राजीव मिश्रा |
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दिनांक ११/०३/२०२४ को दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज एवं डॉ अंबेडकर इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी फॉर दिव्यांगजन कानपुर के सयुँक्त तत्वावधान में जैव प्रौद्योगिकी क्या है? उसके महत्व एवं उपयोगिता पर संगोष्ठी का आयोजन सरस्वती दीप्प्रज्वालन प्रो वंदना निगम ,प्रो अंजली श्रीवास्तव,प्रो रचना श्रीवास्तव मुख्य वक्ता डॉ पारुल जौहरी ,डॉ अर्पिता एवं कार्यालय अधीक्षक श्री कृष्णेन्दर कुमार जी द्वारा संपन्न हुआ।
डॉ अंबेडकर इंस्टिट्यूट से आयी मुख्य वक्ता डॉ पारुल ज़ोहरी असिस्टेंट प्रो एवं डॉ अर्पिता द्वारा कैरियर इन बायोटेक्नोलॉजी पर महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध करवायी।आप लोगो ने अवगत कराया कि बायोटेक्नोलॉजी की पढ़ाई करने के बाद छात्र-छात्राएं हेल्थ केयर सेंटर्स, कृषि क्षेत्र, एनिमल हसबेंड्री, जेनेटिक इंजीनियरिंग, रिसर्च लैबोरेट्रीज, एकेडेमिक्स, फूड मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री, प्लांट रिसर्चर, रिसर्च साइंटिस्ट आदि क्षेत्रों में करियर बना सकते हैं।विकास करता है। यह हमारे जीवन और हमारे ग्रह के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है।दवाओं के क्षेत्र में, रोगों के निदान, उपचार और रोकथाम के लिए कई नवीन तकनीकों के विकास में जैव प्रौद्योगिकी का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। यह नवीन दवाओं और पुनः संयोजक टीकों के आविष्कारों के माध्यम से विभिन्न बीमारियों के लिए प्रभावी उपचार और रोकथाम के उपाय प्रदान करने में मदद करता है।
चिकित्सीय प्रोटीन विभिन्न गैर-संचारी रोगों के खिलाफ अधिक प्रभाव डालते हैं, जो विकासशील देशों में 50-60% से अधिक मौतों के लिए जिम्मेदार थे।
आधुनिक जैव प्रौद्योगिकी की मदद से रोगों का त्वरित और सटीक तरीके से पता लगाने के लिए कई नैदानिक उपकरण पेश किए गए हैं। महाविद्यालय के समस्त बीएससी छात्राओं द्वारा इस संगोष्ठी से महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्राप्त हुई |
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