुट्ठी चावल भगवान को दिया भगवान न सुदामा को समार्थ और ऐश्वर्यावान बना दिया मित्र के विषय में महाराज जी ने बताया की मित्र वह नहीं है जो ज्यादा आपके साथ रहे अपित मित्र वह हैं जो आपको कुमार्ग से निकाल कर सन्मार्ग पर ले जाए आप के सुख में भले ही ना आ पाए परंतु दुःख मे खुद जो बिना बुलाए स्वयं आया वही हमारा सच्चा मित्र है इस अवसर पर भक्तो ने भगवान राधा कृष्ण के साथ फूलों की होली की खेली इस अवसर पर महेंद्र नाथ शुक्ला पूर्व पार्षद,रश्मि शुक्ला,पंडित गंगा शरण दीक्षित,पंडित विनोद अग्निहोत्री,पंडित राहुल,पंडित संतोष,राजकुमार गुप्ता,स्वाति अग्रवाल,सरिता गुप्ता,आलोक अग्रवाल,राजेंद्र शुक्ला आदि भक्त मौजूद रहे। |
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