चंदौली पुलिस की मक्कारी का प्रमाण आया सामने, अभियोग दर्ज होने के 15 दिन बाद भी नहीं की गिरफ्तारी
      25 July 2024

वरुण सुल्तानिया
चंदौली पुलिस की मक्कारी का जीता जागता प्रमाण सामने आया है जहां पहले तो घटना घटित होने के 2 महीने बाद पुलिस द्वारा अभियोग दर्ज किया जाता है और उस पर भी विवेचना प्रचलित होने की बात का हवाला देते हुए 15 दिन बाद भी अभियुक्त की गिरफ्तारी नहीं की जाती है।
मामले की विस्तार से बात करें तो पीड़िता खुशबू द्वारा बताया गया की 2021 में चंदौली निवासी रविषेक से उसका विवाह संपन्न हुआ था तथा विवाहोपरांत दोनों कानपुर में ही प्रवास कर रहे थे। पीड़िता द्वारा बताया गया कि गत फरवरी माह में रविषेक द्वारा परिवार से मिलने तथा पीड़िता को चंदौली ले जाने की बात का हवाला देते हुए कानपुर से प्रस्थान किया गया। काफी दिन बीत जाने के बाद भी रविषेक से संपर्क ना हो पाने तथा उसके चंदौली से वापस न आने पर पीड़िता द्वारा चंदौली जाकर जानकारी की गई जिस पर रविषेक का विवाह किसी अन्य महिला से तय होने की बात ज्ञात हुई।इससे आघात पीड़िता गत 18 मई को जब अपनी ससुराल पहुंची तो पहले उसके ससुर सदानंद मिश्रा द्वारा रविषेक के घर पर न होने की बात कही गई तथा पीड़िता द्वारा बार-बार ज़िद करने पर उपरोक्त द्वारा अन्य परिवारीजनों के साथ मिलकर पीड़िता से मारपीट की गई तथा दोबारा आने पर उसे जान से मारने की धमकी तक दे डाली गई। इतना ही नहीं पीड़िता द्वारा यह भी बताया गया कि उसके गले में पड़ी चेन तथा उसका मोबाइल भी उसके ससुर द्वारा छीन लिया गया जिस पर पीड़िता द्वारा बलुआ थाने में शिकायत करने पर तत्कालीन थानाध्यक्ष शैलेश मिश्रा द्वारा जांच करने की बात कहते हुए पीड़िता को जाने के लिए कहा गया। 2 महीने पश्चात भी कोई कार्यवाही अग्रसारित न होने पर पीड़िता द्वारा उच्चाधिकारियों से फरियाद करते हुए कार्यवाही की मांग की गई जिसके आदेशानुसार गत 13 जुलाई को बलुआ थाने में लूट, मारपीट तथा एससी एसटी एक्ट के तहत अभियोग दर्ज किया गया जिसकी जांच सीओ सकलडीहा को सौंपी गई। पीड़िता द्वारा बताया गया कि अभियोग दर्ज होने के 15 दिन बाद भी पुलिस प्रशासन द्वारा किसी प्रकार की कोई कार्यवाही दोषियों के विरुद्ध अमल में नहीं लाई गई है। बाबत पीड़िता उसके ससुरालीजनों की प्रशासन में अच्छी पैंठ होने के कारण जांच अधिकारी किसी प्रकार की कोई कार्यवाही अमल में लाने से कतरा रहे हैं तथा पूछे जाने पर विवेचना प्रचलित होने की बात कह गुमराह कर रहे हैं। पीड़िता द्वारा यह भी कहा गया कि यदि उक्त विषय के संबंध में अभियुक्त के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं हुई तो मानसिक,आर्थिक तथा शारीरिक रूप से प्रताड़ित वह आत्मदाह करने को विवश होगी जिसका पूर्ण जिम्मेदार प्रशासन होगा।
Twitter