Prof. (Dr) Rashmi Goel |
मौसम के बदलते कोलाहल में ।
बिजली का गरजना ।
संपूर्ण विश्व को दहलाना ।
आसमान से गिरती बूँदे ।
महक के साथ महकाना ।
साथ में लाये संगीत ।
जो जीवन को करे मधुर ।
दोनों का मिला जुला स्वरूप ।
कर दे जीवन को सुगंधित ।
ऐसा है प्रकृति और संगीत का नजारा । |
|
|