मुजम्मिल अहमद |
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कानपुर, 31 मार्च। ओंकारेश्वर सरस्वती विद्या निकेतन इण्टर कॉलेज सतबरी रोड निकट श्याम नगर बाईपास एवं जवाहर नगर कानपुर के संयुक्त वार्षिक समारोह थीम 'उड़ान उभरता भारत' का आयोजन मुख्य अतिथि अध्यक्ष-उत्तर प्रदेश विधान परिषद मा० कुँवर मानवेन्द्र सिंह व उनकी आदरणीया माताजी श्रीमती स्वर्णलता जी की की गरिमामयी उपस्थिति में लाजपत भवन, मोतीझील में संपन्न हुआ।
विद्यालय के उदारमना संस्थापकों द्वारा मेधावी किंतु निर्धन छात्र-छात्राओं के सहायतार्थ विविध छात्रवृत्तियाँ प्रदान की जाती हैं। इसी कम में विद्यालय के संस्थापक अध्यक्ष डॉ० यज्ञदत्त दुबे स्मृति छात्रवृत्ति रु० 11000/- चि० शौर्य अवस्थी को, प्रो० विक्रमादित्य सिंह स्मृति छात्रवृत्ति रू. 11,000/- चि० सौरभ पाण्डेय को, डॉ० एस०एस० अग्निहोत्री स्मृति छात्रवृत्ति रु0 11000/- कु० महिमा गुप्ता को, कल्याणी देवी स्मृति छात्रवृत्ति रु० 11000/- चि० जतिन साहू को, डॉ० गीता मिश्र स्मृति छात्रवृत्ति रु0 11000/- कु० आयुषी त्रिपाठी को, पं० दिनेश कुमार मिश्रा स्मृति छात्रवृत्ति रु0 5000/- चि० अमन कुमार, रु0 5000/- कु० भाव्या तिवारी को डॉ० गणेशदत्त दुबे स्मृति छात्रवृत्ति रु० 5000/- चि० गिरिराज को, स्व० रमाकांत तिवारी स्मृति छात्रवृत्ति रु0 5000/- चि० देव त्रिपाठी, रु0 5000/- कु० दिव्यांशी शुक्ला, रु० 5000/- चि० अर्णव सिंह, रु0 5000/- कु० आराध्या सिंह गौड़ को, भानु दुबे स्मृति छात्रवृत्ति रु0 5000/- चि० देव मिश्रा, रु० 5000/- चि० हिमांश मिश्रा को एवं जानकी देवी स्मृति छात्रवृत्ति रु0 5000/- कु० विहांशी को प्रदान की गई। इसके साथ ही विद्यालय की आंतरिक शैक्षिक प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले एवं पाठ्य सहगामी अन्य क्रियाकलापों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 164 छात्र-छात्राओं को मुख्य अतिथि ने मेडल व प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। मुख्य अतिथि ने छात्र-छात्राओं द्वारा आयोजित ज्ञान-विज्ञान प्रदर्शनी का उद्घाटन एवं अवलोकन किया।
इस अवसर पर वार्षिक पत्रिका प्रणव-प्रभा का माननीय मुख्य अतिथि ने विमोचन किया। मुख्य अतिथि अध्यक्ष-उत्तर प्रदेश विधान परिषद मा० कुँवर मानवेन्द्र सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि शिक्षा
के साथ संस्कार अत्यन्त आवश्यक हैं। बिना संस्कार के शिक्षा व्यक्ति को मात्र साक्षर बना सकती है। इस प्रकार के
विद्यालयों में आज भी शिक्षा के साथ व्यक्तित्व विकास का पूरा ध्यान रखा जाता है। छोटे-छोटे प्रयासों से ही बड़ी सफलताएँ मिलती हैं। आपके द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी मैंने देखी, बड़ा हर्ष हुआ, अपना बचपन याद आ गया। यह जो छोटे-छोटे मॉडल हैं, वस्तुतः नवीन दृष्टिबोध का परिणाम हैं। विचारों में यही नवीनता संभावनाओं के द्वार खोलती है। कोई व्यक्ति बड़ा अफसर-वैज्ञानिक या और भी जो कुछ आपको श्रेष्ठ प्रतीत होता है, एकाएक नहीं बन जाता है बल्कि उस उपलब्धि के पीछे कठोर परिश्रम छिपा होता है। पुस्तकें व्यक्ति की सबसे बड़ी मित्र होती हैं। इस समय ध्यान भटकाने के अनेकानेक उपकरण आपके आस-पास सहज ही उपलब्ध हैं, ऐसे में पुस्तकों की उपयोगिता और भी बढ़ जाती है। वस्तुतः इन पुस्तकों में महान व्यक्तियों के संपूर्ण अनुभव-चिंतन का निचोड़ होता है और वह हमें पुस्तकों के माध्यम से सहज ही प्राप्त हो जाता है। आज आप लोग परिश्रमपूर्वक अध्ययन कर रहे हैं। इसी प्रकार निरंतर लगन व निष्ठा के साथ कार्य करते रहने से आपको भी उच्च सफलता प्राप्त होगी। जब किसी व्यक्ति को ऊँची सफलता मिलती है तो उसे स्वयं गर्व एवं सम्मान का अनुभव होता है, इसके साथ ही उसका परिवार व आस-पास के अन्य लोग भी इसी प्रकार का अनुभव करते हैं। आप लोग परिश्रमपूर्वक इस प्रकार से अध्ययन करें कि यहाँ पर जितने भी लोग उपस्थित हैं उनकों पीछे छोड़ दें।
विद्यालय की प्राइमरी विंग के नन्हे-मुन्ने छात्र-छात्राओं ने अतिथियों के स्वागतार्थ स्वागत नृत्यगीत की सुमधुर प्रस्तुति दी। स्वरांजलि संगीत शिक्षण संस्थान के प्रशिक्षु कलासाधकों ने मोहक शास्त्रीय वादन प्रस्तुत किया। ओंकारेश्वर सरस्वती विद्या निकेतन इण्टर कॉलेज सतबरी रोड न्यू आजाद नगर के छात्र-छात्राओं ने "धरती कहे पुकार के....." विषयक प्रेरक नाटिका प्रस्तुति दी। विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने "आजादी का अमृतोत्सव" के माध्यम से स्वाधीनता
संघर्ष एवं उपलब्धियों की जीवंत प्रस्तुति दी।
ओंकारेश्वर ग्रुप ऑफ इन्स्टीट्यूशन्स के वरिष्ठ संरक्षक डॉ० अंगद सिंह ने मुख्य अतिथि को स्मृति चिह्न भेंट किया एवं प्रबंध निदेशक डॉ० पूजा अवस्थी ने विद्यालय की प्रगति आख्या प्रस्तुत की। विद्यालय के प्रधानाचार्य राममिलन
सिंह ने मुख्य अतिथि का परिचय कराते हुए स्वागत किया। विद्यालय छात्र संसद की प्रधानमंत्री कु० भाव्या शुक्ला ने मुख्य अतिथि व अन्य महानुभावों के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन कु० दिशा शुक्ला, चि० स्पर्श गुप्ता, स्वर्णिम कुशवाहा एवं चि० सौरभ पाण्डेय ने किया। इस अवसर पर विद्यालय प्रबन्ध समिति के संरक्षक फणीन्द्रदत्त त्रिपाठी, अध्यक्ष श्रीमती प्रतिमा दुबे, उपाध्यक्ष डा० प्रेमकुमारी मिश्रा, प्रबन्धक डा० कुमकुम पाण्डेय, निदेशक डा० ममता तिवारी, ध्रुव रूइया, अपूर्वा दुबे, मिथिलेश शर्मा, सलिल विश्नोई, नीलिमा कटियार, अविनाश चौहान, शिवप्रताप सिंह, डॉ० अवध दुबे, समन्वय जैन, विवेक शर्मा, सुशील शुक्ला, कमलावती सिंह, मीता दुबे, रामदिनेश त्रिवेदी, आर०के० सिंह, भूपति तिवारी एवं अन्य गणमान्य उपस्थित रहे। |
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