वरुण सुल्तानिया कानपुर |
|
ब्रह्मावर्त कॉलेज, मंधना में शुक्रवार को समकालीन एवं लोकप्रिय साहित्य में राष्ट्रीय पहचान का प्रतिनिधित्व विषय पर एक दिवसीय गोष्ठी का आयोजन किया गया।कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य प्राचीन काल से वर्तमान तक वैश्विक स्तर पर भारत राष्ट्र को श्रेष्ठतम पहचान दिलाने वाली विद्यमान लोकप्रिय तथा साहित्यिक निधि पर देश के विभिन्न स्थानों से एकत्रित विद्वानों द्वारा चर्चा परिचर्चा रहा।
कार्यक्रम में प्रभु श्री राम के जीवन पर प्रकाश डालते हुए तथा अयोध्या स्थित राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का उदाहरण देते हुए प्रभु श्री राम को न केवल भारत अपितु वैश्विक स्तर पर एक आदर्श नायक के रूप में प्राप्त प्रतिष्ठा पर विचारों की अभिव्यक्ति की गई।विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर राजेश कुमार द्विवेदी द्वारा भारतीय ज्ञान परंपरा को राष्ट्रीय पहचान का अनिवार्य अंग बताते हुए ,प्रोफेसर विवेक द्विवेदी द्वारा नवनिर्मित राम मंदिर का उल्लेख राष्ट्र मंदिर के रूप में किया गया।प्राचार्य डॉ वी के कटियार द्वारा राष्ट्र एवं राष्ट्रीय पहचान पर बात करते हुए उपर्युक्तों में समय के साथ-साथ आए परिवर्तन के बारे में उल्लेख किया गया।
इसके अतिरिक्त कार्यक्रम में चार तकनीकी सत्रों में 21 ख्याति लब्ध विद्वानों द्वारा व्याख्यान तथा 200 प्रतिभागियों द्वारा शोध पत्रों का वाचन एवं पोस्टर प्रेजेंटेशन संपन्न हुआ। कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रोफेसर राजेश कुमार द्विवेदी (डीसी,छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय ,कानपुर), प्रोफेसर विवेक द्विवेदी (राष्ट्रीय सचिव ए आई फुक्तो, संरक्षक कूटा एवं कूपा),प्रोफेसर सुधांशु पांडे( डीन,छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय,कानपुर), प्रोफेसर सुशील कुमार शर्मा (विभागाध्यक्ष अंग्रेजी विभाग इलाहाबाद विश्वविद्यालय, प्रयागराज),डॉ राहुल चतुर्वेदी (एसोसिएट प्रोफेसर अंग्रेजी विभाग बनारस हिंदू विश्वविद्यालय,वाराणसी),प्रोफेसर प्रदीप कुमार सिंह (महामंत्री फुफुक्ता),प्रोफेसर बीडी पांडे (अध्यक्ष कूटा),आयोजक मंडल में डॉक्टर चंद्र किशोर शास्त्री(प्रभारी आयोजन समिति), डॉक्टर अमित कुमार दुबे (आयोजन सचिव) डॉ बप्पाधिकारी (संयोजक) तथा डॉ दिनेश कुमार गौतम(आयोजन महासचिव) के साथ साथ समन्वयक के रूप में डॉ दिव्या भदोरिया,डॉ राघवेंद्र त्रिपाठी एवं डॉक्टर अरविंद कटियार उपस्थित रहे।इसके अतिरिक्त कार्यक्रम को सफल बनाने में विश्वविद्यालय के श्री अजय कुमार मिश्रा,श्री अंकुर मिश्रा, श्री शिव शरण त्रिपाठी एवं श्री विनोद कुशवाहा आदि की अहम भूमिका रही। |
|
|