Dr Rashmi Goel |
धूप का अपना अद्भुत नज़ारा
धूप संग में लाये भरपूर उजाला ।
सर्दी और गर्मी में इस का है अपना अलग अंदाज़ ।
अंदाज़ का है अपना रंग
आँखों को करे बंद करने पर मजबूर
सर्द मौसम में जो करें बैठने पर मजबूर
गर्मी के मौसम में जिसका होता है तिरस्कार
वही सर्दी में होता है स्वागत । तिरस्कार और स्वागत का अपना अंदाज़ ।
पूरे विश्व में इस का धमाका , धमाके का भी अपना अलग सौंदर्य ।
तिरस्कार , स्वागत और सौंदर्य का अनोखा मिश्रण ।
ज़िंदगी को जीने का सही मिश्रण । धूप भी हैं अनमोल , सही अर्थों में है इसका मोल ।
मोल का है न तोल भाव
सही अर्थों में है इसकी अपनी पहचान ।
प्रकृति की आँख मिचोली जो सदियों से चली आ रही है ।
न रुकी है ना रुकेगी । |
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